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विदेश

कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर से करने पर एलन मस्क हुए ट्रोल

एलन मस्क ने अपने एक ट्वीट में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर से कर दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। इसके बाद मस्क ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
एलन मस्क ने  को एक ट्वीट किया था।  मस्क ने एक मीम शेयर किया था। इसमें हिटलर की फोटो थी, उस पर लिखा था, ‘मेरी तुलना जस्टिन ट्रूडो से करना बंद करो’, इसके नीचे लिखा था I had a Budget, इस ट्वीट के बाद काफी हंगामा हुआ और बाद में यह मुद्दा यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन में भी आया। मस्क के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी।
 इतने बड़े विवाद के पीछे सीमा पार करने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए वैक्सीन को जरूरी बनाए जाने का सरकार का फैसला था। इसी सिलसिले में पीएम ने अपने कथित तौर पर विवादित बयान में कहा था कि ट्रक वाले दूसरे लोगों के लिए खतरा हैं।
कनाडा में प्रवेश करने वाले ट्रक डाइवर्स इसी नियम और पीएम के विवादित बयान का विरोध कर रहे थे। ट्रक चालक अमेरिका की सीमा को पार करने के लिए वैक्सीन को अनिवार्य बनाए जाने के खिलाफ हैं।

अफगानिस्तान में ISIS की मौजूदगी पर चिंता जाहिर करते हुए यूएस जनरल ने किया ये बड़ा दावा…

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद, वहां आतंक बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस बीच अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने दावा किया है कि, वहां पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट मौजूद है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मैकेंजी ने अफगानिस्तान में ISIS की मौजूदगी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, वहां जो कुछ भी होने वाला है, अमेरिकी उसे अभी भी सुलझा रहा है।

उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि, अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, वह अशासकीय है। इसलिए, दुनिया के लिए यह एक जोखिम की तरह है। उन्होंने आगे कहा कि, इस्लामिक स्टेट बाहरी हमलों को अंजाम देने की इच्छा रखता है।

 उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अल-कायदा व आईएसआईएस जैसे आतंकवादी गुटों का फिर से उभरना, न केवल अफगानिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।
अमेरिकी जनरल के दावे और सामने आ रही खबरों के बावजूद तालिबान ने इसका खंडन किया है। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अफगानिस्तान में कोई भी आतंकी संगठन मौजूद नहीं है। हमारी फौजें, इस तरह की ताकतों से लड़ने के लिए तैयार हैं।

MoCA ने एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या से हटाया प्रतिबंध

रूस और यूक्रेन के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति को देख अब एमओसीए ने एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों की संख्या और उड़ान के दौरान सीटों की संख्या पर प्रतिबंध को हटा दिया है.

MoCA ने इसकी जानकारी दी है. MoCA के मुताबिक, कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित हो सकती हैं. मांग बढ़ने के कारण भारतीय एयरलाइंस ने उड़ानों को माउंट करने की जानकारी दी. एमओसीए विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है.

यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेना के तैनात होने के बाद से हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे थे. इस बीच अमेरिका और रूस के बीच जमकर बयानबाजी भी शुरू हो चुकी थी. एक वक्त ऐसा लगा था कि दोनों देश यूक्रेन को लेकर आपस में टकरा सकते हैं.

महंगाई के मुद्दे पर एक बार फिर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा-“आंकड़ों से साफ़ है की महंगाई…”

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दे पर एक बार फिर घेरते हुए पांच सवाल पूछे हैं.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, आंकड़ों से साफ़ है- महंगाई बढ़ती जा रही है, आमदनी घटती जा रही है.राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा, कितने परिवार सूखी रोटी खाने पर मजबूर हैं? कितने बच्चों को स्कूल से निकाल लिया गया? कितनी महिलाओं के गहने गिरवी रखे गए?

बता दें, पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है जिसको लेकर राहुल गांधी भी वोट मांगते दिखे हैं. मंगलवार को को हुई रैली में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. राहुल ने इस दौरान कहा कि पंजाब के भविष्य के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है पंजाब में शांति, पंजाब में भाई चारा, पंजाब में स्टैबिलिटी और पंजाब में सुरक्षा इससे ज़रूरी चीज़ इस प्रदेश में नहीं है.

जर्मनी के चांसलर ने व्लादिमीर पुतिन से की वार्ता, यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस का ये हैं प्लान…

जर्मनी के चांसलर ओलफ शूल्ज मास्को पहुंचे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चर्चा हुई और दुनिया ने राहत की सांस ली। सभी को उम्मीद है कि रूस अब यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा।

रूस ने भी यूक्रेन की सीमा पर तैनात अपनी सेना की संख्या में कटौती करने की घोषणा कर दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के बोरिस जॉनसन ने भी राहत की सांस ली है।  मंहगाई और युद्ध की स्थिति में पैदा होने वाली अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता जैसे हालात से बच जाने के आसार हैं। खासकर, भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह एक अच्छी स्थिति होगी।

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की थी। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति बाइडन ने पुतिन को अपनी सभी चिंताओं और प्रतिबद्धताओं से अवगत कराया।

यूक्रेन की सीमा पर तैनात रूसी सेना तथा हमले की आशंका से उठे सवालों को लेकर भी खुलकर चर्चा की।  नए मंडराते संकट ने महाशक्ति को चिंतित कर दिया था। अमेरिकी शेयर बाजार भी सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था।

पर्वतीय क्षेत्र में भारी बारिश के चलते ब्राजील के रियो डी जिनेरियो में भूस्खलन और बाढ़ से 18 लोगों की मौत

ब्राजील में रियो डी जिनेरियो के पर्वतीय क्षेत्र में अत्यंत भारी बारिश के बाद हुये भूस्खलन और बाढ़ के कारण कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है. जिम्मेदार अधिकारियों ने मंगलवार देर रात यह जानकारी दी है. भूस्खलन के कारण मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि बचाव दल पेट्रोपोलिस क्षेत्र के प्रभावित इलाके में पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं.

रियो राज्य के दमकल विभाग ने एक बयान में बताया कि 180 सैन्यकर्मी बचाव अभियान में जुटे हैं. विभाग ने बताया कि इलाके में दिन में तीन घंटे के भीतर 25.8 सेंटीमीटर बारिश हुई, जो इससे पहले के 30 दिन में हुई बारिश के बराबर है.

रूस की यात्रा पर गए ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने मंत्रियों को बारिश के कारण प्रभावित हुए लोगों की तत्काल मदद करने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि इस समय ब्राजील के राष्ट्रपति रूस की यात्रा पर हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने क्रीमिया में अपने सैन्य अभ्यास की समाप्ति की घोषणा कर दी है. इसके बाद से सेना के जवान पीछे हटने लगे हैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से युद्ध की स्थिति बनी हुई है.

तालिबान ने आखिरकार दिखा ही दिया अपना घिनौना चेहरा, भारत को इस तरह उकसाने की कर रहा कोशिश

एक तरफ भारत अफगानिस्तान की मदद के लिए दवाइयां, रसद जैसी चीजें भेज रहा है, तो दूसरी तरफ वहां की तालिबानी सरकार भारत को उकसाने की कोशिश कर रही है।  अफगानिस्तान ने अपनी एक सैन्य टुकड़ी का नाम ‘पानीपत’ रखा है।

इसे भारत को उकसाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पानीपत ऑपरेशनल यूनिट की तैनाती अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार में की जाएगी।

पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में लड़ी गई थी। इस लड़ाई में अफगान शासक अहमद शाह दुर्रानी ने मराठाओं को परास्त किया था। यही कारण है कि अफगानिस्तान इस ऐतिहासिक घटना पर राजनीति करते हुए भारत को उकसाने की कोशिश कर रहा है।

अफगानिस्तान के आमज न्यूज ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि ‘पानीपत ऑपरेशनल यूनिट’ की तैनाती देश के पूर्वी प्रांत नांगरहार में होगी। यह प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगता है। ट्वीट में एक तस्वीर साझा की गई है।

अफगानिस्तान के लोगों के दिलों में भारत के खिलाफ नफरत घोली जा रही है। कुछ रिपोर्ट में सामने आया है कि मुस्लिमों को अपने समर्थन में करने के लिए अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार लोगों को अहमद शाह दुर्रानी के किस्से सुनाती है।

इस देश में कोरोना वैक्सीन अनिवार्य किए जाने पर नहीं थम रहा बवाल, प्रधानमंत्री ने मजबूरन लागू किया ये अधिनियम

कनाडा में कोरोना वैक्सीन को अनिवार्य किए जाने को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन अब बड़ा संकट बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देशव्यापी विरोध से निपटने के लिए पहली बार आपात स्थिति अधिनियम लागू किया है।

इस वजह से राजधानी ओटावा के कई इलाके जाम हो गए हैं। ओटावा में 50 हजार से ज्यादा ट्रक ड्राइवर्स प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि उन्होंने कनाडा के इतिहास में पहली बार आपात स्थिति अधिनियम लागू किया है ताकि संघीय सरकार को कोरोना महामारी प्रतिबंधों के खिलाफ चल रहे अवरोधों और विरोधों को संभालने के लिए अतिरिक्त शक्तियां दी जा सकें।

ट्रूडो ने सोमवार दोपहर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि आपात स्थिति कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की कानून प्रवर्तन की क्षमता के लिए गंभीर चुनौतियां हैं।”

एक एक दाने को मोहताज हो जाएगी पूरी दुनिया यदि रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध !

यूक्रेन के मुद्दे पर अगर रूस और पश्चिमी देशों के बीच टकराव बढ़ा, तो उससे दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं। ये चेतावनी खाद्य विशेषज्ञों ने दी है।

उन्होंने ध्यान दिलाया है कि रूस और यूक्रेन गेहूं और मक्के के सबसे बड़े उत्पादक देशों में शामिल हैं। इन दोनों अनाजों की कीमत में पहले से चढ़ान का रुख है।

अमेरिका का शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड अनाज के वायदा कारोबार के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानदंड समझा जाता है। वहां अभी मक्के का भाव 6.20 डॉलर प्रति टन है। यह पिछले साल की तुलना में दस फीसदी ज्यादा है। यहां गेहूं का भाव पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा है।

 गेहूं के अंतरराष्ट्रीय निर्यात में रूस का हिस्सा 20 फीसदी है। यूक्रेन गेहूं का दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा निर्यातक है। अंतरराष्ट्रीय निर्यात में उसका हिस्सा 10 फीसदी है। यानी साझा तौर पर कुल 30 फीसदी गेंहू निर्यात करने वाले देश फिलहाल युद्ध मैदान में आमने-सामने खड़े हैं। यूक्रेन जौ और सूरजमुखी के भी बड़े उत्पादकों में शामिल है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युद्ध हुआ, तो उसका सबसे खराब असर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका पर पड़ेगा। रूस और यूक्रेन से अनाज का सबसे ज्यादा आयात इसी क्षेत्र के देश करते हैं।

तीन दिवसीय यात्रा पर आज फिलीपींस पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, कई अहम मुद्दों पर की वार्ता

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर आज अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर फिलीपींस पहुंचे हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने अपने समकक्ष तियोदोरो एल लोक्सिन से मुलाकात की।

इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गईं। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि लोक्सिन और जयशंकर के बीच दोनों देशों के मौजूदा मजबूत संबंधों के साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों के भविष्य की दिशा पर चर्चा की गई।

इससे पहले, विदेश मंत्रालय में वार्ता के लिए पहुंचने पर सचिव लोकिन ने जयशंकर का स्वागत किया। यात्रा से पहले, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों मंत्री द्विपक्षीय सहयोग पर संयुक्त आयोग की बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा करेंगे, जिसकी उन्होंने नवंबर 2020 में आभासी प्रारूप में सह-अध्यक्षता की थी।

MEA ने कहा कि आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस यात्रा से भारत-प्रशांत, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में हमारे प्रमुख भागीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है, जो आसियान का एक प्रमुख सदस्य भी है।” जयशंकर ऑस्ट्रेलिया से यहां पहुंचे जहां उन्होंने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया और अपने क्वाड समकक्षों के साथ अलग द्विपक्षीय वार्ता भी की।