पाकिस्तान और तालिबानी निजाम वाले अफगानिस्तान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. कम से कम वैसा ठीक तो कतई नहीं जैसा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक पीएम इमरान खान दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी तस्दीक जमीन से आती खबरें भी कर रही हैं.
महज दो दिन पहले अफगानिस्तान के तालिबान राज ने पाकिस्तान से लगती चमन-स्पिन बोल्दाक बॉर्डर को अचानक और बिना किसी नोटिस बंद कर दिया है.
बॉर्डर गेट बंद कर बाकायदा सीमेंट के बड़े रोड ब्लॉक खड़े कर दिए गए. जाहिर है तालिबान के इस कदम से पाकिस्तान तिममिलाया हुआ है क्योंकि इस बॉर्डर गेट से कारोबारी सामान से लदे ट्रकों की आवाजाही होती है. साथ ही लोगों का भी आना जाना बड़ी संख्या में होता है. हालांकि दोनों के बीच अन्य बॉर्डर गेट तोरखम अभी खुला हुआ है.
इस बीच बीते 20 सालों में आई अफगान सरकारों के साथ भी पाकिस्तान का मामला सुलझ नहीं पाया. जाहिर है सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे भरोसेमंद को अफगानिस्तान के बेहद ताकतवर गृह मंत्रालय में बैठाकर पाकिस्तान फिर एक बार डूरंड लाइन के पुराने दर्द की दवा तलाशने में जुटा है.