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विदेश

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी चुनाव के बीच आखिर क्या हैं शी जिनपिंग के पोस्टर का सच ? जानिए यहाँ

ऑस्ट्रेलिया में बहुत जल्द आम चुनाव होने हैं इस बीच ऑस्ट्रेलियाई चुनाव उम्मीदवारों के चेहरे चिपकाए गए हैं – लेकिन एक चेहरा है जो सबसे अलग है, और वह शी जिनपिंग का है। इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन कर उभरा है।

चीन को ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में पेश किया गया है। विपक्षी लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीज ने एक चुनावी भाषण मे कहा- ‘शी जिनपिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के स्वरूप को बदल दिया है। अब ये पार्टी अधिक आक्रामक हो गई है। इसका ऑस्ट्रेलिया पर निश्चित प्रभाव पड़ेगा। इसलिए ऑस्ट्रेलिया को इसका जवाब अवश्य देना चाहिए।’

संघीय चुनाव अभियान शुरू होने से पहले, आरोप लगाए जा रहे थे कि चीन लेबर जीत चाहता है। 21 मई को मतदान से एक सप्ताह पहले, जनमत सर्वेक्षण – हालांकि कुख्यात अविश्वसनीय सुझाव देते हैं कि यह वास्तव में हो सकता है, 2013 के बाद पहली बार एक लेबर सरकार को सत्ता में लाना।

चीनी नेता, हालांकि किसी भी आधुनिक लोकतंत्र में भागीदार नहीं हैं, विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों से घिरे एक अभियान में एक परिचित उपस्थिति बन गए हैं और आंशिक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर लड़े हैं।

अनाज की जमाखोरी और वितरण में भेदभाव पर भारत ने जताई चिंता कहा-“अनाज का बंटवारा कोरोना टीकों की तरह न हो”

भारत ने अनाज की जमाखोरी और वितरण में भेदभाव पर चिंता जताई है। पश्चिमी देशों से भारत ने आह्वान किया कि अनाज का बंटवारा कोरोना टीकों की तरह नहीं होना चाहिए।केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने कहा कि हम श्रीलंका को भी मुश्किल दौर में खाद्य सहायता समेत और मदद दे रहे हैं।

उसने कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के उसके फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि वह जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकता है।

विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने यहां कहा, ”कम आय वाले विभिन्न वर्ग आज अनाज की बढ़ती कीमतों और उनकी पहुंच तक मुश्किल की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि पर्याप्त भंडार वाले भारत जैसे देशों ने खाद्यान्न में अनुचित वृद्धि देखी है। यह साफ है कि जमाखोरी की जा रही है। ”

भारत ने उच्च स्तरीय बैठक में संयुक्त राष्ट्र में पहली बार गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी बात रखी। मुरलीधरन ने कहा कि भारत सरकार गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक आई वृद्धि को स्वीकार करती है, जिससे हमारी और हमारे पड़ोसियों तथा अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।

सावधान! उत्तर कोरिया में तेज़ी से फैल रहा कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, WHO ने दी सख्त चेतावनी

उत्तर कोरिया में इन दिनों कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.हफ्ते पहले ही कोरोना का पहला केस मिला था.अब ताज़ा खबरों की माने तो यहाँ मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि उत्तर कोरिया जैसी जगहों से कोरोना का नया वैरिएंट पैदा हो सकता है. कोरिया में गैर टीकाकरण वाले लोगों के बीच में कोरोना वायरस के संक्रमण के उच्च स्तर पर पहुंचने का खतरा बना हुआ है.

उत्तर कोरिया विश्व स्वास्थ्य संगठन का सदस्य है, लेकिन एक अलग थलग देश है. वह अपने पहले कोविड-19 के प्रकोप से ही निजात नहीं पा सका है.उत्तर कोरिया में कोरोना बेकाबू हो चुका है.

यहां 232,880 नए मामले सामने आए.  24 घंटे में छह लोगों के मौत की पुष्टि हुई है.  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बार बार यह चेतावनी दी है कि जहां संक्रमण की जानकारी या जांच नहीं होती हैउसने दवा की सप्लाई में तेजी लाने के लिए जवानों को लगाने का आदेश दिया है.

फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो की सदस्यता के लिए दिया आवेदन, जिससे पुतिन को लगेगा दोहरा झटका

रूस के पड़ोसी देश फिनलैंड और स्वीडन ने व्लादिमीर पुतिन को एक साथ दोहरा झटका दिया है। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन  के महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा कि-” फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन दिया है।”

स्वीडन ने  रूस विरोधी सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने का औपचारिकअनुरोध पर हस्ताक्षर कर दिया है।फिनलैंड अब औपचारिक आवेदन पर हस्ताक्षर कर आने वाले कुछ दिन में स्वीडन के साथ इसे नाटो मुख्यालय में जमा कर सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टोल्टनबर्ग ने दो नॉर्डिक देशों के राजदूतों से आवेदन प्राप्त करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ”मैं नाटो में शामिल होने के फिनलैंड और स्वीडन के अनुरोध का स्वागत करता हूं। आप हमारे निकटतम साझेदार हैं।”

स्वीडन की सरकार ने भी सोमवार को नाटो में शामिल होने के विचार की घोषणा की थी। नाटो के अधिकतर सदस्य देश जल्द से जल्द दोनों देशों का स्वागत करने को उत्सुक हैं।

श्रीलंका संकट: भयावह स्थिति से गुजर रहा भारत का पडोसी मित्र, गैस खत्म, सिर्फ आज भर का तेल बचा…

श्रीलंका में हर गुजरते दिन के साथ संकट गहराता जा रहा है। आर्थिक संकट के साथ-साथ जब यह देश ऊर्जा संकट से भी घिर गया है, तो ऐसे समय में भारत ने  बड़ी मदद भेजी जा रही है।

नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि, श्रीलंका में सिर्फ आज भर का ही पेट्रोल बचा है और शाम तक देश में पेट्रोल खत्म हो जाएगा।कोलंबो के सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल खरीदने के लिए मोटर चालकों की कतार।

एएफपीनवनिर्वाचित प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को घोषणा की कि श्रीलंका का आर्थिक संकट एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गया है, ने घोषणा की कि द्वीप-देश पेट्रोल के अपने अंतिम दिन तक नीचे था।

पीएम विक्रमसिंघे ने कहा किस, ‘फिलहाल, हमारे पास केवल एक दिन के लिए पेट्रोल का स्टॉक है। अगले कुछ महीने हमारे जीवन के सबसे कठिन महीने होने वाले हैं’। विक्रमसिंघ ने अपने संबोधन में कहा था, भारतीय ऋण सुविधा से डीजल के दो और खेप 18 मई और एक जून को पहुंचने वाले हैं। पेट्रोल के दो खेपों के 18 एवं 29 मई तक श्रीलंका पहुंचने की संभावना है। इसके बाद श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल की कमी को काफी हद तक कम कर लिया जाएगा।

 

बड़ी खबर : भारत के गेहूं निर्यात प्रतिबंध पर अमेरिका ने तोड़ी चुप्पी, फैसले पर जताई गहरी चिंता

गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले ने वैश्विक बाजारों में हलचल पैदा कर दी हैघरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने के कारण भारत द्वारा गेहूं निर्यात पर लगाई गई पाबंदी का अमेरिका ने विरोध किया है।

जिससे पहले से ही गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। अमेरिकी कृषि सचिव टॉम विल्सैक ने भारत के गेहूं निर्यात प्रतिबंध के बारे में “गहरी चिंता” व्यक्त की है। विल्सैक ने पत्रकारों के साथ एक कॉल पर कहा, “हमें बाजार में पारदर्शिता की जरूरत है, हमें एक ऐसे बाजार की जरूरत है जो जरूरतमंद लोगों तक सामान पहुंचाने में मदद कर रहा है।”

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद की हमारे द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होगा और हमें उम्मीद है कि वह अन्य देशों द्वारा जताई जा रही चिंता को देखते हुए अपने फैसले पर फिर से विचार करेगा।

व्यापार सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि इस बीच, एशिया में गेहूं आयातक आपूर्ति के नए स्रोतों को खोजने के लिए हाथ-पांव मार रहे थे, क्योंकि भारत ने घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए सप्ताहांत में अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पकिस्तान: चीनी प्रशिक्षकों को कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान से बुलाया गया वापस

चीन ने पाकिस्तान में कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान में मंदारिन पढ़ाने वाले प्रशिक्षकों को वापस बुला लिया है। कराची विस्फोट में में तीन चीनी मूल के नागरिकों की मौत के बाद इन सभी ने अपना देश छोड़ दिया।

चीनी प्रशिक्षकों की स्वदेश वापसी 26 अप्रैल को कन्फ्यूशियस संस्थान के बाहर कराची विश्वविद्यालय में चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले के मद्देनजर हुई है। हमले में तीन चीनी नागरिकों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।

2013 में, कराची विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस संस्थान की स्थापना चीन के सिचुआन नॉर्मल यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से की गई थी। संस्थान का उद्देश्य चीन की मुख्य भाषा मंदारिन को पढ़ाना और चीन और पाकिस्तान के बीच लोगों से लोगों के बीच संपर्क और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर आज लुंबिनी पहुंचे PM मोदी, भारत-नेपाल के बीच बीच द्विपक्षीय वार्ता सम्पन्न

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल स्थित माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ बैठक करेंगे।पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र की आधारशिला रखने के लिए आयोजित समारोह में भाग लेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, पीएम 3.30 बजे तक नेपाल में रहेंगे।गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा भी थे।
भारतीय समुदाय के लोगों से मिले पीएम मोदी मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी ने नेपाल में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय लोगों ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया।
भारतीय प्रधानमंत्री के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा- ‘लुम्बिनी में पावन माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही नेपाल दौरे की शुरुआत।’ नेपाल के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, ‘बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की।’ लुम्बिनी पहुंचने पर प्रधानमंत्री देउबा ने खुद मोदी का स्वागत किया।

 

सेरेब्रल एन्यूराइज्म नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं चीनी प्रेसीडेंट, राष्ट्रपति के पद से दे सकते हैं इस्तीफा

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक गंभीर दिमागी बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण उन्हें  अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोशल मीडिया पर फैली इन अफवाहों में दावा किया है-कोरोना मिस-मैनेजमेंट और बढ़ती आर्थिक मंदी के चलते चीनी राष्ट्रपति अपना पद छोड़ सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेरेब्रल एन्यूरिज्म से जूझ रहे हैं।शी जिनपिंग के बीमार होने की खबर भले ही अब आई हो, लेकिन उनके अस्वस्थ होने की अटकलें लगाई जाती रही हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड-19 महामारी की शुरुआत से बीजिंग विंटर ओलंपिक तक उन्होंने किसी भी विदेशी नेता से मुलाकात नहीं की थी।चीन में इस वक्त कोरोना संक्रमण काफी बढ़ गया है। चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में भी लॉकडाउन में किसी तरह ढील नहीं दी जा रही। शी-जिनपिंग ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सख्त आदेश दिए थे।

फिनलैंड और स्वीडन के NATO में शामिल होने पर क्या रूस पर पड़ेगा कोई बुरा असर, जानिए क्या हैं इस फैसले की वजह

रूस और यूक्रेन युद्ध को अब तीन महीने होने वाले है. यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के सुझाव की जहाँ एक तरह रूस उसे कई दिनों से सजा दे रहा हैं वही अब खबर आ रही हैं की फिनलैंड और स्वीडन नाटो की सदस्यता ग्रहण करने जा रहे हैं.

जिसपर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन का बड़ा बयान सामने आया हैं जहाँ उन्होंने कहा कि,” फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने के पक्ष में तुर्की नहीं है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि नाटो सदस्य होने के नाते तुर्की वीटो का इस्तेमाल करके दोनों देशों इसके सदस्य बनने से रोक सकता है।”

अर्दोआन ने कहा कि तुर्की, जो पहले से ही नाटो का हिस्सा है, स्कैंडिनेवियाई दशों के इस संगठन में शामिल होने के कदम पर सकारात्मक विचार नहीं रखता है।मालूम हो की रूस कई बार स्वीडन के एयरस्पेस में घुसपैठ कर चुका है. दोनों ही देश रूस से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होना चाहते हैं.