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हेल्थ

पथरी और पीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं मूली

मूली का सेवन करने से कई फायदे होते है आप मूली की सब्जी और सलाद बनाकर भी सेवन कर सकती है आज हम आपको मूली से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते है |

सर्दी-जुकाम
कच्ची मूली का 20-30 मिली जूस निकालकर मिले लें। इसे सर्दी-जुकाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

एसिडिटी को करे छूमंतर
अगर आप एसिडिटी की समस्या से परेशान है तो कच्ची मूली का सेवन करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।

पीलिया 
पीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में मूली काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए मूली के ताजे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे दूध में डालकर उबाल लें। जब झाग ऊपर आ जाए तो इसे उबालकर पी लें।

पथरी
पथरी की समस्या से निजात दिलाने में भी मूली फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसके लिए 100 ग्राम मूली के पत्तों का रस निकाल लें। इसे दिन में करीब 3 बार पिए। इससे स्टोन यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाएगा।

मूली का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है मूली में विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है |मूली का सेवन करने से ह्रदय विकारो का खतरा कम होता है यह एंथोसाइनिन का एक अच्छा स्त्रोत है |

 

इलायची दूर करेगी आपके मुँह की दुर्गंध व पेट से जुड़ी समस्याओं से दिलाएगी छुटकारा

आमतौर पर मिठाई का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाली सफेद इलायची सेहत के बहुत फायदेमंद है. अधिकतर लोग इलायची को स्वादिष्ट मसाले के रूप में ही प्रयोग करते हैं और इसके सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में अनजान रहते हैं.  हर दिन दो इलायची खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. आगे पढ़िए सफेद इलायची खाने से होने वाले फायदों के बारे में.

#बॉडी डिटॉक्‍स करता है- इलायची का पानी बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने का एक बेहतर तरीका है। रोजाना इसके सेवन से आपके शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ फ्लश आउट हो जाते हैं और आप काफी बेहतर महसूस करते हैं।

# मुंह की दुर्गंध- भोजन के बाद एक इलायची जरूर चबाना चाहिए। इससे मुंह की दुर्गंध को दूर तो करता ही है, साथ ही आपके पेट से जुड़ी कई समस्यों को दूर करने में भी कारगर साबित हो सकता है।

#एसिडिटी में फायदेमंद- खाने के बाद नियमित रूप से इलायची चबाने से एसिडिटी दूर होती है। खाने के एकदम बाद बैठने के बजाय इलायची चबाते हुए कुछ देर सैर करें

 

यदि आपको भी सोते समय आते हैं खर्राटे तो आजमाए देसी घी का ये नुस्खा

खर्राटे  की समस्या आम हो गई है और इन खर्राटों की वजह से दूसरे लोगों की नींद  खराब होती है. लेकिन अगर लोग आदत मानकर इस समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं तो यह बड़ी गलती है.

सोते समय सांस लेते समय जब तेज आवाज होती है, उसे ही खर्राटे कहते हैं. खर्राटे की आवाज आनी तब शुरू होती है जब गले की त्वचा में हवा के बहाव की वजह से ऊतकों में वाइब्रेशन पैदा होती है और नाक या मुंह से खर्राटों की आवाज आ सकती है.

जैतून का तेल
खर्राटे की समस्या को दूर करने के लिए जैतून का तेल कारगर है. क्योंकि जैतून का तेल सूजन को दूर करता है, जिससे गले के अंदर हवा के आने-जाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती. इसके लिए आप रात को सोने से पहले जैतून की तेल की एक या दो घूंट लें या फिर आप उसमें शहद मिलाकर भी उसका सेवन कर सकते हैं.

देसी घी
घर में रखा देसी घी काफी औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके सेवन से नाक के जमाव को कम करने में मदद करते हैं. इसके इस्तेमाल से खर्राटे की समस्या दूर हो सकती है. इसके लिए आप घी को हल्का गर्म करें और एक-एक बूंद अपनी नाक के दोनों छिद्रों में डालें.

इलायची
इलायची के सेवन से बंद नाक को खोलने में मदद मिलती है. इससे गले के अंदर हवा के आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होती और खर्राटों में कमी आती है. इसके लिए आप एक गिलास पानी में आधा या एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाएं और सोने से आधा घंटा पहले उसका सेवन करें.

चॉकलेट खाने से केवल नुकसान ही नहीं बल्कि होते हैं ये सभी अद्भुत फायदें

हाल ही में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि आप बचपन में कितना मीठा खाते हैं, अडल्ट होने पर आपका मोटापा इस बात पर निर्भर करता है। जर्नल इकनोमिक्स ऐंड ह्यूमन बायॉलजी में छपी रिसर्च में यह बात सामने आई कि मोटापा फैलने में चीनी सबसे बड़ा फैक्टर है। बच्चों को अगर हाई शुगर डायट दी जाए तो बड़े होकर उन्हें मोटापे की समस्या हो सकती है।

बच्चों के चॉकलेट खाने से केवल नुकसान ही नहीं होते, बल्कि कई तरह के फायदे भी होते हैं, जो बच्चों के विकास में मददगार होते हैं।
चॉकलेट में पाया जाने वाला एंडोर्फिन लोगों का मूड अच्छा करता है और उनमें खुशी की भावना पैदा करता है।

चॉकलेट मे फ्लेवोनोल्स होता है, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है और उसे तेज करता है।
चॉकलेट में पाया जाने वाला फ्लेवेनॉल्स ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के बनने से रोकता है। साथ ही यह ब्लेड सर्कुलेशन में सुधार लाता है। हमारा हृदय भी ठीक से कार्य करता है।

कोशिकाओं की मरम्मत, बैड कोलेस्ट्रॉल कम मरे
चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं, जो कोशिकाओं की मरम्मत में मददगार होते हैं।
चॉकलेट बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार होती है।

सिगरेट और चाय की वजह से यदि आपके होठ भी हो गए हैं काले तो आजमाएं ये उपाए

आज की दुनिया में सिगरेट के साथ चाय पीना एक फैसन बन गया है। हर कोई चाय की थड़ी पर बैठकर सबसे पहले सिगरेट लेगा उसके बाद चाय की चुस्की लेगा। हाथ में गर्म चाय का प्याला और उसके होंठों पर जलती हुई सिगरेट रखना, यह बहुतों की अब आदत बन गई है। विशेष रूप से युवा लोग इस शैली में अलग तरह से महसूस करते हैं। हालाँकि, शोध कहता है, ऐसी आदतों से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है!

 

गर्म चाय आपके ऐसोफैगस टिशू को नुकसान पहुंचाती है इसे आपको अंदरूनी कई बीमारियां पैदा हो सकती है। वहीं अगर गर्म चाय के साथ धूम्रपान करते हैं तो आपको ऐसोफागस कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

हालांकि कई रिसर्च से पता चला है कि चाय का सेवन करने से आपको ट्यूमर जैसे गंभीर बीमारी से बचाता है लेकिन अगर आप चाय के साथ धूम्रपान करते हैं तो इससे आपके गले का ऐसोफैगस ख़राब हो सकता है।

इसके लाभकारी यौगिकों को संभवतः फेफड़ों के माध्यम से रक्तप्रवाह में अधिक तेज़ी से अवशोषित किया जा सकता है। लेकिन धूम्रपान, या जलती हुई कोई भी चीज़, अस्वस्थ है।

गंभीर बिमारियों से आपको छुटकारा दिलाने में कारगर हैं मूंगफली

मूंगफली  का सेवन करना स्वास्थ्य  के लिए और त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन , खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, आवश्यक फैटी एसिड मौजूद होते हैं. मूंगफली सेहत के लिए लाभकारी तो होती है साथ ही इसका स्वाद भी लोगों को खूब पसंद आता है.

सैचुरेटेड फैट के सेवन से इसके अंदर छिपा फैट धमनियों पर जम जाता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. ये हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है. मूंगफली में सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करना चाहिए. इससे आपको अधिक नुक्सान नहीं होगा.

मूंगफली और सोयाबींस में लैक्टिन की मात्रा ज्यादा होती है. इसे पचाना आसान नहीं होता है. इससे आपको बाद में चलकर गंभीर बीमारी हो सकती है. इसलिए आपको मूंगफली के अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए और कम मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए

अधिक मात्रा में मूंगफली खाने से एलर्जी हो सकती है. कई बार इससे मौत भी हो जाती है. मूंगफली से स्कीन भी डैमेज होता है. खुजली, गले और चेहरे पर सूजन होने लगता है. कई बार सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. मूंगफली के अधिक सेवन से पेट में गैस की समस्या भी हो सकती है.

किसी फिजिकल ऐक्टिविटी से कम नहीं हैं जम्हाई, जिससे शरीर को होते हैं ये फायदे

जम्हाई  लेना बॉडी का एक नैचरल प्रॉसेस है जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि उबासी या जम्हाई पर लोग ज्यादा ध्यान भी नहीं देते. वैसे तो अक्सर इसे आलस या नींद के साथ जोड़ा जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि उबासी लेना हमारे शरीर को 5 तरह से लाभ पहुंचाता है. उबासी लेने के दौरान आदमी मुंह खोलकर कूल एयर सांस के साथ अंदर लेता है.

जम्हाई के बारे में गहराई से बात करे तो इसेलेने के दौरान हम गहरी सांस लेते हैं जिससे ऑक्सिजन की मात्रा शरीर में ज्यादा जाती है  इससे बॉडी में जमा हुई कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है. यह लंग्स के साथ ही दिमाग के लिए भी अच्छा होता है.

आमतौर पर उबासी को नींद के साथ जोड़ा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह आदमी को अलर्ट रहने में मदद करती है. दरअसल, उबासी शारीरिक क्रिया की श्रेणी में आती है  जब तक किसी भी तरह की फिजिकल ऐक्टिविटी होती रहती है तब तक आदमी सो नहीं सकता, जो उसे अपने आसपास की चीजों के प्रति सजग बने रहने में मदद करता है.

इसमें एक बात गौर करने वाली है कि फ्लाइट में अक्सर एयर प्रेशर के कारण कान बंद हो जाते हैं जिससे दर्द होता है, इस स्थिति में अगर उबासी ली जाए तो कान खुल जाते हैं  दर्द से तुरंत राहत मिलती है. दरअसल, उबासी कान में बनने वाले एयर प्रेशर को रिलीज करने लगता है जिससे पर्दे पर दबाव नहीं बनता  दर्द चला जाता है.

इंसुलिन की मात्रा को संतुलित करने में काफी मददगार हैं कद्दू के बीज

आपको जानकार हैरानी होगी कि कद्दू के बीज में विटामिन-बीवफ़ॉलिक एसिड के अतिरिक्त एक ऐसा केमिकल भी उपस्थित होता है, जो हमारे मूड को बेहतर करने में मदद करता है.सिर्फ इतना ही नहीं, कद्दू के बीज डायबिटीज जैसे रोगों में भीबहुत ज्यादा लाभ पहुंचाता है.ये शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित करने में भी मददगार साबित होता है.आप इन बीजों को रोस्ट करके अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.कद्दू के बीज में हैं लाभकारी गुण

ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए कम नमक के साथ इस्तेमाल करना मुफीद माना जाता है. एक बीज खा लेने से 7-8 मिलीग्राम Beta carotene हासिल होता है. जिससे दिल की बीमारी और कैंसर से बचाव संभव हो सकता है. दिन में एक बार मुट्ठी भर कद्दू के इस्तेमाल से गुर्दों की सफाई करने में मदद मिलती है. कद्दू के बीज में अलग-अलग मात्रा में शरीर को स्वस्थ रखनेवाले तत्व पाए जाते हैं.

100 ग्राम कद्दू के बीज में 153 ग्राम कैलोरी, वसा 153 ग्राम, फाइबर 1.1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट्स 7 ग्राम, सोडियम 5 मिलीग्राम, लोहा 4 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 152 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 333 मिलीग्राम, विटामिन ए और बी, सी और ई हासिल किए जा सकते हैं. शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि कद्दू के बीच खाने से शरीर पर साइड इफेक्ट्स नहीं होता. कद्दू एशिया, अफ्रीका, अमेरिका और गर्म मुल्कों में पाई जानेवाली अहम सब्जी है. कद्दू के बीज गुदे से चिपके हुए होते हैं.

1 गिलास पानी में ये चीज़ मिलाकर पीने से हार्ट अटैक का खतरा एक मिनट में होगा कम

लाइफस्टाइल में बड़े पैमाने पर आ चुके बदलाव ने ह्रदय की कार्यक्षमता को प्रभावित किया है। हार्ट अटैक की घटनाओं में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। ऐसे मौकों पर मरीज की हालत देखकर आसपास के लोग डर जाते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है, उसे तुरंत 1 गिलास पानी में 1 चम्मच लाल मिर्च का पाउडर घोलकर पिला दें। ऐसा करते वक्त मरीज का होश में रहना जरूरी होता है। वहीं, अगर मरीज होश में नहीं है, तो उसके जीभ के नीचें 1 चुटकी लाल मिर्च रख दें।

ऐसा करने से मरीज के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन होने लगेगा। इस घरेलू नुस्खे को अपनाने में ज्यादा देरी ना करें। इसके साथ-साथ मरीज को तुरंत हॉस्पिटल भी ले जाएं।

लाल मिर्च के सेवन से हार्ट अटैक के साथ-साथ स्किन की कई समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।रोजाना 1 चुटकी लाल मिर्च के सेवन से फ्लू जैसी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।

इस घबराहट के बीच सिर्फ व्यक्ति को अस्पताल ले जाने का खयाल दिमाग में कौंधता है। परंतु मरीज की बिगड़ती हालत के चलते कुछ उपाय भी अपनाए जाना जरूरी हैं। जिससे अस्पताल पहुंचने के पहले मरीज़ की जान बचाई जा सके।

जिम जाने की बजाय पैदल चलने से आपका मेटाबॉलिज्म होगा बेहतर

बिना जिम जाए वजन घटाने के लिए रास्ता खोज रहे हैं तो इसके लिए वॉकिंग सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। पैदल चलना एक शानदार व्यायाम है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। पैदल चलने के कई फायदे हैं।

वजन कम करना, पाचन में सुधार, हड्डियों की मजबूती, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना, हृदय का बेहतर स्वास्थ्य आदि इसमें शामिल हैं पैदल चलना वास्तव में जिम जाने से ज्यादा मेटाबॉलिज्म को गति दे सकता है।

मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है तो शरीर सही तरीके से काम करता है। शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है तो आसानी से कैलोरी बर्न होती है। उनके मुताबिक, मेटाबॉलिज्म बेहतर होने पर अधिक ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति अच्छा महसूस करता है।

ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में एक्सपरीमेंटल ब्रेन रिसर्च डिपार्टमेंट का एक शोध डोन्ट टेल मी द स्कोर पॉडकास्ट में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि क्यों लोगों को अधिक पैदल चलना चाहिए। इसका एक कारण यह बताया कि जिम जाने की बजाय व्यायाम के रूप में पैदल चलने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।

मेटाबोलिज्म एक रासायनिक प्रक्रिया है जो शरीर में चलती है और आपको अपने अंगों को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए जीवित रखती है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और मेटाबॉलिज्म जितना अधिक होता है, जीवित रखने के लिए अधिक कैलोरी जला दी जाती है।