दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश बुल्गारिया में मंगलवार तड़के दर्दनाक हादसे में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं, 47 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। यह हादसा बस में अचानक आग लगने से हुआ।
विदेश
ऑस्ट्रेलिया: दिसंबर माह में यात्रा प्रतिबंधों पर सरकार देगी ढील, भारतीय छात्र कर सकेंगे यात्रा
ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को कोरोना महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंधों में अगले महीने से ढील देने की घोषणा की। इस फैसले से हजारों भारतीय छात्रों को ऑस्ट्रेलिया लौटने में मदद मिलने की उम्मीद है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि एक दिसंबर से, छात्रों और कुशल श्रमिकों सहित पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके योग्य वीजा धारक, यात्रा छूट के लिए आवेदन करने की आवश्यकता के बिना ऑस्ट्रेलिया आ सकते हैं।
चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर अमेरिकी एडमिरल ने दुनिया को दी चेतावनी कहा-“तत्काल कदम उठाने की जरूरत”
अमेरिकी हिंद-प्रशांत नौसैनिक कमान के शीर्ष कमांडर एडमिरल जॉन सी एक्विलिनो ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को मुक्त समुद्र के लिए खतरा करार दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में चीन की सैन्य गतिविधियों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की जरूरत बताई।
अमेरिका हाइपरसोनिक तकनीक के मामले में रूस व चीन के जितना उन्नत नहीं है। इसे लेकर अमेरिका के स्पेस ऑपरेशंस के उप-प्रमुख जनरल डेविड थॉम्पसन ने चिंता जताई है। हेलिफैक्स में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा फोरम पर उन्होंने कहा, अमेरिका, हाइपरसोनिक कार्यक्रमों में चीनी या रूसियों जैसा उन्नत नहीं है।
ताइवान की मदद करना लिथुआनिया को पड़ा भारी, चीन ने बदला लेने के लिए उठाया ये कदम
ताइवान की मदद करने की वजह से चीन ने लिथुआनिया के साथ अपने राजनयिक संबंधों को नीचे कर दिया है। दरअसल, बाल्टिक देश ने ताइवान को अपने यहां एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोलने की अनुमति दे दी है और इसी वजह से चीन नाराज हो गया है।
चीन उन देशों के साथ आधिकारिक संबंध रखने से इनकार करता है जो ताइवान को एक संप्रभु देश के तौर पर मान्यता देते हैं। उसने 15 देशों को ताइवान से संबंध खत्म करने के लिए राजी कर लिया है। इनमें से ज्यादातर अफ्रीका और लातिन अमेरिका में छोटे और गरीब देश हैं।
UAE में चोरी छुपे सीक्रेट बंदरगाह का निर्माण कर रहा था चीन, भनक लगने पर कर दिया ये…
संयुक्त अरब अमीरात में चीन सीक्रेट बंदरगाह का निर्माण कर रहा है, जिसको लेकर अमेरिका ने चेतावनी जारी की है। इस मामले के परिचित लोगों के हवाले से लिखा है , चीन ने संयुक्त अरब अमीरात में एक गुप्त बंदरगाह परियोजना पर निर्माण रोक दिया है।
बाइडेन प्रशासन ने यूएई को चेतावनी दी थी, कि खाड़ी देश में चीनी सैन्य उपस्थिति दोनों देशों के बीच संबंधों को खतरे में डाल सकती है, जिसके बाद इस परियोजना को रोक दिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने सीक्रेट उपग्रह इमेजरी के आधार पर पता लगाया कि, चीन अबू धाबी की अमीराती राजधानी के पास बंदरगाह पर सैन्य निर्माण कर रहा है।
डब्ल्यूएसजे ने वाशिंगटन में यूएई दूतावास के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि, “यूएई ने कभी भी चीनी सैन्य अड्डे या किसी भी तरह की सैन्य चौकी अपने देश में बनाने के लिए चीन के साथ किसी भी तरह का समझौता, योजना, वार्ता या इरादा नहीं किया है।”
तालिबान को अफगान संपत्ति जारी करने की अपील को अमेरिका ने किया खारिज व कही ये बड़ी बात
अमेरिका ने तालिबान को अफगान संपत्ति जारी करने की अपील को खारिज कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि काबुल में जबतक सत्ता अस्तित्व में नहीं आ जाती तब तक संपत्ति जारी नहीं की जाएगी।
बीते दिनों तालिबान ने कहा था कि अफगानिस्तान में आर्थिक उथल-पुथल से विदेश में परेशानी का कारण बन सकती है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अमेरिका को खत लिखकर फंड जारी करने की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने अफगान केंद्रीय बैंक से करीब 9.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर रखी है। अफगानिस्तान के पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। ऐसे में अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
अलीबाबा समूह और टेनसेंट होल्डिंग्स सहित इन बड़ी कंपनियों पर चीन की सरकार ने लगाया जुर्माना
चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने एकाधिकार विरोधी कार्रवाई के तहत अलीबाबा समूह और टेनसेंट होल्डिंग्स सहित कई बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर कॉरपोरेट अधिग्रहण की सूचना देने में विफल रहने के चलते शनिवार को जुर्माना लगाया।
स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन के अनुसार ये कंपनियां ”परिचालन केंद्रीकरण” के नियमों के तहत आठ साल पहले हुए 43 अधिग्रहणों की सूचना देने में विफल रहीं।
चीन के ऐसे ही कदमों से देश में काम कर रही कंपनियों के बीच अनिश्चितता बढ़ रही है। इस महीने की शुरुआत में याहू इंक ने ऐलान किया कि वह ”व्यापार और कानूनी माहौल के तेजी से चुनौतीपूर्ण”
होने के चलते चीन से बाहर निकलने की योजना बना रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा था कि उसकी सेवाएं अब एक नवंबर से मुख्य भूमि चीन में उपलब्ध नहीं होंगी।
बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा अमेरिका, जो बाइडन ने किया दावा…
अगले साल यानी 2022 में चीन के बीजिंग नें शीतकालीन ओलंपिक खेल होने हैं। ओलंपिक खेलों की शुरूआत में 100 दिन से भी कम समय बचा है। दूसरी ओर बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि आज इसे देखने वाले सभी स्वतंत्रता समर्थकों को मेरा संदेश है।हम एक साथ मजबूत हैं। हम सभी को #StandWithTaiwan करना चाहिए, इवान का समर्थन करें, और लोकतंत्र की रक्षा करें। हमें ताइवान को स्वतंत्र और सुरक्षित रखना चाहिए। ताइवान, ताइवान के लोगों का है!
जल्द भारत के साथ युद्ध शुरू कर सकता हैं चीन, एलएसी पर भेजे बमवर्षक विमान !
भारत के साथ लद्दाख में सीमा विवाद में उलझे चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बमवर्षक एच-6के तैनात कर दिए हैं, जो सीजे-20 मिसाइलों से लैस हैं। मिसाइलों की मारक क्षमता दिल्ली तक मानी जा रही है।
चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने हिमालय के पास उड़ान भर रहे इन विमानों की फुटेज जारी की थी। चीनी सैन्य विश्लेषक एंटनी वोंग टोंग के मुताबिक, बमवर्षक भेजना पड़ोसी को निश्चित ही चेतावनी की तरह है।
चीन एलएसी के पास बड़े एयरबेस कम होने के चलते भारत की तुलना में कमजोर स्थिति में है। इसी से बॉम्बर तैनात कर वह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि उसके पास भारतीय वायुसैनिक अड्डों पर हमला करने की क्षमता है।
एक बार फिर अपनी मर्यादा पार करने में लगा चीन, फिलीपींस के साथ रक्षक बलों ने किया ये काम…
फिलीपींस ने गुरुवार को चीनी तट रक्षक बलों पर विवादित दक्षिण चीन सागर में अपनी नौकाओं पर पानी की बौछार करने का आरोप लगाया। समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार ये नौकाएं फिलीपींस के सैन्य कर्मियों के लिए सप्लाई करने का काम कर रही थीं। इस हमले के बाद फिलीपींस की नौकाओं ने बीजिंग के जहाजों को पीछे हटने का आदेश दिया।
फिलीपींस के रक्षा मंत्री तियोदोरो लोक्सिन ने कहा कि चीन के पास इन क्षेत्रों में और उसके आसपास कोई कानून प्रवर्तन अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा की चीन को नियमों का ध्यान रखना चाहिए और पीछे हटना चाहिए।
अगस्त के महीने में चीन के उप राजदूत दाई बिंग ने एक बैठक में अमेरिका पर दक्षिण चीन सागर में शांति एवं स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने का आरोप लगाया था। वहीं उन्होंने फिलीपींस के पक्ष में दिए गए न्यायाधिकरण के फैसले को अवैध और गैर बाध्यकारी बताया था।
दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों को लेकर चीन और अमेरिका के साथ-साथ कई देशों के बीच दशकों से विवाद है। यह विवाद समुद्री क्षेत्र पर अधिकार और संप्रभुता को लेकर है। इसमें पारासेल और स्प्रैटली शामिल हैं। यहां का समुद्री रास्ता भी व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।