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हेल्थ

डाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए आप भी करें इन चीजों का सेवन

इन दिनों हर कोई अपने गोल्स को कंपलीट करने के पीछे भाग रहा है. जिसका सीधा सीधा असर लाइफस्टाइल पर पड़ रहा है. ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वह खाना खाते ही सो जाते हैं या फिर टीवी देखते हुए बैठे रहते हैं. ऐसे लोग उठने के बाद भी भरा पेट ही महसूस करते हैं जिसके चलते डाइजेशन बिगड़ने लगता है

1. सौंफ
खाने के बाद सौंफ खाने से न केवल आपके मुंह को फ्रेश फील होता है बल्कि आपको बेड स्मेल से भी छुटकारा मिल जाता है. यही नहीं, सौफ खाने से आपको टॉक्सिन से निजात मिल जाती है साथ ही, आपका डाइजेशन बेहतर होने लगता है.

2. मसाज
आयुर्वेद के अनुसार, पेट की मालिश करने से आपके पेट की मांसपेशियों  को आराम मिलता है. जिसके चलते आपका डाइजेशन बेहतर बनता है, कब्ज की परेशानी दूर होती है सूजन कम होती है.

3. वॉक
खाने के बाद बहुत ज्यादा हैवी कसरत आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है आपको प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है. ऐसे में आप खाना खाने के बाद तेज चल सकते हैं.

क्या आप भी करते हैं Workout के बाद ये गलतियाँ तो हो जाएं सावधान

हम में से कई लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम में घंटों वर्कआउट करते हैं. लेकिन वर्कआउट के बाद अक्सर ऐसी गलतियां कर देते हैं जो आपकी मेहनत को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है. अक्सर वर्कआउट के बाद हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं. पर्याप्त आराम नहीं करना और डाइट में सही पोषक तत्वों को शामिल नहीं करना है.

ज्यादातर लोग अपने डेली रूटीन में अधिका मात्रा में पानी नहीं पीते हैं. शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा समय- समय पर लिक्विड चीजें डाइट में लेनी चाहिए. अगर आप इंटेस वर्कआउट करते हैं तो कुछ समय बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.

एक्सरसाइज करने के बाद शुगर वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. आपको अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. हम सभी जानते हैं चीनी वाली चीजों में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है.

हाई फैट मील और स्नैक्स खाने की वजह से पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और शरीर को रिकवर होने में बाधा आ सकती है. शरीर को एनर्जी देने के लिए डाइट में लीन प्रोटीन और कॉम्पलेक्स कार्ब्स वाली चीजों को शामिल कर सकते हैं.

 

पैरों की दुर्गंध के कारण होना पड़ता हैं शर्मिंदा तो आप भी आजमाएं ये 5 घरेलू उपाय

अक्सर दिनभर जूते पहने रखों तो पैर से गंदी बदबू आने लगती है ये बदबू किसी से भी बर्दाश्त नहीं होती इसके लिए आप कितने ही तरीका क्यों ना कर लें ये बदबू जाती ही नहीं हैआपके पैरों की दुर्गंध आपको सबके बीच शर्मिंदा करती है तो इससे छुटकारा आप जरूर चाहेंगे जानिए ऐसे 5 घरेलू उपाय, जिनकी मदद से आप पैरों से आनी वाली पसीने की दुर्गंध से छुटकारा पा सकते है

नमक वाला पानी : बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उसमें 15 से 20 मिनट तक रोज पैर सेंकें इससे न सिर्फ पैरों से दुर्गंध गायब होती है बल्कि उनकी नमी भी बनी रहती है  एड़ियां नहीं फटतीं

विनेगर वाला पानी : विनेगर यानी सिरके को पानी में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज 30 मिनट पैरों को सेंक दें इससे न केवल पसीने की बदबू दूर होगी बल्कि पैरों का बैक्टीरियाई संक्रमण से भी बचाव होगा

चाय का पानी : चाय में मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स संक्रमण से बचाते हैं  बैक्टीरिया मारते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती एक ग्लास पानी में दो टी बैग डालें, 15 मिनट उबालने के बाद ठंडा होने के लिए छोड़ दें अब इस पानी को टब में पानी डालकर उसमें मिलाएं  30 मिनट तक पैर भिगोएं

कपड़ा भी रखता है मायने : नायलॉन  कॉटन के मोजे इस मामले में अच्छा विकल्प हैं क्योंकि ये पसीने को सोखने में मदद करते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती है

पाउडर : टाइम बिल्कुल नहीं है तो रोज नहाने के बाद पैरों पर भी पाउडर लगाएं जिससे नमीं की वजह से पैरों से दुर्गंध न आ सके

विटामिन ’बी’ युक्त मशरूम आपकी हड्डियों की मजबूती के लिए हैं फायदेमंद

मौसम के अनुसार ही खाद्य पदार्थो को अपने आहार में शामिल करना अच्छा होता है इससे शरीर को सभी पोषण तत्वों की आवश्यताओ की पूर्ति की जा सकती है, और इन्ही में से मशरूम जो की सेहत के साथ साथ स्वाद का भी बहुत ख्याल रखती है।

मशरूम एक स्वास्थ्यवर्धक और औषधिवर्धक खाद्य पदार्थ है जिसका सेवन करने से शरीर निरोगी रहता है। मशरूम की सब्जी हर किसी को पसंद होती है। यह स्वाद में बहुत लाजवाब होती है। आज हम आपको मशरूम खाने के फायदों के बारे में बतायेंगे, तो आइये जानते है इस बारे में…..

* मशरूम में विटामिन’बी’ होता है जो कि भोजन को ग्‍लूकोज़ में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्‍म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्‍म बेहतर बना रहता है।

रात में खीरे को खाने से बचना चाहिए, न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स ने बताई ये वजह

आप सब्जियों को कैसे खाते हैं और अपने रोजाना के भोजन में क्या शामिल करते हैं, उसका प्रभाव आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है. गाजर और खीरा कुछ ऐसी सब्जियां हैं जो अनेक गुण वाली हैं और किसी भी शक्ल में, कच्चा या पकाकर खाई जा सकती हैं. आप उन्हें अपने सलाद, मिठाई में शामिल कर सकते हैं या यहां तक कि मुख्य डिश के तौर भी खा सकते हैं.

बहुत से घरों में हर मील के साथ खीरे को सलाद के तौर पर खाया जाता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो खीरा नहीं खाते खासतौर पर रात के वक्त। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का भी यही कहना है कि हमें रात में खीरे को खाने से बचना चाहिए। यहां हम आपको इसके पीछे की वजह बता रहे हैं।

ये आपकी आंखों के लिए भी अच्छा होता है और आंखों की रोशनी में सुधार करने के लिए साबित है. बीटा कैरोटीन एक प्रमुख बड़ा फैक्टर है कि क्यों गाजर कैंसर के खतरे को कम करने से जुड़ता है. कैंसर रोकने और आंखों की रोशनी में सुधार करने के लिए ये जरूरी है. लाल और नारंगी रंग में गाजर को पाया जा सकता है. उसमें करीब 41 कैलोरी और कम प्रोटीन का मान होता है.

जिन लोगों के पेट में अक्सर कोई न कोई दिक्कत रहती है उनके लिए खीरा नुकसानदेह हो सकता है। खीरे में cucurbitacin नाम का एक पावरफुल इन्ग्रीडिएंट पाया जाता है जिससे बदहजमी की समस्या हो सकती है। पाचन में थोड़ी सी भी दिक्कत से पेट में गैस की समस्या हो सकती है। जिन लोगों में Irritable Bowel Syndrome(IBS) की समस्या होती है डॉक्टर्स उन्हें सलाह देते हैं कि डाइजेशन को ठीक रखने के लिए वे खीरा न खाएं या कम मात्रा में खाएं।

क्या आप भी ज्यादा करते हैं माउथवॉश का इस्तेमाल तो पढ़े ये जरुरी खबर

अगर आपको लगता है कि मुंह में कोई बीमारी नहीं होती, तो आप गलत हैं. बाहर की कुछ भी चीज़ खाने से आपको मुंह से जुडी परेशानी हो सकती है. ऐसे ही मुंह का ध्यान नहीं रखते हैं तो बैक्टीरिया एकत्रित होने लगते हैं.

साथ ही सांस से बदबू की समस्या आने लगती है. सांस की बदबू दूर करने के लिए लोग माउथवॉश का इस्तेमाल करने लगते हैं. किसी भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल आपके लिए हानिकारक होता है साथ ही माउथवॉश में एल्कोहल होने की वजह से यह आपके लिए हानिकारक होता है. ये आपके मुंह को ठीक तो कर देता है लेकिन आपको बीमारी में भी जकड़ सकता है.

बैक्टीरिया को ख़त्म करता है
माउथवॉश के इस्तेमाल से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया ख़त्म होते हैं. इसके साथ ही ये मुंह में बनने वाले सभी ढीले कणों को भी साफ़ करने में मदद करता है.

कैविटीज़ को बढ़ने से रोकता है
माउथवॉश का इस्तेमाल करने से आपके दांतों में कैविटीज़ होने की सम्भावना कम होती है. साथ ही पहले से मौजूद कैविटीज़ को बढ़ने से रोकने में भी ये सहायता करता है.
मुंह के छालों को दूर करता है
माउथवॉश का रोज़ाना इस्तेमाल करने से मुंह के छालों को दूर करने में मदद मिलती है.

मुंह की दुर्गन्ध दूर करता है
मुंह की दुर्गन्ध को दूर करने में माउथवॉश ख़ास भूमिका निभाता है. इसके इस्तेमाल से मुंह की दुर्गन्ध दूर होने के साथ ही सांसो की ताजगी भी बढ़ती है.

गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता हैं सत्तू, जानिए इसके फायदें

भारत में वर्षों से सत्तू का इस्तेमाल होता आ रहा है। भुने हुए चनों को पीसकर सत्तू को तैयार किया जाता है। भारत के राज्य बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सत्तू काफी प्रचलित है।

ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर अब शहरी क्षेत्रों में भी सत्तू का इस्तेमाल बढ़ा है। सत्तू का परांठे, लड्डू और लिट्टी-चोखा बनाने में उपयोग किया जाता है। गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने के अलावा इसके बहुत से दूसरे फायदे भी हैं, जिनकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं।

1. यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो गर्मियों में सत्तू से बेहतर कुछ नहीं है. सत्तू आपके शरीर को एनर्जी देता है, साथ ही इसे लेने के बाद आपका पेट बहुत देर तक भरा रहता है. इसकी वजह से आपको जल्दी कुछ खाने की इच्छा नहीं करती.

2. आजकल बाहर का खानपान या फिर ज्यादा चिकनाई युक्त और मसालेदार भोजन करने की वजह से ज्यादातर लोगों को गैस, एसिडिटी वगैरह की समस्या होती है. उनका पाचन तंत्र इस तरह के खाने से गड़बड़ा जाता है. सत्तू प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत है, ये पेट की इन सभी समस्याओं को दूर करने में काफी कारगर है. साथ ही लिवर को भी दुरुस्त करता है.

3. गर्मियों में सत्तू का सेवन करने से लू से बचाव होता है. शरीर का तापमान नियंत्रित रखता है और पेट को ठंडक पहुंचाता है. यदि शरीर में खून की कमी है तो सत्तू को रोजाना पीने से ये परेशानी दूर हो जाती है.

4. डायबिटीज और बीपी के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभकारी है. सत्तू शरीर में बढ़ रहे ब्लड शुगर लेवल को कम करता है.

आपके शरीर का वजन कम करने में मददगार होगा एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग हजारों वर्षों से एक स्वास्थ्य टॉनिक के रूप में किया जाता रहा है। कई शोधों से पता चलता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। एप्पल साइडर विनेगर को अपने आहार में शामिल करने से आपको वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है?एप्पल साइडर विनेगर का मुख्य सक्रिय घटक एसिटिक एसिड है।

चूहों पर हुए एक अध्ययन में, एसिटिक एसिड ने रक्त से चीनी लेने के लिए लीवर और मांसपेशियों की क्षमता में सुधार किया।
इंसुलिन का स्तर घटाता है
एसिटिक एसिड के संपर्क में आने वाले चूहों के एक अन्य अध्ययन में एंजाइम एएमपीके में वृद्धि देखी गई, जो वसा जालने को बढ़ावा देता है और लीवर में वसा और चीनी के उत्पादन को कम करता है। मोटापे को ट्रीट करने के लिए, एसिटिक एसिड या एसीटेट ने डायबिटीज वाले चूहों में, उनका वजन बढ़ने से बचाया और पेट की वसा भंडारण और लीवर की वसा को कम करने वाले जीन की अभिव्यक्ति को बढ़ाया।

अपने शराब के सेवन को प्रतिबंधित करें, लेकिन पूरे अध्ययन में अपने सामान्य आहार और गतिविधि को जारी रखें। जिन लोगों ने प्रति दिन 1 बड़ा चम्‍मच (15 मिलीलीटर) सिरका का सेवन किया था, उन्हें औसतन निम्नलिखित लाभ मिले:

1.2 किग्रा वजन घटा
शरीर में वसा के प्रतिशत में 0.7% की कमी आई
कमर की परिधि में 0.5 इंच की कमी
ट्राइग्लिसराइड्स में 26% की कमी

इस अध्ययन के अनुसार, एप्पल साइडर विनेगर के 1 या 2 बड़े चम्मच को अपने आहार में शामिल करने से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। यह आपके शरीर के वसा प्रतिशत को भी कम कर सकता है, जिससे आप पेट की चर्बी कम कर सकते हैं और अपने रक्त ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकते हैं।
अपने आहार में एप्पल साइडर विनेगर को शामिल करने के कई तरीके हैं। एक आसान तरीका यह है कि इसे सलाद के ड्रेसिंग के रूप में जैतून के तेल के साथ इस्तेमाल किया जाए। यह पत्तेदार साग, खीरे और टमाटर के साथ विशेष रूप से स्वादिष्ट साबित होता है।

हड्डियों व मसल्स में होने वाली सूजन से आपको निजात दिलाएगा ये उपाए

हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें शीशम के बीज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह चेहरे पर बढ़ती आयु के असरकम करने के साथ-साथ बालों की वृद्धि करने में भी मददगार होते हैं. इसके अतिरिक्त भी शीशम के बीजे के ढेरों फायदे होते हैं.

इस तरह होंगे फायदे

जानकारी के अनुसार शीशम के बीज जोड़ों, हड्डियों  मसल्स में होने वाले सूजन को भी दूर करने में मदद करते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि ज्यादा मात्रा में शीशम के बीज का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होने कि सम्भावना है. शीशम के बीज हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं. यह पाचन शक्ति बढ़ाकर कब्ज से राहत दिलाने में मददगार होते हैं.शीशम के बीज में उपस्थित मैग्नीशियम शरीर में इंसुलिन  ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखते हैं.

स्किन के लिए भी है फायदेमंद

इसी के साथ शीशम के बीज केवल स्किन के लिए ही लाभकारी नहीं होते बल्कि ये बालों के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छा नुस्खा हैं. इसमें ओमेगा फैटी एसिड्स की बहुत ज्यादा मात्रा पाई जाती है. यह बालों की वृद्धि तथा उन्हें जड़ों से मजबूत बनाने में मदद करती है. सिर की स्कीन में नमी लाने तथा रक्त संचार बढ़ाने में भी शीशम के बीज मददगार होते हैं.

प्रेग्नेंसी या पीरियड्स के दौरान अलसी के बीज का सेवन करना महिलाओं के लिए होगा फायदेमंद

वजन कम करने की ख़्वाहिश रखने वाले लोग बहुत ज्यादा मात्रा में अलसी के बीजों का सेवन करते हैं. इसे खाने के यूं तो अनेक फायदे हैं लेकिन यह आपके लिए कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

स्त्रियों को खासतौर पर प्रेग्नेंसी या पीरियड्स के दौरान अलसी के बीज न खाने की सलाह दी जाती है. कब्ज, सांस संबंधी समस्याएं, गैस  रक्त का थक्का न बनने जैसी समस्याएं अलसी के बीज खाने के साइड इफेक्ट्स की तरह होती हैं.

इस तरह लाभ पहुंचाएगी अलसी

जानकारी के अनुसार अलसी के बीजों को खाने से पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत देखी गई है. इसके एस्ट्रोजन जैसे असर स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म का कारण बनते हैं.ऐसे में अगर आपको अनियमित पीरियड की समस्या है तो अलसी के बीज बिल्कुल न खाएं. अगर आप किसी तरह की दवाइयां ले रहे हैं तो आपको अलसी के बीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. यह दवाइयों के साथ मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचाने का कार्य करते हैं.

और भी कई है इसके फायदे

इसी के साथ अलसी के बीज में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है. ऐसे में अलसी के बीज के सेवन से कई बार गैस  पेट में ऐठन जैसी समस्याएं सामने आती हैं. बिना किसी लिक्विड के साथ अलसी के बीज खाने से कब्ज भी होने की आसार होती है. अलसी के बीजों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपको पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. अलसी के बीजों में लैक्सेटिव पाया जाता है.