Thursday , November 21 2024

विदेश

“वीजा-ऑन-अराइवल” सुविधा को लेकर अभी अभी यूएई ने लिया ये बड़ा फैसला, एक बार जरुर देखें

 भारत से यूएई जाने वाले यात्रियों के लिए “वीजा-ऑन-अराइवल” सुविधा को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही वो लोग भी इसका उपयोग नहीं कर सकेंगे जो पिछले दो हफ्ते से भारत में हैं.

राष्ट्रीय वाहक एतिहाद एयरवेज ने एक सवाल का जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा कि, “यूएई के अधिकारियों ने पिछले 14 दिनों में भारत से आने वाले या भारत में रह रहे यात्रियों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि, हम अपनी वेबसाइट को अपडेट करने के लिए काम कर रहे हैं”

“अमेरिकी वीजा, ग्रीन कार्ड, यूके रेजिडेंट परमिट, या ईयू (यूरोपीय संघ) के निवासी परमिट के साथ नियमित पासपोर्ट रखने वाले भारतीय नागरिकों को 14 दिनों के लिए वैध यूएई में प्रवेश वीजा प्राप्त करने की इजाजत होगी.”

अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर आमने सामने आए पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति पुतिन, दोनों के बीच हुई अहम वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर अपने पुराने सहयोगी रूस से बात की है। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से उनकी इस मुद्दे पर करीब 45 मिनट  तक बातचीत हुई है।

ऐसा इसलिए क्‍योंकि रूस ने न सिर्फ तालिबान का समर्थन किया है बल्कि ये भी कहा है कि उनका शासन अफगान सरकार से बेहतर होगा।भारत अब तक अपने सैकड़ों नागरिकों को स्‍वदेश वापस ला चुका है।

इसके अलावा दोनों देशों के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बीच भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। अफगानिस्‍तान के हालातों पर पीएम मोदी के नेतृत्‍व में दो बार सीसीएस की बैठक भी हो चुकी है।

गौरतलब है कि भारत ने बीते दो दशकों के दौरान अफगानिस्‍तान के विकास के लिए करोड़ों का निवेश किया है। तालिबान की मौजूदगी में इस निवेश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

अफगानिस्तान: यूक्रेन के विमान को काबुल में किया गया हाईजैक, डिप्टी विदेश मंत्री ने दी जानकारी

अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को लेने पहुंचे यूक्रेन के विमान को काबुल में हाईजैक कर लिया गया है। विमान लोगों को रेस्क्यू करने पहुंचा था। यूक्रेन सरकार में डिप्टी विदेश मंत्री ने इसकी जानकारी दी है।

विमान में 83 लोग सवार थे। यूक्रेन के मंत्री ने कहा कि उनके अन्य तीन दूसरे निकाली प्लेन भी सफल नहीं हो पाए हैं क्योंकि उनके देश के लोग एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाए।

यूक्रेन के दावे पर ईरान के मंत्री अब्बास असलानी ने कहा कि यह विमान नॉर्थ ईस्ट ईरान के मशहाद एयरपोर्ट पर आया था,  रिफ्यूलिंग के बाद यूक्रेन के लिए रवाना हो गया था और कीव एयरपोर्ट पर लैंड भी कर गया था। ईरान के मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विमान नहीं है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अफगानिस्तान पहुंचने की अटकलें तेज़, जाने पूरी सच्चाई

तालिबान अपने पहले मेहमान के स्वागत के लिए तैयार है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अफगानिस्तान पहुंचने की अटकलें हैं. कुरैशी के काबुल जाने की वजह सिर्फ यही है कि वो नई अफगानी सरकार में अपना रोल निभाएं.

कुरैशी ने शनिवार को रूस, जर्मनी, तुर्की, नीदरलैंड, बेल्जियम के नेताओं से फोन पर बात की. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लेवरोव के साथ बातचीत के दौरान कुरैशी ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में स्थिरता पाकिस्तान और पूरे इलाके के लिए बेहद अहम है.

अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद कुरैशी ने कहा था कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार ने तालिबान के खिलाफ जो प्रोपेगैंडा चलाया था, वह झूठा साबित हुआ है.  तालिबान के अभी तक उठाए गए शांतिपूर्ण कदमों का स्वागत करते हैं.

तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही कहा था कि हम शांति चाहते हैं और हम इस्लामिक कानूनों के तहत महिला अधिकारों की भी रक्षा करेंगे. हालांकि, अफगान छोड़ रहे लोग इस पर बिल्कुल यकीन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने तालिबान के इन बयानों को टेम्परेरी शो करार दिया है.

कल जी-7 नेताओं की आपातकालीन बैठक बुलाएगा ब्रिटेन, PM बोरिस जॉनसन ने किया ऐलान

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान की स्थिति पर तत्काल बातचीत के लिए मंगलवार को सात देशों के समूह (जी-7)के नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे.

एएनआइ के मुताबिक जॉनसन ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के साथ टेलीफोन पर अफगानिस्तान के हालात पर बातचीत की. जॉनसन ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लोगों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने, मानवीय संकट को रोकने और पिछले 20 वर्षो की मेहनत को सुरक्षित करने के लिए अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करे.’

बता दें, काबुल पर कब्जा करने के एक हफ्ते बाद तालिबान ने रविवार को कहा कि वह जल्द ही अफगानिस्तान में एक नई सरकार के गठन की घोषणा करेगा क्योंकि देश से अपने लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में अपने नागरिकों को निकालना जारी रखेंगे. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगान राजनीतिक नेताओं के साथ एक नई सरकार के गठन पर बातचीत चल रही है.

बाढ़ और तूफान ने अमेरिका के मेक्सिको समेत कई शहरों में मचाया आतंक, 8 लोगों की हुई मौत

 अमेरिका में बारिश के पानी ने लोगों की जिंदगी को बदतर कर दिया है. मध्य टेनेसी में बाढ़ आने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता बताए गए. अधिकारियों ने कहा भारी बारिश में कई घर और ग्रामीण इलाकों में सड़कें बह गईं.

हिकमैन काउंटी के अधिकारी रॉब एडवर्ड्स के मुताबिक बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश के पानी में अनेक लोग लापता बताए गए हैं और मोबाइल सेवाएं ठप पड़ी हैं. टेनेसी के गवर्नर बिल ली ने शनिवार को ट्वीट कर टेनेसी के लोगों से भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर सतर्क रहने को कहा है.

इससे पहले गुरुवार को मेक्सिको के मुख्य पर्यटक क्षेत्र से गुजरते समय तूफान कमजोर पड़ गया था, लेकिन देश के मुख्य भूभाग की तरफ बढ़ते हुए तूफान ने मेक्सिको की अपेक्षाकृत गर्म खाड़ी से फिर प्रचंड तूफान का रूप ले लिया.

 

 

 

‘तुम औरत हो घर जाओ…’ तालिबान के आने से कुछ ऐसी हो गई हैं अफगानिस्तान की महिलाओं की हालत

आज से ठीक एक हफ्ते पहले यानी 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल (Taliban Rules Afghanistan) पर कब्जा किया था. औपचारिक तौर पर अफगानिस्तान में अभी तालिबान की सरकार नहीं बनी है.  पिछले दिनों उन्हें भी ऑफिस घुसने से मना कर दिया गया था.

शबनम खान दावरान ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है. जहां देखा जा सकता है कि सर्टिफिकेट का ढेर लगा है और उसमें आग लगी है. उन्होंने अपने पोस्ट में तालिबान का नाम नहीं लिया है.

उनके ट्वीट में लिखे शब्दों से समझा जा सकता है कि वो इस मंजर को देख कर बेहद परेशान है. उन्होंने लिखा है- ये भगवान इससे क्या साबित हो रहा है? हा

पिछले दिनों एंकर शबनम दावरान को तालिबानों ने उन्हें घर में रहने की धमकी दी थी. आरटीए पश्तो चैनल के लिए पिछले छह साल से काम करने वाली शबनम ने कहा था, ‘मैं काम पर लौटना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मुझे काम करने नहीं दिया..’ उन्होंने आगे कहा, ‘तुम औरत हो, घर जाओ.’

 

अफगानिस्तान: हिंडन एयरबेस पहुंचा 168 भारतीय नागरिकों से भरा वायुसेना का विमान

अफगानिस्तान की हालात बिगड़ने के बाद वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने का सिलसिला जारी है. दोहा के रास्ते 168 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विमान आज गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा था, ”अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापसी के लिए सरकार लगातार कोशिश में जुटी हुई है. एक विमान ताजिकिस्तान से 87 भारतीयों को लेकर नई दिल्ली पहुंच रहा है. इनमें दो नेपाली नागिरकों भी शामिल हैं.”

घटना के अगले दिन सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी. वहीं भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान ने दिखाया अपना असली रंग

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही पाकिस्तान अब अपने असली रंग में आता दिख रहा है. अफगानिस्तान से हथियारों के जखीरे को अब धीरे-धीरे पाकिस्तान पहुंचाया जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक हथियारों से भरे ट्रक और भारी हथियार अफगानिस्तान आईएसआई से पाकिस्तान आईएसआई की ओर जाते देखे गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक 16 अगस्त के बाद से सैकड़ों की संख्या में हथियारों से भरे ट्रक अफगानिस्तान पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी चेक पोस्ट को क्रॉस कर पाकिस्तान की ओर गए हैं.

माना जा रहा है कि तालिबान का अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा हो जाने के बाद अब आईएसआईका मिशन अफगानिस्तान पूरा हो चुका है. यही वजह है कि पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए जो हथियार उपलब्ध करवाए थे. वे अब वापस पाकिस्तान पहुंचाए जा रहे हैं.

भारतीय खुफिया एजेंसियो ने पहले भी इस बात की आशंका जताई थी कि तालिबान को पाकिस्तान की आईएसआई की ओर से पूरी मदद मिल रही है. आईएसआईउन तालिबानियों को अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले के लिए तैयार कर रही थी. यही नहीं, पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8 हजार से भी ज्यादा आतंकियों की मूवमेंट अफगानिस्तान की तरफ जाते देखी गई थी. उन्होंने तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले किए और अनेक इलाकों पर कब्जा कर लिया.

तालिबान ने जिस तरीके से बेहद कम समय में काबुल तक पहुंच बनाई. उसे लेकर दुनिया हैरान है. जाहिर है पाकिस्तान की मदद के बिना तालिबान के लिए अफगानिस्तान पर कब्जा आसान नहीं था. देखा जाए तो तालिबान के खिलाफ लड़ाई में कई जगहों पर अफगानी सुरक्षा बलों ने बिना लड़े ही तालिबानियों के सामने सरेंडर कर दिया और अपने हथियारों को तालिबान को दे दिया.

दुनिया भर के सुरक्षा जानकार इस बात को लेकर परेशान हैं कि मेड इन अमेरिका के ये हथियार कहीं दुनिया के लिए खतरा न बन जाये. सबसे ज्यादा चिंता इस बात को भी लेकर है कि कहीं आईएसआई इन हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में पाकिस्तान परस्त आतंकियों तक मुहैया न करा दे. पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए कुछ आतंकियों के पास से अमेरिकन मेड हथियार बरामद हो चुके हैं.

सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी इस बात की आशंका जाहिर की थी कि ये हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाए जा रहे हैं. ऐसे में अब हजारों की संख्या में अमेरिकन असॉल्ट राइफल ,ग्रेनेड और कई सर्विलांस सिस्टम तालिबान के हाथ लग चुके हैं. जिनके भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा अलर्ट हो गई हैं और लगातार पाकिस्तान के आतंकी इरादों पर नजर बनाए हुए हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक बार फिर किया ये…

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया। बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में इतिहास का अब तक का सबसे मुश्किल भरा निकासी अभियान चलाया जा रहा है।  बाइडन ने चार दिन में दूसरी बार देश को संबोधित किया है।

इसके साथ ही उन्होंने तालिबान को चेताते हुए कहा कि हम अमेरिकी सैनिकों पर तालिबान का हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों के निकलने तक सेना वहां रहेगी।

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। आज (शुक्रवार) भी 5 हजार लोगों को निकाला गया है। अमेरिकियों व अन्य देशों के नागरिकों के अलावा अफगानी लोगों को भी यहां से निकाला जा रहा है। काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना का पूरा नियंत्रण है।

दुनिया के सामने सबसे बड़ा संकट  
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब तक 18 हजार लोगों को निकाला गया है। 14 अगस्त के बाद से 13 हजार लोगों को काबुल से बाहर निकाला गया है। अमेरिका में अभी छह हजार से अधिक सेना तैनात है। लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है। ये इतिहास का अब तक का सबसे मुश्किल भरा निकासी अभियान है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को बाहर निकालन का काम खतरे से भरा है, इसमें फौज को भी खतरा है। इसे मुश्किल हालात में अंजाम दिया जा रहा है। मैं भरोसे के साथ नहीं कह सकता कि इस आखिरी नतिजा क्या निकलेगा या अंत में क्या होगा।

काबुल एयरपोर्ट पर एक मां द्वारा अपने बच्चे को अमेरिकी सैनिकों को सौंपने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उस बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया गया है और दोनों ही सुरक्षित हैं।  बाइडन ने कहा कि हमने काबुल एयरपोर्ट पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है और यहां से सैन्य विमानों के अलावा नागरिक चार्टेड विमान भी उड़ान भर रहे हैं और लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।