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विदेश

रूसी कोरोना वैक्सीन Sputnik V के इस्तेमाल से बढ़ रहा एचआईवी का खतरा, नामीबिया ने किया खुलासा

नामीबिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) के इस्तेमाल पर नामीबिया रोक लगाएगा।  स्पूतनिक-वी वैक्सीन लेने वाले पुरुषों में एचआईवी होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

नामीबिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि रूसी वैक्सीन के इस्तेमाल को बंद करने का उनका फैसला इस चिंता के सामने आने के बाद लिया गया है कि स्पूतनिक वी लेने वाले पुरुषों में संभवतः एचाईवी होने की आशंका ज्यादा होती है।

बीते कुछ दिन पहले देश दक्षिण अफ्रीका ने भी स्पूतनिक वैक्सीन को लेकर चिंता जाहिर की थी। दक्षिण अफ्रीकी नियामक SAHPRA ने फैसला लिया है कि वह अपने देश में स्पूतनिक-वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देगा।

इसके पीछे दवा नियामक ने कहा है कि कुछ शोधों से यह पता चला है कि स्पूतनिक-वी में एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर है, जिसके इस्तेमाल से पुरुषों में एचाईवी होने की आशंका बढ़ जाती है।

अफगानिस्तान में हवाई हमले के लिए क्या अमेरिका को एयरस्पेस इस्तेमाल करने देगा पाकिस्तान ?

अफगानिस्तान में आतंकी समूहों के खात्मा के लिए अमेरिका, पाकिस्तान से हाथ मिलाने जा रहा है। इस बात की जानकारी अमेरिकी प्रशासन ने दी है।

रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अफगानिस्तान में सैन्य और खुफिया अभियानों के संचालन के लिए हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान के साथ औपचारिक समझौते के करीब है।

सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान ने आंतक विरोधी कोशिशों और भारत के साथ संबंधों के बदले एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जताई है। लेकिन बातचीत अभी पूरी नहीं हुई है।

वाइट हाउस अभी भी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह अफगानिस्तान से बाहर रहते हुए भी इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ कारवाई को कैसे अंजाम दे सकता है। मौजूदा वक्त में यह तभी संभव है जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करती है। लेकिन अब तक इसे लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं हो सका है।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि जब अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान का दौरा किया तो एक समझौते पर चर्चा हुई, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान क्या चाहता है या बदले में अमेरिका कितना देना चाहता है।

तो क्या सच में अफगानिस्तान में तालिबान के राज़ से बढ़ गया हैं अफगान सिखों पर संकट

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से सिखों के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है। आलम यह है कि उन्हें सुन्नी इस्लाम अपनाने या फिर देश छोड़कर भाग जाने को मजबूर किया जा रहा है।

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की रिपोर्ट का कहना है, अफगानिस्तान में सदियों से रह रहे सिखों की आबादी एक जमाने में दसियों हजार थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों में कट्टरता के चलते बढ़ी धार्मिक हिंसा, हत्या, व्यवस्थागत भेदभाव और देश छोड़कर जाने के कारण समुदाय बर्बाद हो गया है। देश में अधिकांश सिख काबुल में तो कुछ गजनी और नंगरहार प्रांतों में रहते हैं।

कंधार में अज्ञात बंदूकधारी ने एक सिख को गोली मार दी थी। आईएफएफआरएएस का कहना है कि 26 मार्च 2020 को काबुल के एक गुरुद्वारे में तालिबान द्वारा समुदाय के नरसंहार के बाद से ही बड़ी संख्या में सिख भारत जा रहे हैं।

यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब कुछ दिनों पहले ही काबुल के कार्त-ए-परवान जिले में एक गुरुद्वारे में घुसे 15 से 20 आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को बंधक बना दिया था। अफगानिस्तान में सिख अक्सर इस तरह के हमलों और हिंसा का सामना करते हैं।

बांग्लादेश: रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे पर हुआ बड़ा हमला, गोलीबारी में 7 लोगों की मौत

बांग्लादेश के रोहिंग्या में शुक्रवार को गोलीबारी हो गई. इसमें 7 लोगों के मारे जाने की खबर है.  हमला रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे में हुआ.

हमला रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे में हुआ. यहां अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की. फायरिंग में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि तीन लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई.

उखिया एसपी शिहाब कैसर ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा, हमले के बाद चार लोगों की तुरंत मौत हो गई. इसके तुरंत बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया.

बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया का सबसे बड़ा रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप है. यहां करीब 10 लाख रोहिंग्या रहते हैं. ये रोहिंग्या 2017 में म्यांमार से भागकर आए थे. 2017 में बौद्ध बहुसंख्यक देश म्यांमार में वहां की सेना ने रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई की थी. उसके बाद रोहिंग्या मुसलमान वहां से भाग गए. इनमें से ज्यादातर बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप में रह रहे हैं.

कॉप-26: जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस दिन ग्लासगो जाएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (कॉप-26) में हिस्सा लेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय बैठक 31 अक्तूबर से शुरू होगी।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक साक्षात्कार में पीएम के ग्लासगो जाने की पुष्टि की।  चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जक है। कॉप-26 सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच पीएम मोदी की भागीदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, दुनिया में कई प्रदूषक देशों के मुकाबले हमारा राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (एनडीसी) ज्यादा प्रगतिशील है। भारत 2030 तक हरित ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 450 गीगावॉट करने की ओर बढ़ रहा है। देश में 100 गीगावॉट से ज्यादा नवीनीकृत ऊर्जा क्षमता स्थापित हो चुकी है।

Donald Trump ने किया ‘TRUTH Social’ नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लांच करने का एलान

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने  एलान किया है कि मैं अपना खुद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लॉन्च करने जा रहा हूं, जिसका नाम ‘ट्रुथ सोशल’ (Truth Social) रखा गया है.

ट्रंप ने अपने बयान में ट्विटर पर निशाना साधते हुए कहा, ”ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप और उसके ‘ट्रुथ सोशल’ एप को लॉन्च करने का उनका लक्ष्य बिग टेक कंपनियों के लिए एक प्रतिद्वंद्वी बनाना है, जिन्होंने उन्हें बैन कर दिया है.

ट्रंप ने ट्विटर और फेसबुक की ओर से बैन होने के बाद से ही अपनी खुद की सोशल मीडिया साइट लॉन्च करने की बात कही थी. कंपनी का कहना है कि वह एक वीडियो-ऑन-डिमांड सेवा की योजना बना रही है जिसमें मनोरंजन प्रोग्रामिंग, समाचार और पॉडकास्ट शामिल होंगे.

वेबपेज पर हैकर्स के इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट के लिंक भी डाले गए थे. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रूटअयिल्डिज ने दुनियाभर के राजनेताओं को निशाना बनाने वाले कई अन्य साइबर हमलों की जिम्मेदारी ली है.

बांग्लादेश: सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में अबतक 450 लोग गिरफ्तार व 71 पर केस

बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी हमलों के संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 71 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा करीब 450 लोगों को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा की सख्त निंदा की है। यूएन ने सरकार से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

पुलिस मुख्यालय के सहायक महानिरीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां ने बताया कि अफवाह फैलाने वालों और हिंसा करने वालों के खिलाफ पूरे देश में अभियान जारी है।

गत नौ वर्षों में हिंदुओं के 3,700 से ज्यादा घर-मंदिर हमलों का शिकार एक अधिकार समूह के मुताबिक गत नौ वर्षों में बांग्लादेश के भीतर हिंदुओं पर करीब 3,721 हमले हुए है।

ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि यह डाटा एक प्रमुख अधिकार समूह ‘ऐन ओ सलीश’ केंद्र से मिला है जिसके अनुसार 2021 पिछले पांच वर्षों में अब तक का सबसे घातक वर्ष रहा है। इसी अवधि में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ व आगजनी के कम से कम 1,678 मामले दर्ज किए गए हैं।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गृहमंत्री असदुज्जमां खान को देश में मजहब के नाम पर हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सरकार हिंसा की घटनाओं की निंदा करती है। हिंदू समुदाय के अंदर और बाहर से उठ रही आवाजों पर गंभीर संज्ञान ले रही है।

अफगानिस्तान के काबुल में हुआ जोरदार धमाका, मृतकों की संख्या बताने से तालिबान ने किया इंकार

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित देहमाजांग चौक के पास आज सुबह एक जोरदार धमाका हुआ। इस घटना में कितने लोग हताहत हुए हैं इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

तालिबान प्रशासन ने भी मृतकों की संख्या बताने से फिलहाल इनकार कर दिया है। एक स्थानीय निवासी ने जानकारी देते हुए कहा कि देहमाजांग इलाके में सुबह 7.50 बजे एक जोरदार धमाका सुनाई दिया और इस आवाज से लोगों में दहशत फैल गई। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह कार बम विस्फोट हो सकती है।

अगस्त के मध्य में तालिबान के कब्जे के बाद से पूरे अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति सामान्य रूप से शांत लेकिन अनिश्चित बनी हुई है। हालांकि, हाल के हफ्तों में कई अफगान प्रांतों में इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों द्वारा घातक बम हमलों को अंजाम दिया गया है।

पकिस्तान: अचानक आईएसआई के हेडक्वॉर्टर पहुंचे सेना प्रमुख, जिसके पीछे हैं ये बड़ी वजह

इमरान खान सरकार से आईएसआई के नए प्रमुख की नियुक्ति को लेकर जारी टकराव के बीच सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सोमवार को खुफिया एजेंसी के हेडक्वॉर्टर पहुंचे। यहां आईएसआई के महानिदेशक फैज हमीद ने खुद बाजवा की आगवानी की। कहा जा रहा है कि बाजवा यहां आतंरिक सुरक्षा और अफगानिस्तान के हालातों के मद्देनजर आईएसआई की तैयारियों का अपडेट लेने आए थे।

कई दिनों से सरकार और सेना के बीच आईएसआई के चीफ को बदलने को लेकर तनाव का दौर जारी है। आईएसआई के प्रमुख के पद से लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को हटाकर उनकी जगह नदीम अहमद अंजुम को कमान दिए जाने का ऐलान पिछले दिनों सेना प्रमुख ने किया था। हालांकि इस संबंध में अब तक पीएम ऑफिस की ओर से नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।

उनकी जगह जल्दी ही नदीम अहमद अंजुम लेने वाले हैं। बता दें कि आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर इमरान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने 12 अक्टूबर को कहा था कि इसमें पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा और इसका अधिकार पीएम के पास ही है।  लेकिन अब तक कोई ऐलान न होने से साफ है कि सरकार और सेना के बीच अब भी तनाव बना हुआ है।

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पर हुए हमले पर अमेरिका ने जाहिर की चिंता कहा-“भेदभाव और नफरत का शिकार हो रहे हैं हिंदू”

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा और उसके बाद हिंदू समुदाय पर हुए हमलों की रिपोर्टों पर अमेरिका ने चिंता जाहिर करत हुए इन घटनाओं की निंदा की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘धर्म की आजादी एवं आस्था का विषय मानवाधिकार से जुड़ा है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसे अपना अहम पर्व मनाने की आजादी होनी चाहिए।

अमेरिका के हिंदू अधिकार समूह ‘हिन्दूपैक्ट’ के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा,’यह देखना खासतौर पर भयावह है कि नोआखाली में बसे हिन्दुओं पर इस तरह से हमले हो रहे हैं।”हिन्दूपैक्ट’ ने कहा कि बांग्लादेश में मूल हिन्दू समुदाय के लोग लगातार भेदभाव और नफरत का शिकार हो रहे हैं। वहां अल्पसंख्यक आबादी 1940 में 28 प्रतिशत थी और तेजी से घट कर नौ प्रतिशत पर आ गई है।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी बयान जारी किया है। बांग्लादेश में यूएन के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने सोमवार को बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। सेप्पो ने हमले की घटनाओं की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है।