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विदेश

पड़ोसी देशों पर जबरन ‘हड़प नीति’ का प्रयोग करके गांव बसाने में लगा ड्रैगन, अब इस देश को जाल में फंसाया

एशिया महादेश में अपने प्रभुत्व को कायम रखने के लिए चीन की हड़प नीति लगातार जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार भारत के साथ सीमा विवाद के बीच ड्रैगन पड़ोसी देश भूटान की सीमा में भी घुसपैठ कर चुका है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने बॉर्डर से लगे भूटान में करीब 25 हजार एकड़ क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है।  भूटान का ये विवादित भूमि डोकलम पठार के पास स्थित है, जहां 2017 में भारत और चीन का आमना-सामना हुआ था।

भूटान की जमीन पर नया निर्माण भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि भारत ने ऐतिहासिक रूप से भूटान को अपनी विदेश संबंध नीति पर सलाह दी है और अपने सशस्त्र बलों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा है।

रिपोर्ट के अनुसार चीन ने मनमाने तरीके से इस विवादित जमीन के बड़े हिस्से पर पिछले एक साल मई 2020 से लेकर नवंबर 2021 में निर्माण कार्य शुरू करते हुए अब तक चार गांव बसा डाले हैं।

सिडनी डायलॉग में बोले पीएम मोदी-“डिजिटल लीडर के रूप में भारत आगे बढ़ने को तैयार”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिडनी संवाद में भारत के ‘प्रौद्योगिकी विकास और क्रांति’ विषय पर अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी डायलॉग के संबोधन के लिए आमंत्रित किया।

 उन्होंने आगे कहा कि दुनिया बदलाव के बड़े दौर से गुजर रही है, इसलिए चुनौती को अवसर के रूप में लेकर बढ़ना ही होगा। बता दें कि सिडनी संवाद 17 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है। यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, क़ानून, अधिकारों और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है।लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है।

यहाँ जानिए आखिर क्यों हो रही हैं भारत को रूस से मिलने वाले एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम की इतनी चर्चा

रूस ने भारत को एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी समय से पहले शुरू कर दी है. रूस की हथियार निर्माता कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्ज़ेंडर मिखयेव ने ये जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि रूस पहले ही भारतीय विशेषज्ञों को एस-400 सिस्टम चलाने के लिए प्रशिक्षित कर चुका है. उन्होंने कहा, “रेजिमेंट सेट का संचालन करने वाले भारतीय विशेषज्ञ अपना प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं.”

उन्होंने कहा है कि एस-400 सतह से हवा में मारने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसका पहला रेजिमेंट सेट इस साल के अंत तक भारत को दिया जाएगा.

साल 2018 में भारत ने रूस से पाँच एस-400 मिसाइल सिस्टम ख़रीदने के सौदे पर हामी भरी थी. एस-400 रूस का बेहद आधुनिक मिसाइल सिस्टम है.

इसकी तुलना अमेरिका के बेहतरीन पैट्रिअट मिसाइल एयर डिफ़ेंस सिस्टम से होती है. भारत और रूस के बीच से सौदा 5.43 अरब डॉलर में हुआ था.

यह वही मिसाइल सिस्टम है, जिसका सौदा करने पर ट्रंप प्रशासन ने दिसंबर, 2020 में तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका ने भारत और रूस के बीच हुए सौदे पर भी सवाल उठाए थे.एस-400 को दुनिया का बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है. यह दुश्मनों के मिसाइल हमले को रोकने का काम करता है.

 

 

भारत के साथ सीमा युद्ध में उलझा चीन आखिर कैसे बन रहा हैं पड़ोसियों के लिए खतरा, जानिए यहाँ

दक्षिण पूर्व एशिया व भारत की यात्रा से अमेरिका वापस लौटे सांसद जॉन कोर्निन ने अमेरिकी संसद के सामने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ सीमा युद्ध में उलझा हुआ है और यह देश अपनी आक्रामक नीतियों के चलते पड़ोसियों के लिए खतरा बनता जा रहा है।

कोर्निन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है और वह अपने यहां के अल्पसंख्यकों खासतौर पर उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों को घोर उल्लंघन कर रहा है।
अमेरिकी संसद के सामने जॉन कोर्निन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और इस दौरान हुई चर्चा का विषय भी रखा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से चीन द्वारा उत्पन्न खतरों को दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर चर्चा हुई।

पाकिस्तान: कल से खुलेगा करतारपुर साहिब गलियारा, श्रद्धालुओं का पहला जत्था करेगा दर्शन

पाकिस्तान में स्थित सिखों के सबसे पूजनीय तीर्थस्थलों तक जाने के लिए करतारपुर साहिब गलियारे को बुधवार से दोबारा खोला जाएगा. कल पहला जत्था गुरुद्वारे के दर्शन करेगा.

पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि यात्रा के लिए इंतज़ाम पूरे किए गए हैं. कोविड-19 के प्रकोप के बाद मार्च 2020 से रुकी हुई तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा गुरु नानक देव की जयंती से तीन दिन पहले की गई.

कोरोना को देखते हुए यात्रा के लिए कई गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. यात्रा के लिए RT-PCR रिपोर्ट, वैक्सीन सर्टिफिकेट ज़रूरी किया गया है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति नरेन्द्र मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है. गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि यह कदम देश भर में खुशी और उत्साह को और बढ़ाएगा.

अमेरिकी के प्रति देखने को मिला चीन के राष्ट्रपति का कड़ा रुख कहा-‘चीन सुरक्षा हितों की ‘निश्चित रूप से रक्षा’ करेगा’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन के साथ एक ऑनलाइन बैठक में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की ‘निश्चित रूप से रक्षा’ करेगा.

उन्होंने चेतावनी दी कि जो कोई भी ताइवान को लेकर आग से खेलेगा, वह ‘जल जाएगा’. बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली शिखर वार्ता है. इससे पहले दोनों ने दो बार फोन पर बातचीत की. दो दौर में संपन्न हुई यह बातचीत तीन घंटे से अधिक समय तक चली.

उन्होंने कहा कि चीन का उदय ‘इतिहास की अपरिहार्य प्रवृत्ति’ है और इसे रोका नहीं जा सकता. ताइवान के संबंध में 68 वर्षीय जिनपिंग ने तनाव के लिए ताइवान के अधिकारियों द्वारा अपने स्वतंत्रता एजेंडे के लिए अमेरिकी समर्थन की तलाश करने के वास्ते बार-बार प्रयास करने को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, शांति के साथ सह-अस्तित्व कायम करना चाहिए. शिनजियांग और तिब्बत के साथ-साथ हांगकांग में उइगुर समुदाय के लोगों के खिलाफ नरसंहार के अमेरिकी आरोपों के संदर्भ में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि चीन आपसी सम्मान के आधार पर मानवाधिकारों पर संवाद करने के लिए तैयार है, ”

कतर के अधिकारियों पर महिलाओं के एक समूह ने दर्ज़ किया बड़ा मुकदमा, यहाँ जानिए पूरा मामला

महिलाओं का एक समूह कतर के अधिकारियों पर मुकदमा दायर करेगा. दोहा हवाई अड्डे पर नवजात शिशु की मां की तलाश के दौरान कई महिलाओं को स्त्री संबंधी जांच से गुजरना पड़ा था. दोहा से 10 कतर एयरवेज की उड़ानों में 13 ऑस्ट्रेलियाई सहित महिलाओं की पिछले साल के अंत में जांच हुई थी.

ये सिडनी स्थित फर्म मार्के लॉयर्स के डेमियन स्टुर्ज़कर ने कहा कि सात प्रभावित यात्री अब “कतर के अधिकारियों को एक संदेश भेजने के लिए कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं कि आप महिलाओं के साथ इस तरह से व्यवहार नहीं कर सकते.

कतर एक अति-रूढ़िवादी मुस्लिम राजशाही है, जहां शादी के बाहर सेक्स और बच्चे को जन्म देने पर जेल की सजा का प्रावधान है. हालांकि घटना के बाद संभावित वाणिज्यिक और प्रतिष्ठित क्षति का सामना करते हुए, कतर ने यात्रियों की भविष्य की सुरक्षा की गारंटी देने की बात कही है.

तालिबान की परेड में देखने को मिले अमेरिकी हथियार और बख्तरबंद वाहन, जिसे देख दुनिया के उड़े होश

अफगानिस्तान की सत्ता पर अपने पैर जमा लेने के बाद धीरे-धीरे तालिबान खुद को एक सरकार के तौर पर स्थापित कर रहा है। तालिबानी लड़ाकों की ओर से काबुल में एक सैन्य परेड निकाली गई।

 परेड में तालिबानी लड़ाकों के हाथ में अमेरिकी हथियार और बख्तरबंद वाहन दिखाई दिए। इसके अलावा मिलिट्री परेड में जिन हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया वह भी रूस द्वारा निर्मित थे।

दरअसल, अफगानिस्तान से अमेरिका की सैन्य वापसी के बाद तालिबान उनके द्वारा छोड़े गए हथियारों का प्रयोग कर रहा है। रविवार की परेड़ में तालिबानी सैनिक अमेरिका द्वारा निर्मित एम117 बख्तरबंद वाहनों में दिए तो उनके हाथों में भी अमेरिका की बनाई हुई एम-4 असॉल्ट राइफल थी।

एक रिपोर्ट में सामने आया था कि अमेरिका ने 2002 से 2017 के बीच अफगानिस्तान में 28 अरब डॉलर से ज्यादा के हथियार, बख्तरबंद वाहन, हेलीकॉप्टर, डिफेंस सिस्टम, गोला बारूद मुहैया कराया था।इतना ही नहीं अमेरिकी सैनिकों ने एयर डिफेंस सिस्टम को भी खत्म कर दिया था।

ग्रेटा थनबर्ग ने कॉप-26 सम्मेलन को किया खारिज कहा-“इस सम्मेलन का सारांश ब्ला, ब्ला, ब्ला….”

स्कॉटलैंड के ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे वैश्विक नेताओं के सम्मेलन(कॉप-26) को भले ही संयुक्त राष्ट्र दुनिया के हितों के लिए एक समझौते के रूप में देख रहा हो, लेकिन जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इस सम्मेलन को सिर से खारिज कर दिया है।

कॉप-26 सम्पन्न हो गया है। यहां इस सम्मेलन का सारांश है, जो इस तरह है- ब्ला, ब्ला, ब्ला….असली काम हॉलों से बाहर हो रहा है और हम कभी भी हार नहीं मानेंगे।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर इस सम्मेलन के शुरू में एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि जब तक हम स्त्रोतों के उत्सर्जन पर तत्काल कटौती नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि जलवायु संकट पर सिर्फ बातें कर रहे हैं। हम असफल हैं। उन्होंने कहा था कि हमें सही दिशा में कदम उठाने होंगे।

कॉप-26 के दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व को जलवायु सकंट की चेतावनी दी तो ग्लासगो समझौते में शामिल होने वाले देशों ने भी इस बात को स्वीकार किया कि अभी बहुत काम किया जाना बाकी है।

बाल दिवस 2021: अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार से समानित हुए दिल्ली के दो सगे भाई

दिल्ली निवासी दो सगे भाइयों विहान और नव अग्रवाल को अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार दिया गया है। उन्हें ये पुरस्कार अपने घर में कूड़ा और प्रदूषण घटाने तथा पेड़ लगाने संबंधित परियोजना शुरू करने के लिए दिया गया है।

इस पुरस्कार के तहत दोनों भाइयों को पढ़ाई और देखभाल के लिए अनुदान और एक लाख यूरो यानी करीब 85 लाख रुपये का फंड मिलेगा जिसका आधा हिस्सा उनके प्रोजेक्ट को जाएगा।

17 वर्षीय विहान और 14 वर्षीय नव ने बताया कि इस पुरस्कार और इससे मिली पहचान का इस्तेमाल वे अपने नेटवर्क और पूरे देश में और बाहर फैलाने के लिए करेंगे। विहान से पुरस्कार मिलने से एक दिन पहले एपी से कहा, हम पूरी दुनिया में शून्य कचरा उत्पादन चाहते हैं।

विहान ने कहा कि खराब हवा के कारण उन्हें अकसर घर के अंदर रहना पड़ता था। उनका वन स्टेप ग्रीनर प्रोजेक्ट अब 15 सौ से अधिक घरों, स्कूलों और ऑफिसों तक पहुंच चुका है।