Friday , November 22 2024

विदेश

रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदना क्या भारत को पड़ेगा भारी, US अधिकारी ने दी जानकारी

अमेरिका में राष्ट्रपति बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर भारत पर सीएएटीएसए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे।

 ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत अमेरिकी प्रशासन के पास ईरान, उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

भारत के खिलाफ संभावित सीएएटीएसए प्रतिबंधों से जुड़े एक सवाल पर दक्षिण एवं मध्य एशिया में अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने को सीनेट की निकट पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और आतंकवाद निरोधी मामलों की विदेशी संबंध उपसमिति के सदस्यों को बताया कि, नई दिल्ली पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस पर फैसला राष्ट्रपति बाइडन लेंगे।

उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से मैं यह नहीं कह पा रहा हूं कि भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के मामले में राष्ट्रपति या विदेश मंत्री के फैसले को लेकर कोई अंदाजा लगाएं। मैं यह भी नहीं बता पा रहा हूं कि क्या यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई का इस फैसले पर कोई असर होगा।

उन्होंने कहा, पिछले कुछ हफ्तों में हमने देखा है कि भारत ने कैसे मिग-29 का ऑर्डर रद्द किया, रूसी हेलीकॉप्टर और टैंक रोधी हथियार का ऑर्डर रद्द किया। लु की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत को यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को हुए मतदान से दूर रहने को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों ही दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

तबाही की तरह बढ़ रहा युद्ध, रूस की सेना ने यूक्रेन के 1600 से अधिक सैन्य ठिकानों को किया बर्बाद

रूस ने गुरूवार को दावा किया कि उनके सशस्त्र बलों से यूक्रेन के 1600 से अधिक सैन्य ठिकानों को बरबाद कर दिया। रूसी के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने आज दावा किया कि रूसी सशस्त्र बलों ने यूक्रेन के 1,600 से अधिक सैन्य ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है।

कोनाशेनकोव ने कहा, “ऑपरेशन के दौरान कुल 1,612 लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, जिसमें यूक्रेनी सेना के 62 कमांड पोस्ट और संचार केंद्र, 39 एस-300, बुक एम-1 और ओसा वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली व 52 रडार स्टेशन शामिल हैं।”

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की आंच आम आदमी महसूस करने लगा है। देश में भुगतान तंत्र (पेमेंट सिस्टम) अब काम नहीं कर रहा है और नगदी निकासी को लेकर भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।  इसके अलावा एक सुपरमार्केट ने भी प्रति व्यक्ति समान खरीद की मात्रा सीमित कर दी है।

एप्पल ने घोषणा की है कि वह रूस में अपने आईफोन और अन्य उत्पाद बेचना बंद कर रहा है। साथ ही एप्पल पे जैसी सुविधाओं को भी सीमित करेगा। बड़ी संख्या में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में अपने कारोबार को बंद कर दिया है।

मोबाइल सिक्योरिटी फर्म Lookout ने 20 डार्कवेब पासवर्ड की लिस्ट की जारी, यदि आप भी करते हैं यूज़ तो…

आप और हम आमतौर पर ऐसा पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं जिसे याद रखना आसान होता है और यहीं हम सबसे बड़ी गलती करते हैं, क्योंकि आसानी से याद होने वाले पासवर्ड का इस्तेमाल हर कोई करता है जिसकी वजह से हैकर्स का काम आसान हो जाता है।

अब मोबाइल सिक्योरिटी फर्म Lookout ने 20 ऐसे पासवर्ड की लिस्ट जारी की है जो बेहद ही आम हैं। इन पासवर्ड का इस्तेमाल पूरी दुनिया में भारी संख्या में लोग कर रहे हैं। सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सभी एप्स हैकर्स फोरम डार्क वेब पर उपलब्ध हैं।

कई बार इन पासवर्ड की मदद से हैकर्स लोगों के बैंक अकाउंट तक में भी सेंध लगा देते हैं। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि रूस-यूक्रेन के बीच जंग के कारण पूरी दुनिया में साइबर अटैक की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हो सकता है।

Lookout मोबाइल डिवाइस के लिए क्लाउड सिक्योरिटी की सर्विस देती है। लुकआउट ने अपने ब्लॉग में कहा है कि दिसंबर में औसतन 80% यूजर्स का ईमेल डार्क वेब पर लीक हुआ है। लीक ई-मेल के साथ कुछ अकाउंट के पासवर्ड भी लीक हुए हैं।

China on Taiwan: ताइवान मुद्दे पर चीन ने दिखाई अमेरिका को आंखें कहा-“चुकानी होगी भारी कीमत”

रूस  ने यूक्रेन  में युद्ध छेड़ा हुआ है तो ताइवान पर चीन ने अमेरिका को आंखें दिखाई हैं. अमेरिकी अधिकारियों का दल ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचा है. अब चीन ने खुली धमकी दी है कि अगर अमेरिका ताइवान की आजादी का समर्थन करता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

अमेरिका के ‘ज्वाइंट चीफ्ट ऑफ स्टाफ’ के पूर्व अध्यक्ष माइकल मुलेन समेत पांच सदस्यों का दल ताइपे पहुंचा है. इस दल का ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने स्वागत किया है. ये दल दो दिन में राष्ट्रपति साई इंग वेन समेत दूसरे अधिकारियों से मुलाकात करेगा. अमेरिका ने ये दल ताइवान के साथ समर्थन जताने के लिए भेजा है.

बीते कुछ महीनों में चीन ने अपनी सैन्य तैयारियां तेज की हैं. चीन बार-बार लड़ाकू जेट्स को ताइवान की सीमा पर भेजता है. कई बार चीनी युद्धपोत ताइवान की जलसीमा में भी दाखिल हो चुके हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है.”

अमेरिका ने एक वक्त में चीन की इसी नीति का समर्थन भी किया था, लेकिन बाद में बदल गया. साल 1972 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने चीन की यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान ही सात साल बाद चीन और अमेरिका के राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे.

 

यूक्रेन से सामने आई ऐसी डरावनी तस्वीरें, कीव पर चढ़ाई कर रहा 64km लंबा रूसी सैन्य काफिला

 एक निजी अमेरिकी कंपनी के हवाले से रिपोर्ट किया कि 40 मील लंबा रूसी सैन्य काफिला यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर जाता दिखाई दिया है. सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन की राजधानी कीव के उत्तर में एक रूसी सैन्य काफिला दिखाया गया है, जो लगभग 40 मील (64 किमी) तक फैला है, जो पहले बताए गए 17 मील (27 किमी) लंबे काफिले की तुलना में काफी लंबा है.

मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने यह भी कहा कि यूक्रेन की सीमा के उत्तर में 20 मील (32 किमी) से भी कम दूरी पर दक्षिणी बेलारूस में अतिरिक्त जमीनी बलों की तैनाती और जमीन पर हमला करने वाली हेलीकॉप्टर इकाइयां देखी गईं.

यह तस्वीरें बताती हैं कि रूस अपने हमलों को और तेज करने की योजना को अंजाम देने की ओर बढ़ रहा है. हालांकि, दूसरी ओर एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने दावा किया कि कीव की ओर रूसी बलों का मूवमेंट फिलहाल “ठप” है.

अधिकारी ने दावा किया कि रूसी न केवल “ईंधन और निरंतरता” की समस्याओं का सामना कर रहे हैं बल्कि लगता है कि वह भोजन की कमी का भी सामना कर रहे हैं. अधिकारी ने दावा किया कि यूक्रेनी “प्रतिरोध” भी इसका संभावित कारण हो सकता है.

 

 

रूस पर बढ़ते प्रतिबंधो के बीच 7-8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट करेगा Ukraine मामले पर बड़ी सुनवाई

रूस  ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. रूस ने कीव स्थित टीवी टॉवर को ध्वस्त कर दिया है.वहीं यूरोपीय यूनियन रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहा है.

अब यूरोपीय यूनियन रूस की स्थानीय मीडिया स्पुतनिक पर रोक लगा दी है. इसके अलावा एप्पल ने भी रूस में अपने सभी प्रोडक्ट की बिक्री रोक दी है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट  में रूस यूक्रेन मामले में 7-8 मार्च को सुनवाई होगी.

कोर्ट की ओर से बताया गया कि 27 फरवरी को यूक्रेन ने मामला दर्ज कराया गया था. यूक्रेन ने कहा था कि रूस का नरसंहार रोकने का दावा झूठा है. रूस की ओर से यूक्रेन में किए हमले के बाद से पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाने का सिलसिला जारा है.

मानवाधिकार संगठनों ने रूप पर क्लस्टर वैक्यूम बमों के इस्तेमाल का बी आरोप लगाया है. मंगलवार को रूस ने यूक्रेन के कीव शहर में हमले तेज किए. रूस ने कीव में टीवी टॉवर हमले में ध्वस्त कर दिया गया, जिससे टीवी प्रसारण बंद हो गया है.

जंग के 7वें दिन यूक्रेन में स्थिति हुई बेहद खराब, रूसी सेना ने किया Kherson पर कब्ज़ा व कीव में की बमबारी

रूस और यूक्रेन के बीच 7वें दिन जारी युद्ध की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। रूसी सेना ने ख़ेर्सोन (Kherson) पर कब्जा कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ कीव-खारकीव में बमबारी भी तेज हो गई है।

 रूस की सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर भारी बमबारी की। इस हमले में कीव का मुख्य टीवी टावर ध्वस्त हो गया, जिसे यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ”आतंक” करार दिया।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने खारकीव में ‘फ्रीडम स्क्वेयर’ पर रक्तपात के बाद कहा, “कोई इसे नहीं भूलेगा। इसे कोई माफ नहीं करेगा।” इस बीच, 40 मील दूरी तक फैला रूसी टैंकों और अन्य वाहनों का काफिला धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ा।  ”

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े युद्ध के छठे दिन रूस और अलग-थलग पड़ गया। रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं और देश के पास चीन, बेलारूस और उत्तर कोरिया जैसे कुछेक मित्र ही बचे हैं।

यूक्रेन में युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। एक वरिष्ठ पश्चिमी खुफिया अधिकारी ने अनुमान जताया कि 5,000 से अधिक रूसी बल या तो कैद में हैं या मारे गए हैं। यूक्रेनी बलों को हुए नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं है।

यूक्रेन संकट को लेकर रूस पर जमकर बरसे अमेरिकी राष्ट्रपति कहा-“हम यूक्रेन की एक-एक इंच की रक्षा करेंगे”

यूक्रेन संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले स्टेट ऑफ यूनियन को संबोधित करते यूक्रेन संकट को लेकर रूस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि रूस ने बहुत बड़ी गलती कर दी. उन्होंने कहा कि पुतिन ने सोचा कि NATO और पश्चिमी देश रूस के हमले का जवाब नहीं देंगे लेकिन ऐसा नहीं है.

बाइडेन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन को कमजोर समझने की गलती कर दी, जबकि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि बेशक हमारी सेना युद्ध में हिस्सा नहीं लेगी लेकिन हम यूक्रेन की मदद करते रहेंगे.

बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है. अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं.

स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम सभी रूसी उड़ानों के लिए अमेरिकी हवाई क्षेत्र को बंद करने में अपने सहयोगियों के साथ शामिल होंगे.

जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन की अगुवाई में रूस इस वक्त दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग पड़ चुका है, शायद इतिहास में आजतक कोई देश ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचा. उन्होंने बताया कि यूरोपियन यूनियन में करीब 27 देश यूक्रेन के साथ खड़े हैं.

यूक्रेन पर हमले के चलते रूस पर लगाए गए Sports sanctions, एथलेटिक्स, टेनिस, फॉर्मूला 1, साइक्लिंग से किया सस्पेंड

यूक्रेन पर हमले  के बाद रूस पर खेलों में भी प्रतिबंध बढ़ते जा रहे हैं. अलग-अलग खेलों की वैश्विक संस्थाओं ने रूस को सस्पेंड करने का फैसला किया है.

इसके साथ ही कई बड़े ब्रैंड्स ने भी रूस से खुद दूर किया है. रूसी कंपनियों से भी टीमें किनारा कर रही है. फुटबॉल, टेनिस, साइक्लिंग, फॉर्मूला वन, एथलेटिक्स, शूटिंग, बैडमिंटन, हॉकी का संचालन करने वाली संस्थाएं अभी तक रूस पर प्रतिबंध लगा चुकी हैं.

इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन ने रूस और बेलारूस को टेनिस के बड़े टूर्नामेंटों से सस्पेंड करने का फैसला किया है. यह कदम रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद उठाया गया है. साथ ही इन दोनों देशों की आईटीएफ सदस्यता भी तुरंत प्रभाव से रोक दी गई है.

अक्टूबर 2022 में मॉस्को में होने वाले महिला और पुरुष टेनिस टूर्नामेंट भी सस्पेंड किए गए हैं. हालांकि रूस और बेलारूस के खिलाड़ी ग्रैंडस्लैम और इसी तरह के बाकी के टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकेंगे लेकिन वे रूस और बेलारूस के झंडे या नाम का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.

Russia Ukraine War: रूस ने कीव पर मिसाइल दागना किया शुरू, खतरे को देखते हुए भारतीय दूतावास ने जारी की ये एडवाइजरी

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूस लगातार आक्रमक हो रहा है. यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइल दागे जा रहे हैं. खतरे को देखते हुए भारतीय दूतावास ने सभी भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में सभी भारतीयों को आज ही कीव खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. उनसे कहा गया है जिसे जो साधन मिले, वो लेकर कीव खाली कर दे.

बढ़ते खतरे और कुछ भारतीयों पर यूक्रेनी पुलिस द्वारा मारपीट की घटना सामने आने के बाद रूस ने भी एक एडवाइजरी भारतीय स्टूडेंट्स के लिए जारी की थी. इसमें कहा गया था कि जो भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, वो रूसी सैनिक से संपर्क करें.

इस अभियान को सही से और जल्दी अंजाम तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए सरकार ने कल अपने 4 केंद्रीय मंत्रियों को भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाकर रास्ता निकालने के लिए भेज दिया था. ये सभी मंत्री इन देशों में विशेष दूत के रूप में जाएंगे और फंसे हुए भारतीयों को निकालने की कोशिश करेंगे.