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विदेश

बांग्लादेश की हिंसा में 650 के करीब लोगों की हुई मौत, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दावा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बांग्लादेश में हालिया हिंसा में करीब 650 लोगों की मौत हुई। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हिंसा, गिरफ्तारियों और न्यायिक हिरासत में मौत की घटनाओं की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश हिंसा पर 10 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की है।

यूएन ने शुक्रवार को जारी की रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, 16 जुलाई से 4 अगस्त के बीच हिंसा में करीब 400 लोगों की मौत हुई। वहीं 5-6 अगस्त को हुई हिंसा में करीब 250 लोगों की जान गई थी, जिसके चलते शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और आंदोलनकारी संगठनों ने भी जुलाई से अगस्त में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के दौरान 600 लोगों की मौत की बात कही थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को जिनेवा में यह रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में प्रदर्शनकारी, मूकदर्शक, पत्रकार और विभिन्न बलों के सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। हिंसा में हजारों की संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।

बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
यूएन की रिपोर्ट में ये भी आशंका जताई गई है कि मृतकों का आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि कई इलाकों में कर्फ्यू लगा होने के चलते उन्हें जानकारी इकट्ठा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकार द्वारा भी अस्पतालों को जानकारी देने से रोका जा रहा है। बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में जून में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के भी आरोप लगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती से निपटा गया, जिससे हालात बिगड़े।

रिपोर्ट में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमलों का जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भी लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। साथ ही आवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिशोध की भावना से भी हत्याएं की गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में कानून व्यवस्था को तेजी से बहाल करने की जरूरत है। साथ ही हिंसा के दोषियों के खिलाफ जवाबदेही तय करने की जरूरत बताई गई है।

‘हमारी सरकार स्वतंत्र-निष्पक्ष चुनाव कराने को प्रतिबद्ध’, ग्लोबल साउथ समिट में बोले मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि देश में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि इन सबके बीच, देश की कार्यवाहक सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया कि वह समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र की स्थापना सुनिश्चित करने तथा ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण चुनाव कराए जा सकें।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार यूनुस ने तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही। बता दें, इस कार्यक्रम की मेजबानी भारत ने वर्चुअल तरीके से की थी।

84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने अपने देश में राजनीतिक उथल-पुथल और पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, ‘आप सभी जानते हैं कि बांग्लादेश ने पांच अगस्त को हमारे बहादुर छात्रों के नेतृत्व में और आम जनता के साथ एक बड़े विद्रोह के माध्यम से दूसरी क्रांति देखी।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागितापूर्ण चुनाव…
आठ अगस्त को अंतरिम सरकार द्वारा शपथ लिए जाने पर यूनुस ने कहा, ‘हमारी सरकार समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र में बदलाव सुनिश्चित करने और ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागितापूर्ण चुनाव कराए जा सकें।’

यूनुस ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा और बर्बरता के बीच अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में कहा, ‘हमारा काम अब हमारी चुनाव प्रणाली, न्यायपालिका, स्थानीय सरकार, मीडिया, अर्थव्यवस्था और शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार करना है।’

दीवारों पर बनाए गए चित्र
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपको जल्द ही ढाका आने के लिए आमंत्रित करता हूं। अन्यथा, आप कुछ महत्वपूर्ण चीजों से चूक सकते हैं। ढाका का अधिकांश हिस्सा दीवारों पर बने चित्र की राजधानी के रूप में बदल गया है। युवा छात्र और 12-13 साल की उम्र के बच्चे इस 400 साल पुराने शहर की दीवारों को नए लोकतांत्रिक पर्यावरण के अनुकूल बांग्लादेश की तस्वीरें बना रहे हैं।’

अंतरिक्ष में चीनी रॉकेट में विस्फोट के बाद मंडरा रहे सैकड़ों टुकड़े, एक हजार से ज्यादा उपग्रहों को खतरा

पिछले सप्ताह छह अगस्त को चीन के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से छोडे़ गए लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट में विस्फोट के बाद अंतरिक्ष में रॉकेट के सैकड़ों टुकड़े मंडरा रहे हैं। इससे एक हजार से उपग्रहों पर खतरा मंडरा रहा है।

चीन ने 18 G60 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाने के लिए पिछले मंगलवार को ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से रॉकेट को लॉन्च किया था। रॉकेट में पृथ्वी की कक्षा के नीचे विस्फोट हो गया। अंतरिक्ष एजेंसियों ने कहा कि रॉकेट टूटने से मलबा बन गया। इसमें सैकड़ों टुकड़े थे। इस मलबे ने एक हजार से अधिक उपग्रहों और अन्य परिक्रमा करने वाली वस्तुओं को खतरे में डाल दिया है।

वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि रॉकेट का मिशन अंतरराष्ट्रीय कानून और सार्वभौमिक अभ्यास के लिए बाहरी अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग था। उन्होंने कहा कि चीन ने आवश्यक उपाय किए हैं और संबंधित कक्षा क्षेत्र की बारीकी से निगरानी कर रहा है और डेटा विश्लेषण कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जिम्मेदार देश के रूप में चीन अंतरिक्ष मलबे के शमन को महत्व देता है। हमने उपग्रहों और वाहक रॉकेटों के मिशन पूरा करने के बाद अंतरिक्ष मलबे को कम करने के उपाय करने का नियम बनाया है, ताकि बाहरी अंतरिक्ष के पर्यावरण की रक्षा में मदद मिल सके और गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

लगातार फेल हो रहे रॉकेट
चीन की कंपनियों की तरफ से लॉन्च किए जा रहे कई रॉकेट अपने मिशन पर पहुंचने से पहले फेल हो रहे हैं। पिछले महीने हाइपरबोला आईस्पेस की तरफ से बनाया गया 24 मीटर ऊंचा ठोस ईंधन वाला रॉकेट चीन के गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से प्रक्षेपित किया गया। रॉकेट का पहला, दूसरा और तीसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ, लेकिन चौथे चरण में एक गड़बड़ी आई और लॉन्च मिशन फेल हो गया। वहीं एक जुलाई को एक शक्तिशाली चीनी रॉकेट संरचनात्मक खराबी के कारण जमीनी परीक्षण के दौरान लॉन्च होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्पेस पायनियर ने कहा कि तियानलोंग-3 रॉकेट 1 जुलाई को हेनान प्रांत के गोंगयी काउंटी में एक सुविधा में स्टेटिक-फायर टेस्ट के दौरान अचानक से लॉन्च हुआ।

नकदी संकट से निपटेगा पाकिस्तान, देश की आर्थिक मजबूती के लिए पीएम शहबाज शरीफ लाएंगे पंचवर्षीय योजना

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को नकदी संकट से उबारने और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए पंचवर्षीय योजना शुरू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पिछली गलतियों को सुधारने के लिए आत्म निरीक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्साह के साथ नई यात्रा शुरू करने की जरूरत है। इसके लिए जल्द ही नई योजना शुरू की जाएगी।

इस्लामाबाद में रेडियो पाकिस्तान ने पीएम शरीफ के हवाले से कहा कि आने वाले कुछ दिनों में पाकिस्तान के लोगों को बिजली की कीमतों में कमी को लेकर अच्छी खबर सुनने को मिलेगी। उन्होंने पाकिस्तान की जर्जर अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने, महंगाई और बिजली की कीमतों को कम करने के लिए खून की आखिरी बूंद तक कड़ी मेहनत करने का संकल्प लिया।

प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि महंगाई और बिजली बिल में कमी आने से कृषि और उद्योगों का विकास होगा। साथ निर्यात को बढ़ावा मिलने के साथ ही घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने युवाओं से पढ़ाई, प्रशिक्षण, कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। साथ ही अराजकता और धोखा देने वाली ताकतों का शिकार होने से बचने की हिदायत दी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुश्मन लगातार युवाओं को गुमराह करने के लिए डिजिटल आतंकवाद के जरिये उनके दिमाग को निशाना बना रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि हम अपने पूर्वजों और पाकिस्तान आंदोलन के अनगिनत गुमनाम नायकों के अपार बलिदानों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने एक स्वतंत्र देश के लिए कड़ा संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों को तब तक नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देगा जब तक वह अपने अधिकार हासिल नहीं कर लेते।

‘देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हमारा लक्ष्य’, बोले अंतरिम वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद

बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो गया। इस सरकार का मुख्य काम देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाना है। वित्त और योजना सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि अंतरिम सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक का कामकाज फिर से शुरू करते हुए बैंकों में आम लोगों का विश्वास बहाल करना है। बता दें कि अहमद बांग्लादेश के पूर्व बैंक गवर्नर थे, उन्हें मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में वित्त और योजना सलाहकार बनाया गया है।

पदभाग संभालने के बाद सालेहुद्दीन अहमद ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, “हम सुधार लाने पर काम करेंगे। कई कारणों से देश की अर्धव्यवस्था धीमी पड़ गई है। हमारा लक्ष्य जल्द से जल्द देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है। एक बार जब अर्थव्यवस्था रुक जाती है तब इसे दोबारा शुरू करना मुश्किल होता है। हम नहीं चाहते हैं कि इसमें रुकावट आए। अर्थव्यवस्था में कई तरह की समस्याएं हैं। बैंकिंग क्षेत्र, मुद्रास्फीति और कई अन्य मुद्दे हैं। हमें सभी मुद्दों पर काम करना होगा।”

अहमद ने कहा, “उन्हें देश के महत्वपूर्ण समय पर अहम जिम्मेदारी दी गई है। इस समय, यह केवल कानून व्यवस्था या सुरक्षा उपायों के बारे में नहीं है, बैंक खोलना, बंदरगाहों को चालू रखना, इन सब में समान महत्व देने की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा कि अंतरिम सरकार समान और न्याय-आधारित समाज बनाने के साथ महंगाई को कम कर आय में वृद्धि सुनिश्चित करना चाहती है।

टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट में हमला करने की रची जा रही थी साजिश; संदिग्ध के घर से मिले रासायनिक पदार्थ

ऑस्ट्रिया से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों पर आरोप है कि वियना में टेलर स्विफ्ट के आगामी संगीत कार्यक्रमों में कथित रूप से हमला करने की साजिश रच रहे थे।

19 साल का संदिग्ध गिरफ्तार
वियना राज्य के पुलिस निदेशक फ्रांज रूफ और पुलिस प्रमुख गेरहार्ड पर्स्टल ने बताया कि ऑस्ट्रियाई संघीय और राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक 19 वर्षीय युवक था, जिसने कथित तौर पर आईएसआईएस के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों युवक सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी बन गए थे और कथित तौर पर हमले को अंजाम देने के बारे में योजना बना रहे थे।

टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट पर हमला करने की योजना
ऑस्ट्रिया के सार्वजनिक सुरक्षा महानिदेशक फ्रैंकज रुफ ने बताया कि संदिग्ध ने टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट पर हमला करने की योजना बनाई थी। गिरफ्तार करने के बाद जब पूछताछ की गई तो उसके आवास के बारे में पता चला। आवास की तलाशी के दौरान रासायनिक पदार्थ पाए गए। अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इन पदार्थों का इस्तेमाल बम बनाने के लिए किया गया है।

बता दें, ऑस्ट्रिया की कोबरा इकाई, जो एफबीआई की बंधक बचाव टीम के समान है, ने गिरफ्तारी में सहायता की।

17 साल का संदिग्ध भी शामिल
अधिकारी रुफ ने बताया कि उत्तरी मैसेडोनिया मूल के किशोर को मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है। उसका साथ ऑस्ट्रिया के 17 वर्षीय युवक ने दिया है। यह दोनों युवक एक छोटे समूह का हिस्सा हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि हम मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। हालांकि, इनकी गिरफ्तारी से खतरा थोड़ा कम हो गया है।

दो लाख लोगों के आने की थी उम्मीद
गौरतलब है, वियना में टेलर स्विफ्ट के तीन कॉन्सर्ट होने थे, जिनमें करीब दो लाख लोग हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि, अब सरकार के आदेश पर इन कॉन्सर्ट को रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने संगीत समारोहों पर हमले की साजिश रचने के संदेह में इन लोगों को हिरासत में लिया था।

भारत समेत 16 देशों में जानलेवा रोगाणु, डब्ल्यूएचओ ने किया सतर्क; निगरानी तंत्र को बताया नाकाफी

हाइपर विरुलेंट क्लेबसिएला निमोनिया (एचवीकेपी) नामक एक नए रोगाणु को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी देशों के लिए चेतावनी जारी की। यह एक ऐसा रोगाणु है, जो स्वस्थ लोगों में जानलेवा संक्रमण पैदा कर सकता है। अस्पताल में भर्ती मरीज या फिर आबादी दोनों में इस संक्रमण का प्रसार हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह जानकारी 127 में से 43 देशों से सूचना एकत्रित करने के बाद दी है। 43 में से 16 देशों में एचवीकेपी रोगाणु के मामले सामने आने की पुष्टि हुई है, जिसमें भारत भी शामिल है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अब तक अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, हांगकांग, भारत, ईरान, जापान, ओमान, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के अलावा अमेरिका में मामले सामने आए हैं। इनके अलावा 12 देशों में इस रोगाणु का नया स्ट्रेन एसटी 23-के1 भी सामने आया है। यह देश भारत, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ईरान, जापान, ओमान, फिलीपींस, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं।

किसी देश का इस पर ध्यान नहीं : डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अभी तक किसी भी देश का एचवीकेपी रोगाणु पर ध्यान नहीं गया है। ज्यादातर डॉक्टर अभी तक इसके नैदानिक परीक्षण और इलाज की जानकारियां नहीं जानते हैं। जबकि डॉक्टरों और रोगियों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं को इसे लेकर सचेत रहना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने सलाह दी है कि अपनी प्रयोगशाला क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ इस रोगाणु से प्रभावित क्षेत्रों का एक डाटा भी एकत्रित किया जाए।

भारत ने दी जानकारी, 2016 में पहला मामला
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एचवीकेपी को लेकर भारत ने बताया कि भारत में साल 2015 से इस रोगाणु को आइसोलेट यानी पृथक करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां पहली बार कार्बेपनेम-प्रतिरोधी एचवीकेपी रोगाणु की पहचान 2016 में एक मरीज में हुई। इसके बाद रोगाणुरोधी प्रतिरोध को लेकर प्रयास तेज हुए हैं। हालांकि जिला और तहसील स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं में अभी भी इन्हें लेकर जानकारियों का अभाव है। हालांकि भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए स्ट्रेन की पहचान के लिए आईसीएमआर की एक पूरी टीम कार्य कर रही है।

‘अस्थिर बांग्लादेश से भारत के कुछ इलाकों में बढ़ सकती है अस्थिरता’, पूर्व विदेश सचिव ने जताई आशंका

बांग्लादेश में अशांति की स्थिति बढ़ने के बीच पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अस्थिर बांग्लादेश भारत के कई हिस्सों में अस्थिरता बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे वार्ताकार बांग्लादेश में संबंधित लोगों से संपर्क करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे व्यापक हितों की रक्षा हो।

‘सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता’
बांग्लादेश में उच्चायुक्त रह चुके श्रृंगला ने भारत और बांग्लादेश के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। बता दें कि पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की ये प्रतिक्रिया बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सोमवार को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद सामने आई है।

‘शांतिपूर्ण, समृद्ध, स्थिर बांग्लादेश भारत के लिए सबसे अच्छा’
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि, एक शांतिपूर्ण, समृद्ध, स्थिर बांग्लादेश भारत के लिए सबसे अच्छा है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे और बांग्लादेश के हित सुरक्षित हैं। उन्होंने आगे जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना हमारे हित में है कि हमारे पड़ोसी देशों में शांति और स्थिरता बनी रहे। उन्होंने कहा, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे वार्ताकार बांग्लादेश में संबंधित लोगों से बातचीत करेंगे और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे व्यापक हितों की रक्षा की जाए और हम रचनात्मक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनी रहे।

दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता की है- श्रृंगला
भारत बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ अच्छे संबंध पर श्रृंगला ने कहा कि उनकी सरकार के तहत बहुत अधिक विकास और सकारात्मक विकास संभव हुआ है, उन्होंने कहा कि लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं। उन्होंने कहा, बांग्लादेशी समाज में हमारे बहुआयामी संबंध हैं। और, हम अपने और बांग्लादेश के व्यापक हितों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी राजनीतिक या अन्य संगठन से संपर्क करेंगे। श्रृंगला ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश की सहायता की है और बांग्लादेश ने भारत की सहायता की है।

जयशंकर ने PM मोदी को दी जानकारी, राहुल से भी हुई बात; शेख हसीना से मिले NSA डोभाल

बांग्लादेश में स्थिति अभी सामान्य नहीं है। देश में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा बड़ी मुश्किल से थम थी। लेकिन उसके बाद हसीना सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक बार फिर से देश को हिंसा की आग में झोंक दिया है। अभी देश में अनिश्चितता का माहौल है, क्योंकि देश की प्रधानमंत्री सुरक्षा कारणों से पहले देश छोड़ा, फिर सेना के हवाले से जानकारी मिली कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनकी 15 साल की सत्ता समाप्त हो गई।

फिलहाल बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में हैं। आज शाम वे बांग्लादेश वायुसेना के विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थी। इस दौरान उनके साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी साथ आयी हैं। जानकारी के मुताबिक शेख हसीना के साथ वायुसेना के विमान में कुछ सामान भी लाया गया है। बता दें कि शेख हसीना देश छोड़ने से पहले एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थी, लेकिन उन्हें इसका मौका नहीं मिला।

शेख हसीना को NSA ने किया रिसीव
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की है। जानकारी के मुताबिक शेख हसीना के आने से पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एयरबेस पर पहुंच गए थे। वे लगभग दो घंटे एयरफोर्स स्टेशन पर रहे। उन्होंने एयरबेस पर शेख हसीना को रिसीव किया था, इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी हिंडन एयरबेस पर मौजूद थे।

विदेश मंत्री ने पीएम मोदी को दी जानकारी
वहीं बांग्लादेश में हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने की घटनाओं के साथ बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी है। जबकि लोकसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बांग्लादेश के हालात पर चर्चा हुई है।

हैरिस ने ठुकराई प्रेसिडेंशियल डिबेट को लेकर ट्रंप की पेशकश, पूर्व राष्ट्रपति ने की थी जगह बदलने की मांग

अमेरिका में व्हाइट हाउस की दौड़ तेज हो गई है। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से कमला हैरिस व्हाइट हाउस के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है। इस बीच, हैरिस ने ट्रंप की प्रेसिडेंशियल डिबेट की जगह फॉक्स न्यूज चैनल को स्थानांतरित करने की पेशकश ठुकरा दी है।

मई में ट्रंप और राष्ट्रपति जो बाइडन ने दो प्रेसिडेंशियल डिबेट में भाग लेने पर सहमति जताई थी। जिसमें पहली जून में थी, जिसे सीएनएन ने होस्ट किया था। जबकि दूसरी 10 सितंबर को निर्धारित है, जिसे एबीसी द्वारा होस्ट किया जाना है।

राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले महीने व्हाइट हाउस की दौड़ से पीछे हटने का एलान किया था। इसके साथ ही उन्होंने उप राष्ट्रपति हैरिस को सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी के लिए समर्थन दिया था।

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, “ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वह मूल योजना से हटकर चार सितंबर को हैरिस के साथ डिबेट करने के फॉक्स न्यूज के प्रस्ताव पर सहमत हैं।”

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, “मैं बुधवार चार सितंबर को कमला हैरिस के साथ फॉक्स न्यूज पर डिबेट करने के लिए तैयार हूं। पहले एबीसी पर बाइडन के साथ डिबेट तय की गई थी। लेकिन बाइडन अब उम्मीदवार नहीं हैं। मैं एबीसी नेटवर्क और जॉर्ज स्लोपाडोपोलोस के साथ मुकदमेबाजी में हूं, जिससे हितों का टकराव पैदा हो रहा है।”

हैरिस ने कहा, “यह दिलचस्प है कि किसी भी समय कोई भी स्थान एक खास समय में एक खास सुरक्षित स्थान बन जाता है। मैं 10 सितंबर को वहां रहूंगी, जिस पर उन्होंने सहमति व्यक्त की थी। मुझे उम्मीद है कि मैं उन्हें वहां देखूंगी।”