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विदेश

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इस महिला एजेंट ने किया बड़ा खुलासा कहा-“पुतिन पार कर सकते हैं कोई भी हद”

रूस यूक्रेन के जंग को आज 20वां दिन हो गया है.ऐसे में अन्य देशों की चिंता बढ़ती जा रही. उनका मानना है कि यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद अबतक का सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला युद्ध है.

इस बीच रूस के राष्ट्रपति की सहयोगी रह चुकीं एक पुरानी लेडी सीक्रेट एजेंट ने हैरान कर देने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि पुतिन किसी भी हालत में जंग जीतना चाहते हैं और वाकई इस जंग को जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.

एजेंट आलिया रोजा ने कि पुतिन किसी भी हालत में नाटो देशों को यूक्रेन में अपने हथियार या फ़ौज को तैनात करने से रोकना चाहते हैं. और उन्हें रोकने के लिए किसी भी हद तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे.

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग ने पिछले 20 दिनों में यूक्रेन को तबाह कर दिया है. ज्यादातर बड़े शहर खाक हो गए हैं, लोग अपने अपने परिवार को लेकर देश छोड़ रहे हैं. एक तरफ जहां रूस या यूक्रेन दोनों ही देश पीछे हटने को तैयार नहीं है .

क्या एक बार फिर दुनिया पर आने वाला हैं कोरोना का खतरा, इस देश ने अपनी 3 करोड़ की आबादी को घरों में किया बंद

दुनिया भर के देशों को कोरोना महामारी की चपेट में लाने वाले चीन में इन दिनों इस संक्रमण ने तबाही मचाई हुई है. चीन पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण को झेल रहा है.  जिनपिंग सरकार ने दक्षिणी चीन के टेक्नोलॉजिकल हब शेनझेन में आज से सख्त लॉकडाउन लगाने का एलान किया है.

बता दें कि चीन के जिलीन प्रांत की राजधानी चांगचुन में शुक्रवार से लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में शहर के 90 लाख लोगों को इमरजेंसी अलर्ट के बाद घरों में रहने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, शेडोंग प्रांत के युचेंग में भी लॉकडाउन का आदेश दिया गया, जहां की आबादी 5 लाख के करीब है. ऐसे में फिलहाल चीन के कुल तीन शहरों में लॉकडाउन लगा है.

इस शहर की सीमा हांगकांग से लगती है, जहां पहले ही बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. हांगकांग में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है.चीन में शनिवार को कोरोना वायरस के दैनिक मामले दो सालों में सबसे अधिक दर्ज किए गए.

अधिकारियों ने बताया कि करीब दो हजार नए मामले सामने आए, जिसमें राजधानी बीजिंग में 20 लोग संक्रमित पाए गए थे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि चीन में शनिवार को कोविड-19 के 1,807 नए मामले सामने आए, जबकि 131 मरीजों का आयात किया गया.

 

WW3: यूक्रेन के एक अस्पताल से सामने आई दिल देहला देने वाली तस्वीर, रूस के बम विस्फोट में एक गर्भवती महिला की हुई मौत

 रूस-यूक्रेन के बीच आज 19वें दिन भी युद्ध जारी है. यूक्रेन के प्रसूति अस्पताल पर रूस के बम विस्फोट में एक गर्भवती महिला समेत उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई है.  अस्पताल में हमले के बाद एक वीडियो और कुछ तस्वीरें सामने आयी जिसमें एक महिला खून से लथपथ दिखी.

बताया जा रहा है कि, घटना के तुरंत बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया. वहां महिला को डॉक्टरों ने बताया कि उसका बच्चा नहीं रहा. महिला ने ये जानने के बाद डॉक्टरों से कहा कि मुझे भी मार दें.

रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते यूक्रेन के कई बड़े शहर लगभग तबाह हो गए हैं. लगातार हो रही बमबारी से अपनी जान बचाने के लिए लाखों लोग घर छोड़कर दूसरे देशों में जा चुके हैं.

इस बीच रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूसी सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन शुरू होने के बाद से यूक्रेन के 3,920 सैन्य बेस को नष्ट कर दिया है. हालांकि अबतक इस आंकड़े पर यूक्रेन का कोई जवाब सामने नहीं आया है.

फ़्रांस के अधिकारी ने किया खुलासा, यूक्रेन से जंग खत्म करने के मूड में नहीं पुतिन ये होगा अगला कदम

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन से जंग खत्म करने के मूड में फिलहाल दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस बात की जानकारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने दी है।

अधिकारी ने बताया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ शनिवार को एक कॉल के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने की थोड़ी भी इच्छा नहीं दिखाई।

पुतिन ने स्कोल्ज और मैक्रों से बातचीत में फिर कहा कि यूक्रेनी सेना अपने नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है और नागरिकों को बाहर निकलने दिया जा रहा है। जेलेंस्की खुद छिपे हुए हैं और नागरिकों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।

कीव पर कब्जे के लिए रूस अब अंतिम हमले की तैयारी कर रहा है। इस बीच नाटो प्रमुख ने दावा किया है कि, रूस यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।

यूक्रेन के रिहायशी इलाकों को भीषण बमबारी से तबाह करने में लगा रूस, मैरियूपोल और सुमी में हुए रॉकेट हमले

युद्ध क्षेत्र से नागरिकों को निकलने देने के लिए मानव गलियारे बनाने के एलान के बावजूद रूसी फौज की आवासीय इलाकों पर भीषण बमबारी ने हालात और खराब कर दिए हैं। राजधानी कीव और उसके उत्तर पश्चिमी हिस्से के साथ ही मैरियूपोल और सुमी में शनिवार को तय किए गए बचाव गलियारों पर रूसी बमबारी और रॉकेट हमले तेज हो गए।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने रूसी घेराबंदी के कारण बुरी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि मैरियूपोल में गोलाबारी के कारण बाहर निकल पाने में नाकाम लोगों के बीच अब जरूरी चीजों के लिए मारपीट शुरू हो गई है।

रूसी सेना ने यूक्रेन के वेसिलकीव में एक सैन्य एयरबेस को 8 मिसाइलें दागकर नष्ट कर दिया है। वहीं कीव में एक तेल डिपो व एक हथियार डिपो भी तबाह हो गया है। यूक्रेन ने कहा, रूसी हमले में 79 बच्चों की मौत हुई है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोप व अफ्रीका में खाद्य आपूर्ति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, युद्ध ने यूरोप को पहले ही अस्थिर कर दिया है। यह 12 से 18 माह में और भी खराब हो सकता है।यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को आर्थिक व राजनीतिक मोर्चे पर घेरने के लिए पश्चिमी देशों ने प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस का सर्वाधिक तरजीह वाले राष्ट्र का दर्जा खत्म करने की घोषणा कर दी है।

अमेरिका ने सीफूड, शराब और हीरों का कारोबार भी रोकने का एलान किया है। अमेरिका ने यूरोप में सैनिकों की तैनाती शुक्रवार को बढ़ा दी। 130 और जवानों को नाटो सहयोगियों की मदद के लिए भेजा गया है। एजेंसी

यूक्रेन को जैविक हथियार के लिए वित्त पोषित कर रहा अमेरिका, रूस के दावे पर चीन ने की ये मांग

युद्ध संकट के बीच रूस ने दावा किया है कि अमेरिका यूक्रेन को जैविक हथियार के लिए वित्त पोषित कर रहा है। रूस ने कहा कि यूक्रेन में अपने सैन्य ऑपरेशन के दौरान वहां जैविक हथियार बनाने के मजबूत सबूत मिले हैं और इसके पीछे अमेरिका का हाथ है।

वहीं इस दावे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक बैठक भी बुलाई। इस बैठक में अमेरिका ने भी पलटवार किया। अमेरिका ने कहा कि रूस दुनिया के सामने झूठी अफवाह फैला रहा है।

रूस के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि अमेरिका यूक्रेन के अंदर यूक्रेन सरकार के पूर्ण समर्थन से एक गुप्त सैन्य-जैविक कार्यक्रम चला रहा है। रूसी सरकार ने एक ट्वीट में कहा कि उसके सैनिकों ने सैन्य-जैविक कार्यक्रम के सबूत खोजे हैं।

रूसी दावे पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका कभी भी जैविक हथियार कार्यक्रम नहीं चलाया है और न ही चलाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा समर्थित ऐसी कोई प्रयोगशाला नहीं हैं।

यूक्रेनी हवाई पट्टियों को आज रूसी विमानों और तोपों ने बनाया निशाना, दिनभर में गिराए जा रहे 200 बम

रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध का आज 17वां दिन है रूसी सैनिकों ने आज भी कई जगह ताबड़तोड़ बमबारी की है। यूक्रेन में शनिवार को रूसी विमानों और तोपों ने देश के पश्चिम में जहां यूक्रेनी हवाई पट्टियों को निशाना बनाया, वहीं पूर्व में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र पर बम व गोले बरसाए।

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने रूस के हवाई अभियान को लेकर एक आकलन साझा किया। उन्होंने कहा कि रूसी पायलट दिनभर में औसतन 200 बम गिरा रहे हैं, जबकि यूक्रेनी बलों के मामले में यह संख्या पांच से दस के बीच है।

यूक्रेन के डेप्रिनो शहर में हर थोड़ी देर में रूस की वायु सेना मिसाइल से हमला कर रही है। इस बीच उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों से राजधानी कीव और उसके आसपात के इलाकों में आवासीय परिसरों में रूसी और यूक्रेनी बलों के बीच भीषण गोलीबारी होने की जानकारी मिली है।

इसके अलावा यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि मारियुपोल में 1,500 नागरिक मारे गए हैं, क्योंकि रूसी सेना ने घेराबंदी वाले बंदरगाह शहर पर अपना हमला जारी रखा है।

रूस पर बढ़ते प्रतिबंधों को देखते हुए सावधान हुआ चीन, पुतिन की मदद करने से किया साफ़ इंकार

चीन ने रूस को अपना असली रंग दिखा ही दिया. यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम प्रतिबंध थोपे हैं. इन प्रतिबंधों में बोइंग एयरबस के कलपुर्जों की आपूर्ति भी शामिल थी.

 रूस ने मदद के लिए चीन की तरफ हाथ बढ़ाया था.  रूस अपनी एयरलाइंस को विमान के पुर्जों की आपूर्ति के लिए भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है. चीन द्वारा मना करने के बाद रूस अब भारत तुर्की जैसे देशों से मदद की उम्मीद में है.

गौरतलब है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर इतने प्रतिबंध थोपे हैं कि उनकी संख्या के आगे उत्तर कोरिया ईरान जैसे देश भी कहीं पीछे छूट गए हैं. इस कड़ी में बोइंग एयरबस द्वारा कलपुर्जों की आपूर्ति रोकने के बाद रूस ने चीन की ओर रुख किया था, लेकिन चीन ने रूसी एयरलाइंस को विमान के पुर्जों की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है.

एक रूसी फेडरल एयर ट्रांसपोर्ट एजेंसी अधिकारी वालेरी कुडिनोव के हवाले से कहा कि चीन द्वारा मना करने के बाद रूस अब भारत तुर्की जैसे देशों से मदद की उम्मीद में है. रूसी कंपनियां अपने विमानों को रजिस्टर कर रही हैं.

सउदी अरब सरकार ने कोविड-19 के केस में कमी के चलते लिया ये बड़ा फैसला, आपके लिए हैं बेहद जरुरी

अगर आप सउदी अरब में काम करते हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें. इससे आपकी बड़ी परेशानी का समाधान होगा. दरअसल, सऊदी अरब ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए बनाई गई गाइडलाइंस को वापस ले लिया है.

इससे वहां काम करने वाले भारतीयों को काफी राहत मिलेगी. पिछले दिनों ही सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने पुरानी गाइडलाइंस को वापस लेने का फैसला किया. इसके तहत अब भारतीय कामगारों को रियाद पहुंचने पर अनिवार्य कोविड-19 क्वारंटीन पीरियड से नहीं गुजरना पड़ेगा.

नए नियम के तहत अब सऊदी अरब में आने वाले सभी लोगों के वीजा में कोविड इंश्योरेंस होना अनिवार्य कर दिया गया है. सक्षम लोगों के लिए वैक्सीन जरूरी होगी.

सऊदी अरब में भारत से बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में जाते हैं. पहले तो कोरोना की पहली लहर और फिर बाद में दूसरी लहर की वजह से वहां सख्त गाइडलाइंस लागू की गई थी. इससे कई भारतीय मजबूरी में काम नहीं कर पा रहे थे.

 

अमेरिका ने जारी किया बयान-“रूस यूक्रेन पर जैविक या रासायनिक हथियार से हमले की कर रहा तैयारी”

रूस-यूक्रेन जंग में रूस द्वारा यूक्रेन पर रासायनिक या जैविक हथियारों से हमले की आशंका जताने पर अमेरिका व रूस में तकरार हो गई है। रूस ने ऐसी किसी योजना से साफ इनकार किया है, वहीं अमेरिका ने बाकायदा बयान जारी किया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दावा किया है कि रासायनिक व जैविक हमले की आशंका को लेकर हमारे पास चिंतित होने की अहम वजह है।
साकी ने ट्वीट किया, ‘हमें यूक्रेन में कथित अमेरिकी जैविक हथियार लैब और रासायनिक हथियारों के विकास के बारे में रूस के झूठे दावों पर ध्यान देना चाहिए। हमने चीन के अधिकारियों को भी देखा है कि वह इस तरह के दावों का समर्थन कर रहे हैं, जो एक सुनियोजित साजिश है।
रूस ने भी दावा किया है कि उसने यूक्रेन में ऐसे जैविक हथियारों को खोज निकाला है जो अमेरिका के नेतृत्व में यहां रखे गए हैं। इन जैविक हथियारों का मकसद सैन्य इस्तेमाल है।

इसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी नरमी दिखाई है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा है कि हमारा मकसद यूक्रेन की सरकार को गिराना नहीं, बल्कि उसे तटस्थ बनाना है।