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विदेश

ताालिबान सरकार बनने के बाद चीन ने किया बड़ी मदद का ऐलान, कोविड वैक्सीन सहित देगा भोजन सामग्री

अपनी महत्वकांशी योजनाओं को पूरा करने के लिए चीन लगातार तालिबान का सहयोग कर रहा है। अफगानिस्तान में ताालिबान सरकार बनने के बाद चीन ने अब बड़ी मदद का ऐलान किया है.

वरिष्ठ चीनी राजनयिक ने बताया कि पहली खेप में कोरोना वैक्सीन की 30 लाख डोज की आपूर्ति की जाएगी। बाद में वैक्सीन की और डोज की आपातकालीन आपूर्ति की जाएगी। उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा, ”चीन अफगानी लोगों की इच्छा और जरूरतों का सम्मान करना जारी रखेगा तथा अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास में उसका समर्थन करने की पूरी कोशिश करेगा।”

श्री चेन ने कहा, ”अफगानिस्तान में उभर रही हुई स्थिति एक बार फिर दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय केवल अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करके, अफगानी लोगों की इच्छा का सम्मान करके तथा अफगान-नेतृत्व एवं अफगान-स्वामित्व वाले सिद्धांत का पालन करके ही वास्तव में अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण पुनर्निर्माण में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकता है।”

सऊदी अरब के विदेश मंत्री करेंगे अपनी पहली भारत यात्रा, तालिबान के मुद्दे पर करेंगे विशेष बातचीत

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद इस हफ्ते भारत आ सकते हैं. विदेश मंत्री के रूप में उनकी पहली भारत यात्रा होगी. दोनों देशों के बीच अफगानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर बातचीत होना संभव है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 30 अगस्त को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार डॉ अनवर गर्गश की मेजबानी की थी. इसी संदर्भ में सऊदी विदेश मंत्री का 19 सितंबर को भारत आने का कार्यक्रम है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्षी या प्रतिद्वंद्वी के अनुसार, बिन सलमान के कार्यालयों और मंत्रालयों में सऊदी सरकार के करीबी सूत्रों ने काबुल एयरपोर्ट पर बमबारी में आईएसआईएल आतंकवादी समूह के लिए सऊदी क्राउन प्रिंस के समर्थन की पुष्टि की है.

बिन सलमान ने यह दिखाने की कोशिश की कि तालिबान अफगान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं और यह साबित करता है कि तालिबान के तहत, अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र होगा.

9/11 की 20वीं बरसी पर हुआ अल कायदा के मुखिया अल जवाहिरी का पुनर्जन्म, अमेरिका पर मंडराया बड़ा खतरा

अफगानिस्तान से 20 साल बाद अमेरिका वापस तो लौट गया है लेकिन उसके साथ ही उसके ऊपर एक और आतंकी हमले का खतरा भी लौटा है. आतंकी संगठन अल कायदा के मुखिया अल जवाहिरी का एक ताजा वीडियो सामने आया है.

चीन तालिबानी शासन को मान्यता देने पर अड़ा और इस आतंकी सरकार के लिए सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरे चीन ने भी अमेरिका को आतंकी हमले से सजग रहने की हिदायत दी है. चीनी सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिंन ने ट्वीट किया है.

अमेरिका और चीन की अदावत जग जाहिर है, अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद अमरिकी सेना वापस लौटी और चीन ने नए सिरे से तालिबान को खलकर समर्थन देना शुरू किया, तो दुनिया ने इसकी अलोचना की.

लेकिन शैतानी गठजोड़ की तलाश में रहने वाले चीन ने उलटा अमेरिका पर ही दोष मढ़ते हुए कहा कि अफगानिस्तान के हालात के लिए सिर्फ अमेरिकी ही जिम्मेदार है.

Covid-19 Vaccine की बूस्टर खुराक को लेकर WHO ने कहा “साल के अंत तक लगे लगाम”

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने वर्ष के अंत तक कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने से परहेज करने का आह्वान किया है. टेड्रोस अधानोम घेब्रियेसिस ने कहा कि वैक्सीन की बड़ी आपूर्ति रखनेवाले अमीर देश जैसे अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी को गरीब देशों के लिए डोज उपलब्ध कराना चाहिए.

उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “मैं उस वक्त खामोश नहीं रहूंगा जब वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति पर कब्जा जमानेवाले देश और कंपनियां सोचें कि दुनिया के गरीबों को बचे हुए से संतुष्ट होना चाहिए.”

ट्रेडोस ने माना कि तसरा डोज जोखिम वाले ग्रुप के लिए जरूरी हो सकता है, लेकिन जोर दिया कि बूस्टर के लिए वैज्ञानिक रिसर्च अस्पष्ट है. उन्होंने कहा, “हम बड़े पैमाने पर पूरी तरह टीकाकरण करा चुके हेल्दी लोगों को बूस्टर का इस्तेमाल देखना नहीं चाहते हैं.” अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से विज्ञान और बूस्टर की उपयोगिता का आकलन जारी है.

 

ड्रेस कोड व इन सख्त नियमों के साथ तालिबान ने दी लड़कियों को कॉलेज में पढ़ने की इजाज़त

अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन गई है। जिसके बाद हर दिन तालिबान सरकार का नया फरमान सुनने को मिल रहा है।  शिक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाएं ग्रेजुएट समेत विश्वविद्यालयों और कॉलेज में पढ़ना जारी रख सकती हैं लेकिन लड़कियों और लड़कों के क्लॉस रूम अलग-अलग होंगे।

मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने कहा, ”दुनिया यह करीब से देख रही है कि 1990 के दशक के अंत में तालिबान अपनी पहली बार सत्ता में आने से किस हद तक अलग तरीके से कार्य कर सकता है। महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा।”

मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने कहा लैंगिक अलगाव को भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम लड़के और लड़कियों को एक साथ पढ़ने की इजाजत नहीं देंगे। ”

बता दें कि तालिबान ने सुझाव दिया है कि वे बदल गए हैं, जिसमें महिलाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण भी शामिल है। हालांकि, उन्होंने हाल के दिनों में समान अधिकारों की मांग करने वाली महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल किया था।

 

तो क्या सच में 9/11 के हमले में शामिल था सऊदी अरब, FBI की ताज़ा रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

FBI ने  देर रात एक नया आधिकारिक रिकॉर्ड जारी किया. यह दस्तावेज 16 पेज का है. इस दस्तावेज में 11 सितंबर 2001 में अमेरिका में हुए आंतकी हमले दो सऊदी हाईजैकर्स को प्रदान की गई रसद सहायता से संबंधित है.

वाशिंगटन में सऊदी दूतावास ने कहा कि एक बार और सभी के लिए किंगडम के खिलाफ निराधार आरोपों को समाप्त करने” के लिए वह एफबीआई द्वारा पब्लिक किए गए दस्तावेजों का पूरा समर्थन करती है.

एफबीआई द्वारा पब्लिक किए गए इन दस्तावेजों में अमेरिका में सऊदी सहयोगियों के साथ हाईजैकर्स के संपर्कों के बारे में बताया है, लेकिन इस बात के कहीं से कोई सबूत नहीं मिले हैं कि इस साजिश में सऊदी सरकार का हाथ था और वह भी 9/11 के हमले में शामिल थी.

9/11 हमला करने वाले 19 में से 15 लोग सऊदी थे. तभी से कयास लगाए जाने लगे कि इस हमले में सऊदी अरब का हाथ है. वहीं इस हमले का मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन का भी राज्य के एक प्रमुख परिवार का हिस्सा था.

Bird Flu in France: तेज़ी से बढ़ रहे बर्ड फ्लू के मामलों ने बढ़ाई सरकार की चिंता, जारी हुआ अलर्ट

फ्रांस  के पड़ोसी देश बेल्जियम और लक्जमबर्ग  में बर्ड फ्लू  के मामलों के बढ़ने के बाद फ्रांस ने अपना बर्ड फ्लू अलर्ट का लेवल बढ़ा दिया है. यहां पर वायरस का एक नया रूप देखने को मिला है. फ्रांस के कृषि मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी.

वहीं, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी जानवरों को मार दिया गया. मंत्रालय ने कहा, एवियन इन्फ्लूएंजा के संबंध में स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक है. एक अगस्त से यूरोप (Europe) में जंगली और घरेलू पक्षियों के बीच 25 मामलों का पता चला है. फ्रांसीसी मंत्रालय ने कहा, बेल्जियम में पिछले हफ्ते H5N8 के दो मामले सामने आए.

बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू प्रकोप ने सरकार को पोल्ट्री क्षेत्र के साथ नए जैव सुरक्षा उपायों पर सहमत व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया. इसके तहत बर्ड फ्लू प्रकोप सामने आने पर पक्षियों के झुंड को सीमित करने के लिए फार्म में बंद करना. बर्ड फ्लू का प्रकोप ऐसे समय पर आया है, जब दुनिया कोरोनावायरस (Coronavirus) से जूझ रही है.

India-Australia के बीच हुई पहली 2+2 Meet, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित इन मुद्दों पर हुई वार्ता

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय बैठक नई दिल्ली में हो रही है. वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) और विदेश मंत्री एस जयशंकर ( EAM S Jaishankar ) कर रहे हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया के पक्ष का प्रतिनिधित्व पायने और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रिश्तों में काफी नजदीकी आई है.

राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डटन के साथ शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की वहीं जयशंकर ने विदेश मंत्री पायने से ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता से ठीक पहले मुलाकात की। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने वार्ता में अफगानिस्तान में नाजुक सुरक्षा हालात पर चर्चा की और तालिबान शासित अफगानिस्तान से आतंकवाद फैलने की आशंका से संबंधित ‘साझा चिंताओं’ के बारे में बात की।

विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता ऐसे समय हो रही है जब क्वाड समूह के सदस्य देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं। इस समूह में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका और जापान भी हैं। ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है।

 

9/11 हमले के बाद आज भी आतंकवाद से जंग नहीं जीत पाया अमेरिका! यहाँ जानिए क्यों?

काबुल हवाई अड्डे से सैनिकों की वापसी ने उत्तर कोरिया और वियतनाम में अमेरिका की हार की यादें ताजा कर दी हैं. 911 आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी के नाम पर अफगानिस्तान में युद्ध शुरू किया और वहां एक अमेरिकी समर्थक शासन खड़ा दिया.

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका विश्व शक्ति के शिखर पर चढ़ गया. अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक बार दुनिया के आधे हिस्से के लिए जिम्मेदार थी. शिखर की ताकत ने अमेरिकियों को पागलपन का भ्रम पैदा कर दिया है, जिससे उन्हें लगता है कि उनकी प्रणाली, संस्कृति और जीवन शैली दुनिया के लिए उच्चतम मॉडल हैं और पूरी दुनिया को इनका स्वीकार करना चाहिए.

लेकिन बीस साल बाद जब अमेरिका को इस अजेय भूमि से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा, तो आतंकवाद विरोधी और अफगानिस्तान के लोकतांत्रिक परिवर्तन का कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ.

अमेरिकियों ने अफगानिस्तान में एक नए वियतनाम युद्ध में निवेश किया. लेकिन बीस वर्षों के निर्थक प्रयासों के बाद भी लोगों को यह संदेह है कि क्या अमेरिकियों ने इस बात पर महसूस किया है: यानी बल के माध्यम से अन्य सभ्यताओं को सिर झुकाया नहीं जा सकता है.

अफगान में सत्ता के फेरबदल के बाद पहली बार अमेरिकी और चीनी राष्ट्रपति ने की फोन पर वार्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर बात हुई है. चीन की मीडिया का दावा है कि बाइडेन के सत्ता संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच दूसरी बार फोन पर बातचीत हुई है.

जिनपिंग ब्रिक्स सम्मेलन में भी शामिल हुए थे. अमेरिका और चीन में तल्खियां लगातार बरकरार हैं हालांकि दोनों में क्या बात हुई है ये अभी पता नहीं चला है.

इसके साथ ही ब्रिक्स ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता की वकालत की. ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट का हल करने और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित सभी के मानवाधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.