Friday , November 22 2024

विदेश

अमेरिका के 40 हजार सैनिकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, कोविड वैक्सीन न लगवाना पड़ेगा महंगा

अमेरिका में ‘आर्मी नेशनल गार्ड’ के करीब 40 हजार सैनिकों ने कोविड-19 से बचाव के लिए गुरुवार को तय अंतिम समय सीमा तक अनिवार्य रूप से टीका लगवाने की शर्त को पूरा नहीं किया तो 14 हजार सैनिकों ने टीका लगवाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है।

आंकड़ों के मुताबिक छह राज्य ऐसे हैं जहां पर 20 से 30 प्रतिशत गार्ड सैनिकों ने टीकाकरण नहीं कराया है जबकि 43 राज्यों में ऐसे सैनिकों की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक है।आर्मी नेशनल गार्ड के लेफ्टिनेंट जनरल जॉन जेनसेन ने  इंटरव्यू में कहा कि हम वह सबकुछ कर रहे हैं जिससे सभी सैनिकों को टीका लगवाने और अपना सैन्य करियर जारी रखने का अवसर मिले।

गार्ड के अधिकारियों ने बताया कि वे समय पर टीका लगवाने के लिए सैनिकों को प्रोत्साहित करने के लिए यथासंभव कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने बताया की करीब सात हजार सैनिकों ने टीकाकरण से छूट देने की मांग की है जिन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं।

इनमें से लगभग सभी ने धार्मिक कारणों से टीकाकरण से इंकार किया है।गार्ड के अधिकारियों ने बताया कि वे समय पर टीका लगवाने के लिए सैनिकों को प्रोत्साहित करने के लिए यथासंभव कोशिश कर रहे हैं।

South Africa के एक नाइट क्लब में हुई 17 लोगों की मौत, मामले की छानबीन में लगी पुलिस

दक्षिण अफ्रीका से रविवार को बड़ी घटना सामने आ रही है। यहां के ईस्ट लंदन शहर के एक नाइट क्लब में 17 लोग मृत पाए गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी है।इन सभी लोगों की मौत किस वजह से हुई है, इस बात का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है.

पूर्वी लंदन के केप प्रांत के किनारे पर स्थित सीनरी पार्क के एन्योबेनी टैवर्न में रविवार की तड़के इमरजेंसी सर्विस को बुलाया गया था.पूर्वी केप पुलिस के प्रवक्ता ब्रिगेडियर टेम्बिंकोसी किनाना ने बताया कि मरने वालों में 18 से 20 साल के युवा भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि 17 लोग नाइट क्लब के एक स्थानीय केबिन के अंदर मृत पाए गए थे.

उनके मुताबिक, अभी मौत के कारणों का निर्धारण करना जल्दबाजी होगी. डेली डिस्पैच के रिपोर्टर ने कहा कि मरने वालों की संख्या 22 हो सकती है.घटना की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच जारी है।घटना के आसपास की परिस्थितियों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम इस स्तर पर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहते हैं, इसलिए हमारी जांच जारी है.

गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले पांच दशक पुराने फैसले को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पलटा

अमेरिका में गर्भपात का 50 साल पुराना संवैधानिक संरक्षण समाप्त हो गया है। अब महिलाओं के गर्भपात के हक को लेकर अमेरिका के सभी राज्य अपने-अपने अलग नियम बनाएंगे। . ऐसा कर कोर्ट ने अपने ही पांच दशक पुराने उस ऐतिहासिक फैसले को बदल दिया है जहां पर महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी दर्जा दिया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की निंदा की. उन्होंने इसे लाखों अमेरिकियों द्वारा अनुभव की गई ‘जरूरी स्वतंत्रता’ पर हमला बताया है. ओबामा ने ट्वीट किया- आज, सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ 50 साल के इतिहास को पलट दिया, बल्कि राजनेताओं और विचारकों की सनक के लिए सबसे गहन व्यक्तिगत निर्णय को खारिज कर दिया.

बहुमत से लिए गए फैसले को सुनाते हुए न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो ने कहा, “गर्भपात एक गहरा नैतिक मुद्दा प्रस्तुत करता है, जिस पर अमेरिकी तीव्र परस्पर विरोधी विचार रखते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है.

“बलोचिस्तान की समस्याओं का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी ईस्ट इंडिया कंपनी नहीं है चीन” पीएम शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के लिए अर्थव्यवस्था चलाना मुश्किल हो रहा है। इसके लिए सरकार तरह-तरह के जुगाड़ में जुटी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एलान  किया कि अब वह अमीरों पर 10 फीसदी सुपर टैक्स लगाएगी।

इस दौरे पर उन्होंने बलोचिस्तान के लोगों से क्षेत्र में विकास के लिए निवेश कर रहे विदेशी निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।शहबाज शरीफ ने कहा है कि चीन पाकिस्तान का सबसे करीबी दोस्त है।

चीन और ब्रिटिश राज के दौरान ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ में कोई समानता नहीं है। चीन ने हमेशा पाकिस्तान की कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर समर्थन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश ने अधिक मुश्किलों का सामना किया है। हमेशा गरीबों ने कुर्बानी दी है।

बलोचिस्तान की दिक्कतों को लेकर शहबाज ने कहा कि स्थानीय लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि मछुआरों को उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा।उन्होंने लिखा कि 4 परसेंट का सुपर टैक्स सभी सेक्टर्स पर लागू होगा।

उन्होंने कहा कि यह बेहद आसान था कि लोगों को परेशानी में छोड़ दिया जाए और दूसरों की तरह मूक दर्शक बनकर तमाशा देखा जाए। उन्होंने कहा कि कठिन हालात होने के बावजूद सरकार ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया।

पाकिस्तान पेपर एसोसिएशन ने दी चेतावनी, नए एकेडमिक ईयर में छात्रों को इस वजह से नहीं मिलेगी किताबें

पाकिस्तान में आर्थिक संकट इतना गहरा हो गया है कि अब आम नागरिकों से पेट्रोल बचाने और कम चाय पीने जैसी अपीलें की जा रही हैं। अब पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी है ताकि पेट्रोल की बचत की जा सके।अब हाल ही में पाकिस्तान पेपर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि देश में पेपर संकट के कारण अगस्त 2022 से शुरू होने वाले नए एकेडमिक ईयर में छात्रों को किताबें उपलब्ध नहीं हो सकेंगी.

ऑल पाकिस्तान पेपर मर्चेंट एसोसिएशन ऑफ प्रिंटिंग ग्राफिक आर्ट इंडस्ट्री और पेपर उद्योग से जुड़े दूसरे आर्गेनाइजेशन ने देश के प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. कैसर बंगाली के साथ एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि अगस्त से शुरू हो रहे नए एकेडमिक ईयर में पेपर संकट के कारण छात्रों को किताबें उपलब्ध नहीं हो सकेंगी.

पाकिस्तान के आर्थिक संकट को हम इस बात से भी समझ सकते हैं कि नेशनल असेंबली में पेश बजट को सत्ताधारी गठबंधन में शामिल शेरी रहमान ने ही आईएमएफ का बजट बताया है। जब पाकिस्तान के अपने लोन और अन्य निवेशों पर भुगतान करने की बात आती है उन्होंने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान में आर्थिक हालात बेहद खराब हैं और मजबूरी में हमें बजट तैयार करने के लिए आईएमएफ की शर्तों को मानना पड़ रहा है।

भीषण भूकंप के बाद सामने आई अफगानिस्तान से ऐसी दर्दनाक तस्वीरें, अबतक हुई एक हजार लोगों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई थी और इस आपदा ने समस्याओं को और गंभीर बना दिया है. इस आपदा से देश की संचार व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.यूनाइटेड नेशंस के मानवीय मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स और अफगानिस्तान के लिए यूनाइटेड नेशंस के उप विशेष प्रतिनिधि रमिज़ अलकबरोव ने अफगानिस्तान की 3.8 करोड़ की आबादी के समक्ष खड़ी गंभीर कठिनाइयों और खतरों का जिक्र किया।

मुश्किल हालात के बीच तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से मदद की गुहार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र संघ उन संस्थाओं में शामिल है, जो आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित पक्तीका प्रांत के सुदूर इलाक़ों में लोगों को रहने के लिए ठिकाने और भोजन मुहैया करा रहा है. अफगानिस्तान में 22 जून को आए भीषण भूकंप के बाद सुरक्षा परिषद की एक बैठक में अधिकारियों ने ये बयान दिए।

अफगानिस्तान की सरकारी मीडिया के अनुसार, इस भूकंप में करीब एक हजार लोग मारे गए हैं। हालांकि, यूनाइटेड नेशंस ने पक्तिका और खोस्त प्रांतों में भूकंप के कारण करीब 770 लोगों के मारे जाने का अनुमान लगाया है।

बचाए गए लोगों और बचावकर्मियों ने बीबीसी को बताया है कि जहां पर भूकंप का केंद्र था, उसके आसपास के गांव, सड़क और मोबाइल फोन के टावर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. उन्हें आशंका है कि इस आपदा में मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.

नेपाल में महसूस हुए भूकंप के जोरदार झटके, रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई तीव्रता

नेपाल में  फिर से भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। राजधानी काठमांडू से 161 किलोमीटर दूर इसका केंद्र बताया जा रहा है।रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई।जान-माल के नुकसान की अभी कोई खबर नहीं है।

इससे पहले 21 जून को अफगानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दिया।नेपाल में भूकंप ऐसे वक्त पर आया, जब एक दिन पहले ही भूकंप ने अफगानिस्तान में तबाही मचा दी. अफगानिस्तान में बुधवार को आए भूकंप में कम से कम 1000 लोग मारे गए हैं.

दो दशक में सबसे भीषण भूकंप है. भूकंप के चलते 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. पहाड़ी रास्तों से पीड़ितों को ले जाती एंबुलेंस. भूकंप के बाद ढह चुके घर के मलबे से अपना सामान बीनता हुआ एक शख्स. भूकंप में घायल एक बच्चे को पकतीका के अस्पताल में मिलते सैनिक.अभी कल अफगानिस्तान के एक अधिकारी के मुताबिक, इस भूकंप में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

बढ़ते क़र्ज़ को नही चूका पा रहा पकिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान को ही कर दिया कुर्बान

पाकिस्तान अपने बढ़ते कर्ज का भुगतान करने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र (पीओके) गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) को चीन को लीज पर दे सकता है। काराकोरम नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष मुमताज नगरी ने आशंका जताई है कि पहले से अलग-थलग और उपेक्षित गिलगित-बाल्टिस्तान ग्लोबल पॉवर्स से लिए भविष्य में युद्ध का मैदान बन सकता है।

गिलगित-बाल्टिस्तान की आबादी लगातार घट रही है क्योंकि लोग पलायन करने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में होने वाली आत्महत्याओं में से नौ फीसद गिलगित-बाल्टिस्तान में होती हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान की आबादी घटती जा रही है। सक्षम लोग अपने परिवारों के साथ पलायन कर रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में औसतन दो घंटे बिजली मिलती है क्योंकि यह पाकिस्तान के राष्ट्रीय ग्रिड का हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही गिलगित-बाल्टिस्तान का जल विद्युत या अन्य संसाधनों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

उन्होंने आशंका जताई है कि पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को चीन को सौंप सकता है। एक रिपोर्ट में चिंताजनक रूप से कहा गया है कि पाकिस्तान में होने वाली सभी आत्महत्याओं में से नौ प्रतिशत जीबी में होती हैं।  पूरी तरह से पाकिस्तान सरकार और सैन्य नियंत्रण के बावजूद भी पाकिस्तान के लिए इस तरह का कदम उठाना आसान नहीं होगा।

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अफगानिस्तान में भूकंप ने जमकर मचाई दहशत, अबतक आपदा में 250 लोगों ने गवाई जान

बुधवार की सुबह अफगानिस्तान के  लिए बेहद खतरनाक साबित हुई है। आज सुबह अफगानिस्तान में भूकंपके तेज झटके महसूस हुए.यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इसके अलावा करीब 150 लोगों के घायल होने की सूचना है।

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था और 51 किलोमीटर की गहराई में था। ये भूकंप इतना तेज था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान, क्वेटा में भी लोगों को झटके महसूस हुए। इसके अलावा भारत में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है।

खबर है  कि भूकंप की वजह से अब तक करीब 255 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 से ज्यादा घायल हुए हैं। माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा होहो सकता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 रही, जिसका केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिण पूर्व में था। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) द्वारा की गई जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में बुधवार सुबह 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए।

वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।