Thursday , November 21 2024

विदेश

मॉस्को पहुंचे रूसी जासूसों के बच्चे, राष्ट्रपति पुतिन ने स्पैनिश बोलकर किया स्वागत, जानें क्या कहा

जासूसी के आरोप में स्लोवेनिया की जेल में बंद दो रूसी जासूसों को एक संधि के तहत रिहा किया गया। इन जासूसों के बच्चे मास्को पहुंचे तो उनको अपनी असली पहचान के बारे में पता चला। बच्चों का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने स्पैनिश भाषा में बुएनस नोचेस बोलकर बच्चों का स्वागत किया गया।

आर्टेम और अन्ना डुल्टसेव, 2017 से स्लोवेनिया में लुडविग गिश और मारिया रोजा मेयर मुनोस के नाम से रह रहे थे। दोनों यहां एक आईटी कंपनी और ऑनलाइन आर्ट गैलरी चलाते थे। वे अर्जेंटीना के प्रवासियों के रूप में यहां रहकर मॉस्को के आदेश को स्लीपर एजेंटों से साझा करते थे। 2022 में दोनों को जासूरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उनके दोनों बच्चे एक पालक की निगरानी में रह रहे थे। बच्चों को डर था कि वे अपने माता-पिता को खो सकते हैं। इसलिए उनसे बच्चों को कम मिलने दिया जा रहा था।

हाल में रूस और पश्चिम देशों के बीच कैदियों की अदला बदली की गई। इसमें 16 कैदी रूस से पश्चिम देशों की ओर और आठ कैदी पश्चिम देशों से रूस आए। इनमें आर्टेम और अन्ना डुल्टसेव भी अपने बच्चों के साथ रूस आए। मास्को पहुंचने पर बच्चों को पता चला कि उनका रूस के साथ संबंध है।

इन कैदियों का स्वागत करने एयरपोर्ट पर पहुंचे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वागत किया। बच्चे रूसी भाषा नहीं जानते थे। इसलिए राष्ट्रपति ने उनसे स्पैनिश भाषा में बुएनस नोचेस बोलकर उनका अभिवादन किया। बच्चों ने भी मास्को में अपने माता-पिता से पूछा कि मास्को में वे किससे मिलने वाले हैं? यहां आने के बाद बच्चों को पता चला कि वह रूस से गहरा संबंध रखते हैं।

भारत-चीन समेत 108 विकासशील देशों की प्रगति में बाधा बन रहा मध्यम आय का जाल; विश्व बैंक ने कही यह बात

चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत 108 विकासशील देशों की प्रगति में मध्यम आय का जाल गंभीर बाधा बन रहा है। विश्व बैंक के एक नए अध्ययन के अनुसार विकासशील देशों को ‘मध्यम आय के जाल’ से बाहर निकलने में सक्षम बनाने के लिए यह अध्ययन पहला व्यापक रोडमैप प्रदान करता है। पिछले 50 वर्षों के सबक से सीख लेते हुए ‘विश्व विकास रिपोर्ट-2024’ में पाया गया है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे प्रति व्यक्ति सालाना ‘मध्य आय के जाल’ में फंस जाते हैं, जो वर्तमान में 8,000 डॉलर (6.7 लाख रुपये) के बराबर है। यह विश्व बैंक की ओर से ‘मध्यम आय’ वाले देशों के रूप में वर्गीकृत की गई सीमा के बीच में है।

1990 में 34 देश ही उच्च आय वाली स्थिति में पहुंचने में सफल रहीं
1990 के बाद से केवल 34 मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं ही उच्च आय वाली स्थिति में पहुंचने में सफल रही हैं। उनमें से एक तिहाई से अधिक या तो यूरोपीय संघ में एकीकरण के लाभार्थी थे। 2023 के अंत में 108 देशों को मध्यम आय के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से प्रत्येक देशों की वार्षिक जीडीपी प्रति व्यक्ति 1,136 से 13,845 डॉलर के बीच थी। इन देशों में छह अरब (वैश्विक आबादी का 75 प्रतिशत) और हर तीन में से दो अत्यधिक गरीब यहीं रहते हैं। विश्व बैंक ने कहा कि वे वैश्विक जीडीपी का 40 प्रतिशत से अधिक और कार्बन उत्सर्जन का 60 प्रतिशत से अधिक उत्पन्न करते हैं।

उच्च आय की स्थिति तक पहुंचने के लिए ‘3आई रणनीति’ का प्रस्ताव
विश्व बैंक समूह के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने कहा, वैश्विक आर्थिक समृद्धि की लड़ाई में मध्य आय वाले देशों में से बहुत से देश उन्नत अर्थव्यवस्था बनने के लिए पुरानी रणनीतियों पर निर्भर हैं, जबकि इसमें नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अब एक त्रिआयामी रणनीति की जरूरत हैं, जो निवेश, समावेश और नवाचार को संतुलित करे। रिपोर्ट में देशों को उच्च आय की स्थिति तक पहुंचने के लिए ‘3आई रणनीति’ का प्रस्ताव दिया गया है।

सभी तीन चरणों में दक्षिण कोरिया का बेहतरीन उदाहरण
गिल ने कहा कि विकास के चरण के आधार पर सभी देशों को अधिक परिष्कृत नीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। मसलन 1आई चरण में कम आय वाले देश केवल निवेश बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई नीतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। एक बार जब वे निम्न-मध्यम आय की स्थिति प्राप्त कर लेते हैं, तो उन्हें गियर बदलने की आवश्यकता होती है। 2आई चरण में निवेश और ज्यादा निवेश पर फोकस करना चाहिए। इसमें विदेशों से प्रौद्योगिकियों को अपनाना और उन्हें अर्थव्यवस्था के रूप में समाहित करना शामिल है। उच्च-मध्यम आय स्तर पर देशों को फिर से गियर बदलकर अंतिम 3आई चरण में जाना चाहिए, जिसका मतलब निवेश, नवाचार और प्रौद्योगिकी की वैश्विक सीमाओं को आगे बढ़ाना हैं। रिपोर्ट में 3आई रणनीति में दक्षिण कोरिया का बेहतरीन उदाहरण दिया गया है।

फुआद शुकर की मौत से भड़का हिजबुल्ला, इस्राइल पर दागे दर्जनों रॉकेट; लेबनान में IDF की जवाबी कार्रवाई

शीर्ष कमांडर फुआद शुकर के मारे जाने से गुस्साए हिजबुल्ला ने बृहस्पतिवार देर रात (स्थानीय समय) इस्राइल पर दर्जनों रॉकेज हमले किए। हालांकि, केवल पांच रॉकेट ही इस्राइल में प्रवेश कर पाए। इस्राइल के रक्षा बलों के अनुसार, रॉकेट हमलों में किसी तरह के नुकसान या किसी नागरिक के घायल होने की खबर नहीं है। वहीं, इस्राइल ने भी जवाबी कार्रवाई में दक्षिणी लेबनान के येटर में हिजबुल्ला के रॉकेट लॉन्चर पर हमला किया।

बता दें कि इस्राइल के गोलान हाइट्स में फुटबॉल मैदान पर हिजबुल्ला द्वारा किए गए हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस्राइल ने हिजबुल्ला के शीर्ष कमांडर फुआद को बेरूत में मार गिराया। फुआद के मारे जाने के बाद हिजबुल्ला और इस्राइल के बीच तनाव बढ़ गया है। फुआद की मौत के 48 घंटे बाद हिजबुल्ला ने इस्राइल के पश्चिमी गैलिली पर रॉकेट हमले किए और इसकी जिम्मेदारी भी ली है। हिजबुल्ला ने दावा किया है कि उसने पहले लेबनान के चामा गांव में इस्राइली हमले के जवाब में मेत्जुबा के उत्तरी सीमा समुदाय पर दर्जनों रॉकेट दागे हैं। चामा में कथित तौर पर चार सीरियाई मारे गए और कई लेबनानी नागरिक घायल हो गए।

लेबनान के येटर में हिजबुल्ला के रॉकेट लॉन्चर पर किया हमला
इस्राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) के अनुसार, जवाब में इस्राइली बलों ने लेबनान के येटर में हिजबुल्ला के रॉकेट लॉन्चर पर हमला किया, जिसका इस्तेमाल पश्चिमी गैलिली पर बमबारी के लिए किया जा रहा था। आईडीएफ ने कहा, आज शाम हमले में दागे गए कई रॉकेटों को हवाई सुरक्षा द्वारा रोक दिया गया, जबकि अन्य खुले क्षेत्र में जा गिरे।

अलर्ट के बाद कई रॉकेटों को हवा में किया नेस्तानाबूद
आईडीएफ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पश्चिमी गैलिली क्षेत्र में सक्रिय किए गए अलर्ट के बाद, लेबनान से आए कई रॉकेटों का पता चलने के बाद कुछ को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया। वहीं, कुछ खुले क्षेत्रों में गिरे, हालांकि इनसे कोई हताहत नहीं हुआ। आईडीएफ ने यह भी घोषणा की कि 13 जुलाई को दक्षिणी गाजा पट्टी में हवाई हमले में हमास के सैन्य विंग कमांडर मोहम्मद डेफ की मौत हो गई। तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के एक दिन बाद इस्राइल ने डाइफ की मौत के बारे में पुष्टि की है।

ईरान और हिजबुल्ला की बदला लेने की धमकी पर इस्राइली PM की चेतावनी, कहा- हम भी करेंगे जवाबी हमला

हमास प्रमुख इस्माइल हानिया और हिजबुल्ला के वरिष्ठ कमांडर फुआद शुकर की मौत पर सियासी बवाल जारी है। दोनों की हत्या का आरोप इस्राइल पर है। इसलिए इस्राइल को जवाबी कार्रवाई की लगातार धमकियां मिल रही हैं। इस पर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा किवह किसी भी हमले के लिए तैयार हैं।

हम हर तरह के हमले के लिए तैयार
नेतन्याहू ने कहा, ‘इस्राइल किसी भी स्थिति के लिए, चाहे वो रक्षात्मक हो या आक्रामक, उच्च स्तर की तैयारी कर रहा है। हमारे विरुद्ध किसी भी आक्रामक कार्रवाई की बहुत बड़ी कीमत चुकाएंगे। जो हम पर हमला करेगा, हम उस पर जवाबी हमला करेंगे।’

नरसल्ला ने दी थी धमकी
बता दें, इस्राइली पीएम की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि लेबनान का सशस्त्र समूह मंगलवार को इस्राइल द्वारा बेरूत के एक उपनगर में किए गए हमले में उसके शीर्ष सैन्य कमांडर फुआद शुकर की हत्या का जवाब देने के लिए बाध्य है।

इस्राइली विदेश मंत्री ने भी दी थी चेतावनी
इसके बाद गुरुवार को इस्राइल के विदेश मंत्री इस्राइल काट्ज ने एक्स पर एक पोस्ट कर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हसन नसरल्ला भारी कीमत चुकाने से पहले शेखी बघारने वाले भाषणों, धमकियों और झूठ को बंद करो। हम उत्तरी क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा बहाल करने के लिए पूरी ताकत के साथ काम करेंगे।

‘आप नहीं जानते कौन सी सीमाएं लांघी’
गौरतलब है, बुधवार को तेहरान में एक हमले में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया मारा गया था, जिसके लिए ईरान और हमास ने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, इस्राइल ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। नसरल्ला ने शुकर के अंतिम संस्कार के मौके पर एक भाषण के दौरान इस्राइल को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप नहीं जानते कि आपने कौन सी सीमाएं पार कर दी हैं। दुश्मन और जो लोग दुश्मन के साथ हैं, उन्हें हमारे जवाब का इंतजार करना चाहिए।’

‘ईरान के किसी भी हमले से इस्राइल की रक्षा करेगा अमेरिका’, बाइडन ने कॉल कर नेतन्याहू से किया वादा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। इस बातचीत के दौरान बाइडन ने वादा किया कि अमेरिका, ईरान के किसी भी हमले से इस्राइल की रक्षा करेगा। गौरतलब है कि ईरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है और ईरान ने इस्राइल को हमले की धमकी दी है। बाइडन के अलावा राष्ट्रपति पद की दावेदार कमला हैरिस ने भी बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बात की।

हानिया की हत्या के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका
हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया के साथ ही इस्राइल ने हाल ही में हिजबुल्ला के एक शीर्ष कमांडर फौद शुक्र को भी बेरूत में ढेर कर दिया था। ऐसे में हिजबुल्ला भी इस्राइल पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इस्राइल की सरकार ने हालांकि अभी तक खुलकर ये स्वीकार नहीं किया है कि इस्माइल हानिया की हत्या के पीछे उसका हाथ है, लेकिन इस्राइल ने इनकार भी नहीं किया है। हानिया की मौत के बाद से ही इस्राइल को धमकियां मिल रही हैं। इससे गाजा में जारी संघर्ष के पूरे पश्चिम एशिया में फैलने का डर बढ़ गया है।

आशंका है कि हानिया की मौत से इस्राइल और हमास के बीच चल रहीं संघर्ष विराम की कोशिशों को झटका लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा, यह बताना अभी जल्दबाजी होगी कि हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत का गाजा युद्धविराम समझौते के लिए चल रही बातचीत पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हम अभी उसे लेकर अटकलें लगाने नहीं जा रहे हैं।

कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर ट्रंप का फिर हमला, एक तस्वीर साझा कर बोले- भारतीय विरासत के लिए उनका…

अमेरिका में राष्ट्रपति पद को लेकर नवंबर महीने में चुनाव होने वाले हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप लगातार डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने दूसरे दिन गुरुवार को भी उपराष्ट्रपति की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाया। उन्होंने उनकी एक तस्वीर साझा कर हमला बोला। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अभी तक कमला हैरिस भारतीय विरासत पर जोर देती थीं, लेकिन वह अब अचानक से अश्वेत बन गई हैं। इस पर हैरिस ने पलटवार करते हुए कहा था कि ट्रंप की टिप्पणी विभाजनकारी और अनादर से भरी है। दरअसल, अमेरिका की राजनीति में श्वेत और अश्वेत हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, क्योंकि अमेरिका में भारी संख्या में अश्वेत मतदाता हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने मौजूदा उपराष्ट्रपति पर हमला जारी रखा। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें हैरिस अपने परिवार के सदस्यों के साथ साड़ी पहने नजर आ रही हैं। ट्रंप ने कहा कि भारतीय विरासत के लिए कमला हैरिस का प्यार और गर्मजोशी सराहनीय है।

ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘कई साल पहले आपने जो अच्छी तस्वीर भेजी थी, उसके लिए धन्यवाद कमला! आपकी भारतीय विरासत के लिए आपकी गर्मजोशी, दोस्ती और प्यार की बहुत सराहना की जाती है।’

रिपब्लिकन उम्मीदवार ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह जानबूझकर अश्वेत पहचान भुनाने में लगी हैं। ट्रंप ने शिकागो में नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा था कि वह (कमला हैरिस) हमेशा से खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थीं। वह भारतीय संस्कृति का प्रचार करती थीं, लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं। वह अश्वेत कब से हो गईं? अब वह चाहती हैं कि उन्हें अश्वेत के तौर पर पहचाना जाए।

भारतीय मूल के डॉक्टर होंगे एरिजोना से डेमोक्रेट उम्मीदवार, नवंबर में दिग्गज रिपब्लिकन से है मुकाबला

भारतीय मूल के डॉक्टर अमीश शाह ने एरिजोना से डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी में जीत दर्ज की है। इसके साथ ही वह नवंबर में होने वाले चुनाव में एरिजोना से रिपब्लिन पार्टी के उम्मीदवार की चुनौती का सामना करेंगे। 47 वर्षीय अमीश शाह के मुख्य प्रतिद्वंदी आंद्रेइ चेर्नी ने गुरुवार को अपनी हार स्वीकार कर ली, जिसके बाद एरिजोना से भारतीय मूल के डॉक्टर की उम्मीदवारी तय हो गई।

प्राइमरी चुनाव में कई दावेदारों को पछाड़ा
अमीश शाह इससे पहले राज्य के निचले सदन के भी सदस्य रह चुके हैं। प्राइमरी चुनाव में शाह को 1629 वोट मिले, जो कि कुल मतदान का 23.4 प्रतिशत है। शाह के मुख्य प्रतिद्वंदी चेर्नी को 21.4 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा। शाह और चेर्नी के अलावा एरिजोना से डेमोक्रेट प्राइमरी चुनाव में पूर्व न्यूज एंकर मार्लेन गैलन वुड्स, आर्थोडोंटिस्ट एंड्रयू होर्न, अमेरिकी रेड क्रॉस के पूर्व क्षेत्रीय सीईओ कर्ट क्रोएमर और इनवेस्टमेंट बैंकर कोनोर ओ कैलेघन भी चुनाव मैदान में थे।

नवंबर में रिपब्लिकन उम्मीदवार से होगा मुकाबला
नवंबर में होने वाले अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफि रिप्रजेंटेटिव्स के चुनाव में शाह का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डेविड स्वीकर्ट से होगा। गौरतलब है कि स्वीकर्ट सातवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं और मंगलवार को हुए रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी में उन्होंने आसानी से जीत हासिल की। साल 2022 के चुनाव में स्कीवर्ट ने डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जेविन हॉज को हराया था।

अपनी पीड़ा खत्म होने के लंबे इंतजार में जी रहे फलस्तीनी शरणार्थियों की एक झलक

अल बिद्दावी शिविर 1955 में फलस्तीनी नकबा के दौरान उन लोगों को आश्रय देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, जिन्हें इस्राइली सेना ने ऊपरी गेलीली और उत्तरी तटीय शहरों से जबरन बेदखल किया गया था। नकबा को अरबी भाषा में प्रलय जैसे हालात भी कहा जाता है। उसके बाद से इस शरणार्थी शिविर में आने वाले शरणार्थियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है, क्योंकि हिंसा ने, इन देशविहीन फलस्तीनी शरणार्थियों का पीछा नहीं छोड़ा है। ये लोग लेबनान में गृहयुद्ध सेलेकर सीरिया में युद्ध तक से भी प्रभावित हुए हैं। इस कारण भारी संख्या में सीरियाई और फलस्तीनी शरणार्थी इस छोटे से देश लेबनान में पहुंचे हैं। संकीर्ण और बदहाल सड़कें यहां जीवित रहने के संघर्ष की प्रतीक हैं।

फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी UNRWA का कहना है कि इस एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में, 21 हजार से अधिक फलस्तीनी लोग, बहुत से निर्धन लेबनानी नागरिकों और सीरियाई शरणार्थियों के साथ गुजारा करते हैं। वर्ष 2019 के अंत से लेबनान में आर्थिक संकट की जकड़ बढ़ने के कारण इस इलाके में अन्य वंचित इलाकों की ही तरह रोजगारपरक काम की कमी हो गई है और जो लोग काम कर भी रहे हैं वे भी बमुश्किल गुजारा कर पा रहे हैं।

अहमद की आपबीती
अहमद (परिवर्तित नाम) आठ बच्चों के बेरोजगार पिता हैं और कई पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं। अहमद उनका असली नाम नहीं है। उन्होंने अपना असली नाम बताने में कतराते हुए यूएन न्यूज को बताया कि अक्सर चूहे, सड़क से लेकर चौथी मंजिल तक बिजली के तारों के सहारे उनके घर तक पहुंच जाते हैं। आसपास की अन्य इमारतों से जगह की तंगी के कारण उनके घर की खिड़कियां बंद रहने के बावजूद वो, चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए अपने घर की खिड़कियां खुली रखने की कोशिश करते हैं।

इस्राइल पर हमले का मास्टरमाइंड ढेर, आईडीएफ ने की हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दइफ की मौत की पुष्टि

इस्राइल के एक और दुश्मन की मौत की पुष्टि हुई है। दरअसल इस्राइल ने कहा है कि हमास का शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद दाइफ की जुलाई में मारा जा चुका है। मोहम्मद दइफ ही इस्राइल पर 7 अक्तूबर को हुए हमले का मास्टरमाइंड था। मोहम्मद दाइफ की मौत एक एयर स्ट्राइक में हुई। इस्राइल की सेना ने गुरुवार को एक बयान जारी कर बताया कि हमास का सैन्य कमांडर मोहम्मद दइफ जुलाई में ही एक एयर स्ट्राइक हमले में मारा गया था। यह एयर स्ट्राइक गाजा के दक्षिणी इलाके खान यूनिस में की गई थी। इस्राइली सेना का यह बयान हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत के एक दिन बाद ही आया है। हानिया का बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी।

खान यूनिस में एक हवाई हमले में मारा गया
इस्राइली सेना बताया कि उन्हें कुछ घंटे पहले ही खुफिया जानकारी मिली है कि मोहम्मद दइफ की जुलाई में ही मौत हो चुकी है। इस्राइली सेना ने खान यूनिस इलाके में स्थित एक कंपाउंड को निशाना बनाकर 13 जुलाई को एयर स्ट्राइक की थी। इसी हमले में मोहम्मद दइफ मारा गया। इस्राइली सेना को सूचना मिली थी कि इस कंपाउंड में मोहम्मद दइफ आया था। दइफ के आने की सूचना पर ही कंपाउड पर हवाई हमला किया गया था, लेकिन हमले में दइफ मारा गया या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी। अब पुष्टि होने पर इस्राइली सेना ने इसे बड़ी कामयाबी बताया है। इस्राइल के एक मंत्री ने कहा है कि हमास का खात्मा अब नजदीक है।

इस्राइल पर हुए हमले के पीछे का मास्टरमाइंड था मोहम्मद दइफ
मोहम्मद दइफ (58 वर्षीय) हमास की इज-अल-दीन अल कसाम ब्रिगेड का कमांडर था और करीब दो दशकों तक इस पद पर रहा। दइफ को इस्राइल का सबसे बड़ा दुश्मन और हमास की सैन्य ताकत के पीछे सबसे अहम माना जाता था। इस्राइल में 7 अक्तूबर को हुए हमले के पीछे मोहम्मद दइफ को ही मास्टरमाइंड माना जाता है। उस हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी और ढाई से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया था।

आरक्षण की आग में झुलसे बांग्लादेश की बड़ी कार्रवाई, जमात-ए-इस्लामी और छात्र विंग पर लगाया प्रतिबंध

पड़ोसी देश बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी अशांति के बाद अब सरकार की तरफ से कार्रवाई की खबरें सुर्खियों में है। बता दें कि सरकार ने कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र विंग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगाया है।

सार्वजनिक सुरक्षा प्रभाग ने जारी किया आदेश
बांग्लादेश गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा प्रभाग की तरफ से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख सहयोगी इस्लामी पार्टी पर प्रतिबंध की पुष्टि की गई। जमात, छात्र शिबिर और अन्य संबद्ध समूहों पर प्रतिबंध आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 18(1) के तहत एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से लगाया गया।

छात्रों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया- हसीना
वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को कहा, उन्होंने छात्रों को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। बता दें कि बांग्लादेश सरकार ने मंगलवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर देश भर में छात्रों के घातक विरोध प्रदर्शन के बाद जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। सरकार ने आरोप लगाया कि जमात इस आंदोलन का फायदा उठा रही है, जिसमें कम से कम 150 लोग मारे गए।

गठबंधन की बैठक के बाद लिया गया फैसला
दरअसल सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले 14-पार्टी गठबंधन की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है, जिसमें इस हफ्ते की शुरुआत में एक प्रस्ताव पारित किया गया था कि जमात को राजनीति से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। जमात पर प्रतिबंध लगाने का हालिया फैसला 1972 में राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धर्म का दुरुपयोग करने के लिए इसके प्रारंभिक प्रतिबंध के 50 साल बाद आया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग के शीर्ष नेता ने मुक्ति संग्राम में इसकी भूमिका के कारण जमात पर प्रतिबंध का समर्थन किया है। बता दें कि अदालती फैसलों के कारण अपना पंजीकरण खोने और चुनाव से प्रतिबंधित होने के बावजूद भी जमात देश में सक्रिय रही।