Thursday , November 21 2024

विदेश

कनाडा के कैलगरी शहर में जनमत संग्रह की योजना बना रहे खालिस्तानी आतंकवादी, भारत पहले ही जता चुका विरोध

कनाडा के अधिकारियों ने हाल ही में कहा कि वे इस चीज पर रोक नहीं लगा सकते कि सार्वजनिक स्थान का इस्तेमाल कैसे करना है। खालिस्तानी आतंकवादी अब अल्बर्टा के कैलगरी शहर में एक नगरपालिका परिसर में एक कथित जनमत संग्रह की योजना बना रहे हैं। इस तरह का पहला जनमत संग्रह आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से आयोजित किया गया था। इस मामले को भारत पहले कनाडा के विदेश मंत्रालय के सामने उठा चुका है।

कैलगरी की भारतीय मूल की कनाडाई मेयर ज्योति गोंडेक ने स्थानीय मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, नगरपालिका परिसर में कई चीजे होती हैं, क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान है। इस तरह के कार्यक्रमों की हम अनुमति नहीं देते हैं। जनता को एक समुदाय के रूप में एकत्र होकर जो करना चाहती है, वह कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम रोक सकते हैं।
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वहीं, कैलगरी शहर के कॉर्पोरेट संपत्ति के निदेशक इयान फ्लेमिंग ने एक बयान में कहा कि कोई भी व्यक्ति या संगठन अगर उचित दिशानिर्देशों का पालन करते हैं तो वे बिना किसी आवेदन या अनुमति के इस परिसर का उपयोग कर सकते हैं।

कथित जनमत संग्रह से पहले परिसर में पहले से ही एक बड़ा पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें तलविंदर सिंह परमार को दिखा गया है। परमार को 23 जून 1995 को एयर इंडिया की उड़ान कनिष्क में बमबारी का मास्टमाइंड माना जाता है। इस घटना में 329 लोगों की जान चली गई थी। यह कनाडा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी। वह एसएफजे का कोलंबिया प्रांत का प्रमुख भी था।

‘कमला हैरिस के चुनावी मैदान में आने पर डेमोक्रेट्स में उत्साह’, भारतवंशी सांसद ने जताई समर्थन की इच्छा

अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। इसके लिए रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक की तरफ से कमला हैरिस आमने-सामने हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारतवंशी हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के जो बाइडन के फैसले से पार्टी के भीतर ऊर्जा और उत्साह की लहर पैदा हो गई है। अब पार्टी के पास व्हाइट हाउस को फिर से जीतने का अवसर है।

चार दिन पहले लिया था बाइडन ने फैसला
गौरतलब है, राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को दोबारा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था। साथ ही उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया। इस पूरे मामले पर बाइडन ने बुधवार को सफाई दी। उन्होंने बताया कि पार्टी को एकजुट करने के लिए ऐसा किया। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई प्राथमिकी बहस में बाइडन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में निराशा थी। लगातार विपक्ष की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि राष्ट्रपति बाइडन अपना नाम वापस ले ले।

‘यह काफी रोमांचक’
सांसद कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘यह काफी रोमांचक है। मेरा मतलब है, मैं सोचता हूं कि इसके लिए कोई और शब्द नहीं है। यह काफी रोमांचक है। इस कदम से डेमोक्रेटिक पार्टी ऊर्जा और उत्साह से भर गई है।’

हैरिस के लिए प्रचार करना चाहते हैं सांसद
इलिनोइस से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद 51 वर्षीय कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह शनिवार को हैरिस के लिए विस्कोन्सिन में प्रचार करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘वह मैदान में उतर गई हैं। उत्साही भीड़ ने उनका स्वागत किया है। मुझे लगता है कि लोगों को ऐसा लगता है, कुछ भी गारंटी नहीं है, लेकिन हमारे पास एक मौका है। हमारे पास अब व्हाइट हाउस वापस जीतने का मौका है और हमें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर दे सके। मैं अभी कमला हैरिस से बेहतर किसी और के बारे में नहीं सोच सकता।’

यह एक बहुत बड़ी बात
पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के तीन दिनों बाद हैरिस के प्रचार अभियान ने 13 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि जुटा ली है। भारतीय-अमेरिकी सांसद ने कहा, ‘अगर आप हर तीन दिन में ऐसा करते हैं, तो यह बहुत अधिक रकम होगी। यह सच में एक शानदार रकम है। यह सब कहने के बाद, हम उन ताकतों के खिलाफ हैं जो असीमित मात्रा में धन प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि वह इतने सारे लोगों से इतना पैसा जुटाने में सक्षम है। याद रखें, ये जमीनी स्तर के समर्थक हैं जो पैसा लगा रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक बड़ी बात है।’

वियनतियाने पहुंचे जयशंकर, आसियान की बैठक में भाग लेंगे; अन्य देशों के समकक्षों से भी कर सकते हैं मुलाकात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर आसियान बैठक के लिए गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों के संगठन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के 10 साल पूरे कर रहा है।

जयशंकर को लाओस के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सेलुमक्से कोमासिथ ने आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, “आसियान की बैठकों के लिए लाओस के वियनतियाने पहुंच गया हूं। हम आसियान के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंक हम एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं।”

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनकी यात्रा से पहले एक बयान में कहा, यह दौरा आसियान केंद्रित क्षेत्रीय वास्तुकला, आसियान एकता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) और आसियान-भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।एमईए ने कहा, इस दौरे का खास महत्व है, क्योंकि भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति के दस साल पूरे कर रहा है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।

अपने दौरे के दौरान जयशंकर आसियान से जुड़ी बैठकों के दौरान वियनतियाने में अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री और अमेरिका व चीन जैसे प्रमुख साझेदार देशों के शीर्ष राजनयिक तीन दिवसीय बैठक के लिए यहां एकत्र हुए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी इसमें भाग लेने वालों में शामिल हैं।

जयशंकर और फिलीपींस के विदेश मंत्री के बीच बैठक, इंडो-पैसिफिक में साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ बैठक की और दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक में साझेदारी पर चर्चा की। वहीं इस लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, आज वियनतियाने में फिलीपींस के अपने मित्र सेक मनालो से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमारे दोनों लोकतंत्रों के बीच मजबूत होते सहयोग और इंडो-पैसिफिक में साझेदारी, खासकर कानून के शासन और आसियान केंद्रीयता को बनाए रखने पर चर्चा की।

आसियान बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा
वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आसियान बैठकों के दौरान तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास के साथ भी बैठक की। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक में साझा प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया। फ्रीटास के साथ अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करते हुए, विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आसियान बैठकों के दौरान तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास से मिलकर खुशी हुई। हमारी दिल्ली से दिली दोस्ती लगातार बढ़ रही है और गहरी हो रही है। साथ ही, हमने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी साझा प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

आसियान-तंत्र बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री
बता दें कि इससे पहले, विदेश मंत्री दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आसियान-तंत्र बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस के वियनतियाने पहुंचे। उन्होंने आसियान देशों के साथ भारत के जुड़ाव को आगे बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की, जो एक्ट ईस्ट पॉलिसी की दशक भर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे- जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे होने पर हम आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं। वहीं विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जयशंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने की यात्रा पर हैं, जहां वे आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे।

नेपाल में हादसे का शिकार हुए विमान का ब्लैक बॉक्स मिला, जांच टीम को सौंपा गया; 45 दिन में आएगी रिपोर्ट

नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार को दुर्घटना ग्रस्त हुए विमान का ब्लैक बॉक्स अधिकारियों ने बरामद किया। इससे घटना की जांच कर रही टीम को सौंपा गया है। टीम मामले की पूरी जांच करने के बाद 45 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं दुर्घटना में मृत 18 लोगों के शव का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। शवों की शिनाख्त की जा रही है। शुक्रवार से शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा।

सौर्य एयरलाइंस के बॉम्बार्डियर सीआरजे-200 विमान में बुधवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) से उड़ान भरने के तुरंत बाद आग लग गई। इस दौरान विमान में दो चालक दल के सदस्य, एयरलाइन के तकनीकी कर्मचारी और एक बच्चा और उसकी मां समेत कुल 19 लोग सवार थे। हादसे में 15 की मौके पर और तीन की स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। विमान मरम्मत के लिए पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जा रहा था।

नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के उप महानिदेशक हंस राज पांडेय ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स् बरामद कर लिया गया। इससे आवश्यक कार्रवाई के लिए जांच टीम को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि हादसे की जांच के लिए नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के पूर्व महानिदेशक रतीश चंद्र लाल सुमन के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। आयोग को भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पोस्टमार्टम के बाद शवों की पहचान कराई जा रही है। शुक्रवार से शव को परिजनों को सौंपा जाएगा।

कैप्टन की हालत खतरे से बाहर
सौर्य एयरलाइंस के विमान में हुई दुर्घटना में घायल कैप्टन मनीष राज शाक्य का काठमांडू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उनको आईसीयू में भर्ती किया गया है। वह बोल सकते हैं। बता दें कि कैप्टन शाक्य को कंटेनर में फंसे विमान के कॉकपिट से बचाया गया था।

वेनेजुएला में अगले हफ्ते आम चुनाव, सत्ता बचाने के लिए मतदान से पहले सेना का समर्थन जुटा रहे मादुरो

वेनेजुएला में रविवार को आम चुनाव के लिए मतदान होने हैं। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपनी कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में मतदान से पहले वह सेना का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैंघास फूस वाले गैस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर हल्के हरे रंग के कपड़े पहने युवा और महिलाएं मादुरो के विरोधियों की रैली से लौट रहे वाहनों को रोकते हैं। यात्रियों से उनकी पहचान पूछते हैं और उनकी कारों, ट्रकों और मोटरसाइकिलों का निरीक्षण करते हैं। इस तरह मतदान से पहले बड़े मैदानों, ऊंचे जंगली इलाकों और समुद्र तट पर ऐसी चौकियों की संख्या बढ़ गई है। जिनका मकसद सरकार के आलोचकों को डराना और कभी-कभी उन्हें हिरासत में लेना है। इस दौरान अक्सर अकेले यात्रा कर रहे लोगों से छोटी रिश्वत लेना भी शामिल है।

एक सैनिक विपक्षी नेता मारिया कोरिया मचाडो के बारे में यात्रियों से पूछता है, “क्या वह महिला आई? क्या वहां बहुत सारे लोग थे?” एक दूसरा सिपाही उनसे फुसफुसाते हुए कहता है, यहां कोई वाई-फाई तो नहीं है।

मादुरो ने साल 2013 में सत्ता संभाली। उन्होंने सरकारी नौकरियों और प्रमुख उद्योगों को नियंत्रित करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मानित किया। यही नहीं, उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सैनिको तैनात करने में भी कोई संकोच नहीं किया। अब जब मादुरो की पकड़ सत्ता पर ढीली पड़ रही है तो सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडर अपनी वफादारी दिखाने के लिए पहले से कहीं अधिक मेहनत कर रहे हैं।

हाल के दिनों में मादुरो 25 हजार पुलिस अधिकारियों के एक समारोह में भाग लेते हुए सरकार के नियंत्रण वाले टेलीविजन चैनल पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों के दंगा भड़काने के प्रयासों को रोकने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने दर्जनों अधिकारियों को पदोन्नत भी किया और अपने सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रहे व्लादिमीर पाडरिनो लोपेज को सम्मानित किया।

मादुरो ने इस महीने एक रैली में कहा, वेनेजुएला का भविष्य हमारी जीत पर निर्भर करेगा। अगर हम फासीवादियों द्वारा शुरू किए गए खून खराबा और गृह युद्ध से बचना चाहते हैं तो हमें अब तक की सबसे बड़ी चुनावी जीत की गारंटी देनी होगी। शीर्ष नेतृत्व मादुरो के साथ मजबूती से खड़ा है। वह वोट पाने के लिए अपनी पारंपरिक तरीकों को अपनाने के बजाय विपक्षी नेताओं पर कीचड़ उछालने में जुटा है।

ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल हर्नांडेज लारेज ने सोशल मीडिया पर हाल ही में एक तस्वीर पोस्ट की। जिसमें विपक्षी नेता मचाडो को एक सफेद बोर्ड के सामने बोलते हुए दिखाया गया है। पोस्टर में वह कथित तौर पर सशस्र बलों को खत्म करने का आह्वान कर रही हैं। हालांकि, एक मीडिया समूह ने कहा कि उनकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। मचाडो ने भी इस तस्वीर को फर्जी बताया है। उन्हें पहले चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित किया गया था।

मुसलमानों से माफी मांगेगी श्रीलंका सरकार, कोरोना महामारी के दौरान शव दफनाने की नहीं दी थी अनुमति

श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह कोरोना महामारी के दौरान अंतिम संस्कार की विवादास्पद नीति अपनाने के लिए देश के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से माफी मांगेगी। सरकार ने साल 2020 में कोरोना से हुई मौतों को लेकर एक आदेश जारी किया था। जिसमें अंतिम संस्कार के लिए मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया था। बाद में इस फैसले की दुनियाभर में आलोचना हुई तो सरकार ने फरवरी 2021 में इसे रद्द कर दिया था।

द्वीप राष्ट्र के मंत्रिमंडल ने सोमवार एक बैठक की। बैठक में 2020 में किए गए फैसले के लिए मुस्लिम समुदाय से माफी मांगने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने सरकार की ओर से सभी समुदायों से माफी मांगने का फैसला किया है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने एक कानून पेश करने का भी फैसला किया, ताकि इस तरह के विवादास्पद कदमों की पुनरावृत्ति न हो सके।

मंत्रिमंडल ने धार्मिक मान्यताओं के आधार पर शवों को दफनाने या उनका दाह संस्कार करने के लिए एक प्रस्तावित कानून को भी मंजूरी दी। यह कानून एक व्यक्ति या परिजनों को अपने विवेक पर मृत व्यक्ति को दफनाने या दाह संस्कार करने की अनुमति देता है।

देश के मुस्लिम समुदाय ने तब जबरन दाह संस्कार की नीति का विरोध किया था। कुछ ने तो अपने प्रियजनों के शवों को अस्पताल के मुर्दाघरों में ही छोड़ दिया था। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कहा था कि उन्हें दाह संस्कार के लिए मजबूर किया गया। इस्लाम में दाह संस्कार हराम है। फरवरी 2021 में आदेश रद्द होने से पहले मुस्लिम समुदाय के 276 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था।

तब श्रीलंका की सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए मृतकों को दफनाने की अनुमति नहीं दी थी। उसने कुछ विशेषज्ञों का हवाला देते हुए दावा किया था कि कोविड-19 से मरे लोगों को दफनाने से पानी दूषित हो जाएगा, जिससे महामारी और फैल जाएगी।

कमला हैरिस का डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनना तय!, अभियान के पहले दिन ही जुटाया पर्याप्त समर्थन

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले जो बाइडन के नाम वापस लेने के बाद मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम समर्थन किया था। फिलहाल पार्टी की उम्मीदवार बनने के लिए कमला हैरिस की तरफ से कड़ी मेहनत की जा रही है। इस बीच, उम्मीदवार के रूप में अपने पहले दिन, कमला हैरिस ने 81 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं।

कमला हैरिस के पास 1,976 से अधिक प्रतिनिधियों का समर्थन
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय और अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के नामांकन को पहले मतपत्र पर जीतने के लिए आवश्यक 1,976 से अधिक प्रतिबद्ध प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त हुआ है। वहीं उन्होंने ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, मैं जल्द ही औपचारिक रूप से नामांकन स्वीकार करने की उम्मीद कर रही हूं।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जब 19-22 अगस्त तक पार्टी के अधिकारी शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन से पहले औपचारिक रूप से उम्मीदवार को नामांकित करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारी कर होंगे। तो डेमोक्रेटिक टिकट के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कमला हैरिस अपने साथी (उपराष्ट्रपति) के रूप में किसे चुनेंगी।

डेलावेयर में कमला हैरिस ने दिया जोरदार भाषण
जानकारी के मुताबिक कमला हैरिस मंगलवार को मिल्वौकी में एक अभियान कार्यक्रम आयोजित करेंगी। इससे पहले कमला हैरिस ने सोमवार शाम को डेलावेयर में अभियान के मुख्यालय का दौरा करते हुए एक शानदार भाषण के साथ पार्टी के ध्वजवाहक की भूमिका के लिए अपना दावा पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पास चुनाव के दिन तक 106 दिन हैं और उस समय में हमें कुछ कड़ी मेहनत करनी है। कमला हैरिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया और उन्हें आश्वासन दिया कि जो लोग बाइडन के नेतृत्व वाले अभियान के लिए काम कर रहे थे, वे साथ बने रहेंगे।

प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर कमला हैरिस का हमला जारी
वहीं कमला हैरिस ने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अपना हमला जारी रखा। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति के कई घोटालों और कानूनी अड़चनों का हवाला दिया गया। उन्होंने जिला अटॉर्नी और कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल के रूप में अपने कार्यकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने सभी प्रकार के अपराधियों का सामना किया है। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले, उपभोक्ताओं को ठगने वाले धोखेबाज, अपने खेल के लिए नियम तोड़ने वाले धोखेबाज। तो मेरी बात सुनो, मैं डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों को जानती हूं।

सालों पुराने बंटवारे को खत्म करेंगे 14 प्रतिद्वंदी फलस्तीन गुट, चीन के दखल के बाद बनी सहमति

बीजिंग: गाजा में छिड़े युद्ध के बीच हमास और फतह समेत 14 फलस्तीन प्रतिद्वंदी गुटों ने एकजुटता दिखाते हुए सालों पुराने बंटवारे को खत्म करने का फैसला किया है। फलस्तीन गुटों ने चीन के दखल के बाद मंगलवार एक बैठक के दौरान घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। तीन दिन से गुटों के बीच बातचीत कराने में जुटे चीन के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को इस्राइली हमलों से जूझ रही गाजा पट्टी में मजबूत और टिकाऊ युद्ध विराम की दिशा में पहला कदम बताया।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गुटों के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह सहमति फलस्तीन मुद्दे के बीच एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के तहत सभी प्रतिद्वंदी गुटों ने गाजा पर शासन करने के लिए अंतरिम राष्ट्रीय सुलह सरकार की स्थापना पर सहमति जताई है। समझौते का उद्देश्य इस्राइल हमले के दौरान फलस्तीनियों को एकजुट रखना है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी मौसा अबू मरजौक और फतह के महमूद अल अलौल के अलावा 12 अन्य फलस्तीन गुटों के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहला मौका है जब 14 फलस्तीन गुट एक मंच पर आए हैं। सुलह फलस्तीन गुटों का आंतरिक मामला है, लेकिन मौजूदा समय में यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग के बिना संभव नहीं है। वांग ने कहा कि पीएलओ (फलस्तीन लिबरेशेन ऑर्गनाइजेशन) फलस्तीन लोगों का एकमात्र प्रतिनिधि है। लेकिन गाजा युद्ध समाप्त होने के बाद अस्थायी राष्ट्रीय सुलह सरकार को लेकर फैसला होगा। हालांकि वांग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस समझौते तहत हमास की क्या भूमिका होगी, जोकि पीएलओ का हिस्सा नहीं है।

फिलीपींस और चीन के बीच हुआ अहम समझौता, सबसे विवादित द्वीप पर खत्म हो सकता है टकराव

चीन और फिलीपींस के बीच एक समझौता हुआ है, जिससे दक्षिण चीन सागर में एक द्वीप के सबसे विवादित इलाके ‘सेकंड थॉमस शोल’ में टकराव खत्म होने की उम्मीद है। फिलीपीन सरकार रविवार को यह बात कही।

विवादित इलाके में किसी बड़े संघर्ष की बनी रहती है आशंका
‘सेकंड थॉमस शोल’ फिलीपींस के कब्जे में है, लेकिन चीन भी इस पर दावा करता है। यह दक्षिण चीन सागर के स्प्रैटली द्वीप समूह में एक जलमग्न चट्टान है। इसके चलते दोनों देशों के बीच शत्रुतापूर्ण झड़पें होती रही हैं। इस विवाद के चलते दोनों के बीच किसी बड़े संघर्ष की आशंका बनी रहती है, क्योंकि अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हो सकता है।

दोनों देशों के बीच क्या समझौता हुआ
फिलीपींस और चीनी राजनयिकों के बीच कई बैठकों और राजनयिक नोट के आदान-प्रदान के बाद आज मनीला में यह महत्वपूर्ण समझौता हुआ। इसका उद्देश्य किसी भी पक्ष के क्षेत्रीय दावों को स्वीकार किए बिना ऐसी व्यवस्था बनाना है, जो दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य हो। दोनों देशों के बीच वार्ता की जानकारी रखने वाले फिलीपींस के दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर इस सौदे की पुष्टि की। बाद में सरकार ने विवरण प्रदान किए बिना सौदे की घोषणा की और एक बयान जारी किया।

फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने बयान में क्या कहा
फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्ष दक्षिण चीन सागर में तनाव कम करने और मतभेदों को बाचतीव व विचार-विमर्श के जरिए सुलझाने की जरूरत को समझते हैं। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि यह समझौता दक्षिण चीन सागर में एक-दूसरे के रुख पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा।