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विदेश

इस देश के 75 हजार लोगों को मौत का खतरा, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

इंग्लैंड में वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट से होने वाली अनुमानित मौतों को लेकर ब्रिटिश सरकार को जो डेटा सौंपा है, उसने ब्रिटेन की सरकार के होश उड़ा दिए हैं।

वैज्ञानिकों ने ब्रिटिश सरकार को बताया है कि, सख्त प्रतिबंध नहीं लगाने की वजह से आने वाले पांच महीने में, यानि अप्रैल महीने तक इंग्लैंड में 25 हजार से 75 हजार लोगों की मौत हो सकती है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि, अनुमानित तौर पर एक लाख 75 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबच आएगी और कुल 24 हजार 700 लोगों की मौत हो सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि, ये आंकड़ा तब निकाला गया है, जब हर एक पॉजिटिव बातों को शामिल किया गया है और निगेटिव चीजों को दरकिनार किया गया है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि, अगर बिना किसी सावधानी और गाइडलाइंस के नये साल में प्रवेश किया गया, तो कोरोना वायरस का ये वेरिएंट लोगों की नाक में दम कर सकता है। यूनाइटेड किंगडम में शनिवार को 633 ओमिक्रॉन के मामले दर्ज किए गये हैं।

भारत में तबाही मचान के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार पकिस्तान अब महिलाओं को ढाल बनाकर किया ये…

सेना ने आरएसपुरा इलाके में महिला पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया है। इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सीमा पार से कुछ लोगों ने भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश की।

जब घुसपैठिए भारतीय इलाके में पहुंचे तो जवानों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भागने लगे। इस बीच उसकी गोली लगने से एक की मौत हो गई। सर्च अभियान के बाद पता चला कि घुसपैठिया महिला थी। इसके बारे में एजेंसियां जांच कर रही हैं।

घाटी में उन्हें तलाश कर जल्द ढेर किया जाएगा। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शुक्रवार को आतंकी हमले में शहीद हुए दोनों पुलिस कर्मियों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करने शनिवार को डीजीपी दिलबाग सिंह उनके घर पहुंचे।

डीजीपी ने कहा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा और आतंक रोधी अभियानों में सेना व अर्द्धसैनिक बलों से समन्वय कर काम करती है। इसी के चलते आतंकी पुलिस को निशाना बनाने की फिराक में रहते हैं।

अमेरिका में आया इतिहास का सबसे विनाशकारी बवंडर, आपदा में अबतक 80 लोगों की हुई मौत

अमेरिका के केंटुकी राज्य समेत कई अन्य राज्यों में आए बवंडर ने जान-माल को भारी नुकसान पहुंचाया है. फिलवक्त तक 80 लोगों के मारे जाने की खबर है. मृतकों का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इसे इतिहास के ‘सबसे बड़े’ तूफानी आउटब्रेक्‍स में से एक करार दिया. प्रभावित राज्‍यों में इमारतें जमींदोज हो गई वहां समतल मैदान में पड़े मलबे जैसा दृश्य है.

स्टॉर्म प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार पांच राज्यों अर्कांसस, इलिनोइस, केंटुकी, मिसौरी टेनेसी में कम से कम 24 बवंडर की सूचना मिली थी. केंटुकी प्रांत में बवंडर ने सबसे ज्‍यादा तबाही मचाई, जहां 70 से ज्‍यादा लोगों की मौत होने की आशका हैं. ज्‍यादातर मौतें मोमबत्‍ती की एक फैक्‍ट्री में हुईं. इलनॉयस के ऐमजॉन वेयरहाउस में भी कम से कम छह लोगों की मौत हुई है.

मुहलेनबर्ग काउंटी में कम से कम 10 लोगों के मरने की आशंका है तथा बाउलिंग ग्रीन शहर में उसके आसपास भी अज्ञात संख्या में लोगों की मौत होने की आशंका है. बेशिर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह हमारे राज्य के इतिहास में सबसे विनाशकारी बवंडर है.’ सुबह मिडवेस्ट दक्षिण के कुछ हिस्सों में बवंडर आया. गुजरने के बाद मलबे में फंसे लोगों को निकालने की जद्दोजहद जारी है.

 

अगले साल जनवरी से कोरोना वायरस की ‘बड़ी लहर’ दुनिया में मचा सकती हैं हाहाकार, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

ब्रिटेन में एक नए वैज्ञानिक विश्लेषण में चेतावनी दी गई है कि यदि लोगों के सामाजिक रूप से एकत्र होने पर रोक नहीं लगाई गई तो देश अगले साल जनवरी से कोरोना वायरस के नए स्वरूप से उत्पन्न संक्रमण की ‘बड़ी लहर’ का सामना कर सकता है.

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के विश्लेषण में कहा गया है कि जिस दर से वर्तमान में इंग्लैंड में संक्रमण बढ़ रहा है, उसका नतीजा अंततः अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि के रूप में निकलेगा.

नया वैज्ञानिक विश्लेषण ऐसे समय आया है जब ब्रिटेन में ओमिक्रोन से जुड़े 448 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप से जुड़े मामलों की कुल संख्या 1,265 हो गई है.

अध्ययन से संकेत मिलता है कि ओमिक्रॉन से जुड़े मामलों की संख्या डेल्टा स्वरूप से जुड़े मामलों से आगे निकल सकती है. देश में अभी डेल्टा स्वरूप से जुड़े मामलों की अधिकता है.

यूकेएसएचए मुख्य चिकित्सा सलाकार डॉ सुसान होपकिंस ने कहा, ”यह प्रमाण बढ़ता जा रहा है कि ओमीक्रोन अत्यधिक संक्रामक है. हम संक्रमण की चेन तोड़ने और नए स्वरूप के प्रसार को रोकने के लिए हर चीज करेंगे.

 

 

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ फीसदी मजबूत हुआ युवान, आखिर कैसे गिरती GDP का नहीं पड़ रहा कोई असर

चीन की अर्थिक विकास दर गिरती जा रही है, लेकिन उसकी मुद्रा लगातार मजबूत बनी हुई है। ये बात वित्तीय बाजार में कयास और जिज्ञासा का विषय बन गई है। 2021 में अब तक चीन की मुद्रा युवान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ फीसदी मजबूत हो चुकी है।

अमेरिका स्थित कैपिटल मार्केट्स ट्रेडिंग फर्म- बेनॉकबर्न ग्लोबल फॉरेक्स के महा-प्रबंधक मार्क शैंडलर के मुताबिक इस साल युवान का प्रदर्शन दुनिया की सभी मुद्राओं के बीच सबसे अच्छा रहा है। विश्लेषकों ने कहा है कि 2022 में भी ये स्थिति जारी रहेगी।

दूसरी तरफ, चीन की अर्थव्यवस्था ऊंची महंगाई दर, रियल एस्टेट में गिरावट, और प्राइवेट सेक्टर पर जारी सरकारी बंदिशों से मुश्किल में है। लेकिन लिउ ने कहा कि युवान की मजबूत स्थिति से चीन को बड़ी मदद मिल रही है।  उसका असर चीनी निर्यात पर पड़ सकता है।

चीन के सेंट्रल बैंक- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के मुताबिक चीन के 3.9 ट्रिलियन (620 बिलियन डॉलर) मूल्य के बॉन्ड्स अब दूसरे देशों के पास हैं। इस ट्रेंड का असर यह हुआ कि अक्तूबर में बॉन्ड के अंतरराष्ट्रीय इंडेक्स बनाने वाली एजेंसी एफटीएसई रसेल ने चीन सरकार के बॉन्ड्स को अपने फ्लैगशिप सूचकांक में शामिल कर लिया।

म्यांमार में बढे सैनिक शासन के खिलाफ आम जनता का विरोध, आंदोलनकारियों ने यूँ किया प्रदर्शन

म्यांमार में लोकतंत्र की प्रतीक समझी जाने वाली नेता आंग सान सू ची को दो साल की कैद सुनाए जाने को लेकर म्यांमार के सैनिक शासकों की तीखी अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई है।

इस बीच म्यांमार के सैनिक शासन विरोधी आंदोलनकारियों ने साफ किया है कि इस सजा से उनके इरादे पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। वे लोकतंत्र बहाली के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सू ची को कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में सैनिक कोर्ट ने चार साल कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में सैनिक शासकों ने इस सजा को घटा कर दो साल कैद कर दिया।  जिस दिन म्यांमार की सेना ने निर्वाचित सरकार के पद ग्रहण करने से कुछ घंटों पहले ही सत्ता पर कब्जा जमा लिया।

सजा सुनाए जाने के बाद सू ची को कहां रखा गया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उधर अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का जवाब देते हुए सैनिक शासन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘हर व्यक्ति कानून के आगे बराबर है, कोई भी कानून के ऊपर नहीं है।

बूस्टर डोज लेने के बावजूद ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हुए 2 लोग, इस देश की सरकार ने जताई चिंता

बूस्टर डोज ले चुके सिंगापुर के दो नागरिकों की ओमिक्रॉन वैरिएंट की शुरुआती रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हवाई अड्डे पर परीक्षण के दौरान एक 24 वर्षीय युवती की शुरुआती रिपोर्ट में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण को देखकर आशंका जताई जा रही है कि देश में भी ओमिक्रॉन के अन्य मामले सामने आ सकते हैं।
इसी सप्ताह की शुरुआत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर व बायोटेक ने शुरुआती अध्ययन के नतीजों के आधार पर दावा किया था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए तीसरी डोज की आवश्यकता होगी।
यहां 87 प्रतिशत लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं करीब 29 प्रतिशत लोगों को बूस्टर डोज भी लगाया जा चुका है। सरकार जल्द ही पांच से 11 साल के बच्चों के लिए भी कोरोना की खुराक शुरु करने जा रही है।

यूएनजीए ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को दिया ये बड़ा दर्जा, राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने दी जानकारी

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) को आब्जर्वर का दर्जा दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट करके ये जानकारी दी।

तिरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को आब्जर्वर का दर्जा देने का संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। छह वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक ऊर्जा विकास और वृद्धि के लाभ के लिए साझेदारी के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है। सभी सदस्य देशों को धन्यवाद।’

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) की चौथी आम सभा इससे पहले अक्तूबर में आयोजित की गई थी। जिसमें कुल 108 देशों ने हिस्सा लिया। इनमें 74 सदस्य देश और 34 आब्जर्वर और संभावित देश शामिल हैं।  प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने नवंबर 2015 में पेरिस में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के 21 वें सत्र में की था।

दिन के इस समय कोरोना वैक्सीन लगवाना आपके लिए हो सकता हैं अत्यधिक प्रभावकारी, रिसर्च में हुआ खुलासा

कोरोना वैक्सीन सुबह लेने की तुलना में दोपहर में ज्यादा प्रभावकारी माना गया है। दोपहर में एंटीबॉडी का स्तर अधिक होता है। जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल रिदम में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि 24 घंटे में शरीर के अंदर कई घटनाक्रम बदलते रहते हैं.

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) के सह-वरिष्ठ लेखक एलिजाबेथ क्लेरमैन ने कहा, “एक रिसर्च में पाया गया है शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ बीमारियों के लक्षण और कई दवाओं का असर दिन के समय में ज्यादा असरदार होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि फेफड़ों की बीमारी वाले मरीजों में अक्सर अधिक लक्षण होते हैं दोपहर में इन पर दवाओं का असर ज्यादा होता है।

 इन्फ्लूएंजा टीकाकरण प्राप्त करने वाले बुजुर्ग पुरुषों के एक अध्ययन से पता चला है कि जब उन्हें दोपहर की तुलना में सुबह में टीका लगाया गया तो उनके पास उच्च एंटीबॉडी की कमी थी।

म्यांमार: सेना की बढ़ती तानाशाही का खौफनाक मंज़र आया सामने, गांववालों को इकट्ठा कर बांधे हाथ व फिर…

लोकतंत्र समर्थकों को बंदूक के बल पर कुचल रही म्यांमार की सेना की तानाशाही बढ़ती ही जा रही है।  म्यांमार की सेना ने पांच बच्चों समेत 11 ग्रामीणों को जिंदा जला दिया है। म्यांमार के उत्तर-पश्चिम के सगाइंग क्षेत्र के डॉन ताव गांव में जले हुए शवों की तस्वीरें  फैल जाने के बाद घटना की जानकारी सामने आई।

इस वीडियो फुटेज को पुरुषों को गोली मारने और जलाने के कुछ ही समय बाद लिया गया था, वहीं कुछ पीड़ित कथित तौर पर उस समय भी जीवित थे जब वीडियो बनाया जा रहा था।
11 लोगों की मौत कैसे हुई, इस बारे में स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को यह जानकारी एक व्यक्ति द्वारा दिया गया जो कि घटनास्थल पर गया था। आमतौर पर स्वतंत्र म्यांमार मीडिया द्वारा की गई घटना के विवरण से मेल खाता था।