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विदेश

चीन, पाकिस्तान, रूस, ईरान, कतर और तुर्की को सरकार गठन के कार्यक्रम के लिए अफगानिस्तान ने भेजा न्योता

अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में कब्जे का दावा करने के बाद तालिबान ने जल्द ही सरकार गठन का फैसला किया है। इसके मद्देनजर संगठन ने चीन, पाकिस्तान, रूस, ईरान, कतर और तुर्की को सरकार गठन के कार्यक्रम के लिए न्योता भी भेजा है।

चीन, रूस, तुर्की और पाकिस्तान ने तो अपने दूतावासों में भी पहले की तरह काम जारी रखा है। हालांकि, भारत से तालिबान का अब तक कोई आधिकारिक संपर्क नहीं हुआ।

अफगान अधिकारियों की हालिया उड़ान को कलीबाफ ने अमेरिकी कठपुतली देश भर में तालिबान की सुचारू तैनाती के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, यह 20 साल के अमेरिकी कब्जे के साथ अफगान लोगों के व्यापक असंतोष का परिणाम है।

अफगानिस्तान की घटनाओं पर कलीबाफ ने कहा, यह दर्शाता है कि वाशिंगटन में कुछ अफगान सरकारी अधिकारियों का अपने देश में समृद्धि सुरक्षा लाने का भरोसा एक रणनीतिक गलती थी।

माना जा रहा है कि तालिबान अगले कुछ दिनों में काबुल में नई सरकार के गठन की घोषणा करेगा, जिसका नेतृत्व संगठन का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कर सकता है।

पंजशीर में कब्जे को लेकर तालिबान और रेजिस्टेंस फोर्सेस के बीच हुई खून की जंग, क्या यही हैं अफगानिस्तान का भविष्य ?

अफगानिस्तान के पंजशीर में कब्जे को लेकर तालिबान और रेजिस्टेंस फोर्सेस के बीच खूनी जंग जारी है.  रेजिस्टेंस फोर्सेस ने दावा किया है कि पंजशीर के उत्तर-पूर्वी प्रांत में करीब 600 तालिबानी मारे गए हैं और 1000 से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों ने घुटने टेक दिए हैं यानी कि उन्होंने सरेंडर कर दिया है.

रेजिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दास्ती ने ट्वीट में लिखा, “पंजशीर के विभिन्न जिलों में 600 तालिबानियों का सफाया कर दिया गया है. एक हजार से अधिक तालिबान को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है.”

विद्रोही गुट के नेता अमरुल्ला सालेह ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि तालिबान ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.  उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक मुश्किल स्थिति में हैं. हम पर तालिबान का हमला हुआ है. हमारी सेना आत्मसमर्पण नहीं करेगी.’

Afghanistan Crisis: सत्ता को लेकर आपस में भिड़े तालिबान-हक्कानी नेटवर्क, मुल्ला बरादर को लगी गोली

तालिबान ने बंदूक के दम पर अफगानिस्तान पर कब्जा तो कर लिया, लेकिन अब सरकार नहीं बना पा रहा है। ताजा खबर यह है कि सत्ता को लेकर अब वहां तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच संघर्ष शुरू हो गया है।

अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हक्कानी गुट के कुछ नेताओं तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर उर्फ मुल्ला बरादर के बीच गोलीबारी हो गई है. अफगानी अखबार पंजशीर ऑब्जर्वर के मुताबिक अनस हक्कानी की गोली से मुल्ला बरादर घायल हो गया है, जिसका इलाज पाकिस्तान में चल रहा है.

तालिबान हक्कानी गुट में बढ़ते विवाद को खत्म कराने के लिए ही पाकिस्तान ने आईएसआई (ISI) चीफ लेफ्टीनेंट जनरल फैज हमीद को काबुल भेजा है, लेकिन अभी तक उन्हें विवाद खत्म कराने में सफलता नहीं मिली है.

अफगानिस्तान के अखबार ‘पंजशीर ऑब्जर्वर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों गुटों के बीच गोलीबारी होने लगी है। ऐसे ही एक घटनाक्रम में तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला बरादर घायल हो गया है। हालांकि सत्ता के लिए खूनी संघर्ष की कहीं पुष्टि नहीं हुई है।

अफगानिस्तान में चल रहे सियासी संकट के बीच इसी महीने पीएम मोदी करेंगे अमेरिका की यात्रा, बाइडेन से हो सकती है चर्चा

अफगानिस्तान में चल रहे सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। अफगान संकट के कारण बढ़ी मुसीबतों के चलते प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा बेहद खास माना जा रहा है।  प्रधानमंत्री मोदी 22 से 27 सितंबर के बीच अमेरिकी दौरा कर सकते हैं।

दोनों नेताओं के बीच सबसे पहले वर्चुअल मुलाकात मार्च में क्वॉड शिखर सम्मेलन में हुई थी, फिर इसके बाद अप्रैल में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान दोनों की वर्चुअल मुलाकात हुई, फिर आखिर में जी-7 की बैठक में भी इन दोनों नेताओं की वर्चुअल मुलाकात हुई थी।

पीएम मोदी ने आखिरी बार सितंबर 2019 में अमेरिका का दौरा किया था, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे से संबंधित एजेंडे को आकार देने के लिए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने वाशिंगटन में बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की है।

आज डेनमार्क के चार दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जानें कितनी अहम है यह यात्रा

सेंट्रल यूरोप के अपने चार दिवसीय दौरे के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज यानी शनिवार को डेनमार्क का दौरा करेंगे। इससे पहले दो व तीन सितंबर को वे स्लोवेनिया व क्रोएशिया के बाल्कन देशों का दौरा कर चुके हैं।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि चार दिवसीय यात्रा के तहत तीसरे व चौथे दिन विदेश मंत्री डेनमार्क का दौरा करेंगे। मंत्रालय ने बताया कि यह बैठक तीन मध्य यूरोपियन देशों के साथ भारतीय संबंधों की समीक्षा के लिए आयोजित होने जा रही है। इसमें विदेश मंत्री यूरोपियन संघ के साथ भारत के रिश्तों को और भी ज्यादा मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।

इसके तहत वे पिछले साल सितंबर में वर्चुअल सम्मेलन दौरान स्थापित ग्रीन स्ट्रैटजिक समझौते की समीक्षा भी करेंगे. इस दौरान उन्होंने सभी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक भी की थी।

तो क्या पंजशीर घाटी पर कब्जा कर पाएगा तालिबान, अमरुल्ला सालेह ने कहा-“लड़ाई अभी जारी है”

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के तकरीबन 20 दिनों के बाद और सरकार के गठन से कुछ समय पहले तालिबान ने पंजशीर घाटी पर भी कब्जा करने का दावा किया है. हालांकि, पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के दावे को खारिज कर कहा है कि लड़ाई अभी जारी है.

एक तालिबानी कमांडर ने कहा, ”अल्लाह की कृपा से, हम पूरे अफगानिस्तान के कंट्रोल में हैं. दिक्कत पैदा करने वालों को हमने हरा दिया है और पंजशीर अब हमारे कब्जे में है.”

अभी पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने का दावा किया है. इससे पहले भी तालिबान के लड़ाके कुछ ऐसे दावे करते रहे हैं, जिन्हें अमरुल्ला सालेह ने खारिज किया है. इस बार भी सालेह ने तालिबान के कब्जे के दावे को सिरे से नकार दिया.

इस बीच, अमरुल्ला सालेह ने दावा किया कि वह देश छोड़कर नहीं भागे हैं और इन रिपोर्ट्स को निराधार बताया.  मैं अपने कमांडरों और हमारे राजनीतिक नेताओं के साथ हूं. बेशक, यह एक कठिन स्थिति है. हम तालिबान, पाकिस्तानियों, अल कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के आक्रमण के अधीन हैं.”

अफगानिस्तान: नई सरकार के ऐलान में अभी लग सकते हैं दो-तीन दिन, तालिबान ने बताई ये वजह

अफगानिस्तान में आज नई तालिबान सरकार का एलान नहीं होगा. अफगानिस्तान में सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के ऐलान में अभी एक से दो दिन का वक्त और लग सकता है.  तालिबान के सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को अफगानिस्तान का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा.

नई सरकार में 60 साल के मुल्ला अखुंदजादा तालिबान सरकार के सर्वोच्च नेता होंगे.तलिबान ने पहले ही प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नरों, पुलिस प्रमुखों और पुलिस कमांडरों की नियुक्ति कर दी है.

नई प्रशासन प्रणाली का नाम, राष्ट्रीय झंडा और राष्ट्र गान पर अभी फैसल लिया जाना बाकी है. इस मामले में भारत ने कहा है कि उसे अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.

अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और तालीबानी नियंत्रण के बाद महिलाओं का पहला प्रदर्शन हुआ. हेरात में महिलाओं ने किया प्रांतीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, काम करने के अधिकार को लेकर आवाज़ बुलंद की.

आयरलैंड ने WhatsApp को दिया तगड़ा झटका, पर्सनल डेटा शेयर करने के मामले में लगाया करोड़ों का जुर्माना

पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को जबरदस्त झटका लगा है. आयरलैंड में दूसरी फेसबुक कंपनियों के साथ पर्सनल डेटा शेयर करने के मामले में कंपनी पर 22.5 करोड़ यूरो यानि करीब 1,942 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक WhatsApp ने कहा कि जुर्माना पूरी तरह से गलत है और इसको लेकर कंपनी आगे तक जाएगी. कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर कहा है कि ऐप पूरी तरह से सेफ है और हम यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.

दरअसल आयरलैंड में कॉर्पोरेट टैक्स कम है और यहां Google, Facebook, Apple, Twitter समेत कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं और इस देश के लिए ये कहा जाता है कि ये कंपनियों पर कार्रवाई नहीं करता है.

WhatsApp ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट जारी की. जिसमें बताया गया कि 46 दिन की अवधि में कंपनी ने करीब 30 लाख WhatsApp अकाउंट सस्पैंड किए हैं.

Covid-19 के इस नए वेरिएंट से आप भी हो जाए सावधान, WHO ने जताई वैक्सीन के कम असर की संभावना

कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए दुनिया भर के कई देश अपने यहां वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccination) पर जोर दिए है. लेकिन, कोरोना वायरस में होने वाला नया म्युटेशन हर समय एक चुनौती खड़ी कर दे रहा है.

पिछले दिनों WHO ने कहा है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट B.1.617 पहली बार भारत में दिसंबर में पाया गया था. इसके साथ ही ओरिजिनल वेरिएंट से यह अधिक संक्रामक है.

WHO ने कोरोना वेरिएंट पर जानकारी देते हुए कहा है कि यह नया म्यूटेशन कोरोना की वैक्सीन को लगाने के बाद भी इसके असर को कम कर सकता है और अभी इस वैरिएंट पर और रिसर्च की जरूरत है. इसके साथ ही एक्सपर्ट को इस वैरिएंट के उभरने से इस बात की चिंता है कि कोरोना के नए मामलों में तेजी आ सकती है.

कोरोना से जंग लड़ रहे जापान ने इस वजह से अचानक मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन पर लगाईं रोक

जापान इस समय कोरोना की बड़ी लहर से गुजर रहा है. जापान को इस वैक्सीन पर रोक लगानी पड़ी है. जापान ने मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन पर रोक लगा दी है. यह इस सप्ताह में चौथी बार है जब जापान ने कोरोना के इस वैक्सीन पर रोक लगा दी है.

मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन में यह काले रंग का कण मिलने के बाद से ही इस वैक्सीन पर जापान ने रोक लगा दी है. जापान में पिछले सप्ताह भी इस वैक्सीन के वॉयल में काले रंग का पदार्थ मिला था जिसके बाद 1.63 लाख मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन पर रोक लगा दी थी.

पिछले कुछ दिन पहले गुनमा में मॉडर्ना वैक्सीन की शीशी में काले रंग और एक दूसरी सीरिंज में एक गुलाबी रंग का कुछ मिश्रण देखने को मिला था. उन्होंने कहा कि सीरिंज को अंदर डालते समय उसमें लगा रबड़ स्टापर टूट गया और वह टुकड़े शीशी में अंदर चले गए.