Thursday , November 21 2024

विदेश

2021 के सबसे भ्रष्ट लोगों की सूची में आया अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का नाम OCCRP ने कहा-“अपने लोगों को मरने…”

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को 2021 के सबसे भ्रष्ट लोगों की सूची में शुमार किया गया है। आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की ओर से यह रिपोर्ट जारी की गई है।

  उन्होंने अपने लोगों को दुख सहने और मरने के लिए छोड़ दिया। OCCRP के सह संस्थापक डू सुलिवन ने कहा कि अशरफ गनी को यह उपाधि उनके भ्रष्टाचार और अयोग्यता के लिए दी गई है।
ओसीसीआरपी की ओर से जारी की गई सूची में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको शीर्ष पर हैं। इसके अलावा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद, तुर्की के रेसिप तैयप एर्दोगन और ऑस्ट्रिया के पूर्व चांसलर सेबेस्टियन कुर्ज भी भ्रष्ट लोगों की सूची में शामिल हैं।

छह पत्रकारों वाले पैनल की रिपोर्ट के अनुसार बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली, आलोचकों को प्रताड़ित करने जैसे आरोप हैं तो बशर अल-असद ने सीरिया को एक विनाशकारी युद्ध में झोंक दिया है।

विएना में होने वाली वार्ता से पहले ईरान ने अमेरिका के सामने कच्चे तेल के निर्यात को लेकर रखी ये मांग

परमाणु समझौता बहाल करने के लिए विएना में शुरू होने वाली वार्ता से पहले ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और उसके सहयोगी तेहरान को ईरानी कच्चे तेल का निर्यात करने की अनुमति देने का वादा करें।

ईरानी विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियान के बयान से संकेत मिलता है कि यह खाड़ी देश 2015 एटमी समझौता बहाल करने संबंधी अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश में जुटा है।

अमीर अब्दुल्लाहियान ने यहां  को संवाददाताओं से कहा, ईरान चाहता है कि आगामी दौर की वार्ता में इस बिंदु पर पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जाए कि ईरानी तेल आसानी से और बिना किसी रुकावट के बेचा जा सके और इसका धन ईरान के बैंक खातों में पहुंचे।

भारतीय समयानुसार ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस और ईरान के प्रतिनिधि मंगलवार से दोबारा वार्ता शुरू करेंगे। अमेरिका मौजूदा वार्ता में अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा ले रहा है।

इस देश में बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा ओमिक्रॉन, अस्पतालों में तेज़ी से बढ़ी भर्ती संख्या

कोरोना महामारी से कैलिफोर्निया बुरी तरह प्रभावित रहे अमेरिका में फिर से संकट की स्थिति है। न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने बच्चों पर हमला बोल दिया है।

कैलिफोर्निया की महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. एरिका पैन का कहना है कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यूयॉर्क के अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले इन बच्चों में से अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है।

इसमें 5 से 11 वर्ष के बच्चों की संख्या अधिक है। डॉ. पैन ने ट्वीट कर अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को तोहफे के रूप में जल्द से जल्द टीका लगवाएं, क्योंकि संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

बच्चों को लेकर चेतावनी न्यूयॉर्क में बच्चों में संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की बढ़ती दर देख कैलिफोर्निया में चेतावनी जारी हो गई हैं। यहां पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ . टॉमस ने चेतावनी दी है कि कैलिफोर्निया में भी संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।

राष्ट्रपति जो बाइडन के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉ. एंथनी फॉसी ने अपील की है कि लोग बंद स्थानों पर होने वाली पार्टियों या समारोह में न जाएं जहां आपको पता नहीं है की किसे टीका लगा है और किसे नहीं।

 

फिलिस्तीन के इमाम ने कोरोनावायरस पर दिया विवादित बयान कहा-“समलैंगिकता के कारण फैला ओमिक्रॉन”

फिलिस्तीन के एक इस्लामिक इमाम शेख इस्साम अमीरा ने कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इजरायल के मुस्लिम शासकों के गलत आचरण के कारण ही कोरोनावायरस अलग-अलग रूपों में फैल रहा है.

यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में एक संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि शासक समलैंगिकता की अनुमति देते हैं और नारीवादी संगठनों का पालन करते हैं, इसलिए कोरोना अपने ‘भारतीय संस्करण’ और ओमिक्रॉन रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है.

संबोधन का वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें अमीरा लोगों के बीच खड़े होकर मुस्लिम शासकों और मीडिया पर निशाना साध रहे हैं. वो मीडिया को काफिर बताते हुए लोगों से कह रहे हैं कि जिन शासकों के कारण ये विपत्ति आई है.

अमीरा वीडियो में कह रहे हैं, ‘यह घृणा क्यों फैली है? कोरोनावायरस,अपने भारतीय संस्करण और ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ क्यों फैल गया है? ये कौन से नाम हैं, ये रोग, जो हमारे पूर्वजों को नहीं पता थे? इसका कारण साफ है.

 

अफगानिस्तान में तालिबानी के सत्ता में आते ही शिक्षा व्यवस्था हुई ध्वस्त, यूनिवर्सिटी में लटका ताला

अफगानिस्तान  में तालिबानी  शासन आने के बाद शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पैसे की किल्लत की वजह से यहां के विश्वविद्यालय में ताले लगे हुए हैं.

 तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने  को कहा कि लड़कियों के लिए अलग कक्षाएं बनाने अतिरिक्त व्याख्याताओं को नियुक्त करने के लिए उन्हें अधिक समय अतिरिक्त बजट की आवश्यकता है.

अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए सार्वजनिक विश्वविद्यालय हाई स्कूल अभी फिर से खोले जाने बाकी हैं, जिन पर इस साल 15 अगस्त को तालिबान ने फिर से कब्जा कर लिया था. तालिबान ने यह भी आदेश दिया कि लड़कियों को अलग से अब विश्वविद्यालयों में लड़कों के समान कक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

तालिबान ने कहा कि अगर महिलाओं को लंबी दूरी की यात्रा करनी है तो उन्हें एक करीबी पुरुष रिश्तेदार के साथ जाना होगा. मंत्रालय ने अपने मार्गदर्शन में वाहन मालिकों से भी कहा कि वे हेडस्कार्फ़ न पहनने वाली महिलाओं को बैठाने से मना करें.

रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले दक्षिण अफ्रीकी नोबेल शांति पुरस्कार विजेट डेसमंड टूटू का हुआ निधन

नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप रह चुके डेसमंड टूटू का रविवार को 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

 टूटू के निधन पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने दुख जताया है। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने रविवार को टूटू के निधन की जानकारी देते हुए कहा कि आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू का निधन दक्षिण अफ्रीका की एक बहादूर पीढ़ी की समाप्ति है जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष कर हमें एक नया दक्षिण अफ्रीकी दिया।
डेसमंड टूटू को भारत में भी गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। दो वर्ष के बाद 1986 में वे केपटाउन के पहले आर्चबिशप बनाए गए। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस की सरकार से बातचीत के बाद 1990 में नेल्सन मंडेला जेल से रिहा किए गए और रंगभेद के कानून को खत्म किया गया।
डेसमंड टूटू के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे।

पेशावर कोर्ट ने अपने इस फैसले से सिख समुदाय को किया नाराज, BJP नेता ने इमरान सरकार से की ये मांग

पाकिस्तान के खैबर पख़्तूनवा में पेशावर कोर्ट ने अपने एक फैसले से दुनियाभर में रह रहे सिख समुदाय को नाराज कर दिया. जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है.

दरअसल पेशावर कोर्ट ने सिख सुमदाय की ओर से लगाई गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों को कृपाण रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा.

उन्होंने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को लिखे पत्र में कहा कि “पेशावर हाई कोर्ट ने कृपाण साहिब के संबंध में एक आदेश जारी किया और 2012 की शस्त्र नीति के तहत लाइसेंस के साथ (कृपाण) श्री साहिब को रखने की अनुमति दी है. इससे दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं.”

आर पी सिंह सिख समुदाय से आते हैं, ऐसे में उनका कहना है कि पेशावर हाई कोर्ट के इस आदेश पर पाकिस्तान सरकार जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर इस आदेश को पलट दे.

यूक्रेन को डराने में लगा रूस, जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का परीक्षण कर किया शक्ति प्रदर्शन

यूक्रेन के साथ तनाव के बीच रूस ने एक बार फिर से शक्ति प्रदर्शन किया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने  घोषणा की कि देश के रक्षा बलों ने जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया है।

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि, जिरकॉन हाइपरसोनिक प्रणाली को -लॉन्च किया गया था। यह हमारी नवीनतम मिसाइल है जो नौसेना और जमीनी दोनों लक्ष्यों पर हमला कर सकती है।
रूस के द्वारा यह कदम तब उठाया गया है जब यूक्रेन की सीमा पर तनाव जारी है और अमेरिका की ओर से बार-बार चेतावनी दी गई है कि रूस ने यूक्रेनी सीमा पर 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा किया है।
रूस की समाचार एजेंसी टीएएएसएस ने एक स्थानीय समाचार पत्र के हवाले से बताया कि रूसी सैनिकों को अगले साल वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस (VSHORAD) गिब्का-एस सिस्टम प्राप्त करने की तैयारी है।
जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन को पूर्व में अपने प्रभाव का विस्तार नहीं करना चाहिए और यूक्रेन का जिक्र करते हुए पूर्व सोवियत ब्लॉक देशों को नाटो सदस्यता देने से बचना चाहिए।

Google पर आपत्तिजनक कंटेंट न हटाने की वजह से रूस की अदालत ने लगाया 735 करोड़ रुपये का जुर्माना

 गूगल (Google) आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर अलर्ट रहता है, लेकिन कई बार कुछ चीजें ऐसी हो जाती हैं कि कंपनी को भारी जुर्माना (Fined) भी झेलना पड़ता है.

एक बार फिर कंपनी इस तरह के जुर्माने की वजह से सुर्खियों में है. यह जुर्माना छोटा-मोटा नहीं, बल्कि पूरे 735 करोड़ रुपये का है. यह फाइन कंपनी पर मॉस्को की एक अदालत ने लगाया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस में सोशल मीडिया  और इंटरनेट कंटेंट पर पिछले कुछ समय से काफी सख्ती की जा रही है. इसे रूस सरकार द्वारा इंटरनेट पर कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है. कंटेंट को लेकर कई टेक कंपनियों पर जुर्माना लग चुका है.

रूस में टेक कंपनियों को ऐसे पोस्‍ट डिलीट करने के आदेश दिए गए हैं, जिनमें ड्रग अब्‍यूज से लेकर घरेलू हथियारों और विस्फोटकों से जुड़ी जानकारी का प्रचार किया गया है. पिछले दिनों इसी मसले पर फेसबुक  पर भी जुर्माना लगा था. फेसबुक ने जुर्माने के रूप में 1.7 करोड़ रूबल  का भुगतान किया था.

पीएमएल-एन के अध्यक्ष ने की पाकिस्तान को लेकर बड़ी भविष्यवाणी, कहा-“इमरान को गद्दी से बेदखल नहीं किया तो…”

विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को बेदखल नहीं करने पर देश के पतन की भविष्यवाणी की है।

शरीफ के हवाले से कहा, “अल्लाह न करे, अगर इस सरकार को बेदखल नहीं किया जाता है तो हम पाकिस्तान को ‘खुदा हाफिज’ होता देख सकते हैं, इसलिए कमर कस लें।”

पीएमएल-एन अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार को खत्म करने का समय आ गया है, जो ‘धांधली के परिणामस्वरूप बनी थी’। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की नीतियों के लिए उसकी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने साढ़े तीन साल पहले यह खुलासा किया था कि एनएबी-नियाजी गठजोड़ मौजूद है। उन्होंने देश को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को गिरवी रख दिया है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि रफीक ने पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से हाथ मिलाने और राजनीतिक संघर्ष शुरू करने का आह्वान किया, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि खान राजनीतिक बिरादरी का हिस्सा नहीं थे।