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हेल्थ

दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखने के लिए इन टिप्स को आजमाएं

आपके चेहरे की खूबसूरती सिर्फ आपकी आंखें या आपके होेंठ ही बयां नहीं करते हैं. आपके चेहरे और मुस्कान को सुंदर बनाते हैं आपके चमचमाते मोती जैसे दांत. दांतों का पीलापन इसी खूबसूरती पर ग्रहण लगा सकता है.

इसलिए चेहरे के साथ ही अपनी मुस्कान को भी तरोताजा रखने के लिए अपने दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखना भी जरूरी है.मसूड़ों के लिए नुकसानदायक ब्लीच में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड होता है, इस वजह से इससे मसूड़ों पर जलन होने लगती है इसलिए इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए.

ज्यादा उपयोग करने से मसूड़ों में जलन या घाव की समस्या लंबे समय तक बने रहना नुकसानदायक हो सकता है. इसके अधिक उपयोग से मसूड़े कमजोर भी होते हैं.

यदि हम दिनभर टीवी देखें तो पाएंगे कि कई कंपनियों के टूथपेस्ट के विज्ञापन अलग-अलग तरह से ग्राहकों को लुभाते नजर आएंगे. हर टूथपेस्ट कंपनी खुद को अलग और बेहतर साबित करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बीते जमाने में दांतों को कैसे स्वस्थ और स्वच्छ रखा जाता था.

आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी दातुन के बारे में जिनके नियमित इस्तेमाल से आपके दांतों की बीमारी तो दूर होगी, साथ में प्राकृतिक रूप से दांतों में चमक और खूबसूरती भी आएगी.

आयरन और विटामिन्स से भरपूर हरा चना खाने से आपको मिलेंगे ये सभी फायदे

हरा चना खाने में खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही बनाने में भी मजा आता है।  इसका इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी, चटनियां बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसे कच्चा, उबालकर या फिर भूनकर भी खाया जाता है।

हरे चने में प्रोटीन, नमी, चिकनाई, फाइबर्स, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और विटामिन्स की काफी मात्रा में मिलती  है, जो शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। जानिए हरा चना खाने के कुछ फायदे जो आपको रखेंगे तंदरुस्त हरे चने में भरपूर तादाद में आयरन मिलता है, जो खून की कमी को पूरा करने का काम करता है। अगर आपको भी ब्लड की कमी रहती है तो अपने आहार में हरो चनों को शामिल कर लें।

हड्डियों को बनाता है मजबूत

हरे चने में विटामिन सी पाया जाता है। ब्रेकफास्ट में हर रोज हरे चने का उपयोग करने से हड्डियां मजबूत होती हैं व सभी काम करने में आसानी होती है।

ब्लड शुगर कंट्रोल

एक हफ्ते में 1/2 कटोरी हरा चना खाने से ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता है। अगर आप ब्लड शुगर के बीमार है तो अपने आहार में हरे चने अवश्य शामिल करें।

दिल की रोग

हर रोज आधी कटोरी हरे चने का उपयोग करने से दिल मजबूत रहता है। साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है व हार्ट रोग का खतरा कम हो जाता है।

 

नीम का सेवन करने से वायरल व फंगल इंफेक्‍शन से मिलेगा छुटकारा

नीम के पत्ते, छाल, टहनी, जड़ और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं. इसका स्‍वाद भले ही काफी कड़वा होता है, लेकिन यह बहुत गुणकारी है.अगर आप खाना बनाते वक्त या किसी दूसरे कारण से अपना हाथ जला बैठी हैं तो तुरंत उस जगह पर नीम की पत्तियों को पीसकर लगा लें. इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घाव को ज्यादा बढ़ने नहीं देता है.

नीम दांतो से जुड़ी कई परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है। दांत में अगर कीड़े लगे हो, दांतों में अगर पीलापन हो, या मुंह से बदबू आती हूं। यह सारी परेशानियों को नीम ठीक कर सकता है।

नीम में एंटीबायोटिक तत्व भरपूर होता हैं और यह तत्व रोगों को दूर करने में मदद करते हैं. रोज नीम का सेवन करने से वायरल व फंगल इंफेक्‍शन और घाव ठीक किए जा सकते हैं.ब्लड में मौजूद टॉक्सिन से बहुत सारे अंगों के काम रूक जाते हैं और एलर्जी, थकान, सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. इन्हें दूर करने के रोज सुबह नीम का पानी जरूर पिएं.

बेल की मदद से आपको मिलेगा पेट के अल्सर, बवासीर से निजात

बील बहुत पुराना पारम्परिक औषधीय पेड़ है । लगभग 4000 सालों से इसे उपयोग में लाया जा रहा है। आयुर्वेद ने दशमूल जड़ीबूटी में इसे शामिल किया है। दशमूल दस ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण है जिनकी मदद से कई प्रकार की लाभकारी आयुर्वेदिक दवा बनाई जाती है जो विभिन्न रोगों को ठीक करती है।

बेल-मूल तथा पेड़ का छाल से बने क्वाथ से विभिन्न तरह के ज्वरों का उपचार किया जाता है. गूदे से बने शर्बत में जल में घुलनसील एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फेनोलिक तत्व तथा एंटी-म्यूटाजेन्स पाए जाते हैं, आयुर्वेदिक चिकित्सा में बेल-मूलों से वात-कफ-पित्त से होने वाले दोषों तथा ज्वरों को सही किया जाता है.

बेल का फल अनेक प्रकार के रोगों की दवा है। ये कब्ज , अपच , पेट के अल्सर , बवासीर , साँस की तकलीफ , डायरिया आदि से मुक्ति दिलाता है। वायरल और बेक्टेरियल इन्फेक्शन को रोकता है। । कैंसर जैसे रोग से बचाता है। इनके अलावा भी कई रोगों में काम आता है।

उदर विकारों में बेल का फल रामवाण दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. फल के नियमित सेवन से कब्ज जड़ से खत्म हो जाता है. बेल फल उदर की स्वच्छता के अतिरिक्त आंतों को साफ कर उन्हें ताकत भी देता है.

 

स्किन कैंसर के खतरे को कम करता हैं इस सब्जी का सेवन

भारतीय व्यंजनों में टमाटर का विशेष महत्व है। इसका उपयोग सब्जियों, सलाद में, सूप के रूप में, सॉस के रूप में और सौंदर्य उत्पाद के रूप में भी किया जाता है।

स्टडी में रिसर्चर ने बताया कि कैसे न्यूट्रि‍शनल इंटरवेंशन स्किन कैंसर के खतरे में बदलाव ला सकता है. रिसर्च के दौरान पुरुषों को खाने में रोजाना 35 हफ्तों तक टोटल खाने का 10% टमाटर पाउडर खिलाया गया और फिर धूप में छोड़ दिया.

रिसर्च में देखा गया कि टमाटर ना खाने वालों की तुलना में लगभग 50% में स्किन कैंसर का रिस्क कम था.गर्भावस्था में टमाटर का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है; इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो गभर्वती के लिए काफी अच्छा होता है.

गठिया में टमाटर बहुत फायदेमंद है। अजमोद को टमाटर के रस में मिलाकर रोजाना पीने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।गर्भावस्था में टमाटर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है यह विटामिन सी से समृद्ध है, जो गर्भावस्था के लिए अच्छा है।अगर आपको पेट के कीड़े हैं, तो सुबह खाली पेट टमाटर पर काली मिर्च डालकर खाएं।

आखिर क्यों खाने के साथ करना चाहिए प्याज का सेवन ? क्या जानते हैं आप

खाने में जब तक प्याज का इस्तेमाल हो तब तक मजा नहीं आताअक्सर प्याज के मंहगे दाम खबरों में भी छाए रहते हैं.प्याज का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होती है. इससे शरीर को जल्दी बीमार होने नहीं देते हैं और सर्दी-जुकाम की समस्या से भी निजात दिलाने में मददगार होता है.

अगर आपको ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो आप रोजाना दो प्याज खा सकते हैं, इससे ब्लड प्रेशर को कम करता है। अगर आप प्याज का सेवन करते हैं तो इससे ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी राहत मिल सकती है। प्याज के सेवन से ब्लड प्रेशर संबंधित बीमारियों में राहत मिलती है।

सर्दी, खांसी और बुखार में प्याज का रस और शहद मिलाकर पीना चाहिए. प्याज में पाए जाने वाले औषधीय गुण की वजह से इसका सेवन कई सालों से किया जा रहा है. कई डॉक्टर्स गर्मियों के मौसम में लू से बचने के लिए प्याज खाने की भी सलाह देते हैं

अगर चेहरे पर मुहासे हैं तो जैतून के तेल में प्याज का रस मिलाकर लगाने से मुहासे कम हो जाते हैं.शरीर में विटामिन सी की मात्रा बढ़ती है। शरीर में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाने से काफी फायदा होता है और इंसान का शरीर ज्यादा स्वस्थ रहता है।

 

काले अंगूर अल्जाइमर के मरीजों के लिए हैं बेहद फायदेमंद

मीठे अंगूर के दाने न स़िर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ये सेहत का खज़ाना भी है. आपको हेल्दी रखने के साथ ही अंगूर आपकी त्वचा और बालों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. इंस्टेंट एनर्जी के लिए भी आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं.

ब्रेस्टफीट कराने वाली महिलाओं को रोज़ाना क़रीब 100 ग्राम अंगूर खाना चाहिए. इससे दूध बढ़ता है है.कब्ज़ की वजह से सिरदर्द, चक्कर जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इससे राहत के लिए रोज़ाना नियमित रूप से 25 ग्राम अंगूर का रस पीएं.

काले अंगूर अल्जाइमर के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद रेसवेराट्रोल नामक तत्व अल्जाइमर से लड़ने में बेहद प्रभावकार है, साथ ही यह न्यूरो डि-जनरेटिव डिसीज में भी काफी फायदेमंद होता है।

इसमें फ्लेवेनॉइड्स के अलावा ऐसे कई तत्व मौजूद हैं जो हृदय रोगों से लड़ने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हार्ट अटैक, रक्त का थक्का जमना और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से लड़ने में सक्रिय भूमिका निभाता है।

अगर आप वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं, तो काले अंगूर का सेवन आपकी यह समस्या हल कर सकता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को रोकता है और मोटापे के अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।

नारियल और मुलेठी की मदद से आप भी पा सकते हैं पेट में छाले की समस्या से छुटकारा

पेट के छाले बहुत भयावह होते हैं इसलिए इनका उपचार तुरंत करना महत्वपूर्ण है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसका घरेलू उपचार जो आप कर सकते हैं।

आजकल मौसम बहुत ही गर्म है और और इस मौसम में खानपान में थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर पेट में गर्मी की वजह से पेट में छाले निकल आते हैं।

इलाज में देरी की वजह से ये क्रोंस डिजीज, अल्सरेटिव कोलायटिस आदि गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्‍त करती है, इससे पेट के घाव जल्‍दी भर जाते हैं।

* नारियल – नारियल में क्वालिटी होती है, इसे खाने से छाले के कीटाणु नष्ट हो जाते है। बोला जाता है नारियल का दूध व नारियल पानी ये सभी भी छाले के रोग को दूर करते है। इस वजह से 1 सप्ताह तक रोज नारियल का पानी पियें फायदा होगा।

* मुलेठी एक उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है। इसी के साथ पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्‍तेमाल करना चाहिए। जी दरअसल मुलेठी पेट के अल्‍सर के लिए लाभकारी है व इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से लाभ करती है।

* केला – पेट के छाले के लिए केला बहुत इफेक्टिव होता है। जी दरअसल केले में antibactirial कंपाउंड होते है जो इसे बढ़ाने वाले H.pylori कंपाउंड को बढ़ने से रोकता है। बोला जाता है पेट में होने वाली एसिडिटी व गैस से भी केला बचाता है।

हड्डियां और मांसपेशियां दोनों को मजबूत बनाएगा सरसों के तेल का ये उपाए

वैसे तो आप सभी ने कई महंगे कॉस्मेटिक्स पर पैसे और समय बर्बाद किया होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आपके लिए मस्टर्ड ऑयल जिसे सरसों के तेल के नाम से जाना जाता है फायदेमंद है. यह तेल अस्थमा के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है.

पुराने समय से ही सरसों के तेल का इस्तेमाल होता आ रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि इस तेल से पाचन शक्ति अच्छी रहती है. ये भूख बढ़ाने का भी काम करता है. इसमें थियामाइन और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं. सरसों का तेल वजन घटाने के लिए भी मददगार साबित हो सकता है.

बच्चों की सरसों तेल से मालिश भारतीय परंपरा का हिस्सा है, शायद इसका कारण यही है कि सरसों तेल की मालिश से हड्डियां और मांसपेशियां दोनों ही मजबूत होती हैं. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है. इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में दर्द हो तो भी गर्म तेल से मालिश की जाती है, इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है, गठिया रोग में भी इससे आराम मिलता है.

कहा जाता है कोल्ड और कफ में भी ये तेल काफी फायदेमंद होता है. जी दरअसल मस्टर्ड ऑइल में अजवाइन मिलाकर बॉइल करें और चेस्ट पर सोने से पहले लगायें. ये आपको कोल्ड में काफी मददगार साबित होगा.

इस तेल को शरीर में दर्द के समय भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये काफी कारगर होता है. आप चाहे तो इसे रात के समय गर्म करके अपने शरीर पर लगायें इससे दर्द में राहत मिलती है.

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से आपके स्वास्थ्य को होंगे ये सभी फायदें

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए –

अगर आपको जोड़ों के दर्द और सूजन की तकलीफ है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे गठिया की समस्या में भी आराम मिलता है।

तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमरियों को पैदा करते हैं।

तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

अगर आप नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो इससे त्वचा पर चमक आती है। यह पानी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।

पाचन क्रिया बेहतर बनाने के लिए भी तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर आपको कब्ज और एसिडिटी की समस्या है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यह दूर हो जाएगी।