Sunday , November 24 2024

विदेश

इस देश में कोरोना वैक्सीन अनिवार्य किए जाने पर नहीं थम रहा बवाल, प्रधानमंत्री ने मजबूरन लागू किया ये अधिनियम

कनाडा में कोरोना वैक्सीन को अनिवार्य किए जाने को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन अब बड़ा संकट बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देशव्यापी विरोध से निपटने के लिए पहली बार आपात स्थिति अधिनियम लागू किया है।

इस वजह से राजधानी ओटावा के कई इलाके जाम हो गए हैं। ओटावा में 50 हजार से ज्यादा ट्रक ड्राइवर्स प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि उन्होंने कनाडा के इतिहास में पहली बार आपात स्थिति अधिनियम लागू किया है ताकि संघीय सरकार को कोरोना महामारी प्रतिबंधों के खिलाफ चल रहे अवरोधों और विरोधों को संभालने के लिए अतिरिक्त शक्तियां दी जा सकें।

ट्रूडो ने सोमवार दोपहर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि आपात स्थिति कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की कानून प्रवर्तन की क्षमता के लिए गंभीर चुनौतियां हैं।”

एक एक दाने को मोहताज हो जाएगी पूरी दुनिया यदि रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध !

यूक्रेन के मुद्दे पर अगर रूस और पश्चिमी देशों के बीच टकराव बढ़ा, तो उससे दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं। ये चेतावनी खाद्य विशेषज्ञों ने दी है।

उन्होंने ध्यान दिलाया है कि रूस और यूक्रेन गेहूं और मक्के के सबसे बड़े उत्पादक देशों में शामिल हैं। इन दोनों अनाजों की कीमत में पहले से चढ़ान का रुख है।

अमेरिका का शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड अनाज के वायदा कारोबार के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानदंड समझा जाता है। वहां अभी मक्के का भाव 6.20 डॉलर प्रति टन है। यह पिछले साल की तुलना में दस फीसदी ज्यादा है। यहां गेहूं का भाव पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा है।

 गेहूं के अंतरराष्ट्रीय निर्यात में रूस का हिस्सा 20 फीसदी है। यूक्रेन गेहूं का दुनिया में पांचवा सबसे बड़ा निर्यातक है। अंतरराष्ट्रीय निर्यात में उसका हिस्सा 10 फीसदी है। यानी साझा तौर पर कुल 30 फीसदी गेंहू निर्यात करने वाले देश फिलहाल युद्ध मैदान में आमने-सामने खड़े हैं। यूक्रेन जौ और सूरजमुखी के भी बड़े उत्पादकों में शामिल है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युद्ध हुआ, तो उसका सबसे खराब असर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका पर पड़ेगा। रूस और यूक्रेन से अनाज का सबसे ज्यादा आयात इसी क्षेत्र के देश करते हैं।

तीन दिवसीय यात्रा पर आज फिलीपींस पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, कई अहम मुद्दों पर की वार्ता

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर आज अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर फिलीपींस पहुंचे हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने अपने समकक्ष तियोदोरो एल लोक्सिन से मुलाकात की।

इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गईं। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि लोक्सिन और जयशंकर के बीच दोनों देशों के मौजूदा मजबूत संबंधों के साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों के भविष्य की दिशा पर चर्चा की गई।

इससे पहले, विदेश मंत्रालय में वार्ता के लिए पहुंचने पर सचिव लोकिन ने जयशंकर का स्वागत किया। यात्रा से पहले, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों मंत्री द्विपक्षीय सहयोग पर संयुक्त आयोग की बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा करेंगे, जिसकी उन्होंने नवंबर 2020 में आभासी प्रारूप में सह-अध्यक्षता की थी।

MEA ने कहा कि आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस यात्रा से भारत-प्रशांत, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में हमारे प्रमुख भागीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है, जो आसियान का एक प्रमुख सदस्य भी है।” जयशंकर ऑस्ट्रेलिया से यहां पहुंचे जहां उन्होंने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया और अपने क्वाड समकक्षों के साथ अलग द्विपक्षीय वार्ता भी की।

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा की बड़ी मुश्किलें, संसद में जारी हुआ महाभियोग प्रस्ताव

 नेपाल के मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जहां संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। उन पर आचार संहिता के उल्लंघन समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं।

मामले में नेपाली संसद अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार ने कहा कि सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस, माओवादी केंद्र और जनता समाजवादी पार्टी के सांसदों ने मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया है।

नेपाली मीडिया के मुताबिक सांसदों का मानना है कि मुख्य न्यायाधीश ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। इसके अलावा वो न्यायालय में न्यायिक माहौल बनाने में विफल रहे। जिस वजह से अब महाभियोग की कार्यवाही की जा रही है।

चोलेंद्र शमशेर राणा ने शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में अपने बहनोई की सीट पक्की करने में मदद की। इससे नेपाल में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।

इसके बाद उनके इस्तीफे की मांग की गई, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। जिस पर कई न्यायाधीश उनके खिलाफ खड़े हो गए। उस दौरान वकील ने भी कार्य बहिष्कार का फैसला किया था।

बाइडेन और पुतिन में वार्ता के बाद भी नहीं बनी बात, यूक्रेन पर जल्द ही रूस कर सकता है आक्रमण

यूक्रेन मसले पर संकट काफी गहरा चुका है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन  के बीच बातचीत हुई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस मसले को लेकर अभी भी बात नहीं बनी है.

बताया जा रहा है कि रूस की सेना युद्धाभ्यास में जुटी हुई है. अमेरिका भी तैयारियों में लगा हुआ है. ऐसा लग रहा है कि रूसी सैनिकों  और अमेरिकी फौज के बीच यूक्रेन फंस गया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों से न घबराने की अपील की है. यह भी बताया जा रहा है कि यूक्रेन में इस वक्त दहशत का माहौल है क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बातचीत सार्थक नहीं रही. पुतिन और बाइडेन के बीच फोन पर करीब 62 मिनट तक बातचीत चली.

यूक्रेन को रूस ने तीन तरफ से घेरा हुआ है. पिछले कई दिनों से बताया जा रहा है कि एक लाख से ज्यादा रूसी सैनिक सीमा पर तैनात हैं. रूस हर दिन युद्धाभ्यास कर अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है.

रूस के हमले के डर से USA सहित इन देशों ने अपने नागरिकों को 48 घंटे के अंदर यूक्रेन छोड़ने का दिया आदेश

संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस के आक्रमण से बचने के लिए अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. मॉस्को ने पश्चिमी देशों पर अपने ध्यान भटकाने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाया.

 रूस ने यूक्रेन बॉर्डर पर एक लाख से अधिक सैनिकों को इकट्ठा किया है, लेकिन आक्रमण करने की योजना से उसका इनकार है.अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि रूस 20 फरवरी को विंटर ओलंपिक के खत्म होने से पहले आक्रमण कर सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अगर अमेरिकी नागरिक यूक्रेन में रहते हैं, तो सैन्य निकासी की उम्मीद नहीं की जा सकती है. नागरिकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ देना चाहिए.

जेक सुलिवन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अमेरिकाहमें यूक्रेन के बॉर्डर पर नए फोर्सेज के पहुंचने के अलावा रूस के तनाव में बढ़ोतरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. हम उस स्थिति में हैं कि किसी भी वक्त हमला शुरू हो सकता है.व्हाइट हाउस में दिए गए सुलिवन के बयान के बाद, रूस के डिप्टी यूएन एंबेस्डर दिमित्री पोलांस्की उनके द्वारा कही गई बातों का मजाक उड़ाते हुए दिखाई दिए.उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे कि यूएस-फैन्ड हिस्टीरिया कम हो रहा है. हो सकता है कि उन्होंने इस पर एक विडंबना जैसी बात कही हो क्योंकि डराने वालों को दूसरी हवा मिल गई है.

लोगों की बढती लापरवाही के बीच WHO ने जारी किया अलर्ट-“ओमिक्रॉन से ज्यादा भयावह होगा ये वैरिएंट”

कोरोना महामारी में जहां सब कुछ ठप हो गया वहीं बहुत लोगों के रोजगार में भी असर पड़ा. लोगों की हेल्थ, खान-पान में भी बदलाव देखा गया. कोरोना महामारी के चलते लोग अपनी सेहत के प्रति ज्यादा जागरूक होते हुए दिखे.

लेकिन अगर आप अब भी यही समझते हैं कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट  आखिरी है तो आप गलत हैं. दरअसल अभी इसके अलग अलग वैरिएंट सामने आने वाले हैं जो ज्यादा जानलेवा हो सकता है.

जानकरों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ  की तकनीकी विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वेन केरखोव ने यह चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘हमें वायरस के बारे में काफी जानकारियां हैं. हर नया वेरिएंट अपने साथ कुछ न कुछ नई चीजें, नए लक्षण, नई खासियतें लेकर आ रहा है. अक्टूबर 2020 में भारत में सामने आया डेल्टा वेरिएंट  सबसे घातक था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि ओमिक्रॉन जैसे वेरिएंट कोरोना वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को चकमा दे रहे हैं. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि वैक्सीन की वजह से ही ओमिक्रॉन ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सका है.

दो गज की दूरी, मास्क लगाना, बार बारे हाथ धोना, भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रहना इन सबका पालन करना जरूरी है. अगर हलके से भी लक्षण नज़र आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना भी जरूरी है. साथ ही घर पर कोरोना टेस्ट किट भी रखना जरूरी है.

 

अपनी बढती नापाक हरकतों के कारण एफ.ए.टी.एफ. की ब्लैक लिस्ट में शामिल हो सकता हैं पाकिस्तान

फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफ.ए.टी.एफ. की मीटिंग इसी महीने के आखिर में होने जा रही है। इस बार भी दुनिया की नजरें पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में रहने या बाहर आने पर रहेंगी।

एफ.ए.टी.एफ. की मीटिंग में बहुत सख्ती से इस बात पर गौर किया जाएगा कि इमरान खान सरकार ने टैरर फाइनैंसिंग और बड़े आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की  वह सबूत मुहैया नहीं कराता तो 4 साल बाद भी उसका ग्रे लिस्ट में रहना तय है।

इस लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है, जिन पर टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने या इनकी अनदेखी का शक होता है। इन देशों को कार्रवाई करने की सशर्त मोहलत दी जाती है। इसकी मॉनिटरिंग की जाती है। कुल मिलाकर आप इसे ‘वॉर्निंग विद मॉनिटरिंग’ कह सकते हैं।

चौथी क्वॉड फॉरेन मिनिस्टर्स की बैठक में चीन की बढ़ती आक्रामकता के साथ इन मुद्दों पर हुई बातचीत

ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और भारत के विदेश मंत्रियों ने चौथी क्वॉड फॉरेन मिनिस्टर्स की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, फरवरी 2021 में हमारी पिछली बातचीत के बाद से, भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक वैश्विक परिदृश्य ज्यादा जटिल हो गया है.

उन्होंने कहा, महामारी हमें लगातार प्रभावित कर रही है. हमने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, क्वॉड वैक्सीन पहल और वैक्सीन वितरण के लिए सामूहिक प्रयास किए हैं. इंडो-पैसिफिक के देशों के लिए इन चुनौतियों का सामना करने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है.

चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता जताते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि क्वॉड ग्रुपिंग को एक साथ काम करने और लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए साथ काम करने की आजादी है.

ब्लिंकन ने ये टिप्पणी ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में कही. ब्लिंकन ने कहा, “यह उन देशों का एक समूह है, जिनके खिलाफ हम नहीं हैं, बल्कि हम इसके लिए हैं. यह एक स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफिक है.”

 

अमेरिका और चीन के बीच मध्यस्थ बनने की महत्त्वाकांक्षा दिखा रहे पीएम इमरान क्या होगा भारत को इससे नुक्सान ?

चीन से दोस्ती और मजबूत करने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अमेरिका और चीन के बीच मध्यस्थ बनने की महत्त्वाकांक्षा दिखा रहे हैं। लेकिन उनकी ये मंशा पूरी होगी, विश्लेषकों को इसमें संदेह है।

बल्कि ज्यादातर रणनीतिक विशेषज्ञों की राय यही है कि चीन के खेमे में पूरी तरह शामिल होने का परिणाम पश्चिमी खेमे के साथ पाकिस्तान की दूरी बढ़ने के रूप में सामने आएगा।

चार दिन की चीन यात्रा से लौटे इमरान खान का एक इंटरव्यू चीन के टीवी चैनल सीजीटीएन पर मंगलवार को दिखाया गया। इसमें खान ने कहा कि पाकिस्तान फिर से वही भूमिका निभाना चाहता है, जो उसने 1970 के दशक में निभाई थी। उन्होंने दावा किया कि तब अमेरिका और चीन के बीच करीबी संबंध बनने के पीछे पाकिस्तान का अहम रोल था।

इमरान ने दावा किया कि 1971 में अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर की एतिहासिक चीन यात्रा पाकिस्तान की मदद से ही संभव हो सकी थी। उन्होंने कहा- ‘हेनरी किसिंजर की मशहूर यात्रा पाकिस्तान ने आयोजित की थी। हम वैसी ही भूमिका फिर निभाने की आशा करते हैं।’ किसिंजर की उस यात्रा के दौरान अमेरिका और कम्युनिस्ट चीन के बीच पहला संवाद बना था।