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हेल्थ

पेट की बढ़ती चर्बी को कम करने के लिए आज ही छोड़ दें जंक फूड का सेवन

आज के समय बदलती लाइफस्टाइल और संतुलित आहार का सेवन ना करने के कारण हमारे शरीर का वजन बढ़ता जा रहा है जो हमारे शरीर को कई घातक बीमरियों का घर बना देता है।शरीर के बढ़ते वजन के कारण हमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है।

इसके अलावा शरीर का बढ़ता वजन हमारी पर्सनलटी को बिगड़ने का काम भी करता है। कई लोग शरीर के बढ़ते वजन और पेट पर जमा एक्सट्रा चर्बी को कम करने के लिए कई तरह की एक्सरसाइज व योगा आदि का इस्तेमाल करते है।

लेकिन कई बार इनका उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव देखने को मिलता है।इसलिए आज हम आपके पेट और शरीर में जमी एक्सट्रा चर्बी को कम करने के लिए आपकी डाइट में उन वस्तुओं के परहेज करने की जानकारी देंगे जो कि एक्सट्रा चर्बी को बढ़ाने में मदद करती है।

इसके लिए रोजाना ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिनमें कैलोरी, फैट की मात्रा कम पाई जाती हो। इसके अलावा प्रतिदिन शारीरिक एक्सरसाइज करना भी बेहद आवश्यक होता है।

पेट की बढ़ती चर्बी को कम करने के लिए शुगर, कार्बोहाड्रेट की मात्रा अधिक होने वाले भोजन का परहेज करना आवश्यक है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों में कैलोरी मात्रा बहुत अधिक होती है।इसके अलावा बाहर का खाना और जंक फूड का सेवन करने से भी हमारे शरीर का वजन बढ़ता है और पेट व कमर पर चर्बी आती है।

इस तरह के खाने में पोषक तत्व कम और फैट्स ज्यादा पाया जाता है।वहीं डेयरी प्रोडक्ट में कार्बोहाइड्रेट और बैड फैट्स की मात्रा अधिक होती है जो कि शरीर का बेली फैट बढ़ने में मदद करती है।

थकान से छुटकारा पाने के लिए आप भी करें कार्डियो एक्सरसाइज

रस्सी कूदना लगभग हर किसी को पसंद होता है और बचपन में तो आपस में शर्तें लगती थीं कि कौन सबसे ज्दाया रस्सी कूद सकता है. हालांकि आझ भी लोगों में इसका क्रेज कम नहीं हुआ है, इसे अगर आप दिन में दो बार करते हैं तो इससे आपीक पूरी बॉडी का वर्कआउट हो जाता है. रस्सी कूदने की अच्छी बात ये है की आप इसे कहीं भी कभी भी कर सकते हैं और ये आपके साथ कहीं भी जा सकता है.

 

फार्मेसी डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक रस्सी कूदना सबसे अच्छा कार्डियो व्यायाम है क्योंकि यह हृदय गति को बढ़ाता है. इससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा काफी कम हो सकता है.

हर कार्डियो एक्सरसाइज आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी और स्किपिंग उनमें से एक है. रस्सी कूदना आपके शरीर को शांत कर सकता है और आपकी एकाग्रता को बढ़ा सकता है.

अगर आप अपने पूरे शरीर पर जोर देकर कोई काम कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि इससे आपका शरीर ज्यादा थका हुआ महसूस करता है. रस्सी कूदने से हाथों, पैरों के शरीर के अन्ये अंगों का भी व्याकयाम हो जाता है और पूरा शरीर ऊर्जावान बन जाता है.

लगातार काम करने से आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं. स्किपिंग आपको अपनी सहनशक्ति में सुधार करने में मदद कर सकता है. जितना अधिक आप नियमित रूप से स्किपिंग करते हैं, उतना ही आपकी सहनशक्ति बढ़ती है. लगातार स्किपिंग रेंज का अभ्यास थकान से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है.

मानसून के सीजन में कोरोना के बचाव के लिए आजमाएं ये स्टेप्स

मानसून शुरू होने के साथ ही आद्र्रता और उमस तेजी से बढ़ने लगी है, जिससे कोरोना के बचाव के लिए लगाया जा रहा मास्क अधिक देर तक पहनना मुश्किल होता है। फिर भी र्सिजकल मास्क या तीन लेयर वाले कपड़े का मास्क पहनना ही सुरक्षा की दृष्टि से सही उपाय है। बारिश के कारण बीमारियों का संक्रमण तेज होता है, इसलिए हमें उन छोटी-छोटी आदतों के प्रति संवेदनशील रहना होगा, जो सेहत के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।

पेड़ पौधों वाली और अंधेरी जगहों पर मच्छर ज्यादा होते हैं. ऐसे में शाम के समय इनके पार्क आदि जगहों पर होने की ज्‍यादा संभावना होती है. इसलिए शाम के समय इन जगहों पर जाने से बचें. साथ ही फुल पैंट और पूरी आस्‍तीन वाले कपड़े पहनें. शरीर पूरी तरह ढका रहने की वजह से मच्छरों के काटने से आप बच सकेंगे.

डेंगू व चिकनगुनिया मच्छर के काटने से फैलते हैं, जबकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने पर निकलने वाले ड्रॉपलेट से फैलता है। अब तो डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी का संक्रमण हवा में होने की बात भी स्वीकारी है। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि यदि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में कोई मरीज भर्ती है तो उसे डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया नहीं होगा।

मच्छरों से बचाव के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली जरूर लगवाएं. घर बनवाते समय इसका पूरा ध्‍यान रखें. इससे मच्‍छर घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और घर में हवा भी आती रहेगी.

घर की साफ सफाई का पूरा ध्‍यान रखें. मच्छर हमेशा घर की अंधेरी जगहों और कोनों में छिपे रहते हैं. इनको खत्‍म करने के लिए इन जगहों पर मच्छर मारने वाले स्प्रे डालते रहें. ताकि ये पनप न सकें. वहीं नीम के सूखे पत्तों को जलाकर मच्छरों के आतंक को कम किया जा सकता है.

यदि आप भी अधिक करती हैं बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन तो इन बातों का रखें ध्यान

महिलाओं को अक्सर पीरियड्स को लेकर कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। इनमें पेट दर्द से लेकर, ज्यादा ब्लीडिंग तक की समस्याएं सामने आती हैं। इनमें से एक है पीरियड्स की लेट हो जाना यानी निश्चित समय से देर से पीरियड्स आना।

बार-बार बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से हार्मोनल इंबैलैंस होता है, जिससे पीरियड्स में देरी या मिस हो सकती है।अचानक वजन घटने या बढ़ने से भी आपके पीरियड पर असर पड़ता है।

रोजाना अंजीर का सेवन करने के इस समस्या से आराम मिलता है। हर रोज मुट्ठी भर अंजीर खाने से या फिर थोड़े से पानी में अंजीर को उबालकर उसका पानी पीने से आराम मिलता है। इसे कुछ दिनों से इस्तेमाल करने से ही आप आराम पाएंगी

जब आप शारीरिक या मानसिक दबाव में होते हैं, तो आपके शरीर स्ट्रैस हार्मोन पैदा करता है इस हार्मोन के बढ़ते स्तर प्रजनन प्रणाली पर असर डालते हैं। ऐसे मामलों में, आपके पीरियड्स में भी देरी हो सकती है।

दस्त, उल्टी, एसिडिटी को न करे नज़रंदाज़ आप भी हो सकते हैं फूड प्वाइजनिंग का शिकार

आजकल इंसान कई बिमारियों का शिकार हो जाता है जिनका कारण हमारा खाना ही होता है। कभी-कभी कुछ गलत खा लेने या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण कुछ लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। फूड प्वाइजनिंग होने पर दस्त, उल्टी, एसिडिटी और सीने में जलन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।

ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. जरा सी देरी या चूक आदमी की जान को आफत में डाल सकती है क्योंकि फूड प्वाइजनिंग में शरीर के भीतर नमक व पानी की मात्रा कम हो जाती है.

लहसुन के इस्तेमाल से फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल, और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं जो फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।

फूड प्वाइजनिंग होने के बाद पेट के भीतर एंजाइम्स नहीं बनते हैं जिसकी वजह से डाइजेशन पाचन की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाती है. आंतों की कार्यक्षमता निर्बल होने से भी खाना पच नहीं पाता है. गैस की दवा जैसे ओमेप्रोजेल, पैंटाप्रेजोल समेत अन्य तरह की दवाएं लेते हैं उन लोगों में एसिड का सीक्रेशन नहीं हो पाता है जिससे फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.

आपकी गैर सेहतमंद डाइट भी हो सकती हैं हार्ट अटैक का मुख्य कारण

भारतीय घरों में खाना तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब उसके साथ सलाद, अचार या पापड़ न परोसा जाए। कुछ लोग तो खिचड़ी, कढ़ी चावल यहां तक कि रोटी आदि के साथ भी पापड़ खाना पसंद करते हैं।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा पापड़ का सेवन आपके लिए परेशानी भी खड़ी कर सकता है।

गैर सेहतमंद डाइट का संबंध स्ट्रोक या हार्ट अटैक से भी जोड़ा गया है. उनका कहना है कि स्ट्रोक या हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा 22 से 28 तक बढ़ सकता है. शोधकर्ताओं ने अपनी खोज के बारे में कई स्पष्टीकरण सुझाए हैं.

तले हुए फूड में डाइटरी फैट की अधिक मात्रा होती है और ये अतिरिक्त ऊर्जा का सेवन करने की तरफ ले जाता है, जो हार्ट की समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है. रिसर्च के तौर पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग एक सप्ताह में चार या उससे ज्यादा बार खाते हैं, उनके मोटा होने का खतरा 37 फीसद ज्यादा है.

कुछ लोग बाजार में पापड़ को फ्राई किया हुआ खाना पसंद करते हैं। लेकिन जब पापड़ों को एक ही तेल का उपयोग करके बार−बार तला जाता है, तो पुनः उपयोग किया जाने वाला तेल ट्रांस−वसा में समृद्ध हो जाता है या यदि तेल की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती तो यह आपके स्वास्थ्य पर अन्य प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है जिससे हृदय की समस्या, मधुमेह आदि हो सकते हैं।

 

डिप्रेशन और स्ट्रेस की समस्या से हमेशा के लिए मिलेगा निजात, जानिए कैसे

अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो आप शारीरिक तौर पर भी खुद को सेहतमंद महसूस कर पाएंगे। अगर हम मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ और मजबूत महसूस कर रहे हैं, तो आसपास की गतिविधियों को भी सहजता के साथ संपन्न करने में सक्षम रहेंगे।
आज के समय में खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखना वाकई एक चुनौती से कम नहीं है। खुद को शांत रखना, किसी बात को ज्यादा न सोचना मन से स्ट्रॉन्ग रहने के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां
पालक, मेथी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां कोशिकाओं को विषाक्‍त या टॉक्‍सिक होने से बचाती हैं. इनका सेवन करने से मस्तिष्क तेज होता है. साथ ही इनमें विटामिन ए, सी, ई और के के अलावा आयोडीन और मैग्‍नीशियम भी मौजूद होता है.

फल
फलों में भी काफी सारे पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं. खासतौर पर सेब में फाइबर होने के साथ ही आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है. डायबिटीज के मरीज रोज एक सेब आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि इसका जीआई काफी कम होता है.

मीट
डाइट में शाकाहारी चीजों के साथ साथ नॉन वेज फूड्स भी कई बार जरूरी होते हैं. मीट में मौजूद हाई प्रोटीन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है. मीट खान से तनाव व स्ट्रेस की समस्या कम नजर आती है.
अखरोट
अखरोट की बनावट भी दिमाग की तरह नजर आती है. यह बच्चों और बड़ों के सुबह के नाश्‍ते को पूरा करने की सबसे अहम चीज है. यह मूड सुधारता है और इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के कामकाज में मदद करते हैं. साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी रोकता है. इसे खाने से स्ट्रेस कम होता है.

हल्दी दूध को पीने से आपको मिलेंगे ये सभी फायदें, नहीं जानते होंगे आप…

हज़ारों सालो से भारत और पूर्वी देशों में हल्दी का प्रयोग खाने के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में होता रहा है Haldi एक बहुत ही अच्छी प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करती है।इसलिए हमारे घरों के बड़े-बूढ़े अक्सर हमें सर्दी-जुखाम,या चोट लगने जैसी conditions में हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते रहे हैं। हल्दी दूध के फायदे अनगिनत हैं जिनको जानने के बाद पिछले कुछ वर्षों से पश्चिमी देशों में भी इसके प्रति काफी आकर्षण देखने को मिला है।

– गठिया के निदान के लिए एक बढ़िया और असरकारक पेय हल्दी वाला दूध हो सकता है. – हल्दी वाला दूध पीने से जोड़ों के दर्द को कम करता है और मांसपेशियां लचीला बनाकर दर्द करने में मददगार माना जाता है.

– आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है. यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करने में सहायक माना जाता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत चाहिए तो हल्दी वाला दूध मददगार हो सकता है.

– शोध की माने तो हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं
– हल्दी वाला दूध पीने से कान के दर्द में राहत मिलती है. ऐसा दूध पीने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. जिससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है.

लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर करते हैं काम तो इन 6 चीजों का जरुर करें सेवन

घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करने और अस्त-व्यस्त दिनचर्या का हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है लेकिन इसका सबसे अधिक असर हमारे पेट पर दिखाई देता है. आप अपने आस-पास ऐसे कई लोगों को देखते होंगे, जिनके पेट ने बेडौल आकार ले लिया है.

जरा सोचिए, अगर ये आपको इतना अजीब लगता है तो बेडौल शरीर वाले उसे शख्स को खुद कितना बुरा लगता होगा. कई बार ये बेडौल पेट लोगों के बीच इंबैरेसमेंट की वजह भी बन जाता है. अगर आपके घर में भी कोई ऐसा शख्स है और आप उसे फिट बनाना चाहती हैं तो इन चीजों को अपनी डाइट में अपनाकर देखिए. एक ओर जहां इन उपायों का कोई नुकसान नहीं है वही घर में उपलब्ध होने के कारण आप आसानी से इन्हें अपना भी सकती हैं.

1- आप हमेशा एक साथ बैठकर अधिक खाने के बजाय 2 से 3 घंटे के अन्तराल पर कुछ न कुछ खाते रहें।

2- खाना खाते समय अधिक पानी पीने से बचें, क्योंकि इससे खाना पचता नही है और चर्बी जमने लगती है।

3- रोजाना कम से कम 2 से 3 किमी मॉर्निंग वाक जरुर करें। इससे काफी कैलोरी बर्न होती है

फैट कम होता है।

4-आपको हमेशा हेल्दी ब्रेकफास्ट करना चाहिए। इसमें आप अंडा, दूध, केला और फल आदि चीजें शामिल कर सकते हैं।

5- तेजी से फैट कम करने के लिए रेग्युलरली एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ उबालकर पिए।

6-रोजाना दिन में एक बार गुनगुने पानी में एक से दो बार शहद मिलाकर सेवन जरूर करें।

 

विटामिन सी से भरपूर ये फल इम्यूनिटी बढ़ाने में हैं बेहद कारगर

आजकल हर युवक रितिक रोशन जैसा दिखना चाहता है और हर युवती करीना जैसी परफैक्ट फिगर पाना चाहती है और चाहे भी क्यों न भला, आखिर परफैक्ट बौडी पर ही तो हर पोशाक जचती है।

 

लेकिन आजकल हर कोई मोटापे से परेशान हैं। कुछ लोग पतले होने के लिए खूब डाइटिंग आदि करते हैं। जिसके कारण उनमें बहुत कमजोरी भी आ जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि भरपेट खाना खाकर भी आप अपना वजन बहुत आसानी से कम कर सकते हैं।

नींबू

नीबूं का संबंध तीखे फलों के परिवार से है. उसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. नींबू मेटाबोलिज्म तेज करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और फैट को भी पिघलाता है. मोटापे के शिकार लोगों को रोजाना एक नींबू इस्तेमाल करना चाहिए. नींबू को सलाद या सालन पर निचोड़कर या नींबू पानी बनाकर सेवन किया जा सकता है.

ग्रेप फ्रूट

ग्रेप फ्रूट जैसे संतरा केमिकल गुणों के चलते मोटापे पर काबू पाने के लिए शानदार फल है. विटामिन सी से भरपूर उस फल से इंसुलिन की सतह संतुलित रहने में मदद मिलती है. जिसके नतीजे में शरीर के फैट जमने की प्रक्रिया में कमी आती है और शारीरिक वजन भी कम होता है.

सेब, नाशपाती

सेब और नाशपाती दोनों में पानी की मात्रा काफी अधिक होती है. छिलकों के साथ दोनों फलों को खाने से अतिरिक्त फाइबर मिलता है. ये पेट को ज्यादा देर तक भरा रखने में मदद पहुंचाता है. उनके जूस की बजाए फल को खाना शरीर में अतिरिक्त फैट को जमने नहीं देता है.