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हेल्थ

दिल और धमनियों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं आपकी ये बुरी आदतें

फि‍टनेस पर ध्‍यान देने वाले लोगों के मन में हमेशा यह सवाल उठता है कि उन्‍हें डेयरी फैट यानी दूध से बने वसायुक्‍त पदार्थ लेने चाहिए या नहीं। असल में उनकी चिंता यह होती है कि वे दुग्‍ध उत्‍पादों की पौष्टिकता तो ग्रहण करना चाहते हैं पर इस बात से डरते हैं कि कहीं इसमें मौजूद फैट उनका वजन न बढ़ा दें। यहीं से यह सवाल भी उठता है कि डेयर फैट यानी दुग्‍ध उत्‍पादों में मौजूद वसा सेहत के लिए अच्‍छी है या खराब।

क्‍या है डेयरी फैट

डेयरी फैट यानी फुल क्रीम दूध, जिसमें मलाई के रूप में वसा मौजूद होती है। इसके साथ ही दूध से बने अन्‍य उत्‍पाद जैसे दही, पनीर, मक्‍खन आदि भी डेयरी फैट में ही शामिल किए जाते हैं।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

अधिकतर लोगों को यह चिंता होती है कि कहीं यह वसा उनके दिल और धमनियों की सेहत को नुकसान न पहुंचा दे। इस चिंता को खारिज करते हुए वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि विशुद्ध रूप से दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, मक्खन या फिर फुल फैट वाला दूध, हृदय रोग या दिल का दौरा पड़ने के कारण असमय होने वाली मृत्यु के जोखिम को नहीं बढ़ाता है। एक नए अध्ययन में दूध या दूध से बने उत्पादों के फैट और दिल की बीमारियों से होने वाली मौत के बीच कोई खास संबंध नहीं देखा गया।

क्‍या कहता है शोध

डेयरी फैट का स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव जांचने के लिए एक विस्‍तृत शोध किया गया। इसमें शामिल अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि सेहत को नुकसान पहुंचाने की बजाए डेयरी प्रॉडक्ट्स में मौजूद फैट गंभीर हृदय आघात से सुरक्षा मुहैया कराता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के सहायक प्राध्यापक मार्सिया ओटो ने कहा, ‘हमारी खोज न सिर्फ इस बात का समर्थन करती है बल्कि उन प्रमाणों को भी मजबूती देती है जिनके मुताबिक डेयरी फैट बुजुर्गों में दिल की बीमारी होने या जल्दी मौत होने के खतरे को नहीं बढ़ाता है जो लोक मान्यता के ठीक उलट है।’

बॉडी में आयरन की पर्याप्त मात्रा न होना भी हो सकता हैं खतरनाक

सेहतमंद रहने के लिए बॉडी को कई प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है आयरन इनमें से एक जरूरी पोषक तत्व है आयरन हमारे पूरे बॉडी को ऑक्सीजन सप्लाई करने का कार्यकरता है बॉडी में आयरन की पर्याप्त मात्रा होने पर सारी कोशिकाएं ऊर्जा  एनर्जी से भरपूर रहती हैं

 

अगर बॉडी में आयरन की कमी हो तो आपको थकान, भूख न लगना, स्कीन का रंग पीला पड़ना, सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना या एनीमिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं आज हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन करने से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है

1- पालक, सरसों का साग, मेथी, सोयाबींस, शलगम  हरी सब्जियों में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है प्रतिदिन इनका सेवन करने से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है

2- आलू में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी सिक्स, पोटेशियम के साथ साथ आयरन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है अगर आप आयरन की कमी को दूर करना चाहते हैं तो अपने खाने में आलू को जरूर शामिल करें

3- मशरूम में भी भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है प्रतिदिन मशरूम का सेवन करने से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है

4- अगर आप आयरन की कमी को पूरा करना चाहते हैं तो टमाटर का सेवन जरूर करें टमाटर में आयरन  विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है कच्चे टमाटर में आयरन की मात्रा कम होती है इसलिए हमेशा के लाल टमाटर का सेवन करें

विटामिंस व मिनरल्स से भरपूर रासबेरी आपको दिलाएगी ये सभी फायदें

एक स्वस्थ बॉडी के लिए हारमोंस का बैलेंस में रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है हारमोंस के डिसबैलेंस होने पर पूरी बॉडी पर बुरा प्रभाव पड़ता है  मानसिक विकास रुक जाता है

इसके अतिरिक्तहार्मोन्स के असंतुलित होने पर  भी कई बिमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है हारमोंस डिसबैलेंस होने का कारण तनाव गलत खानपान, प्रदूषण  जेनेटिक रीजन हो सकते हैं आज हम आपको कुछ ऐसे फूड के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन करने से आपके हार्मोन हमेशा बैलेंस में रहेंगे

1- रासबेरी हमारी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है रासबेरी के पत्तों में भरपूर मात्रा में विटामिंस  मिनरल्स मौजूद होते हैं प्रतिदिन रासबेरी के पत्तियों की चाय पीने से बॉडी में हैवी ब्लड फ्लो होने से रुक जाता है प्रतिदिन रासबेरी के पत्तों की चाय पीने से हारमोंस हमेशा बैलेंस में रहते हैं

तिल के बीज बालों की कई समस्याओं से आपको दिलाएंगे हमेशा के लिए निजात

अगर आप वेट लॉस डाइट पर हैं तो आपने सब्जा बीज के बारे में जरूर सुना होगा. सभी न्यूट्रीशिनिस्ट इसे खाने की सलाह जरूर देते हैं क्योंकि ये बीज काफी देर तक आपकी भूख को शांत रखते हैं जिससे आपको वजन कम करने में काफी मदद मिलती है.

सब्जा को इस्तेमाल करने से पहले इसे कुछ घंटो तक पानी में भिगोकर रखना पड़ता है उसके बाद ही आप इसे शरबत, डेजर्ट या मिल्कशेक में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

बालों की समस्या में लाभकारी

तिल के बीज बालों की कई समस्याओं से निजात दिलाते हैं. अगर आप अपने बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं और आपके बाल बढ़ भी नहीं रहे हैं तो तिल के बीज आपके बालों के लिए रामबाण साबित हो सकते हैं. तिल बालों की ज़ड़ों को मजबूत करता है. इसमे मौजूद ओमेगा फैटी एसिड बालों की ग्रोथ में भी मदद करता है

स्किन के लिए चमत्कार से कम नहीं है तिल

त्वचा संबंधी समस्याओं में तिल बेहद असरदार है. तिल के बीजों में मौजूद ऑयल स्किन पर जादुई असर करता है. यह स्किन को कोमल और मुलायम बनाता है. इसके साथ ही तिल के बीज में मौजूद एंटी-इंफलेमेटरी गुण स्किन की लालिमा और दाग-धब्बों को भी ठीक करते हैं.

डाइजेशन सिस्टम को रखता है ठीक

काले तिल के बीज में हाई फाइबर और असंतृप्त फैटी एसिड पाया जाता है. तील के बीजों के सेवन से कब्ज में काफी राहत मिलती है. दरअसल तिल के बीज में मौजूद तेल आंतों को चिकनाई देता है और मल त्याग में मदद करता है.

पीरियड्स के दौरान होने वाली पेट में ऐंठन व दर्द को कम करने के लिए आजमाएं ये उपाए

पीरियड्स हर महीने स्त्रियों की कठिनाई का सबब बनता है इस दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन होता है  स्त्रियों को पेट दर्द, मूड स्विंग्स  तनाव का सामना करना पड़ता है ऐसे में आप चिडचिडि भी हो जाती हैं  इससे राहत पाना चाहती हैं ऐसा होता नहीं है

अगर आप भी पीरियड्स के दौरान अक्सर तनाव  उदास रहती हैं तो हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताते हैं इन टिप्स को आजमाकर आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है तो चलिए आपको बता देते हैं किस तरह रखें खुद को खुश

दर्द में गर्म पानी की थैली- गर्म पानी की थैली से सेंक करने पर रक्त संचार ठीक से होता है पेट में ऐंठन  दर्द कम हो जाता है, इसलिए गर्म पानी की थैली से सिकाई करें ताकि पीरियड्स का दर्द कम हो जाए

शरीर को हाइड्रेट रखें– पर्याप्त मात्रा में शरीर को हाइड्रेट रखने से आपको पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग  पेट फूलने जैसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

भरपूर सोएं- पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं बेकार में लेटे रहने से आपका मूड  बेकार होता है इससे ऊर्जा भी समाप्त होती है इसलिए पर्याप्त नींद लें ताकि आप बिल्कुल खुश  तरोताजा महसूस कर सकें

एक्सरसाइज करें- पीरियड्स के दौरान हल्की-फुल्की अभ्यास आपके मन को खुश कर सकती है इस दौरान वॉकिंग, साइकिल चलाना  स्ट्रेचिंग जैसी अभ्यास कर सकती हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है

क्या आप जानते हैं रोज़ सुबह जल्दी उठने से मिलने वाले ये लाभ, जरुर देखें

बेशक सुबह-सुबह की नींद का मजा ही कुछ और होता है लेकिन यकीन मानिए इस मजे को त्यागने के फायदे  बेहतरीन हैं। एक स्टडी में पता चला है कि देर से उठने वालों की तुलना में सुबह जल्दी उठने वाले लोग दिमागी रूप से ज्यादा फ्रेश फील करते हैं।

वह दिन नहीं रहे जब लोग सुबह उठते थें और अपने सारे काम को आराम से करते थें। आजकल की बिजी लाइफ में यह सब यादें ही है। अगर आप रात को देर तक काम करते हैं और सुबह आराम से उठने के आदी है तो आपको तुरंत सुबह उठने के फायदों के बारे में जानना चाहिए, आइए बात करते हैं सुबह जल्दी उठने के बेहतरीन फायदों के बारे में-

सुबह का समय दिन का सबसे अधिक बेहतर समय होता है, जब आप तरोताजा महसूस करते हैं और आपको अपने लिए इतना समय मिलता है कि जिसमें आपको किसी काम के लिए जल्‍दबाजी न करनी पड़े.

सुबह जल्दी उठने से आपको हेल्‍दी नाश्ता बनाने का समय मिल जाता है. ऐसे में आप जल्दी उठने वालों के पास पर्याप्‍त समय होता है कि वे अपने परिवार के लिए आसानी से स्वस्थ नाश्ता तैयार कर सकते हैं.

नाश्ता एक महत्वपूर्ण भोजन है, जो आपको दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है. वहीं देर में उठने की वजह से कई बार हम सुबह का नाश्‍ता छोड़ देते हैं.

जल्दी उठने वाले जल्दी सो जाते हैं. इसके लिए आप रात में जल्‍दी सोते हैं. वहीं जल्‍दी उठने की आदत से आपको रात में अच्‍छी नींद आती है, वहीं आपकी सेहत भी बेहतर रहती है.

माइग्रेन या साइनस ? यहाँ जानिए सिरदर्द के लक्षण और इसका उपचार

सिरदर्द तो आज के समय में आम समस्या बन गई है। आप दिन में किसी न किसी ऐसे व्यक्ति से जरूर मिलते होंगे जो आपको यह कहता हुआ सुनाई देगी कि…,’ यार मेरा तो सिर दर्द हो रहा है’। सिरदर्द एक ऐसी समस्या बन गई है जिससे बच्चे, बड़े, बुजुर्ग हर कोई परेशान है।

 

कईं बार थकान और ज्यादा काम करने के कारण या फिर पूरी नींद न लेने के कारण सिर दर्द की समस्या हो जाती है लेकिन अगर आपका लगातार सिर दर्द हो रहा है तो तुंरत डॉक्टर को दिखा लें क्योंकि आपका सिर दर्द और भी कईं अन्य बीमारियों की तरफ इशारा करता है।

सिरदर्द के लक्षण उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। जैसे-

  1. साइनस के सिरदर्द में चेहरे पर एक परमानेंट दर्द महसूस होता है। यह चीकबोन्स से लेकर माथे तक हो सकता है।
  2. माइग्रेन सिरदर्द में सिर के एक तरफ दर्द हो सकता है। जिसके साथ उल्टी या जी मिचलाना जैसी समस्या भी हो सकती है और भूख न लगना, थकान, बुखार और दिखने में दिक्कत हो सकती है।
  3. टेंशन सिरदर्द में सिर के चारों तरफ दर्द महसूस होता है।
  4. कलस्टर सिरदर्द में सिर की एक तरफ तेज दर्द, एक आंख के आसपास दर्द, रात के समय दर्द हो सकता है।
  5. अगर आपको सिरदर्द के साथ अचानक चक्कर आना, बुखार, चेहरे का सुन्न होना, एक तरफ के हाथ या पैर में कमजोरी या भ्रम की स्थिति होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जिसके बाद वह आपका फिजीकल एग्जामिनेशन कर सकता है। इसके साथ वह सीटी स्कैन, कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट, स्कल एक्सरे, साइनस एक्सरे या एमआरआई करवाने की सलाह भी दे सकता है।

मुंह या सांस की दुर्गंध के कारण होना पड़ता हैं शर्मिंदा तो इन चीजों का रखें ध्यान

हमारे और आपके बीच ऐसे कई लोग होते हैं, जिनका ड्रेसिंग सेंस और उनका लुक गजब होता है, लेकिन जब भी वे किसी के नजदीक जाकर बात करते हैं और उनके मुंह या सांस की दुर्गंध दूसरों को महसूस होने लगती है तो उन्हें सबके सामने खुद को नीचा देखना पड़ता है।

बदबूदार सांस, जिसे दुर्गंध और मेडिकल लैंग्वेज में हैलिटोसिस (halitosis) भी कहा जाता है, ये शर्मनाक हो सआज हम आपको मुंह से बदबू आने के कुछ गंभीर कारणों के बारे में बता रहे हैं. आइये जानते हैं.कती है और कुछ मामलों में चिंता का कारण भी बन सकती है।

1- गैस की समस्या और स्ट्रॉंग फूड्स- ये बात सच है कि आपका खाना आपकी सेहत को प्रभावित करता है. इसलिए जो भी खाएं सोच-समझकर खाएं. ऐसी चीजों को खाने से बचना चाहिए जिन्हें खाकर मुंह से ज्यादा बदबू आती हो.

2- धूम्रपान करना- कई बार ज्यादा धूम्रपान करने से भी अपनी सांसों में बदबू आती रहती है. दरअसल सिगरेट या बीड़ी पीने से आपके मुंह से बदबू आती है और मुंह सूख जाता है. ज्यादा स्मोकिंग से सांसों की बदबू और भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे आपको अपनी स्मोकिंग करने की आदत को काबू में करना चाहिए.

3- मुंह सूखने के कारण- अगर आपका मुंह ज्यादा सूखा रहता है तो भी आपके मुंह से बदबू आने की समस्या हो सकती है. जब मुंह में पर्याप्त लार नहीं बनती, तो मुंह सूख जाता है और बदबू आने लगती है.

40 की उम्र के बाद शरीर में होने लगती हैं कैल्शियम की कमी तो करें ये आसन

व्यायाम न केवल आपके हृदय, फेफड़े और मांसपेशियों के लिए अच्छा है। शारीरिक गतिविधि आपकी हड्डियों को स्वस्थ रखने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है, चाहे आप युवा हों या बूढ़े।

हड्डियाँ जीवित अंग हैं, इरविंग, टेक्सास में मेडिकल सिटी लास कॉलिनस में एक आर्थोपेडिक्स और स्पोर्ट्स मेडिसिन डॉक्टर, कार्मेलिटा टीटर कहते हैं। आपके शुरुआती से 20 के दशक के मध्य में, आपकी हड्डियों में कैल्शियम की आपूर्ति जमा हो जाती है।

एक बार जब आप अपने 40 के दशक में पहुंच जाते हैं, तो हड्डियों का द्रव्यमान कम होने लगता है। यदि आपके शरीर को कैल्शियम की आवश्यकता है और आपको अपने आहार से पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है, तो आपका शरीर इसे हड्डियों से ले लेगा, डॉ. टीटर कहते हैं।

तितली आसन: तितली आसन/बटरफ्लाई आसन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. बटरफ्लाई आसन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएं. दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें. सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख सकते हैं.

एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें. लंबी,गहरी सांस लें, सांस छोड़ते हुए घटनों एवं जांघो को जमीन की तरफ दबाव डालें. तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें. धीरे धीरे तेज करें.

अनुलोम विलोम प्राणायाम: पालथी मार कर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए. अब अनामिका उंगली से बाई नासिका को बंद कर दें. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ दें.

विटामिन सी युक्त गुड़हल का फूल शरीर की सूजन के उपचार में हैं कारगर

अपने आसपास ऐसे कई पौधे और फूल होते हैं, ज‍िन्‍हें हम केवल अपने घर के आसपास सुंदरता बढ़ाने के ल‍िए ही उपयोग में लाते हैं। लेक‍िन इनमें कई पौधे व फूल ऐसे भी होते हैं, जो आसानी से भी म‍िल जाते हैं और उनमें आैषधीय गुण भी भरपूर होते हैं।

इनमें ही एक फूल ऐसा भी है, जो शायद आपके आंगन या बाग में भी हो, आपने इसे महज एक फूल ही समझा हो, लेक‍िन यह फूल कई बीमार‍ियों के इलाज में रामबाण साब‍ित हो रहा है। इस फूल का नाम गुड़हल है।

गु़ड़हल को हर्बल चाय, कॉकटेल या काढ़े के तौर पर लिया जा सकता है। फूलों को सुखाकर इसकी हर्बल चाय बनाई जा सकती है। पानी उबलने पर सूखे फूल डाल दीजिए और थोड़ी चीनी मिलाकर चाय तैयार हो जाएगी। कॉकटेल के लिए इसे ठंडा होने दें और बर्फ के साथ पिएं।

गुड़हल का फूल विटामिन सी का बढ़िया स्रोत है और इससे कफ, गले की खराश, जुकाम और सीने की जकड़न में फायदा मिलता है।

गुड़हल की पत्तियां प्राकृतिक हेयर कंडीशनर का काम देती हैं और इससे बालों की मोटाई बढ़ती है। बाल समय से पहले सफेद नहीं होते। बालों का झड़ना भी बंद होता है। सिर की त्वचा की अनेक कमियां इससे दूर होती है।

इसकी पत्ती से बनी दवा से प्रसव संबंधी विकार, फोड़े-फुंसियाँ, और सूजन के उपचार में भी मदद मिलती है। गुड़हल का सत्व त्वचा में निखार और दमक लाता है।