Friday , November 22 2024

विदेश

पाकिस्तान और तालिबानी के बीच आई बड़ी दरार, बिना नोटिस बंद किया चमन बॉर्डर

पाकिस्तान और तालिबानी निजाम वाले अफगानिस्तान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. कम से कम वैसा ठीक तो कतई नहीं जैसा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक पीएम इमरान खान दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी तस्दीक जमीन से आती खबरें भी कर रही हैं.

महज दो दिन पहले अफगानिस्तान के तालिबान राज ने पाकिस्तान से लगती चमन-स्पिन बोल्दाक बॉर्डर को अचानक और बिना किसी नोटिस बंद कर दिया है.

बॉर्डर गेट बंद कर बाकायदा सीमेंट के बड़े रोड ब्लॉक खड़े कर दिए गए. जाहिर है तालिबान के इस कदम से पाकिस्तान तिममिलाया हुआ है क्योंकि इस बॉर्डर गेट से कारोबारी सामान से लदे ट्रकों की आवाजाही होती है. साथ ही लोगों का भी आना जाना बड़ी संख्या में होता है. हालांकि दोनों के बीच अन्य बॉर्डर गेट तोरखम अभी खुला हुआ है.

इस बीच बीते 20 सालों में आई अफगान सरकारों के साथ भी पाकिस्तान का मामला सुलझ नहीं पाया. जाहिर है सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे भरोसेमंद को अफगानिस्तान के बेहद ताकतवर गृह मंत्रालय में बैठाकर पाकिस्तान फिर एक बार डूरंड लाइन के पुराने दर्द की दवा तलाशने में जुटा है.

हर साल 4 लाख लोग मलेरिया के कारण गवा देते हैं अपनी जाना, WHO ने पहली वैक्सीन को दी मंजूरी

हर साल मलेरिया की वजह से 4 लाख लोगों की जान चली जाती है, उनमें ज्यादातर बच्चे होते हैं. पिछले कुछ दशकों में बीमारी के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है यानी मौत की दर 2000 से करीब आधे में हो गई लेकिन अभी भी लंबी दूरी बाकी है.

मलेरिया के खिलाफ टीकाकरण वैज्ञानिकों के लिए वास्तविक चुनौती पेश की है. दशकों से शोधकर्ता एक वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हुए हैं लेकिन ये उतना आसान नहीं रहा.

वैक्सीन बनाने की कई कोशिशों से मजबूत इम्यूनिटी पैदा नहीं हुई. इसके बावजूद वैक्सीन का विकास हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिसर्च के शानदार नतीजे आने के बाद बुधवार को पहली बार बच्चों के लिए मलेरिया की वैक्सीन पर मुहर लगाई.

मलेरिया मच्छर से होनेवाली बीमारी है जो बुखार और ठंढ लगने का कारण बनती है और गंभीर मामलों में एनीमिया, दौरा और सांस की समस्याएं होती हैं. इलाज होने पर ये बहुत ही कम घातक है. लेकिन फिर भी अनुमान लगाया जाता है कि करीब 220 मिलियन मलेरिया के मामले हर साल दर्ज किए जाते हैं.

दुनिया को कोरोना के जाल में फंसाकर चीन अबतक 105 करोड़ लोगों को कर चुका Fully Vaccinated

चीन तेजी से अपने नागरिकों को कोरोना वायरस की वैक्सीन दे रहा है। चीनी नेशनल हेल्थ कमीशन ने जानकारी दी है कि अक्टूबर को चीन ने 8.64 लाख कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराक दी है। कमीशन के मुताबिक अब तक 221 करोड़ डोज दिए गए हैं। 105 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज़ दिए जा चुके हैं।

कोरोना को रोकने के लिए सख्त पाबंदियों के बीच चीन ने यह बड़ा मुकाम हासिल किया है. चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन के प्रवक्ता मी फेंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘5 अक्टूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना रोधी टीके की 2.21 अरब खुराकें दी गई हैं.’

चीनी अधिकारियों ने बीते महीने कहा था कि देश में 89 करोड़ नागरिकों को टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं. हालांकि, सरकार ने सार्वजनिक तौर पर टीकाकरण को लेकर किसी लक्ष्या का ऐलान नहीं किया है लेकिन झोंग नानशन ने बीते महीने कहा था कि इस साल के खत्म होते चीन अपनी 80 फीसदी आबादी का टीकाकरण पूरा कर लेगा.

अंतरिक्ष में हमेशा से इतिहास रचने वाला रूस इस बार फिर करेगा कुछ नया, जिसे जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

अंतरिक्ष में पहली बार एक कुत्ता भेजने से लेकर पहले पुरुष और पहली महिला तक, रूस (तब सोवियत संघ) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबे समय तक अमेरिका पर बड़ी बढ़त बनाए रखी। अब रूस का वही सुनहरा दौर फिर से वापस आता दिख रहा है। रूस पहली बार एक फिल्म की शूटिंग के लिए क्रू को अंतरिक्ष में भेजने वाला है। फिल्म के क्रू को आज शाम को ही स्पेसशिप के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

बताया गया है कि रूस अपने सोयूज रॉकेट के जरिए भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे मिशन को लॉन्च करेगा। इसे कजाखस्तान के कॉस्मोड्रोम से भेजा जाएगा। इस मिशन में फिल्म की अभिनेत्री, निर्देशक और दोनों के लिए एक प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट गाइड को भेजा जाएगा। यह लोग फिल्म के लिए अंतरिक्ष में सीन्स की शूटिंग करेंगे।

फिल्म की शूटिंग के लिए अंतरिक्ष में क्यों भेजा जा रहा क्रू? वैसे तो अंतरिक्ष के सीन्स के लिए धरती पर ही वीएफएक्स के जरिए शूटिंग की व्यवस्था हो चुकी है, लेकिन रूसी सिनेमा एक फिल्म के जरिए असल अंतरिक्ष के दृश्य लोगों तक पहुंचाकर उन्हें अलग अनुभव से रूबरू कराना चाहता है।

क्या आज डब्ल्यूएचओ की तरफ से कोवाक्सिन को मिलेगी मंजूरी, पैनल की बैठक में होगा फैसला

वैश्विक स्तर पर भारत समेत अन्य देशों की कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ पैनल की बैठक होने जा रही है।

इस बैठक में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ को आपात मंजूरी(EUL) देने पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी। इस बैठक में स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ऑन इम्यूनाइजेशन (SAGE) द्वारा कोवाक्सिन के डाटा का विश्लेषण किया जाएगा।

इस प्रक्रिया में चिकित्सीय और इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स भी शामिल हैं ताकि एक निश्चित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से प्रभावित लोगों को वैक्सीन की उपलब्धता में तेजी लाई जा सके। यदि कोवाक्सिन को इस सूची में शामिल किया जाता है।

वहीं इस मामले पर अब भारत बायोटेक ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि एक जिम्मेदार वैक्सीन निर्माता कंपनी के रूप में, हम नियामक अनुमोदन प्रक्रिया और इसकी समय-सीमा पर अटकलें या टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं।

ताइवान को पूरी तरह से अपने कब्ज़े में करने का प्लान बना रहा ड्रैगन, तीन दिन में उड़ाए 100 लड़ाकू विमान

चीन अपनी बदमाशियों से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन ने ताइवान के रक्षा क्षेत्र के ऊपर से लगभग 100 सैन्य विमान उड़ाए, जिसके बाद से ताइवान ने भी चीन को चेतावनी देने के लिए अपने विमान भेजे थे। अब इस मामले पर अमेरिका भी भड़क गया है और उसने चीन को चेतावनी दे दी है।

अमेरिका ने अपने बयान में कहा , ‘हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।’ ताइवान के रक्षा मंत्रालय न बताया कि चीन की वायु सेना ने शुक्रवार, शनिवार और रविवार को फिर से सैन्य विमानों को भेजा था। अकेले शनिवार को 39 विमानों को ताइवान के क्षेत्र में देखा गया था।

ताइवान पिछले 1 साल से चीन की ऐसी घटिया हरकतों की शिकायत करता आ रहा है लेकिन चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अभी तक अपनी गतिविधियों पर टिप्पणी नहीं की है, और यह स्पष्ट नहीं है कि बीजिंग ने मिशनों को माउंट करने का निर्णय लेने का क्या कारण हो सकता है।

पिछले एक साल से अधिक समय से ताइवान के दक्षिण में लगातार सैन्य विमान भेज रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार को चीन के 12 लड़ाकू विमान और चार अन्य सैन्य विमान उसके वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में दाखिल हुए।

ब्रिटेन पर छाए तेल संकट पर PM बोरिस जॉनसन ने किया वादा कहा-“बहुत जल्द बड़ा और बोल्ड फैसला लेंगे”

इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वादा किया कि वो जल्द ही ब्रिटेन के लिए बड़ा और बोल्ड फैसला लेंगे. बोरिस जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी के सम्मेलन से पहले उम्मीद जताई कि वो तेल, गैस और क्रिसमस फूड संकट से निजात पा लेंगे.

पीएम जॉनसन इस सप्ताह होने वाले सम्मेलन में 18 महीने के कोविड-19 संकट से आगे बढ़कर 2019 के चुनावी मुद्दों पर फोकस करना चाहते हैं, जिसमें असमानता, अपराध और सोशल केयर शामिल है.

यूरोपीय संघ से पूरी तरह निकलने के 9 महीने बाद अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री संकट से जूझ रहे हैं. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलते वक्त उन्होंने कहा था कि यह देश को आर्थिक आजादी चुनने का अधिकार देगा.

मैनचेस्टर शहर में होने वाले सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एक बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वर्तमान समस्याओं का जिक्र नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड लोगों की प्राथमिकताओं को पूरा करने का है.

उन्होंने कहा कि सब कुछ पहले की तरह करने के लिए हम कोविड के दौर या अतीत में नहीं जा सकते हैं. Build Back Better यानी हम चाहते हैं कि चीजों में बदलाव हो, जैसे-जैसे रिकवर होंगे चीजों में सुधार होगा.

फिलीपींस: राजनीति से संन्यास लेने के बाद आखिर कौन करेगा राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते की कुर्सी पर कब्जा

फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने अगले साल अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद राजनीति से संन्यास का एलान किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुतेर्ते ने अपनी बेटी सारा दुतेर्ते-कार्पीओ के अगले साल राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की बात कही है.

सारा मौजूदा समय में फिलीपींस के तीसरे सबसे बड़े शहर दवाओ (Davao) की मेयर हैं. बता दें कि दुतेर्ते ने इस से पहले अगले साल उपराष्ट्र्पति पद के लिए दावेदारी करने की बात कही थी.

रोड्रिगो दुतेर्ते से जब पूछा गया कि, उनकी बेटी कब राष्ट्रपति के पद के लिए नामांकन भरेंगी? तो उन्होंने कहा, “इस बारे में फिलहाल मुझे कोई जानकारी नहीं है.” क्या आपने बेटी सारा को राष्ट्रपति के चुनावों में खड़ा होने की परमिशन दी है? ”

76 वर्षीय राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने शनिवार को राजनीति से संन्यास का एलान करके हर किसी को चौंका दिया था. कई लोगों का मानना है कि उन्होंने अपनी बेटी सारा के राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर Burj Khalifa ने उन्हें ऐसे दिया सम्मान और श्रद्धांजलि

कल देश-विदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाई गई. हर साल गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

बुर्ज खलीफा ने इस बेहद ही खास अंदाज में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर बुर्ज खलीफा ने अपने आधिकारी ट्विटर हेंडल पर महात्मा गांधी का खास संदेश भी लिखा, “खुद वो बदलाव बनो जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं- महात्मा गांधी.बुर्ज खलीफा आज उनकी 152वीं जयंती के अवसर पर उन्हें अपना ये खास सम्मान और श्रद्धांजलि देता है.”

इस से पहले कल दुबई में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के महावाणिज्य दूतावास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.इसके साथ ही हमें उनके विचार और भारत और दुनिया के लोगों के साथ उनके आध्यात्मिक और भावनात्मक संबंधों का भी अनुसरण करना चाहिए.

अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बावजूद मचा आंतरिक कलह, ISIS से हुई बड़ी लड़ाई

अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बाद एक नई जंग शुरू हो गई है।  अफगानिस्तान में तालिबान और आईएसआईएस आमने-सामने हैं। अफगानिस्तान के उत्तरी पारवान प्रांत की राजधानी छारीकार में तालिबान और आईएसआईएस के बीच अलग-अलग झड़पों में कम से कम 20 तालिबानियों के मारे जाने की खबरें हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, तालिबान सैनिकों ने छारीकर शहर में काल ख्वाजा में एक मकान को निशाना बनाकर गोलियां चलाई थीं और इस दौरान दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में कम से कम नौ तालिबानी मारे गए तथा एक महिला समेत तीन नागरिकों की भी मौत हो गई।

वहीं, दूसरे हमले में आईएस के आतंकवादियों ने तालिबानियों को लेकर जा रहे एक वाहन पर बम फेंका जिसमें कम से कम तीन तालिबानी मारे गए। बता दें कि दोनों ही आतंकवादी संगठन है, मगर तालिबान और आईएसआईएस के बीच काफी समय से तकरार रहा है।

केंद्र ने कहा, “दोनों समूहों के बीच शत्रुता वैचारिक मतभेदों और संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा दोनों से उत्पन्न हुई। आईएस ने तालिबान पर एक सार्वभौमिक इस्लामी पंथ के बजाय एक संकीर्ण जातीय और राष्ट्रवादी आधार से अपनी वैधता खींचने का आरोप लगाया।”