Friday , November 22 2024

विदेश

नौकरी से निकाला तो कुछ ऐसे लिया कंपनी से बदला, प्रोग्रामिंग सीख कंपनी के 180 सर्वर किए ठप

एक भारतीय को दो साल छह महीने की जेल हुई। उसने अनाधिकृत तरीके से 180 वर्चुअल सर्वर को नष्ट किया था, जिस कारण से उसके नियोक्ता को 918,000 सिंगापुरी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।सोमवार को 39 वर्षीय कंदुला नागराजू को सजा सुनाई गई। इससे पहले भी अक्तूबर 2022 को एनसीएस ने उसे खराब प्रदर्शन के कारण निकाल दिया था। जिसके बाद 16 नवंबर 2022 को उसकी नौकरी चली गई।

नवंबर 2021 और अक्तूबर 2022 में कंदुला एनसीएस में गुणवत्ता आश्वासन कंप्यूटर सिस्टम का प्रबंधन करने वाली 20-सदस्यीय टीम का हिस्सा था। यह सूचना संचार और प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी है।कंदुला की पूर्व टीम जिस सिस्टम का प्रबंधन कर रही थी, उसका इस्तेमाल लॉन्च से पहले नए सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम का परीक्षण करने के लिए किया जाता था। इसमें 180 वर्चुअल सर्वर शामिल थे। उन पर कोई संवेदनशील जानकारी नहीं थी।

एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अदालती कागजों के अनुसार कंदुला को नौकरी के निकालने के बाद वह काफी परेशान था। उसे लगता था कि उसका प्रदर्शन अच्छा है, अपनी नौकरी के दौरान उसने अच्छा योगदान किया।

लेकिन निकाले जाने के बाद उसके पास कोई अन्य नौकरी नहीं थी, वह भारत लौट आया। जहां से उसने अपने लैपटॉप का इस्तेमाल करके एडमिनिस्ट्रेटर लॉगिन क्रेडेंशियन के इस्तेमाल से सिस्टम पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किया। पिछले साल 6 जनवरी से 17 जनवरी के बीच छह बार उसने यही किया। वहीं फरवरी में एक नौकरी की तलाश में सिंगापुर वापस लौटा। उसने एक पूर्व एनसीएस सहकर्मी से एक किराए पर कमरा लिया। 23 फरवारी को उसने फिर सिस्टम पर पहुंचने के लिए अपने वाई-फाई नेटवर्क का प्रयोग किया।

उस समय अनाधिकृत रूप सर्वर प्रयोग करके कुछ कोडिंग भी की ताकि सर्वर को नष्ट किया जा सके। मार्च 2023 में कुंदला ने एनसीएस सिस्टम को 13 बार एक्सेस किया। 18-19 मार्च को उसने 180 वर्चुअल सर्वर को नष्ट करने के लिए प्रोग्रामिंग की, यह कुछ इस तरह से डिजाइन की गई कि, एक-एक करके सर्वर को डिलीट किया जा सके।

जल्द ही एनसीएस टीम को पता चल गया कि कुछ गड़बड़ है, उन्होंने समाधन ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ, बाद में में उन्हें पता चला कि सारे सर्वर हटाए जा चुके हैं।11 अप्रैल को पुलिस रिपोर्ट में आईपी एड्रेस पुलिस को दिए गए। पुलिस ने कुंदला का लैपटॉप जब्त कर लिया। जिसमे डिलीट की गई प्रोग्रामिंग मिली। उसक में यह भी पता चला कि इस प्रोग्रामिंग के बार में उसे गूगल से जानकारी मिली थी। एनसीएस में अपनी नौकरी खत्म होने के बाद कुंडला को पता था कि उसे सिस्टम तक पहुंचने का अधिकार ही नहीं है। पता चला कि एनसीएस को लगभग 918,000 सिंगापुर डॉलर (678,000 अमेरिकी डॉलर) का नुकसान हुआ।

टीवी एंकर को खुफिया अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया, हज पर जा रहे थे; वकील का दावा

लोकप्रिय यूट्यूबर और टेलीविजन एंकर इमरान रियाज खान को खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने बुधवार को लाहौर हवाई अड्डे पर कथित तौर पर हिरासत में लिया। वह पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के आलोचक और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक माने जाते हैं। उनके वकील ने यह दावा किया।

इमरान रियाज खान हज के लिए सऊदी अरब रवाना होने के लिए बुधवार की सुबह हवाई अड्डे पहुंचे। उनके वकील अजहर सिद्दीकी के मुताबिक, इमरान रियाज खान को अज्ञात लोगों ने अगवा किया, जिनके साथ पुलिसकर्मी भी थे। उन्होंने कहा कि खान ने अपने अपहरण का विरोध भी किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि अपहरणकर्ता उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गए हैं।

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को उनके खिलाफ दर्ज सभी फर्जी मामलों में जमानत मिल गई थी और हाल ही में उनका नाम नो-फ्लाइ लिस्ट से हटा दिया गया था।

इस बीच, इमरान रियाज खान के भाई ने लाहौर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है और पत्रकार की सुरक्षित रिहाई की मांग की है। इससे पहले पिछले साल मई में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद इमरान रियाज खान को गिरफ्तार किया गया था। चार महीने से ज्यादा समय तक अज्ञात लोगों की हिरासत में रहने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

पीटीआई ने उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना एक बार फिर पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान के नैतिक मूल्यों के पूर्व विनाश का प्रतिनिधित्व करती है। एक्स पर पीटीआई ने कहा कि आपके (पाकिस्तानी सेना) कामों से केवल पाकस्तान को नुकसान हुआ है। क्या पाकिस्तान में अब हज जाना अपराध हो गया है?

लेफ्टिनेंट जनरल वेकर उज जमान बने बांग्लादेश के सेना प्रमुख, संभाल चुके हैं अहम जिम्मेदारियां

लेफ्टिनेंट जनरल वेकर उज जमान को अगले तीन साल के लिए बांग्लादेश सेना के प्रमुख के तौर पर नामित किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। लेफ्टिनेंट जनरल वेकर उज जमान 23 जून से कार्यभार संभालेंगे। 58 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल वेकर जमान को कार्यभार संभालने के दिन ही चार सितारा जनरल के पद पर अपग्रेड कर दिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, लेफ्टिनेंट जनरल वेकर उज जमान को जनरल के रूप में पदोन्नति के साथ सेना प्रमुख के तौर पर 23 जून से नियुक्त किया जाता है। वह जनरल एसएम सैफुद्दीन अहमद की जगह लेंगे। जमान 1985 में इन्फैंट्री कॉर्प्स के अफसर के रूप में नियुक्त हुए थे। वे अब बांग्लादेश सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (सीजीएस) हैं। चीफ ऑफ स्टाफ, जिसे आसान शब्दों में सेना प्रमुख कहा जाता है।

सीजीएस के तौर पर जमान सैन्य अभियान, सैन्य खुफिया संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मामले और बजट समेत अन्य सैन्य मुद्दों की देखरेख करेंगे। साढ़े तीन दशक से अधिक के शानदार करियर में जमान के पास प्रमुख कमांड, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियां संभालने का अनुभव है। उन्होंने इनफैंट्री बटालियन और इंफैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाल चुके हैंwor। सशस्त्र बल प्रभाग के प्रमुख के तौर पर वह बांग्लादेश सशस्त्र बलों के संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मामलों से सीधे जुड़े हुए थे। संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मामलों के लिए उन्हें बांग्लादेश के जेंडर चैंपियन और जेंडर एडवोकेट के रूप में भी नामांकित किया गया था।

जमान ने बांग्लादेश नेशनल ऑथोरिटी ऑफ केमिकल वीपंस कनवेंशन का भी नेतृत्व किया। वह बांग्लादेश डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज और यूनाइटेड किंगडम के ज्वाइंट सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र हैं।

उड़ान भरते ही एयर कनाडा के विमान में से निकलने लगीं आग की लपटें, हलक में आई यात्रियों की जान

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में एक बड़ी घटना होते-होते बच गई। पेरिस जा रहे एयर कनाडा के एक विमान में उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही आग लग गई। जैसे ही चालक दल को आग का पता लगा तो आनन-फानन में इमरजेंसी लैंडिंग कराई। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बता दें, विमान में 389 यात्री और 13 क्रू मेंबर मौजूद थे। चालक दल की सतर्कता की वजह से एक बड़ी घटना को टाला जा सका। विमान बिना किसी नुकसान या हताहत के हवाईअड्डे पर वापस लौट आया।

कैसे हुई घटना?
बोइंग 777 वाइड-बॉडी विमान ने रात 12:17 बजे (टोरंटो समयानुसार) उड़ान भरनी शुरू की। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद देर रात 12 बजकर 39 मिनट विमान ने उड़ान भरना शुरू ही किया था कि हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) ने विमान के दाहिने इंजन से चिंगारी निकलती देखी और तुरंत चालक दल के सदस्यों को इसकी जानकारी दी।

वहीं, लोगों ने इंजन से आग की चिंगारी निकलते हुए वीडियो बना लिया। इस घटना के बाद फ्लाइट के पायलट ने तत्काल पैन-पैन संकट का संकेत दिया, जिससे ग्राउंड पर इमरजेंसी टीम को संकेत मिला। पायलट ने तुरंत विमान को वापस लॉस एंजेलिस हवाईअड्डे की तरफ मोड़ दिया और सुरक्षित लैंडिंग कराई।

कब का मामला?
यह चौंका देने वाली घटना पांच जून की है। विमान में 389 यात्री और 13 क्रू मेंबर सवार थे। सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। विमान के वापस आते ही आग बुझाई गई और एहतियाती कदम उठाए गए। विमान के इंजन में आग लगने की वजह अभी सामने नहीं आ सकी है। हादसे का कारण जानने के लिए जांच टीम बनाई गई है।

पहले भी सामने आ चुकी है ऐसी घटना
इंजन में खराबी का कारण पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। प्रभावित यात्रियों को दूसरी फ्लाइट में भेजने का इंतजाम किया गया। विमान की जांच की जाएगी और फिलहाल इसे सेवा से हटा दिया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले दो हफ्तों में यह दूसरी घटना है, जहां एयर कनाडा के विमान को इंजन की समस्या के कारण वापस लौटना पड़ा है।

जिंदा महिला को निगल गया 16 फीट लंबा अजगर, पेट काटा तो मिला कपड़े पहने पूरा शव

इंडोनेशिया से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला को अजगर ने पूरा निगल लिया। बाद में ग्रामीणों ने अजगर का पेट काटकर महिला का शव निकाला। स्थानीय अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी है।

चार बच्चों की मां को निगला
दक्षिण सुलावेसी प्रांत के कलेमपांग गांव के मुखिया सुआर्डी रोसी ने बताया कि चार बच्चों की मां फरीदा गुरुवार रात लापता हो गई थी और घर नहीं लौटी। बाद में उसके पति और गांव के लोगों ने उसे खोजना शुरू किया। तलाशी के दौरान महिला के पति को उसका कुछ सामान मिला, जिसके चलते उसे अनहोनी का शक हुआ।

16 फीट लंबा अजगर
ग्रामीणों ने इलाके की खोजबीन शुरू की तो एक 16 फीट लंबा अजगर दिखाई दिया, जिसका पेट फूला हुआ था। मुखिया ने कहा कि इसके बाद गांव वाले अजगर का पेट काटने के लिए सहमत हो गए। जैसे ही उन्होंने पेट काटना शुरू किया उन्हें सबसे पहले 45 साल की फरीदा का सिर दिखाई दिया। इसके बाद अजगर के पेट के अंदर फरीदा पूरी तरह कपड़ों में पाई गई।

इंडोनेशिया में अजगर के हमले की घटनाएं बढ़ीं
अजगर द्वारा इंसानों को निगले जाने की घटनाएं बहुत दुर्लभ मानी जाती हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इंडोनेशिया में कई लोगों की मौत इस तरह से हुई है। पिछले साल, दक्षिणपूर्व सुलावेसी के तिनंगगिया जिले के निवासियों ने आठ मीटर के अजगर को मार डाला था, जब उसने गांव में एक किसान को मारकर निगल लिया था। साल 2018 में दक्षिणपूर्व सुलावेसी के मुना शहर में एक 54 वर्षीय महिला को अजगर ने अपना शिकार बना लिया था। महिला का शव सात मीटर लंबे अजगर के पेट के अंदर पाया गया था।

अदन की खाड़ी में फिर हुआ व्यापारिक जहाज पर हमला, हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले से जहाज में लगी आग

ब्रिटिश सुरक्षा फर्म एंब्रे ने रविवार को दावा किया है कि अदन की खाड़ी में एक व्यापारिक जहाज पर मिसाइल से हमला हुआ है। हमले के चलते जहाज में आग लग गई। हमला यमन से हुआ और इसके पीछे हूती विद्रोहियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

मिसाइल हमले में जहाज पर लगी आग
ब्रिटेन के मेरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (UKMTO) ने बताया कि जहाज के कप्तान ने उन्हें घटना के बारे में सूचित किया। जहाज पर यमन के नजदीक अदन की खाड़ी में दक्षिण पूर्व में 80 नॉटिकल मील की दूरी पर हमला हुआ। हूती विद्रोही बीते कई महीनों से लाल सागर, अदन की खाड़ी और अरब सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इस्राइल द्वारा गाजा में हमले के खिलाफ और फलस्तीनी लोगों के समर्थन में हूती विद्रोही इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

सुरक्षा फर्म एंब्रे का कहना है कि जहाज के अगले हिस्से पर मिसाइल का हमला हुआ, जिसके बाद जहाज में आग लग गई। हालांकि जहाज के क्रू ने ही आग पर काबू पा लिया। जहाज पर दो मिसाइलों से हमला किया गया, लेकिन दूसरी मिसाइल जहाज से नहीं टकराई। हमले में किसी के हताहत होने और बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

लंबे समय से हूती विद्रोही जहाजों पर कर रहे हमले
बीते दिनों हूती विद्रोहियों ने यमन में संयुक्त राष्ट्र के नौ कर्मियों का अपहरण कर लिया था। बंदी बनाए गए सभी कर्मी यमन मूल के ही है। हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त अभियान भी चलाया था और यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए थे। हालांकि इसके बावजूद हूती विद्रोही अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हूती विद्रोहियों के हमले के चलते कई व्यापारिक जहाज अब अफ्रीका होते हुए लंबे रास्ते से गुजर रहे हैं। इसके चलते महंगाई भी बढ़ी है।

‘राजनीतिक सुलह के लिए इमरान गंभीर नहीं’, शरीफ बोले- उनकी पार्टी बदले की भावना से काम नहीं करती

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक और पूर्व पीएम इमरान खान को देश में राजनीतिक सुलह के रास्ते में मुख्य बाधा बताया है। शरीफ ने राजनीतिक सुलक के लिए बातचीत के प्रति सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि वह बदले की भावना से काम नहीं करती है। शरीफ ने यह टिप्पणी शुक्रवार शाम को पार्टी सीनेटरों के साथ एक बैठक के दौरान की। इस बैठक में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के साथ बातचीत के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई।

सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शरीफ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खान खुद वार्ता की प्रक्रिया में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जो सार्थक वार्ता के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। नवाज ने पार्टी सांसदों से कहा, ‘जब कोई गंभीर नहीं है तो कोई कैसे बातचीत कर सकता है?’ शरीफ (74) ने अतीत की उन घटनाओं का जिक्र किया, जब खान ने दोस्ती के प्रस्ताव ठुकराए थे। शरीफ ने कहा यह रचनात्मक वार्ता करने के प्रति अनिच्छा का संकेत है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “मैं खुद बानी गाला (इमरान खान के घर) गया। हमारी ईमानदारी को हमारी कमजोरी माना जाता है।”। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद बातचीत के महत्व को रेखांकित करने के लिए नवाज ने कड़े विरोध का सामना करने के बावजूद दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के साथ अपनी मुलाकात का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि वह राजनीतिक प्रतिशोध में विश्वास नहीं करते थे, इसलिए उन्होंने और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने लोकतंत्र के चार्टर पर हस्ताक्षर किए थे।

पाकिस्तान सरकार पर उनके साथी दल पीपीपी ने लगाया गंभीर आरोप, कहा- बजट के बारे में नहीं की कोई चर्चा

पाकिस्तान सरकार के 12 जून को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने की संभावना जताई जा रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने बताया कि गठबंधन सहयोगी होने के बावजूद सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार ने आने वाले संघीय बजट पर उनसे परामर्श ही नहीं किया।

रविवार को मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पीएम शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी पर बजट संबंधी चर्चा न करने का आरोप लगाया। यह भी बताया कि बजट के लिए उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता सैयद खुर्शीद अहमद शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने “न तो हमें बजट के संबंधित कुछ बताया और न ही हमें विश्वास में लिया।”

सैयद खुर्शीद अहमद शाह ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमें नहीं पता कि पीएमएल-एन निजीकरण नीति, करों, विकास कार्यक्रमों के बारे में क्या कर रही है। पीपीपी के शाह ने कहा कि बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पीपीपी को राहत के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार बजट बना रही है या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का बजट थोपा जा रहा है।

बता दें कि 8 फरवरी को आम चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए गए। इसके बाद पीएमएल-एन और पीपीपी ने खंडित चुनावी नतीजों के बाद गहन बातचीत के बाद गठबंधन सरकार बनाई। उन्होंने अपना दुख प्रकट करते हुए बताया कि बजट में पीपीपी के प्रस्तावों को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “लोग हमसे पूछेंगे कि हमने क्या किया है। क्या हम उन्हें बताएंगे कि हमें इसके बारे में पता ही नहीं है?” शाह ने यह भी कहा कि पार्टी को बजट के बारे में लिए जाने वाले निर्णयों की राजनीतिक रूप से जांच करनी होगी।

‘उम्मीदों से उलट रहे नतीजे’, लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कैसी रही दुनियाभर के मीडिया की प्रतिक्रिया

लोकसभा चुनाव के रुझानों में एनडीए और INDIA गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। रुझानों में एनडीए बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है, लेकिन विपक्षी गठबंधन भी बहुत ज्यादा पीछे नहीं है। आंकड़ों का असर भारत के शेयर बाजार पर भी पड़ा है और शेयर बाजार में गिरावट आई है। भारत के चुनाव पर दुनियाभर की नजरें लगीं थी और अब शुरुआती रुझानों पर भी दुनियाभर के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा- विपक्षी गठबंधन रफ्तार पकड़ रहा
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन का कहना है कि भारतीय चुनाव में मोदी गठबंधन का दबदबा है, लेकिन विपक्षी गठबंधन भी रफ्तार पकड़ रहा है। अखबार ने लिखा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। वाराणसी सीट पर पीएम मोदी के आगे चलने की बात भी अखबार ने लिखी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स- उम्मीदों के विपरीत रुझान
अमेरिकी मीडिया संस्थान न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि भारत के लोकसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है और शुरुआती रुझान उम्मीदों के विपरीत चल रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा शुरुआती रुझानों में भाजपा आगे है, लेकिन शायद भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर सकेगी और पार्टी को बहुमत के लिए छोटी पार्टियों का समर्थन लेना होगा। हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अभी स्पष्ट तौर पर कह पाना मुश्किल है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा, जब पीएम मोदी अपने राजनीतिक करियर में पहली बार बगैर बहुमत के सरकार चलाएंगे।

बीबीसी- अकेले दम पर बहुमत पाने के लिए भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया था, लेकिन शुरुआती रुझानों में मुकाबला कड़ा है और अब भाजपा को अकेले दम पर बहुमत पाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। शुरुआती रुझानों में एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच 60-70 सीटों का ही अंतर है और एनडीए एकतरफा जीत हासिल नहीं कर रहा है। कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ता खुशी मना रहे हैं। वहीं भाजपा मुख्यालय पर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। हालांकि भाजपा के पार्टी प्रवक्ताओं का दावा है कि वह आराम से सरकार बना रहे हैं।

इस्राइल ने की हमास की कैद में चार बंधकों की मौत की पुष्टि, युद्धविराम समझौते का दबाव बढ़ा

इस्राइल ने सोमवार को गाजा में बंधक बने चार लोगों की मौत हो जाने की घोषणा की। पिछले कुछ समय से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा उल्लेखित युद्ध विराम और बंधक रिहाई समझौते की योजना पर संदेह और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा था। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को इस्राइल की तीन चरणीय योजना बताई थी।

दरअसल इस्राइल पर युद्ध विराम समझौते, बंधक रिहाई समझौते को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। वहीं इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार 7 अक्तूबर को जारी हुआ यह युद्ध तब तक जारी रहेगा। जब तक कि वे अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते। वे हमास की सैनय और शासन क्षमताओं का विनाश चाहती है।

विकसित देशों के समूह जी-7 के बयान के अनुसार वे जो बाइडन के प्रस्तुत किए गए समझौते का पूरी तरह समर्थन करते हैं। हमास ने इसे स्वीकार करने का आह्वान किया है। इस्राइल की सेना ने 7 अक्तूबर को गाजा में बंधक बनाए गए चार लोगों की मृत्यु की घोषणा की। जो कि चैम पेरी, योराम मेट्जगर, अमीरम कूपर और नादाव पोपलवेल हैं।

वहीं ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि उन्हें इस्राइली-ब्रिटिश पॉपलवेल की मृत्यु पर बहुत दुख है। उन्होंने यह भी कहा कि हम हमास से सभी बंधकों को वापस भेजने की मांग दोहराते रहे हैं। वहीं इस्राइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि हमारा आंकलन है कि वे चारों हमास के खिलाफ हमारे अभियान के दौरान मारे गए।

वहीं सोमवार को सेना ने कहा था कि उन्हें इस्राइल में पैरामेडिक डोलेव येहुद का शव मिला था। हालांकि उनको बंधक माना जा रहा था , लेकिन उनकी मृत्यु 7 अक्तूबर को हो गई थी। हमास ने शुक्रवार को कहा था कि बाइडन के प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं, लेकिन उनकी रुकी वार्ता पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की। न ही मध्यस्थ कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका ने किसी नई वार्ता के लिए घोषणा नहीं की है।