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विदेश

Afghanistan: काबुल में 6000 सैनिकों की तैनाती करेगा US, विमानों के जरिए अमेरिकी लोगो को निकालेगा बाहर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने के अमेरिका के फैसले से वहां के हालात बेहद तेजी से बदले।उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहता कि अफगानिस्तान आतंकवाद के लिए एक ब्रीडिंग ग्राउंड बन जाए।

विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ”फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें.”  कल और आने वाले दिनों में हम देश से हजारों अमेरिकी नागरिकों, काबुल में अमेरिकी मिशन पर तैनात स्थानीय लोगों और उनके परिवारों को निकालेंगे.

जॉनसन ने रविवार दोपहर अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपात बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह टिप्पणी की।तालिबान ने रविवार को अपने सदस्यों को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश करने का आदेश दिया।तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य राजधानी में व्यवस्था बनाए रखना है।

अफगानिस्‍तान में 24 घंटे में बदल गई सत्ता, राष्‍ट्रपति भवन पर आखिरकार तालिबान ने किया कब्‍जा

अफगानिस्‍तान तेजी से पांव पसार रहा था। लेकिन किसी ने शायद ही सोचा था कि तालिबान इतनी जल्‍दी काबुल और फिर राष्‍ट्रपति भवन पर कब्‍जा कर लेगा। बीते 24 घंटों में यहां हालात तेजी से बदले।

हालात ऐसे बन गए राष्‍ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा। अफगानिस्‍तान के तालिबान के हाथों में पड़ने के बीच लोगों में डर देखा जा रहा है।यह अमेरिका के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

जो बाइडेन व उनके अधिकारियों का अनुमान था कि अमेरिकी सैनिकों के वापस आने के बाद तालिबान को काबुल पर कब्जा जमाने में एक महीने से ज्यादा समय लगेगा।

अपने अनुमान को गलत मानते हुए अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों के अंत तक 2500 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से वापस आ जाएंगे। वहीं छह हजार सैनिक लोगों की मदद के लिए वहां रहेंगे।

राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन ने सीएनएन को बताया कि हमें नहीं लगा था कि अफगानिस्तान की सेना इतनी जल्दी हार जाएगी और अपने देश की रक्षा नहीं कर पाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अफगानिस्तान की स्थिति पर राष्ट्रपति बाइडेन जल्द ही राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। बड़ी संख्‍या में वे देश छोड़कर जाने की जुगत में लगे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल देखा गया है।

तालिबान के कब्जे के बाद करोड़ो विदेशियों ने छोड़ा काबुल, अमेरिकी सैनिकों को करना पड़ा हवाई फायर

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद करोड़ों लोगों की जिंदगी खतरा में आ गई हैं। ताजा हालात में सबसे ज्यादा खतरा उन विदेशियों पर हैं, जो अफगानिस्तान में रह रहे हैं। ऐसे लोग तत्काल अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। यही कारण है कि काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ जमा हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई है।काबुल एयरस्पेस बंद: काबुल का एयरस्पेस पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसी कारण शिकागो से नई दिल्ली आ रही फ्लाइट को भी यूटर्न लेने को कहा गया और यह विमान वापस लौट गया।

इसके अलावा कंधार स्थित काउंसलेट जनरल आफ इंडिया के नंबर 93703750087 पर भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही भारत सरकार ने एयर इंडिया के दो विमानों को स्टैंडबाय पर रहने के लिए कहा है। इनके जरिए काबुल में फंसे भारतीयों को दिल्ली लाया जाएगा। पहला विमान आज 1.30 बजे उडा़न भरेगा।

काबुल की सड़कों पर तालिबान के आतंकी बेखौफ घुम रहे हैं। आम नागरिक डर के मारे घरों में कैद है। तालिबान ने जेल में कैद अपने खू्खार आतंकियों को रिहा करना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान में नहीं सुधर रहे हालात, ट्रक में विस्फोट के कारण 11 लोगों ने मौके पर गवाई जान

पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में  हमलावरों ने एक ट्रक को निशाना बनाकर हथगोला फेंका, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत गई और कई अन्य घायल हो गये. पुलिस ने बताया कि ट्रक पर महिलाओं और बच्चे सहित करीब 20 लोग सवार थे और वे शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे.

एक रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रक पर हथगोला फेंका, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ट्रक में भीतर विस्फोट हुआ. कराची पुलिस प्रमुख इमरान याकूब मिन्हास ने हमले की निंदा करते हुए बताया, ”11 लोग विस्फोट में मारे जा चुके हैं जो कि हथगोला हमले का परिणाम था.”

आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी राजा उमर खत्ताब ने बताया कि यह आतंकवादी हमला प्रतीत होता है जो शहर में लोगों के बीच भय और आतंक फैलाने के लिए किया गया.

हैती में 7.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने मचाई दहशत, 304 लोगों की मौत व 1800 घायल

दक्षिण-पश्चिम हैती में 7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने से इमारतें भरभरा कर गिर गई और कम से कम 304 लोगों की मौत हो गई. कम से कम 1800 लोग घायल हो गए हैं. भूकंप के कारण सैकड़ों घर ढह गए हैं.

भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट औ प्रिंस से करीब 125 किलोमीटर की दूरी था. अगले हफ्ते की शुरुआत में संकट और भी बढ़ सकता है क्योंकि तूफान ग्रेस सोमवार या मंगलवार तक हैती पहुंच सकता है. भूकंप के बाद दिनभर और रात तक झटके महसूस किए जाते रहे.

प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने कहा कि ऐसे स्थानों पर मदद भिजवा रहे हैं जहां पर शहर तबाह हो चुके हैं और अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. हैती की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जैरी चांडलर की ओर से बताया गया कि मृतक संख्या 304 है और सबसे ज्यादा लोग देश के दक्षिण में हताहत हुए हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूएसऐड प्रशासक समांथा पॉवर को हैती को अमेरिकी मदद देने के लिए समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है.

भूकंप के जोरदार झटकों से पाकिस्तान में मची दहशत, रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई तीव्रता

पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस से पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार पाकिस्तान में  भूकंप के झटकों को महसूस किया गया.

बताया जा रहा है कि भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 दर्ज की गई. वहीं अभी तक इस भूकंप के कारण किसी तरह के जानमान के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है.

भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम.

इसस पहले भी इसी साल पाकिस्तान में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसमें खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब औऱ इस्लामाबाद शामिल थे. यहां 6.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

अफगानिस्तान में रहने वाले हज़ारों हिंदुस्तानियों के लिए तालिबान ने किया ये बड़ा एलान, सुनकर लोग हुए हैरान

तालिबान के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों के लिए बड़ा बयान दिया है. तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को उनसे कोई खतरा नहीं है.

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, “हम भारतीय राजनयिकों और दूतावास को आश्वास्त करना चाहते हैं कि हमारी तरफ से उन्हें खतरा नहीं है. हम दूतावासों को खतरा नहीं बनाएंगे. ये बात हमने अपने बयान में एक नहीं बल्कि कई बार कही है. ये हमारा वादा है जो मीडिया में भी है.”

तालिबान के प्रवक्ता से पूछा कि वह भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसपर प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

ऐसे में जब अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुलाने वाला है तालिबान ने देश के दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.

जानिए आखिर कौन हैं वो महिला जो अफगानिस्तान में अकेले ही तालिबान को दे रही कड़ी टक्कर

अफगानिस्तान में तालिबान ने ऐसी दहशत फैला दी है कि लोग खौफजदा हैं और इंसानियत लगातार शर्मसार हो रही है. हिंसक कार्रवाई कर रहा तालिबान अफगानिस्तान के कई इलाकों पर अपना कब्जा जमा चुका है.  एक महिला ने तालिबान को सीधी टक्कर दी है. उसने अपने दम पर तालिबानियों के मन में भी दहशत पैदा कर दी है.

अफगानिस्तान की सलीमा मजारी चारकिंत ज़िले की महिला गर्वनर हैं, जिनसे लोहा लेना शायद ही तालिबान के लिए आसान हो। वह किस तरह अपनी फौज को मजबूत कर रही हैं, इसकी बानगी लगातार देखने को मिल रही है।

पुरुष प्रधान अफगानिस्तान के एक जिले की महिला गवर्नर माजरी तालिबान से लड़ने के लिए मर्दों की फौज जुटाने निकली हैं। पिकअप की फ्रंट सीट पर खुद सलीमा माजरी मजबूती से बैठी रहती हैं। वह उत्तरी अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों से गुजरती हैं और अपनी फौज में स्थानीय लोगों को शामिल करती रहती हैं।

अब सलीमा लंबे समय से तालिबान के खिलाड़ लड़ रही हैं लेकिन उनकी असल जंग अब शुरु हुई है. जब से अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना शुरु हुआ है, सलीमा को इस बात का अहसास है कि तालिबान फिर मजबूत हो रहा है. ऐसे में उन्होंने घुटने टेकने के बजाय लड़ने का फैसला कर लिया है.

3,000 से अधिक सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा अमेरिका, तालिबान का खेल जल्द होगा खत्म

अफगानिस्तान में तालिबान  हर दिन नए शहरों पर कब्जा कर अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है।  तालिबान की मजबूत होती पकड़ को देखते हुए अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजने का फैसला लिया है।

अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अमेरिका राजनयिकों और विशेष वीजा आवेदकों (एसआईवी) को निकालने में मदद के लिए 3,000 से अधिक सैनिकों को अफगानिस्तान भेज रहा है।  ये अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों की वापसी में मदद करेंगे और उन्हें विमान सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

इसके अलावा, करीब 1000 अन्य अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों को कतर भेजा जाएगा ताकि उन अफगानों के प्रबंधन में मदद मिल सके जिन्हें अफगानिस्तान से निकाला जा रहा है और विशेष वीजा पर अमेरिका में स्थानांतरित किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर अफगानिस्तान भेजे जाने के लिए अमेरिकी बेस से कुवैत में तैनात होने के लिए 35000 सैनिक स्टैंडबाय पर रहेंगे।

बाइडन प्रशासन ने कहा कि अफगान राष्ट्रीय बलों के पास तालिबान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की क्षमता और हथियार है। अमेरिका ने दो दशकों तक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सेना को प्रशिक्षण दिया।

अफगानिस्‍ताान में तेज़ी से बढ़ रहा तालिबान का आतंक, गजनी शहर पर कब्जे के बाद काबुल पर मंडराया खतरा

अफगानिस्तान में तालिबान दिनोंदिन तालिबान अपनी ताकत से देश के कई प्रांतों को कब्जे में ले चुका। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने अब बड़ी कार्रवाई कर कंधार जेल को तोड़ दिया है और राजनैतिक कैदियों को आजाद कर दिया है।

तालिबान ने अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी पर कब्जा जमा लिया है। यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और सत्ता से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है।  गजनी दसवीं राजधानी है, जिसे तालिबान ने इस सप्ताह अपने कब्जे में लिया है। इससे अफगानिस्तान में लगातार राजनीतिक हालात खराब हो रहे हैं।

इस अधिकारी ने रायटर्स से हुई बातचीत के दौरान इसका खुलासा किया है। हालांकि एजेंसी ने इस अधिकारी की पहचान को उजागर नहीं किया है।

इस अधिकारी का कहना है कि ये आकलन तालिबान के ताजा हमलों की तीव्रता और उसके तेजी से आगे बढ़ने के आधार पर लगाया गया है। हालांकि उन्‍होंने ये भी माना है कि ये आंकलन अंतिम नहीं है।

इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। तालिबान पिछले महीने भी इस जेल पर हमला कर चुका था।  उस आंकड़े में से 180 तालिबान आतंकवादी थे, जिनमें 15 हाई-प्रोफाइल तालिबान कैदी शामिल थे, जिन्हें अफगान सरकार ने मौत की सजा सुनाई थी।

बता दें कि तालिबान की ओर से देश में बढ़ती हिंसा के कारण स्थिति बुरी तरह बिगड़ रही है। तालिबानी आतंकवादी समूह अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद लोगों को लूट रहा है और नागरिकों को मार रहा है।