Thursday , November 21 2024

विदेश

गाजा में इस्राइली हमले में 12 की मौत, पीएम नेतन्याहू के घर पर फ्लेयर्स दागने के मामले में गिरफ्तारियां

इस्राइल की तरफ से गाजा पट्टी में रातभर किए गए हवाई हमले में 12 लोगों मौत हुई है। फलस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने रविवार को इस्राइल के हमलों की जानकारी दी है। इस बीच, इस्राइली पुलिस ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निजी आवास पर फ्लेयर दागे जाने के मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

गाजा और लेबनान में तनाव बढ़ा
गाजा में हमलों के अलावा, इस्राइली वायुसेना (आईडीएफ) ने लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगरों को निशाना बनाया। सेना ने वहां के सात मकानों को खाली करने की चेतावनी दी थी। यह क्षेत्र हिजबुल्ला का गढ़ माना जाता है। लेबनान के अधिकारी फिलहाल अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित संघर्ष-विराम पर विचार कर रहे हैं।

वहीं पीएम नेतन्याहू के परिवार के गैर-मौजूदगी के दौरान उनके घर पर दो फ्लेयर्स दागे गए। इस्राइल पुलिस ने संदिग्धों के बारे में जानकारी नहीं दी, लेकिन संकेत दिया कि यह घरेलू राजनीतिक विरोधियों का काम हो सकता है। इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जौग ने इस घटना की निंदा की और सार्वजनिक क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के खिलाफ चेतावनी दी।

पीएम नेतन्याहू के खिलाफ बढ़ा विरोध
इस्राइली पीएम नेतन्याहू को हमास के 7 अक्तूबर 2023 के हमले और बंधक संकट से निपटने को लेकर तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का कहना है कि सुरक्षा में चूक और हमास के साथ बंधकों को रिहा करने के लिए समझौता न करने की जिम्मेदारी उनकी है।

न्याय प्रणाली में सुधार की मांग
न्याय मंत्री यारीव लेविन ने इस घटना के बाद न्यायिक सुधार योजना को पुनर्जीवित करने की मांग की। उनका कहना है कि यह सुधार लोकतंत्र को मजबूत करेगा, लेकिन विपक्ष इसे नेतन्याहू के सत्ता केंद्रित कदम के रूप में देखता है।

‘नाइजीरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता देता है भारत’, PM मोदी और टीनूबू ने की द्विपक्षीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के साथ अपनी वार्ता के दौरान कहा कि भारत नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देता है और वह रक्षा, ऊर्जा और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।

‘आतंकवाद, अलगाववाद जैसे मुद्दे पर दोनों देश करते रहेंगे काम’
अबुजा में बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद, समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी को प्रमुख चुनौतियों के रूप में पहचाना और कहा कि दोनों देश इनसे निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

‘नाइजीरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी को देते हैं प्राथमिकता’
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देते हैं…मुझे विश्वास है कि हमारी वार्ता के बाद हमारे संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होगा।” मोदी ने लगभग 60,000 की संख्या वाले भारतीय प्रवासी समुदाय को भारत-नाइजीरिया संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बताया और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए टीनूबू को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत पिछले महीने बाढ़ से प्रभावित नाइजीरियाई लोगों के लिए 20 टन राहत सामग्री भेज रहा है। उन्होंने पिछले साल भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ के जी20 का स्थायी सदस्य बनने का भी उल्लेख किया और इसे एक महत्वपूर्ण परिणाम बताया।

राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी और टीनूबू की बैठख
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले, मोदी और टीनूबू ने राष्ट्रपति भवन में आमने-सामने की बैठक की। इस दौरान सबसे पहले प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत भी किया गया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों की तरफ से कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।

बता दें कि पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा के तहत नाइजीरिया में हैं। अबुजा से वे जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील जाएंगे। आखिरी में पीएम मोदी गुयाना का दौरा करेंगे।

संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ एनपीपी ने दर्ज की एतिहासिक जीत, पूर्ण बहुमत के आंकड़े को किया पार

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने संसदीय चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की। स्थानीय समयानुसार शुक्रवार की सुबह छह बजे तक एनपीपी को राष्ट्रीय स्तर पर 62 फीसदी या 4.4 मिलियन वोट मिले थे। उन्होंने जिलों से आनुपातिक प्रतिनिधियों के तहत 196 सीटों में से 35 सीटें हासिल की हैं। समागी बलवेगा को 18 फीसदी से भी कम और पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) को 5 फीसदी से भी कम वोट मिले हैं।

दिसानायके ने भ्रष्टाचार से लड़ने चुराई गई संपत्तियों को वापस लाने के वादे पर सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। तुरंत चुनाव कराने और अपने एजेंडे के लिए संसदीय समर्थन हासिल करने का उनका फैसला सही साबित हुआ। एनपीपी गठबंधन ने 225 सदस्यीय विधानसभा में 123 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। पार्टी अभी कई सीटें जीतने की राह पर है।

राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट (एसएलपीपी) को दो सीटें मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में एनपीपी को संसदीय चुनाव में अधिक सीटें मिलीं। 225 सदस्यीय विधानसभा में उनके 150 सीटों के आंकड़े या पूर्ण बहुमत को पार करने की संभावना है।

चुनाव में एनपीपी का समर्थन करने वाले आईटी पेशेवर चाणक्य राजपक्षे ने कहा, लोगों ने भ्रष्टाचार और भ्रष्ट व्यवस्था से छुटकारा पाने के लिए मतदान किया। 55 वर्षीय दिसानायके ने बताया कि उन्हें संसद में मजबूत बहुमत की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण चुनाव है, जो श्रीलंका के लिए टर्निंग प्वाइंट होगा। पुलिस ने बताया कि मतदान के दौरान कहीं भी हिंसा की घटनाएं नहीं हुई।

ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर के दफ्तर ने मांगी माफी, दिवाली उत्सव पर खाने में शराब-मांस पर हुआ था विवाद

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के कार्यालय ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में दिवाली समारोह के दौरान परोसे गए मांसाहारी भोजन और शराब पर कुछ ब्रिटिश हिंदुओं की आपत्तियों के बाद इसे ‘गलती’ मानते हुए माफी मांगी है। मामले में ब्रिटिश पीएम के कार्यालय के प्रवक्ता ने सीधे ‘खाने की सूची’ का जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा कि वे इस मुद्दे पर समुदाय की भावना को समझते हैं और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी।

भरोसा दिलाते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा- डाउनिंग स्ट्रीट
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री ने दिवाली मनाने वाले कई समुदायों का डाउनिंग स्ट्रीट में स्वागत करते हुए खुशी जताई। उन्होंने ब्रिटिश हिंदू, सिख और जैन समुदायों के देश में योगदान की सराहना की और बताया कि सरकार कड़ी मेहनत, महत्वाकांक्षा और आकांक्षा जैसे साझा मूल्यों से प्रेरित है। आयोजन में एक गलती हुई, जिसे हम समझते हैं। इसके लिए हम समुदाय से माफी मांगते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।

कंजरवेटिव पार्टी की भारतीय मूल की सांसद ने पीएम को लिखा पत्र
ये बयान उस दिन आया जब कंजरवेटिव पार्टी की भारतीय मूल की सांसद शिवानी राजा ने पीएम स्टार्मर को पत्र लिखकर दिवाली समारोह के आयोजन पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि ये आयोजन कई हिंदुओं की परंपराओं के अनुरूप नहीं था।

शिवानी राजा ने सोशल मीडिया पर साझा किया था पत्र
शिवानी ने सोशल मीडिया पर अपने पत्र में लिखा, यह दुखद है कि इस साल के आयोजन में परंपराओं और रीति-रिवाजों की जानकारी की कमी दिखी। मैं, एक प्रैक्टिसिंग हिंदू और लेस्टर ईस्ट से हजारों हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करती हूं। मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि इस साल का त्योहार इस बड़ी गलती के कारण नकारात्मकता से घिर गया।

पीएम सुनक के नक्शेकदम पर कीर स्टार्रमर
29 अक्तूबर को आयोजित यह आयोजन, लेबर पार्टी के चार महीने पहले चुने जाने के बाद डाउनिंग स्ट्रीट में पहली दिवाली सभा थी। इसमें ब्रिटिश भारतीय समुदाय के नेता, पेशेवर और सांसद शामिल हुए। हालांकि, कम्युनिटी संगठन इनसाइट यूके ने दिवाली के आध्यात्मिक पहलू को समझने में ‘अज्ञानता’ की आलोचना की और सुझाव दिया कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से पहले बेहतर परामर्श आवश्यक है। रिपोर्टों के अनुसार, सभा में मांस और शराब परोसे जाने पर विवाद उठने के बाद यह मुद्दा सामने आया। डाउनिंग स्ट्रीट में दिवाली समारोह पहले भी होता रहा है। सूत्रों के अनुसार, स्टार्मर, ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नक्शेकदम पर चलते हुए, दिवाली पर 10 डाउनिंग स्ट्रीट के दरवाजे पर दीये जलाने के इच्छुक थे।

अंतरिक्ष से दिखाई पड़ रहा लाहौर का जहरीला स्मॉग, पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में सांसों पर संकट

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तरफ से ली गई सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, पाकिस्तान के लाहौर शहर में छाए घने, जहरीले धुएं के बादल अब अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहे हैं। मुल्तान और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों समेत पाकिस्तान के कई शहर धुंध के संकट से जूझ रहे हैं। एक स्थानीय टीवी चैनल ने बताया कि लाहौर और मुल्तान शहर काली धुंध की चादर में लिपटे हुए हैं, जिसने सड़कों को घेर लिया है और इमारतों को देखना भी मुश्किल बना दिया है।

‘मंगलवार को लाहौर में हवा दुनिया में सबसे प्रदूषित रही’
स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी आईक्यूएयर के अनुसार, मंगलवार को लाहौर में हवा दुनिया में सबसे प्रदूषित रही। आज दोपहर लाहौर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 429 था, जबकि एक इलाके में रियल टाइम एआईक्यू रीडिंग 720 थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए यूनिसेफ ने चेतावनी जारी की है कि पंजाब में अत्यधिक प्रदूषित हवा लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है, जिसमें पांच साल से कम उम्र के 11 मिलियन से अधिक बच्चे शामिल हैं।

वायु गुणवत्ता को लेकर यूनिसेफ की चेतावनी
यूनिसेफ की चेतावनी में कहा गया है कि दर्जनों बच्चों समेत सैकड़ों लोगों को बुरी तरह प्रभावित शहरों में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और प्रदूषण इतना गंभीर है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। पाकिस्तान यूनिसेफ के प्रतिनिधि अब्दुल्ला फादिल ने इस्लामाबाद में जारी एक बयान में कहा, चूंकि पंजाब प्रांत में धुंध अभी भी बनी हुई है, इसलिए मैं उन छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में बेहद चिंतित हूं, जिन्हें प्रदूषित, जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पर्यावरणीय कुप्रबंधन से पाकिस्तान में सांसों पर संकट
एक स्थानीय समाचार चैनल के अनुसार, प्रदूषण के कारण पाकिस्तान में अधिकारियों को स्कूल और सार्वजनिक स्थान बंद करने पड़े हैं, क्योंकि धुंध से लाखों लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है। लाहौर के अधिकारियों ने इस मौसम को अभूतपूर्व माना है, भले ही दक्षिण एशियाई प्रमुख शहर हर साल जहरीली धुंध से पीड़ित होते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि लाहौर में गंभीर प्रदूषण को अब मौसमी मानकर खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि खतरनाक धुंध गर्मियों के महीनों में भी बनी रहती है, जो प्रणालीगत पर्यावरणीय कुप्रबंधन का संकेत है। यह संकट केवल पराली जलाने से ही नहीं बल्कि अनियंत्रित वाहन उत्सर्जन, पुरानी औद्योगिक प्रथाओं और अप्रभावी पर्यावरणीय निगरानी से भी उपजा है।

डाउनिंग स्ट्रीट के दिवाली कार्यक्रम में परोसा गया मांसाहारी भोजन और शराब? हिंदू संगठनों ने जताई आपत्ति

ब्रिटेन के कुछ हिंदू संगठनों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की ओर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर आयोजित दिवाली समारोह को लेकर नाराजगी जताई है। जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में कथित तौर पर मांसाहारी व्यंजन और शराब भी परोसी गई। हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक दृष्टि से अनुचित बताया है।

इनसाइट यूके जैसे कई हिंदू संगठनों ने इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया और कहा कि दिवाली केवल के त्योहार नहीं है, बल्कि एक धार्मिक अवसर भी है। उनका कहना है कि इस दिन शुद्धता और भक्ति को महत्व दिया जाता है। इसलिए पारंपरिक रूप से इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब से परहेज किया जाता है।

‘दिवाली से जुड़ी धार्मिक परंपराओं का सम्मान जरूरी’
अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में ‘इनसाइट यूके’ ने लिखा, दिवाली का त्योहार सिर्फ आनंद मनाने का नहीं, बल्कि यह धार्मिक रूप से गहरी महत्वता रखता है। इस त्योहार से जुड़ी धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना रूरी है, जिसमें मांसाहारी भोजन और शराब से परहेज की परंपरा रही है। संगठन ने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस कार्यक्रम को आयोजित करने से पहले हिंदू धर्म गुरुओं और समुदाय से परामर्श किया गया था, ताकि सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदशीलता को ध्यान में रखा जा सके।

पीएम कीर स्टार्मर ने आयोजित किया था दिवाली समारोह
कुछ हिंदू संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इस कार्यक्रम का निमंत्री नहीं भेजा गया, जबकि यह आयोजन पिछले कई वर्षों से डाउनिंग स्ट्रीट में होता आ रहा है। इस बार यह आयोजन प्रधानमंत्री स्टार्मर द्वारा किया गया। इससे पहले यह कार्यक्रम कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक ने किया था, जो ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री थे।

‘डाउनिंग स्ट्रीट पर किया गया था बहुसांस्कृतिक आयोजन’
डाउनिंग स्ट्रीट ने इस आयोजन में परोसी गई चीजों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह एक बहुसांस्कृतिक आयोजन था, जिसमें सिख समुदाय के बंदी छोड़ दिवस का भी जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में ब्रिटिश भारतीय समुदाय के नेता, पेशेवर और सांसद शामिल हुए थे। इस मौके पर स्टार्मर ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दीप जलाए। ऐसा ही उनके पूर्ववर्ती सुनक ने भी किया था।

यूक्रेन का रूस पर अब तक सबसे बड़ा ड्रोन हमला, मॉस्को एयरपोर्ट बंद, एक घायल

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को अब तीन साल होने वाले हैं। हालांकि, दोनों ही तरफ से जबरदस्त हमलों का दौर जारी है। इस बीच यूक्रेन ने रविवार को मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया। बताया गया है कि कीव की तरफ से रूसी राजधानी में 32 ड्रोन्स के जरिए हमला किया गया। इसके चलते शहर के तीन एयरपोर्ट्स को बंद कराना पड़ा और यहां आने वाले विमानों को दूसरे स्थानों पर लैंडिंग के लिए भेजना पड़ा।

रूस ने कहा है कि उसने मॉस्को की तरफ आ रहे सभी 32 ड्रोन्स मार गिराए। यह ड्रोन्स मॉस्को क्षेत्र के रैमेन्सकोय और कोलोमेन्स्की जिले को निशाना बनाने आए थे। इसके अलावा इनके निशाने पर दोमोदेदोवो शहर भी था, जहां मॉस्को का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।

रूसी अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, एक व्यक्ति के घायल होने की खबर नहीं है। ड्रोन्स को खत्म किए जाने के बाद एयरपोर्ट्स पर सामान्य सेवा शुरू कर दी गई।

इस ड्रोन हमले के कुछ अपुष्ट वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर भी वायरल हो रहे हैं। इनमें यूक्रेनी ड्रोन्स को मॉस्को के आसमान में गरजते देखा जा सकता है। रूसी अधिकारियों ने कुछ अन्य क्षेत्रों- कलुगा, ब्रायंस्क और ओरलोव क्षेत्र में भी यूक्रेनी ड्रोन्स के हमले की बात कही है।

रूस पर पहले भी ड्रोन हमला कर चुका है यूक्रेन
मॉस्को और इसके आसपास के क्षेत्र में रूस की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा रहता है। ऐसे में यूक्रेन के ड्रोन हमले भी इसी तरफ ज्यादा केंद्रित रहे हैं। क्रेमलिन से कुछ ही दूरी पर स्थित मॉस्को का रैमेन्सकोय जिले में सितंबर में यूक्रेनी ड्रोन्स का हमला हुआ था। तब यूक्रेन ने 20 ड्रोन्स भेजे थे, जिन्हें रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया था।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बांग्लादेश लाना चाहती है अंतरिम सरकार, इंटरपोल से मांगेगी मदद

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस देश लाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन में हुई मौतों का मुकदमा चलाने के लिए उनको बांग्लादेश लाया जाएगा। इसके लिए अंतरिम सरकार इंटरपोल की मदद मांगेगी।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर छात्र नेतृत्व वाले विद्रोह के बीच पांच अगस्त को भारत चली गई थीं। इस दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में कई लोग घायल हुए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुताबिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

इस मामले में हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपराध और नरसंहार की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना के खिलाफ 225 मामले दर्ज हैं, इनमें हत्या के 194, मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के 16 मामले, अपहरण के तीन मामले, हत्या के प्रयास के 11 मामले और ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ की रैली पर हमले के संबंध में एक मामला शामिल है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानून मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा कि इंटरपोल के जरिये बहुत जल्द रेड नोटिस जारी किया जाएगा। चाहे ये फासीवादी लोग दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में जीर्णोद्धार की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद कहा कि हसीना और उनके कई कैबिनेट सहयोगियों और अवामी लीग के नेताओं पर विशेष न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया जाएगा। 17 अक्तूबर को न्यायाधिकरण ने हसीना और 45 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इसमें उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय और उनके कई पूर्व कैबिनेट सदस्य शामिल हैं।

ताइवान को उम्मीद- चुनाव में किए वादे को निभाएंगे ट्रंप, चीन के आक्रमण से द्वीप राष्ट्र को बचाएंगे

ताइवान सरकार को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उम्मीद है कि वह स्व-शासित द्वीप की चीनी आक्रामकता से रक्षा करना जारी रखेंगे। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइपे उम्मीद कर रहा है कि ट्रंप अपने चुनावी अभियान के दौरान किए गए उस वादे को पूरा करेंगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका भुगतान के बाद द्वीप राष्ट्र की रक्षा करेगा।

द्वीप राष्ट्र के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता करेन कुओ ने कहा, हम नए अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस के साथ मिलकर ताइवान-अमेरिका संबंधों में एक नई स्थिति बनाने के लिए काम करेंगे। आरएफए की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के निवासी डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत को द्वीप राष्ट्र की जीत के रूप में देख रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, ट्रंप जो कदम उठाते हैं, वे बाइडन से ज्यादा मजबूत होते हैं और चीन कुछ भी गलत कदम नहीं उठाएगा। वह ऐसा नहीं होने देंगे कि चीन ताइव को अपने में मिला ले।

ताइपे के एक अधिकारी ली ने कहा, मुझे लगता है कि ट्रंप के चुनाव जीतने से ताइवान जलडमरूमध्य का सुरक्षा माहौल बेहतर होगा। ट्रंप ने पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजिंग ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुत आक्रामक कदम उठाए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में अपने सारे जहा तैनात कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि ताइवान का मौजूदा उन्नत सेमिकंडक्टर उद्योग चीन के आक्रमण में एक बड़ी रुकावट है।

नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफसर ताओ यी-फेन ने सुझाव दिया कि ताइवान सरकार को अमेरिकी राष्ट्रपति से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए और रक्षा खर्च से जुड़े उपायों पर चर्चा करनी चाहिए। ताओ ने आगे कहा, ट्रंप ताइवान के लिए सीधे तौर पर सैन्य मदद का वादा नहीं करेंगे। लेकिन वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह सोचने का मौका नहीं देंगे कि उन्होंने ताइवान छोड दिया है।

इस राज्य में पिछड़ते ही बिफरे ट्रंप, 2020 की तरह लगाए धोखाधड़ी के आरोप, धमकी भी दी

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प मोड़ पर हैं। जहां रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस कई राज्यों में करीबी मुकाबले में उलझे हैं, वहीं स्विंग स्टेट के तौर पर पहचाने जाने वाले पेंसिलवेनिया में डोनाल्ड ट्रंप पिछड़ते दिख रहे हैं। फिलहाल यहा वोटों की गिनती जारी है, लेकिन दोनो नेताओ के बीच वोटों का अंतर काफी ज्यादा है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 की तरह ही इस बार भी पेंसिलवेनिया में पिछड़ने के बाद राज्य में धोखाधड़ी से जुड़े दावे कर दिए। उन्होंने इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी।

इससे पहले पेंसिलवेनिया के फिलाडेल्फिया में जबरदस्त वोटिंग के दौरान ट्रंप ने कहा था कि शहर में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी से जुड़ी बातें हो रही हैं। हालांकि, फिलाडेल्फिया के एक अधिकारी ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर धमकाने के अंदाज में लिखा, “कानूनी एजेसी आ रही हैं!!”

रिपब्लिकन उम्मीदवार ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। हालांकि, वे 2020 में भी कुछ इसी तरह वोटर फ्रॉड का मुद्दा उठा चुके हैं। उनके इन आरोपों पर फिलाडेल्फिया के आयुक्त और रिपब्लिकन सेथ ब्लूस्टीन ने कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। शहर में वोटिंग बिल्कुल सुरक्षित है। फिलाडेल्फिया पुलिस ने भी ट्रंप के आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया।

रिपब्लिकन पार्टी ने पेंसिलवेनिया में उठाए वोटिंग पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ उनकी पार्टी भी पेंसिलवेनिया में वोटिंग को लेकर सवाल उठा चुकी है। हालांकि, राज्य के गवर्नर जॉश शपीरो ने पिछले हफ्ते ही ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के आरोपों को नकार दिया था। 2020 में भी शपीरो ने वोटिंग में धोखाधड़ी से जुड़ी 43 चुनौतियों को गलत साबित कर दिया था।