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हेल्थ

खाने में नामक की कमी और ये गलतियाँ आपकी हड्डियों को बना सकती हैं कमज़ोर

हर कोई चाहता है कि उसकी हडि्डयां मजबूत हों और इसलिए लोग अपनी डाइट पर खासा ध्यान देते हैं। माना जाता है कि खाने में अगर कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा हो तो इससे हडि्डयां कमजोर नहीं होती। यह पूरी तरह से सच नहीं है। आपको शायद पता न हो, लेकिन अक्सर हम लोग अपनी डेली लाइफ में कुछ ऐसी गलतियां करते हैं, जिसके कारण धीरे−धीरे हडि्डयां कमजोर होने लगती हैं। तो चलिए जानते हैं उन गलतियों के बारे में-

नमक की अधिकता
कुछ लोगों को नमक अधिक मात्रा में खाने की आदत होती है। यहां तक कि लोग कई बार खाने में उपर से भी नमक डालकर खाते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सतर्क हो जाएं। आप जितना अधिक नमक खाएंगे, आपके शरीर से कैल्शियम उतना ही अधिक निकलेगा। इसलिए खाने में अलग से नमक डालने की आदत छोड़ दें। साथ ही उन आहार से भी दूरी बनाएं, जिनमें नमक की अधिकता हो।

घर में ही रहना
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो घर से ही काम करते हैं और इसलिए उन्हें ज्यादा बाहर निकलना पसंद नहीं होता। इतना ही नहीं, जो लोग बाहर काम करते हैं, वह भी सूरज की किरणों के संपर्क में नहीं आना चाहते। उनकी इस आदत के कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलता। विटामिन डी शरीर के लिए महत्वपूर्ण विटामिनों में से एक है। यह शरीर में कैल्शियम के अब्जार्शन में मदद करता है और विटामिन डी की कमी के कारण शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं होता और हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं।

धूम्रपान की आदत
आपको शायद पता न हो लेकिन धूम्रपान करने से सिर्फ कैंसर ही नहीं होता, यह आपकी हडि्डयों को भी कमजोर बना देता है। दरअसल, लगातार स्मोक करने के कारण शरीर नए बोनटिश्यू नहीं बना पाता। साथ ही धूम्रपान के कारण हड्डी जल्दी टूट जाती है और घाव भरने में भी काफी समय लगता है। इसलिए आज ही धूम्रपान की आदत से किनारा कर लीजिए।

शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता हैं दूध-छुआरे का सेवन

दूध एक सम्पूर्ण आहार है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही अच्छा पोषक तत्व माना जाता है। इससे हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है। अगर गर्म दूध में छुआरा मिलाकर पीया जाए तो फिर इसके लाभों के बारे में कहने ही क्या।

छुआरे में काफी मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, आयरन और कैल्शियिम जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। इसको गर्म दूध के साथ खाना शरीर के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे व्यक्ति को कई बीमारियों से छुटकारा तो मिलता ही साथ ही शरीर की समस्त कमजोरी दूर हो जाती है।

यहीं नहीं सर्दियों में नियमित रूप से ऐसा दूध पीने से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है। मसल्स को मजबूती देने के साथ ही छुआरे ये युक्त गर्म दूध पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी भी दूर करता है। यह व्यक्ति की पायन क्रिया को भी अच्छा बनाता है। इससे व्यक्ति को कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।

शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्टअप करने के साथ फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करती हैं Green Tea

आज के समय में हर व्यक्ति अपनी हेल्थ के प्रति अधिक सचेत हो गया है और शायद यही कारण है कि व्यक्ति व्यायाम से लेकर खान−पान तक हर चीज में अधिक सजगता बरतने लगा है।  एक स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थ मानी गई है ग्रीन टी। यूं तो ग्रीन टी को हमेशा ही वजन कम करने से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन इसके अतिरिक्त भी Green Tea ग्रीन टी के कई लाभ हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ लाभों के बारे में−

यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि ग्रीन टी का सेवन ओरल हेल्थ के लिए बेहद लाभकारी है। इसका सेवन करने से पेरियोडोंटल, बैक्टीरियल प्लॉक आदि को नियंत्रित होता है। जिससे दांतों या मसूड़ों की बीमारी नहीं होती। साथ ही इसमें मौजूद फ्लोराइड दांतों को खराब होने से बचाता है।

ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्टअप होता है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करते हैं और वजन जल्द कम होने लगता है।
ग्रीन टी को अगर डायबिटीक लोगों के लिए वरदान कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। जिससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटी−डायबिटीक तत्व मधुमेह रोगियों को कई मायनों में लाभ पहुंचाते हैं।

ग्रीन टी शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर व्यक्ति को बीमारियों से लड़ने के लिए सक्षम बनाता है। ऐसा इसमें मौजूद कैटेकिन के कारण होता है। चूंकि ग्रीन टी व्यक्ति के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाती है, जिसके कारण ऑटोइम्युन रोगों के होने की संभावना कई गुना कम हो जाती है।

 

 

चेहरे को आकर्षक बनाने के लिए दिन में 10 मिनट के लिए करें ये ‘फेस योगा’

खूबसूरत और आकर्षक दिखना भला कौन नहीं चाहता। इसके लिए लोग कई तरह की क्रीम, ट्रीटमेंट और अन्य कई उपायों का सहारा लेते हैं। हालांकि, इन सबसे चेहरे पर चमक तो आती है, लेकिन ये चेहरे पर बढ़ते वजन के प्रभाव को कम नहीं कर सकते हैं। इस स्थिति में चेहरे के लिए व्यायाम काफी मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए आप ‘फेस योगा’ कर सकते हैं।

जीभ पोज करने के लिए सबसे पहले अपनी जीभ को जितना हो सके, बाहर निकालें. इसी तरह करीब तीस सेकंड तक रहें. इससे डार्क सर्कल दूर होंगे. वहीं इसे नियमित करने से झुर्रियों से भी छुटकारा मिलेगा.

योग जैसे आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, वैसे ही आपके चेहरे के लिए भी लाभकारी है। आपके चेहरे को आकर्षक बनाने के लिए हम इस लेख में कुछ ‘फेस योगा’ के बारे में बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप चेहरे की चर्बी से छुटकारा पा सकते हैं। इस लेख में हम कुछ आसान ‘फेस योगा’ के बारे में जानते हैं।

माउथवॉश योग भी बेहद सरल है. इसे करने के लिए इस तरह मुंह बनाएं जैसे मुंह में पानी भरकर कुल्ला किया जाता है. यानी मुंह में हवा भर कर अपने गालों को हिलाएं. इस प्रक्रिया को दो-तीन बार दोहराएं. इससे बहुत फायदा पहुंचेगा. यह चेहरे से अतिरिक्त फैट को कम करेगा.

फिश पोज में अपने होंठ और गालों को अंदर की ओर चूसते रहना होता है. इसी तरह कुछ सेकंड करें. करीब तीन बार इस प्रक्रिया को दोहराएं. इससे चेहरे का आकार मछली की तरह लगता है, इसीलिए इसे फिश पोज कहते हैं.

आयुर्वेदिक के अनुसार दिन के इस समय करना चाहिए दूध केले का सेवन

कोरोना के प्रकोप के बीच अब मासूमों पर नया खतरा मंडरा रहा है। देश में पीडियाट्रिक मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) ने दस्तक दे दी है। कोविड-19 की चपेट में आने वाले बच्चों में इसका खतरा ज्यादा दिख रहा है। इसके चलते ऐसे बच्चों की देखभाल बेहद सावधानी से करने की जरूरत है।

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, मुंबई सहित कई महानगरों में केस मिलने के बाद से राजधानी के बाल रोग विशेषज्ञ भी सतर्क हैं। भारतीय बाल रोग एकेडमी ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीमारी के लक्षण भी कुछ हद तक कोरोना से मिलते-जुलते हैं।

1. डेंगू – बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी की बात की जाए, तो पिछले कुछ वर्षों में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है. यह बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलती है. सिरदर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स कम होना आदि हो सकते हैं.
2. येलो फीवर – एडीज एजिप्टी मच्छर ही येलो फीवर का कारण भी बनता है. इस बुखार में मरीज के अंदर पीलिया के लक्षण भी दिखने लगते हैं. हालांकि, इस बुखार के मामले भारत में दिखने दुर्लभ हैं. इसमें बुखार, मतली, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्या होने लगती है.
3. मलेरिया – डेंगू से पहले लोगों के मन में मलेरिया का काफी डर था. बारिश के कारण मलेरिया के भारी तादाद में मामले देखे जाते थे. यह बीमारी संक्रमित फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. इसमें भी बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं.
4. चिकनगुनिया- डेंगू के बाद भारत में चिकनगुनिया के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. चिकनगुनिया भी डेंगू और येलो फीवर वाले इस बीमारी में बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते आदि लक्षण दिखते हैं.
5. लाइम डिजीज- यह बीमारी मुख्यतः Borrelia burgdorferi बैक्टीरिया के कारण होती है. जो कि संक्रमित काली टांगों वाले कीड़ों के काटने से फैलती है. इस बीमारी के मामले भी भारत में कम ही देखने को मिलते हैं.

बिना परिश्रम के शरीर में थकान रहना हैं इस बीमारी के मुख्य लक्षण

अधिकतर समय शरीर को बीमारियों और संक्रमण से इम्‍यून सिस्‍टम बचाता है। हालांकि, कुछ लोगाें का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होने की वजह से उन्‍हें बार-बार संक्रमण होने का खतरा रहता है। स्‍वस्‍थ रहने और बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्‍यून सिस्‍टम का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है।

सफेद रक्‍त कोशिकाओं, एंटीबॉडीज और अन्‍य तत्‍वों जैसे कि अंगों और लिम्‍फ नोड्स से इम्‍यून सिस्‍टम बनता है। कई विकार प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर देते हैं। ये इम्‍यूनोडेफिशिएंसी विकार हल्‍के से गंभीर हो सकते हैं और व्‍यक्‍ति जन्‍म से ही या पर्यावरणीय कारकों की वजह से भी इम्‍यूनोडेफिशिएंसी विकारों से ग्रस्‍त हो सकता है।

1.काम करने के बाद शरीर में थकान होना स्वभाविक है, लेकिन बिना परिश्रम के शरीर में लगात्तार थकान रहना कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण होता है। इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से अपने शरीर की जांच करवाएं, ताकि शरीर को घातक संक्रमण से बचाया जा सकें।

2.हमारे शरीर का बार-बार बीमार होना भी कमजोर प्रतिरक्षा का संकेत होता है।ऐसे में आप विटामिन—सी युक्त डाइट का सेवन करें।विटामिन—सी हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है।

3.हमारे शरीर में बार-बार किसी तरह की एलर्जी का होना, कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण होता है। इस संकेत को अनदेखा करना आपके लिए बहुत परेशानी का कारण बन सकता है।इसलिए आप तुरंत डॉक्टर से सलाह अवश्य लेंवे।

शरीर में बढ़े कोलेस्ट्रोल लेवल को कण्ट्रोल करता हैं किशमिश का पानी

किशमिश सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है ये हर कोई जानता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको बता दें, इसका पानी इससे भी ज्यादा लाभकारी होता है. इसे पीने से कई बीमारियां दूर होती हैं.

सिर्फ एक कप किशमिश के पानी से आप खुद को ताउम्र सेहतमंद रख सकते हैं. एक कप पानी उबाल लें. इसमें लगभग एक मुठ्ठी किशमिश धोकर रातभर भिगोकर रख दें. सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं और किशमिश को चबाकर खा लें. इसी के साथ जानें इसके फायदे.

* किशमिश का पानी आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. ये खाना को पचाने में मदद करता है. इसलिए आपको कब्ज या गैस जैसी परेशानी नहीं होती है.

* किशमिश का पानी आपके शरीर में बढ़े कोलेस्ट्रोल को ऑक्सिडाइज करता कर इसे बढ़ने से रोकता है. इससे आपको हार्ट से जुड़ी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है.

* ये आपके लीवर को साफ करने का अचूक उपाय है. ये लीवर से गंदगी निकालकर इसे स्वस्थ रखता है और आपको इसकी खराबी से होने वाली बीमारियों से दूर रखता है.

सुबह खाली पेट मेथी दानों का सेवन करने से एसिडिटी और कब्ज से मिलेगा छुटकारा

रसोई में पाया जाने वाला ये मसाला आपके शरीर को रख सकता है स्वस्थ, व मेथी में घुलनशील फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। मेथी दानों का सुबह खाली पेट सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।

हालांकि इसकी पत्तियों का उपयोग एक स्वादिष्ट पकवान और यहां तक कि परांठे तैयार करने के लिए किया जाता है। ये बीज गुणों से भरे होते हैं जो डायबिटीज , पाचन संबंधी समस्याओं और यहां तक कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं।

मेथी के बीज पेट के कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में भी मददगार हो सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी और कब्ज से निपटने में फायदेमंद हो सकते हैं।

यह डायबिटीज को कंट्रोल करने और मधुमेह से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं। ब्लड शुगर लेवले को कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में आप मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आलू के दीवाने हो जाए जरा सावधान अथवा जाएगी आपकी जान

कई लोग घर में बनने वाली अधिकतर सब्जियों में आलू डालते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से है, तो आपको आलू के अधिक इस्तेमाल से होने वाले  इतना तो सभी जानते होंगे कि आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे सब्जियों में सबसे उत्तम माना जाता है और इसी वजह से इसे सब्जियों का भी राजा माना जाता है.

ब्लड प्रेशर कई रिसर्च के अनुसार सप्ताह में चार या उससे ज्यादा बार आलू खाने से उच्च रक्तचाप व हाई ब्लड प्रेशर होने की आशंका बढ़ जाती है।इससे शरीर में सूजन और जोड़ों में दर्द की परेशानी झेलने पड़ सकती है.

विज्ञानिकों के मुताबिक जो लोग आलू ज्यादा खाते हैं उनके शरीर में नेचुरल इन्फ्लेमेट्री सब्सटेंसेज ग्लैकोएल्केनॉइड की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती हैं जिससे शरीर के हिस्सों में सूजन हो सकती हैं.

डायबिटीज जो लोग डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें भी आलू का सेवन कम ही करना चाहिए, क्योंकि आलू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है

यदि कोई महिला गर्भवती हैं तो उसे आलुओं का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि आलू पेट में पल रहे हैं बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते है.

गर्म दूध में 2 इलायची डालकर पीने से आपको मिलेंगे ये सभी लाभ

इलायची का उपयोग सब्जी को स्वादिष्ट बनाने में, मिठाइयों को बनाने में और इसके अलावा कई ऐसे कार्यों में किया जाता है. जिसकी वजह से आपकी सेहत हमेशा अच्छी रहती है.

खाने के बाद इलायची का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है, पाचन क्रिया मजबूत करने के साथ-साथ हरी इलायची पेट की सूजन, गैस और हल्की-फुल्की पेट की इंफेक्शन भी दूर करने में मदद करती है।

कई लोग सर्दी-जुकाम और ग्ले की खराश से परेशान रहते हैं ऐसे में रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में 2 इलायची डालकर पीने से राहत मिलती है।

अक्सर पेट खराब या फिर कब्ज के चलते कुछ लोगों के मुंह से बदबू आती है, छोटी इलायची खाने से मुंह की बदबू खत्म हो जाती है।

इलायची के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं भी ठीक होती हैं, अगर आप भी पेट जुड़ी इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आज से ही सुबह-शाम दो हरी इलायची का सेवन शुरु कर दें।