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विदेश

अफगानिस्तान में अमेरिका का रेस्क्यू मिशन ख़त्म होने से पहले ही तालिबान ने चली नई चाल किया ये…

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका, ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों के रेस्क्यू अभियान की जो शुरुआत हुई थी, वह धीरे-धीरे खत्म होने लगा है. ब्रिटेन ने तीन दिन पहले ही अफगानिस्तान से अपना निकासी अभियान खत्म कर दिया और सभी नागरिकों को वापस अपने देश बुला लिया.

अमेरिका का अभियान भी 31 अगस्त तक खत्म हो जाएगा. अफगानिस्तान में बिगड़े हुए हालात के बीच में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच में शनिवार देर रात बात हुई है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया है कि दोनों ने अफगानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र में निरंतर समन्वय सहित साझा प्राथमिकताओं की व्यापक चर्चा की. दोनों अमेरिका-भारत साझेदारी को गहरा करने के लिए साझा लक्ष्यों और प्राथमिकताओं पर समन्वय बनाए रखने पर सहमत हुए हैं.

गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इजरायल ने किया भयावह हवाई हमला, गिराए आग के गुब्बारे

इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। गाजा ने एक बार फिर इजारीइल को निशाना बनाते हुए आग गुब्बारे छोड़े। इसके जवाब में इजरायली युद्धक विमानों ने एक निर्माण स्थल पर हमला करके गुब्बारे छोड़े जाने उस क्षेत्र को ही ध्वस्त कर दिया। इस हमले से किसी के हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं आई है।

इजराइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ आमने-सामने बैठक कर देश की अपनी यात्रा खत्म करने और इजराइल रवाना होने के लिए विमान में सवार होने से पहले वाशिंगटन में संवाददाताओं से बातचीत की।

जून में बेनेट के प्रभार संभालने के बाद से यह उनकी पहली यात्रा थी। उन्होंने हीब्रू भाषा में कहा, ”हम गाजा में अपने हितों के हिसाब से काम करेंगे।’ बेनेट ने कहा कि उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने में रणनीतिक सहयोग सहित वाशिंगटन की “यात्रा के सभी उद्देश्यों को प्राप्त किया।’ इस्लामिक आतंकी संगठन हमास के हथियार बनाने के इस परिसर को इजरायली वायुसेना ने पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है।

अफगानिस्तान में फंसे सभी अमेरिकी नागरिकों से US ने की ये बड़ी अपील कहा, “अभी के अभी यहाँ से…”

अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल हवाईअड्डा क्षेत्र में मौजूद अपने सभी नागरिकों से तत्काल इलाका छोड़ने का अनुरोध किया है। अमेरिका ने क्षेत्र में खतरे की खुफिया जानकारी मिलने पर अपने नागरिकों से यह अनुरोध किया।

विदेश विभाग ने रविवार सुबह दी चेतावनी में कहा कि अमेरिकी नागरिकों को इस वक्त हवाईअड्डे तथा उसके सभी द्वारों की ओर जाने से बचना चाहिए।

घातक काबुल हवाई अड्डे पर हमले के जवाब में अमेरिकी हवाई हमले ने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट को निशाना बनाया।अमेरिकी सेना ने  को कहा कि उसने अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमला किया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के दो ”साजिशकर्ताओं” की मौत हो गई।

ब्रिटेन ने पिछले 2 हफ्ते में काबुल से लगभग 15,000 ब्रिटेन और अफगानी नागरिकों को निकालने के बाद अपना बचाव अभियान खत्म कर दिया है। ब्रिटेन की सरकार ने शनिवार को कहा था कि ब्रिटेन और अफगान नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान में लगे कम से कम एक हजार सैनिकों ने आखिरी निकासी उड़ान के कुछ घंटो बाद देश छोड़ दिया है। अनेक देशों ने अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान बंद कर दिया है।

बाढ़ और भूस्खलन की दोहरी मार झेल रहे नेपाल की भारत ने की मदद, दान में दी 8 करोड़ रुपये की राहत सामग्री

भारत ने बाढ़ और भूस्खलन की दोहरी मार झेल रहे नेपाल की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. भारत ने 15 बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों की मदद के लिए मानवीय सहायता के तहत नेपाल को आठ करोड़ रुपये की राहत सामग्री दान की है.

काठमांडू में भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि राहत सामग्री में नेपाल के 15 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित परिवारों के बीच वितरण के लिए टेंट, प्लास्टिक शीट, स्लीपिंग मैट और दवाएं शामिल हैं.

नेपाल-भारत महिला मित्रता सोसायटी की अध्यक्ष ने कहा, “इसमें टेंट, प्लास्टिक शीट, तिरपाल, स्लीपिंग मैट, दवाएं और अन्य सामग्री में शामिल हैं. इसे 9 जिलों में वितरित किया जाएगा. बाढ़ राहत सामग्री प्रांत 2 जिलों बारा, परसा, रौतहट, सरलाही में प्रभावित परिवारों के बीच वितरित की जाएगी.

भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण हाल ही में हुए नुकसान को देखते हुए राहत सामग्री की पूरी खेप नेपाल-भारत महिला मित्रता सोसायटी (NIWAFS) और प्राज्ञयिक विद्यार्थी परिषद (पीवीपी) के माध्यम से स्थानीय सरकारों के समन्वय में वितरित की जाएगी.

Afghanistan Crisis:आखिरकार अमेरिका ने ले ही लिया काबुल ब्लास्ट का बदला, 36 घंटे के भीतर ISIS-K पर की बड़ी कार्रवाई

 अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती बम धमाके के बाद अमेरिका ने 36 घंटे के भीतर आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासन ग्रुप (ISIS-K) पर बड़ी कार्रवाई की है.

अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस  के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए हैं. इसके साथ ही अमेरिका ने नागरिकों से काबुल हवाईअड्डे के गेट को ‘तुरंत’ छोड़ने के लिए कहा है.अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता कैप्टन बिल अरबन ने कहा है कि नांगहार हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड भी मारा गया है.

काबुल ब्लास्ट  में एक दर्जन से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों समेत अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. काबुल हमले में अपने सैनिकों के मारे जाने के तुरंत बाद हीअमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि हम हमला करने वाले आतंकियों को बख्शेंगे नहीं.

इन हमलों में काबुल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड मारा गया है. बता दें कि काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिका पर भारी दबाव था और राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुलेआम कहा था कि बम हमला करने वालों को छोड़ेंगे नहीं.

अफगानिस्तान में अभी भी फंसे 140 सिख और हिंदू, सरकार से लगाईं वतन वापसी की गुहार

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत अपने नागरिकों को तेजी से वतन वापस लाने में लगा हुआ है. अफगानिस्तान में अभी 140 अफगान सिख और हिंदू फंसे हुए हैं.  वहां 20 भारतीय नागरिक भी मौजूद हैं, जो अपने देश वापस आना चाहते हैं.

ये 20 भारतीय नागरिक उस लिस्ट में आखिरी हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान से निकालने के लिए मदद मांगी है.कुछ वतन वापस न आने की इच्छा रखने वाले भी हो सकते हैं.

काबुल एयरपोर्ट से भारत, अमेरिका समेत विभिन्न देश अपने नागरिकों को वापस बुला रहे हैं. हाल ही में भारत को काबुल एयरपोर्ट से रोजाना दो फ्लाइट्स को उड़ाने की भी इजाजत मिली थी.

इन धमाकों में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और 120 से अधिक लोग घायल हो गए. भारत सरकार ने इन धमाकों की निंदा करते हुए दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहा है.

Kabul Airport Attack से एक्शन मोड में आए दुनिया के ये शक्तिशाली देश, बुलाई आपात बैठक

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. देश की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के पास गुरुवार को सीरियल ब्लास्ट हुए हैं. तीन धमाकों में 10 अमेरिकी सैनिक समेत 60 लोगों की जान चली गई.

इसके साथ ही बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे. हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा.

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए हमलों में मारे गए अमेरिकी सर्विस के सदस्य हीरो थे. वो दूसरों के जीवन को बचाने के लिए एक खतरनाक और निस्वार्थ मिशन में लगे हुए थे. बाइडेन ने कहा कि कम से कम 1,000 अमेरिकी और कई अन्य अफगान अभी भी काबुल से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमले में 150 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है. पेंटागन ने एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की पुष्टि की है. वहीं, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक ट्वीट में बताया है कि पहला धमाका एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर हुआ. जबकि दूसरा धमाका एयरपोर्ट के पास बरून होटल के करीब हुआ.

काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में ISIS-K आतंकी की हुई पहचान, 140 लोग घायल अमेरिका बोला-“लेंगे बदला”

काबुल एयपपोर्ट पर बम से हमला करने वाले आतंकी की पहचान कर ली गई है। जानकारी के मुताबिक हमला करने वाला आतंकी अब्दुल रहमान अल लोघरी आईएसआईएस-हक्कानी आंतकी संगठन का सदस्य था। 

दुनिया के खूंखार आतंकवादी संगठन ISIS-K ने इस आत्‍मघाती हमले की जिम्‍मेदारी ली है। एक के बाद एक हुए सिलसिलेवार दो बम धमाकों और भीड़ पर कुछ बंदूकधारियों द्वारा गोलीबारी करने से 11 मरीन कमांडो व एक मेडिक समेत 12 अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों की भी जान गई है। इस हमले में महिलाओं, सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 143 लोग घायल हुए हैं।

अमेरिका ने कहा कि हम इस हमले के जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं करेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका इसका बदला लेगा। इसकी कीमत चुकानी होगी।

अमेरिका ने आशंका जाहिर की है कि आतंकी कार बम से जल्द ही एक और धमाका कर सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर काम बम से ब्लास्ट किया जा सकता है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद अमेरिका ने काबुल में अपने सैनिकों व नागरिकों को अलर्ट कर दिया है।

ऑपरेशन देव शक्ति के तहत 35 लोगों को वतन वापस लाया भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान

अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार की तरफ से ऑपरेशन देव शक्ति जारी है। आज काबुल से 24 भारतीयों और 11 नेपाल नागरिकों को लेकर भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान दिल्ली के हिंडन एयरबेस पर उतरा है।

काबुल से लगभग 800 लोगों को निकाला गया है, जिसमें भारतीय नागरिकों के साथ-साथ अफगानिस्तान के सिखों और हिंदुओं सहित अफगान नागरिकों को भी शामिल किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि उनमें से 77 अफगान सिख थे।पिछले हफ्ते तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से लोग देश छोड़ने की जल्दी में हैं, इसलिए अफगानिस्तान की स्थिति खराब होती जा रही है। 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के तुरंत बाद देश की सरकार गिर गई।

केंद्र सरकार ने अफ़गान के मुद्दे पर आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, जयशंकर मौजूदा हालातों की देंगे जानकारी

केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से अवगत करा रही है।

सरकार की ब्रीफिंग अफगानिस्तान से लोगों की निकासी के अभियान पर केंद्रित रहने की उम्मीद है तथा इसमें वहां के हालात को लेकर सरकार के आकलन की भी जानकारी दी जा सकती है। अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के तहत भारत सिख और हिंदू समुदाय के अफगान समेत करीब 730 लोगों को यहां ला चुका है।

भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था। इससे पहले, 16 अगस्त को 40 सेअधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे।