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विदेश

कनाडा में रातों रात हुआ कुछ ऐसा जिसके चलते 20 हजार ट्रकों ने घेरा प्रधानमंत्री का आवास, ये हैं पूरा मामला

कनाडा में कोरोना पाबंदियों को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बुरी तरह जनता के निशाने पर आ गए हैं।राजधानी ओटावा में हजारों लोग टीकाकरण को अनिवार्य बनाने और कोविड-19 पाबंदियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।

इस दौरान ओटावा स्थित प्रधानमंत्री आवास को 50 हजार ट्रक चालकों ने अपने 20 हजार ट्रकों के साथ चारों तरफ से घेर लिया है।  ये ट्रक वाले देश में कोरोना वैक्‍सीन को अनिवार्य किए जाने और कोरोना लॉकडॉउन का विरोध कर रहे हैं।

इन ट्रक वालों ने अपने करीब 70 किमी लंबे काफिले को ‘फ्रीडम कान्वॉइ’ नाम दिया है। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोविड प्रतिबंधों की तुलना फासीवाद से की और कनाडा के झंडे के साथ नाजी प्रतीक प्रदर्शिति किए। इससे पहले कनाडाई पीएम ने एक विवादित बयान देते हुए ट्रक वालों को ‘महत्व नहीं रखने वाले अल्पसंख्यक’ करार दिया था।

 मस्‍क ने ट्वीट करके कहा, ‘कनाडाई ट्रक चालकों का शासन’ और अब इस आंदोलन की गूंज अमेरिका तक देखी जा रही है। ये ट्रक वाले कनाडा के झंडे को लहरा रहे हैं और ‘आजादी’ की मांग वाले झंडे लहरा रहे हैं।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से नाराज हुआ तालिबान, इस वजह से रख रहा पैनी नजर

पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हाल की घटनाओं ने डूरंड रेखा के अनसुलझे मुद्दे को प्रकाश में लाया है, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई(ISI) के हाल के कदमों से भी तालिबान नाराज बताया जा रहा है।

अगस्त में तालिबान के काबुल के अधिग्रहण के बाद, पाकिस्तान ने डूरंड रेखा के मुद्दे को शांत करने की उम्मीद की थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से आतंकवादी हमले की चेतावनी के बावजूद पाकिस्तानी नेतृत्व ने अफगानी तालिबान का समर्थन किया। वर्चुअल थिंक-टैंक ग्लोबल स्ट्रैट व्यू (जीएसवी) के एक संपादकीय अंश में कहा गया है कि काबुल के तालिबान के अधिग्रहण के महीनों के भीतर, पाकिस्तान को अब परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।

इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई(ISI) के हाल के कदमों से भी तालिबान नाराज बताया जा रहा है। तालिबान अब चाहकर भी आईएसआई पर भरोसा नहीं कर पा रहा है। दरअसल, पाकिस्तानी द्वारा तहरीक-ए-तालिबान के मोस्ट वांटेड आतंकी खालिद बटली उर्फ मोहम्मद खुरासानी को अफगानिस्तान में मार गिराने के बाद से ही तालिबान पाकिसतानी सेना खुफिया एजेंसी आईएसआई से नाराज चल रहा है।

Asteroid Attack: 11 फरवरी को पृथ्वी से टकरा सकता हैं एक छुद्र ग्रह, नासा ने जारी की बड़ी चेतावनी

धरती पर आए दिन अंतरिक्ष से कई छुद्र ग्रह टूटकर बरसते रहते हैं. इनमें से कुछ बेहद छोटे होते हैं. तो कुछ सीधे समुद्र में गिर जाते हैं. लेकिन कई बार कुछ बड़े छुद्र ग्रह भी धरती पर गिरते हैं.

इनकी वजह से जो तबाही आ सकती है, वो सोच से परे हैं. अगर इतिहास की बात करें तो कहा जाता है कि इससे पहले जब विशाल एस्टेरॉइड पृथ्वी से टकराया था तब धरती से डायनासोर खत्म हो गए थे.

इस एस्टेरॉइड का साइज अम्पायर स्टेट बिल्डिंग से काफी बड़ा है. साथ ही ये सिर्फ कुछ ही हफ़्तों में पृथ्वी के नजदीक होगा. इसका नाम 138971 (2001 CB21) रखा गया है. साथ ही इसे नासा ने भी संभावित खतरों में गिना है.

इस एस्टेरॉइड को सबसे पहले 21 फरवरी 1900 को देखा गया था. इसके बाद से ये लगभग हर साल ही सोलर सिस्टम के नजदीक से गुजरता है. इससे पहले इस छुद्र ग्रह को आखिरी बार 18 फरवरी 2021 को देखा गया था.

उससे पहले 2011 और फिर 2019 में ये नजर में आया था. अभी नासा ने ये तो नहीं बताया है कि ये किस जगह से गुजरेगा लेकिन इतना जरूर बताया है ये 11 फरवरी और उसके बाद 24 अप्रैल को पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा.

भारत और फिलीपींस के बीच आज ब्रह्मोस मिसाइल के लिए 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर लगेगी मुहर

भारत और फिलीपींस आज अंतर-सरकारी ब्रह्मोस मिसाइल सौदे को अंतिम रूप देने वाले हैं। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि फिलीपींस की नौसेना के लिए सुपरसोनिक मिसाइलों की खरीद को लेकर आज दोनों देश 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे।

बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जोकि भारत-रूस संयुक्त उद्यम है। इन मिसाइलों को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है।

क्या है ब्रह्मोस?

  • ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
  • ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र है।
  • क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र उसे कहते हैं जो कम उंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है।
  • ब्रह्मोस के मेनुवरेबल संस्करण का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और भी बढ़ोतरी हुई है।
  • इस प्रोजेक्ट में रूस प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत के द्वारा विकसित की गई है।

रूस के साथ S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील करना क्या भारत को पड़ेगा भारी, अमेरिका जल्द लगा सकता हैं प्रतिबंध

भारत द्वारा से रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील करने के बाद से अमेरिका ने ऐसे संकेत दिए हैं हैं कि वह भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

अमेरिका ने बताया है कि वह काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) कानून के तहत अब तक भारत पर प्रतिबंध लगाने का कोई फैसला नहीं किया है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब पूछा गया कि क्या रूस के साथ अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, भारत की मिसाइल प्रणाली की खरीद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करेगी।

लेकिन चिंता की बड़ी वजह अमेरिका द्वारा पारित 2017 के कानून काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) से है। इस कानून का मकसद ईरान, रूस और उत्तर कोरिया को सबक सिखाने से है। इसी कानून में रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन को लेकर लिस्टेड 12 प्रतिबंधों में से कम से कम 5 प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय कह चुका है कि भारत और अमेरिका के बीच एक ग्लोबल स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है। भारत का रूस के साथ भी एक ख़ास स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है।

तो क्या सच में बाइडन की धमकी से रूस पड़ा नरम ? युद्ध की तैयारी के बीच यूक्रेन से किया संघर्ष विराम

रूस और यूक्रेन में जंग की तैयारियों और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पुतिन व उनकी प्रेमिका पर व्यक्तिगत पाबंदियां लगाने की चेतावनी के बीच पेरिस से अच्छी खबर मिली है।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई मास्को व कीव के दूतों के बीच वार्ता में दोनों देश संघर्ष विराम के प्रति वचनबद्ध नजर आए। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका व उसके सहयोगी नाटो देश व रूस के बीच इससे तनाव कितना घट सकेगा।

बैठक के बाद फ्रांस के दूत ने कहा कि आठ घंटे चली बातचीत के अच्छे संकेत मिले हैं। रूस और यूक्रेन के बीच इस बातचीत में फ्रांस व जर्मनी ने मध्यस्थता की। रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा के पास अपनी सेना के भारी जमावड़े से लगने लगा था कि वह अपने नाटो समर्थक पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

ऐसे में माना जा सकता है कि रूस थोड़ा नरम पड़ा है। पेरिस वार्ता के बाद जारी साझा बयान में कहा गया है कि रूस व यूक्रेन बिना शर्त संघर्ष विराम पर सहमत हुए हैं। दो हफ्ते बाद जर्मनी के बर्लिन में इसी मुद्दे पर आगे बैठक होगी। फ्रांस ने संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत किया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के एक सहयोगी ने कहा कि लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच सुकूनदायक खबर मिली है।

अमेरिका से सामने आया हैरतंगेज मामला, टीकाकरण न लगवाने के कारण रोका मरीज़ का हृदय प्रत्यारोपण

अमेरिका में कोरोना की नई लहर के बीच भारी सख्ती बरती जा रही है। टीकाकरण में किसी तरह की ढीलपोल को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। बोस्टन शहर के एक अस्पताल ने एक मरीज का इसलिए हृदय प्रत्यारोपण करने से इनकार कर दिया.

अस्पताल ने अपने इस फैसले का बचाव किया है, जबकि मरीज के परिजनों ने इस पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि जब किसी की जान संकट में हो तो पहले उसे बचाया जाना चाहिए, न कि टीके के लिए दबाव डाला जाना चाहिए।

मरीज डीजे फर्ग्यूसन के परिजनों ने कहा है कि ब्रिघम एंड वुमेंस हॉस्पिटल ने उनके 31 वर्षीय पिता की हार्ट सर्जरी करने से इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने कोविड रोधी टीका नहीं लगवाया है।

 नर्स ने कहा कि उसे कोरोना रोधी टीके के दुष्प्रभाव की भी जानकारी है। इस बीच ट्रैसी फर्ग्यूसन का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टर को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीका लगवाने के बाद मेरे बेटे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ तो नहीं जाएगी?

Ukraine Conflict: ब्रिटेन के PM ने दी सख्त चेतावनी कहा-“अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो दूसरे विश्वयुद्ध से ज्यादा तबाही होगी”

रूस और यूक्रेन के विवाद में अमेरिका समेत पूरे यूरोप में रूस के साथ तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इसी सैन्य और राजनयिक तनाव के बीच ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक टीवी चैनल को दिये गये इंटरव्यू में कहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो दुनिया में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा तबाही हो सकती है.

उन्होंने कहा कि मैं रूस को एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यदि रूस के राष्ट्रपति यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू करने का प्रयास करते हैं तो हम रूस और उसके सहयोगी देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ उनको रोकने के लिये सभी जरूरी कदम उठाएंगे.

बोरिस जॉनसन ने यह भी कहा कि यूक्रेन के नागरिकों को अपने देश की रक्षा करने का नैतिक और कानूनी अधिकार है. मेरा मानना ​​है कि यूक्रेनी एकजुट होकर किसी भी हमले का विरोध करेंगे. इस तबाही से किसी का फायदा नहीं होगा. रूस को एक ऐसे देश को बर्बाद करने से बचना चाहिये जिसे स्लावों (यूरोप की एक जनजाति) ने मिलकर बनाया है.

इस देश में जल्द विदेशी यात्रियों को कोविड टेस्ट कराने के झंझट से मिल सकती हैं मुक्ति, लेकिन होगी ये शर्त

ब्रिटेन जाने वाले विदेशी यात्री जिन्हें दोनों टीके लगे चुके हैं या पूर्ण टीकाकरण हो चुका है या जिनका दोहरा टीकाकरण हो चुका है, उन्हें ब्रिटेन पहुंचने पर कोविड टेस्ट नहीं कराना होगा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि कारोबार व यात्रा के लिए देश के द्वार जल्द खोले जाएंगे। आप यह बदलाव जल्द देखेंगे ताकि ब्रिटेन आने वाले यात्रियों का यदि टीकाकरण या दोहरा टीकाकरण हो चुका है तो उन्हें टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होगी।

इस फैसले को ट्रैवल इंडस्ट्री ने बड़ा कदम बताते हुए उसकी तारीफ की है। पीएम जॉनसन ने कहा कि उनका देश बताना चाहता है कि वह अब कारोबार व यात्रियों के लिए खुल रहा है। टीके लगवा चुके यात्रियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। हम ब्रिटेन को मुक्त कर रहे हैं।

महामारी के कारण कई प्रतिबंधों से प्रभावित ब्रिटेन की पर्यटन और ट्रैवल फर्मों ने इस कदम का स्वागत किया है। कोरोना टेस्ट की बाध्यता खत्म होने से ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए दुनिया के सबसे खुले देशों में से एक हो जाएगा।

अमेरिका: प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकार ने राष्ट्रपति से किया महंगाई पर सवाल तो बाइडन ने कह दी ऐसी अभद्र बातें

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में एक पत्रकार के लिए ऐसी अभद्र बातें कह दीं, जिन्हें लेकर उन्हें खेद जताना पड़ सकता है। पत्रकार ने अमेरिका में महंगाई को लेकर सवाल पूछा था।

महंगाई को लेकर अचानक पूछे गए सवाल से बाइडन थोड़ा असहज हो गए। इस बीच चालू माइक में उन्होंने सवाल पूछने वाले पत्रकार के लिए अभद्र बात कह दी।

व्हाइट हाउस ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। पत्रकार ने राष्ट्रपति से अमेरिका में मुद्रास्फीति या महंगाई के बारे में सवाल पूछा था। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें कथित तौर पर ‘स्टुपिड सन आफ ए बिच’ कह दिया। शायद उन्हें पता नहीं था कि माइक चालू है और उनका यह जवाब सार्वजनिक हो गया।

पत्रकार डूसी ने बाइडन से पूछा था कि ‘क्या आपको लगता है कि महंगाई मध्यम अवधि में आपके एक राजनीतिक चुनौती बनेगी? इस पर बाइडन ने कहा, ‘नहीं, यह एक बड़ा मुद्दा है। इसके साथ ही बाइडन ने तंज करते हुए अभद्र बात कही।