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विदेश

बांग्लादेश: तीन हिंदू मंदिरों के सामने लटका मिला ‘बीफ’, हिंदू समुदाय के बीच भड़का विवाद

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा दौरान भड़की देशव्यापी हिंसा के बाद यहां हिंदू एक बार फिर से निशाने पर हैं। इस बार बांग्लादेश में मंदिरों के साथ बेअदबी का मामला सामने आने पर विवाद भड़क गया है।

लालमोनीरहाट जिले के हाटीबंध उपजिले में  पॉलीथीन में पैक कच्चा ‘बीफ’ गेंदुकुरी गांव के तीन हिंदू मंदिरों और एक घर के दरवाजे पर लटका दिया गया जिसके बाद हिंदू समुदाय के लोग भड़क गए और प्रदर्शन शुरू कर दिए।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय द्वारा लालमोनीरहाट जिले के तीन मंदिरों में बेअदबी की घटनाओं में लिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर किए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने शिकायतें दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हाटीबंध उपजिला पूजा उदजापन परिषद के प्रमुख दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया, जिन्होंने मौके का दौरा किया। सिंह ने बताया, ‘पुलिस ने हमें आश्वस्त किया है कि अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि घटना 26 दिसंबर को हुए स्थानीय संघ परिषद चुनावों से संबंधित हो सकती है।

Omicron के बढ़ते खतरे के बीच UAE हुआ सख्त, वैक्सीन की दोनों खुराक न लेने वाले नागरिको के लिए जारी किया ये फरमान

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने देश-दुनिया को डरा कर रख दिया है। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात ने अपने उन नागरिकों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिन्होंने अब तक कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक नहीं ली हैं।

यह प्रतिबंध UAE में 10 जनवरी से लागू होगा। इसके अलावा यूएई के नेशनल इमरजेंसी क्राइसिस एंड डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने बताया कि लोगों को विदेश यात्रा करने के लिए पूरी तरह वैक्सीनेटेड होने के बाद भी बूस्टर डोज लेने की आवश्यकता है।

यूएई ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पीसीआर टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया है। नए आदेशानुसार, ब्राजील, भारत, बांग्लादेश, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य कोरोना जांच से गुजरना होगा।

यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2556 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा कोरोना के कुल मामले 7,64,493 पहुंच गई। वहीं देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2,165 पहुंच गई है।

पैंडोरा पेपर्स मामले पर कुछ नहीं कर पाई पकिस्तान की इमरान सरकार, 700 पाकिस्तानियों का सामने आया था नाम

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को उन लोगों के खिलाफ जांच में अब तक ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा है, जिनके नाम पैंडोरा पेपर्स में आए थे। पैंडोरा पेपर्स वॉशिंगटन स्थित इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने जारी किया था।

इन पेपर्स में लगभग सात सौ पाकिस्तानियों के नाम शामिल किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उन लोगों की जांच के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया था। उसे प्राइम मिनिस्टर्स इंस्पेक्शन आयोग (पीएमआईसी) के नाम से जाना जाता है.

पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के मुताबिक पीएमआईसी ने आईसीआईजे से सभी सात सौत पाकिस्तानियों के बारे में पूरा ब्योरा मांगा था। लेकिन अब तक उसे 240 लोगों के बारे में ही जानकारी दी गई है। पीएमआईसी इन सभी लोगों की जांच कर रही है।

अब तक कोई ठोस सबूत ना जुटा पाने के कारण पीएमआईसी की कई हलकों में आलोचना भी हुई है।  प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने अखबार द डॉन से बातचीत में इस धारणा को गलत बताया कि पैंडोरा पेपर्स की जांच खत्म हो गई है। ये समयसीमा इस महीने के साथ खत्म होगी।
उनसे से ज्यादातर ने अपने जवाब भेज दिए हैँ। उन जवाबों के आधार पर आयोग इस नतीजे पर पहुंचा है कि जिन लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स में आए, उनमें से सभी मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी के दोषी नहीं हैं।

अफगानिस्तान में लोगों का जीना हो रहा मुश्किल, दुकानों पर पुतलों के सिर कलम करने का तालिबान ने दिया आदेश

अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद से तालिबान मनमाने कानून पारित कर रहा है और जबरन अफगानियों से उसका पालन करवा रहा है।  तालिबानी सैनिक दुकान में लगे पुतलों का सिर कलम कर रहे हैं।

पश्चिमी प्रांत हेरात में तालिबान ने दुकानदारों को आदेश दिया है कि वे अपनी दुकान में रखे पुतलों का सिर काटकर अलग कर दें, क्योंकि ये सब मूर्तियां हैं और इस्लाम में मूर्तियों की पूजा करना बड़ा गुनाह है।

हेरात में प्रोपेगेशन ऑफ वर्च्यू एंड प्रीवेंशन ऑफ वाइस के लिए बने मंत्रालय की ओर से यह फरमान इसी सप्ताह जारी किया गया था। शुरुआत में मंत्रालय ने दुकानों से पुतलों को पूरी तरह हटाने का आदेश दिया था, लेकिन दुकानदारों की शिकायत के बाद पुतलों का सिर कलम करने का आदेश दिया गया।
तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि वह महिला व हर किसी के अधिकारों के लिए काम करेगा, लेकिन सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने लोगों के अधिकारों को कुचलना शुरू कर दिया।

ओमीक्रोन के बीच दुनियाभर में हुआ नए साल का स्वागत, कही मनाया गया जश्न तो कही घर में कैद हुए लोग

करीब दो साल से कोविड महामारी का दंश झेलने के बाद नववर्ष 2022 की शुरुआत भी इसके नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते खौफ के बीच हुई ।दुनिया ने नई उम्मीदों के साथ 2022 का खुले दिल से स्वागत किया ।

 कुछ पलों के अंतर में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में लोगों ने नए साल के स्वागत किया। न्यूजीलैंड देश में ओमिक्रोन का सामुदायिक स्तर पर अभी तक प्रसार नहीं हुआ है फिर भी देश में भीड़ एकत्र नहीं होने देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पड़ोसी देश आस्ट्रेलिया ने भी संक्रमण के मामले विस्फोटक तरीके से बढ़ने के बावजूद अपने समारोहों की योजनाओं को बरकरार रखानववर्ष के स्वागत में सिडनी हार्बर ब्रिज और सिडनी ओपेरा हाउस से आतिशबाजी देखने को मिलेगी।

दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि वह और दो हफ्तों के लिए सामाजिक दूरी के कठोर नियमों को जारी रखेगा. उत्तर कोरिया में आतिशबाजी कर 2022 का स्वागत किया गया।

भारत में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई समेत देश के कई शहरों में लोग कोरोना काल की सावधानियों के बीच नए साल का जश्न मनाते नजर आए। नववर्ष की पूर्व संध्या पर लोग मास्क पहने मंदिरों और मठों में उमड़ें ।

चोरी छुपे अब अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करने में लगा चीन, राज्य को बताया अपना अंतर्निहित हिस्सा

चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम अपने हिसाब से बदल दिए थे। भारत ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि मनगढ़ंत नाम रख देने से असलियत नहीं बदल जाती है।

चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नामों के मानकीकरण की यह दूसरी सूची है। इससे पहले उसने साल 2017 में भी ऐसी ही सूची जारी की थी, जिसमें प्रदेश के छह स्थानों के नामों मानकीकरण किया गया था।
चीन के इस कदम पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने को कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।  2017 में भी उसने प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदले थे जिनके बारे में उससे स्पष्टीकरण भी मांगा गया था।

बता दें कि फैसला भौगोलिक नामों पर चीन की कैबिनेट की ओर से जारी नियमों के अनुसार लिया गया है। 15 स्थानों के आधिकारिक नामों में, जिन्हें सटीक देशांतर और अक्षांश दिया गया था, आठ आवासीय स्थान हैं, चार पहाड़ हैं, दो नदियां हैं और एक पहाड़ी दर्रा है।

World War II का ये जंगी जहाज दुनिया के लिया बन सकता हैं बड़ा खतरा, किसी भी समय हो सकता हैं विस्फोट

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल एक जंगी जहाज ब्रिटेन में टेम्स नदी के नीचे दफन है. इस जहाज में करीब 1,400 टन विस्फोटक  भरा हुआ है, जो कभी भी सुनामी जैसी प्रलय और बड़े पैमाने पर मौतों का कारण बन सकता है.

जंगी जहाज SS Richard Montgomery पिछले 77 सालों से टेम्स नदी में दफन है और किसी भी समय के बड़े खतरे को जन्म दे सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि विस्फोटक में किसी भी समय धमाका हो सकता है और यदि ऐसा होता है तो पानी में पांच मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकती हैं.

रिपोर्ट में टेलीग्राफ के हवाले से बताया गया है पानी के अंदर बम डिस्पोजल में एक्सपर्ट क्रैक टीम के सदस्य टेम्स इस्ट्यूरी के नोर सैंडबैंक में इस मिशन को अंजाम देने के लिए उतरेंगे.

रॉयल नेवी और 29 एक्सपर्ट्स ग्रुप इस अभियान को अंजाम देने के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कुछ वक्त पहले परिवहन विभाग (DFT) द्वारा पानी के नीचे जहाज की स्थिति को लेकर एक सर्वे कराया गया था.

WHO: डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने दी लोगों को सलाह-“ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी, जिन्होंने नहीं लगवाया वो जल्द लगवाएं”

दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस पर डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि वैक्सीन की प्रभावशीलता के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं।

स्वामीनाथन ने जोर देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यह संक्रमण टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले दोनों लोगों में हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि टीके अभी भी प्रभावी साबित हो रहे हैं क्योंकि भले ही कई देशों में संख्या तेजी से बढ़ रही हो, लेकिन बीमारी की गंभीरता नए स्तर पर नहीं पहुंची है।

स्वामीनाथन ने एक ट्वीट में कहा कि उम्मीद के मुताबिक टी सेल इम्युनिटी ओमिक्रॉन के खिलाफ बेहतर होती है। यह हमें गंभीर बीमारी से बचाता है। यदि आपने अभी तक टीका नहीं लगाया तो कृपया टीका जल्द लगवाएं।

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉ. सौम्या स्वामीनाथन कोविड-19 टीकाकरण को पूरी दुनिया में विस्तारित करने और मजबूती देने का आह्वान पहले ही कर चुकी हैं।

चीन से दोस्ती का हाथ बढाकर अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में लगा पकिस्तान, खरीदा 25 J-10C लड़ाकू विमान

पाकिस्तान ने चीन से 25 बहुउद्देश्यीय जे-10सी लड़ाकू विमानों की एक पूरी स्क्वाड्रन खरीद रहा है.पाकिस्तान ने भारत द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद किए जाने के जवाब में ये विमान खरीदे हैं.

जे-10सी को चीन के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. जे-10सी हर प्रकार के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है. हालांकि पाकिस्तान के पास अमेरिका में बने एफ-16 श्रेणी के लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा पहले से ही मौजूद है.

अहमद ने मीडिया से कहा कि अगले वर्ष पाकिस्तान दिवस पर पहली बार विदेशी अतिथि आ रहे हैं. उनके स्वागत में पाकिस्तानी एयरफोर्स इन जे-10सी जहाजों से फ्लाई पास्ट करेगी. अहमद ने आगे कहा कि पाकिस्तान वायुसेना को मिलने वाले यह जहाज भारत के राफेल जहाजों का जवाब हैं.

पिछले वर्ष चीन-पाकिस्तान संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान पहली बार पाकिस्तानी एयरफोर्स ने इन विमानों को देखा था. इस दौरान पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों को इन विमानों को नजदीक से अनुभव करने का अवसर मिला था.

भारत द्वारा फ्रांस से राफेल विमान खरीदे जाने के बाद से ही पाकिस्तान अपने लिए मल्टीरोल ऑल वेदर जेट खरीदने के लिए काफी तेजी से प्रयास कर रहा था.

 

तालिबान के अत्याचारों का हुआ पर्दा फाश, पूर्व सैन्य अधिकारी का पिटाई करते हुए वीडियो वायरल

अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद से तालिबान का अत्याचार जारी है। आए दिन काबुल से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें लोगों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।

इसी बीच तालिबान का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में तालिबान ने एक पूर्व सैन्य अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसका नाम रहमतुल्लाह है।

सोशल मीडिया पर तालिबान का यह वीडियो वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि तालिबान ने काबुल की सत्ता पर कब्जा करने के बाद घोषणा की थी कि वह पूर्व सरकार के सैनिकों को माफ कर देगा और अफगानिस्तान के लोगों को नया तालिबान दिखाई देगा।

मानवाधिकार संगठनों व कई देशों की ओर से पूर्व में एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में तालिबान द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और पूर्व सरकार के सैनिकों व अधिकारियों की गिरफ्तारी व हत्या का जिक्र था। हालांकि, तालिबान इस रिपोर्ट को खारिज करता आया है।