Friday , November 22 2024

विदेश

सनकी पूर्व मंत्री ने बीवी को पीट-पीटकर सुलाया मौत की नींद, कजाखस्तान में हो सकती है 20 साल की जेल

कजाखस्तान के पूर्व मंत्री कुआंडिक बिशिम्बायेव पर अपनी पत्नी साल्टानैट नुकेनोवा की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगा है और इस वारदात की सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। अब एक बार फिर से कजाखस्तान में इस हत्याकांड की चर्चा हो रही है। 31 वर्षीय साल्टानैट नुकेनोवा को नवंबर 2023 में एक रेस्तरां में मृत पाया गया था। इस रेस्तरा में नुकेनोवा ने अपने पति और कुआंडिक बिशिम्बायेव के साथ रात बिताई थी। बताया गया था कि यह रेस्तरां कुआंडिक के किसी रिश्तेदार का है।

अदालत में दिखाई गया आठ घंटे का वीडियो
अदालत में हुई सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने न्यायाधीश को आठ घंटे लंबा सीसीटीवी वीडियो दिखाया गया, जिसमें पूर्व मंत्री अपनी पत्नी को बुरी तरह से पीटते नजर आ रहे हैं। वीडियो में यह भी दिखा कि 44 वर्षीय कुआंडिक अपनी 31 वर्षीय पत्नी को हाथ और घूंसों से पीट रहे हैं। इसके बाद पूर्व मंत्री अपनी पत्नी साल्टानैट नुकेनोवा के बालों से खींचकर उस कमरे में ले जाते दिखते हैं, जहां कोई कैमरा नहीं था।

पूर्व मंत्री ने अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा- वकील
सरकारी वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब नुकेनोवा ने शौचालय में छिपने की कोशिश की, तो बिशिम्बायेव ने दरवाजा तोड़ दिया और अपनी पत्नी को बाहर निकालकर पिटाई जारी रखी। उन्होंने आगे कहा कि शौचालय से बाहर निकलने के बाद बिशिम्बायेव ने नुकेनोवा को गला दबोचा, जिस वजह से वह अपने होश खोने लगीं। जब वह खून से लथपथ होकर फर्श पर गिरीं, तो बिशिम्बायेव ने उस भविष्यवक्ता को फोन किया, जिसने नुकेनोवा के सुखद भविष्य का आश्वासन दिया था। इस घटना के 12 घंटे के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घटनास्थल पर ही पूर्व मंत्री की पत्नी को मृत घोषित कर दिया।

बिशिम्बायेव को हो सकती है 20 साल की कैद
एक रिपोर्ट के अनुसार साल्टानैट नुकेनोवा की मौत मस्तिष्क आघात (ब्रेन ट्रॉमा) की वजह से हुई। उनकी नाक की एक हड्डी टूट गई थी और चेहरे, सिर और हाथों पर कई चोटें थीं। उनके पति कुआंडिक बिशिम्बायेव पर अत्यधिक यातना और हिंसा के साथ हत्या का आरोप लगाया गया है, जिस वजह से उन्हें 20 साल तक जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। कजाखस्तान के लोग अदालत में चले हत्या के मुकदमे को सोशल मीडिया पर देख रहे हैं और देश में लैंगिक समानता को लेकर नई बहस छिड़ गई है।

बड़े संगठनात्मक बदलावों से गुजर रही चीनी सेना, सैन्य ताकत के साथ ही सूचना क्षमताओं को बढ़ाने पर भी फोकस

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की सेना बड़े संगठनात्मक बदलावों से गुजर रही है। शी जिनपिंग ने सेना में बदलाव की शुरुआत साल 2015-16 में की थी। इसके तहत अभी तक चीन की सेना से तीन लाख सैनिकों को हटाया जा चुका है। साथ ही संयुक्त थिएटर कमांड बनाने का साथ ही सेना को विभिन्न विभागों के तहत लाया गया है। चीन की सेना ने रॉकेट फोर्स पर खासा फोकस किया है। साल 2015 में चीन ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स का गठन किया था, लेकिन अब खबर आ रही है कि चीन ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की जगह इंफोर्मेशन सपोर्ट फोर्स का गठन किया है।

 

19 अप्रैल को बीजिंग में पीएलए का एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट ने स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की जगह ली। हालांकि स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स की दो शाखाएं स्पेस सिस्टम डिपार्टमेंट और नेटवर्क सिस्टम डिपार्टमेंट काम करना जारी रखेंगी। चीन की सेना में अब थल सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ ही रॉकेट फोर्स भी मौजूद है। साथ ही पीएलए में अब इंफोर्मेशन सिस्टम्स डिपार्टमेंट के अलावा जॉइंट लॉजिस्टिक फोर्स, एयरोस्पेस फोर्स, साइबरस्पेस फोर्स शामिल हैं। ये सभी शाखाएं सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के तहत आती हैं और इस सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं।

नए बनाए गए इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट का प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी यी को बनाया गया है। स्ट्रैटेजिक सपोर्स फोर्स के प्रमुख रहे जनरल जु कियानसेंग को अभी नहीं जिम्मेदारी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के काम से संतुष्ट नहीं था। साथ ही सेना के सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए ही इंफोर्मेशन सिस्टम डिपार्टमेंट का गठन किया गया है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट, अफगानिस्तान की स्थिति नाजुक, बीमारी से जूझ रहे 2.37 करोड़ लोग, मानवीय मदद की जरूरत

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी एक रिपोर्ट के जारी करते हुए कि अफगानिस्तान में 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को भी मदद की आवश्यकता है। इस साल में अब तक खसरे के 14,570 मामले सामने आ चुके है, जिसमें से 71 मौतें हो चुकी हैं।

अफगानिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में जलवायु परिवर्तन, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के कारण लंबे समय से गरीबी बढ़ती जा रही है। बता दें कि यूनिसेफ ने मार्च में देश की मानवीय स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बात की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को मानवीय मदद की आवश्यकता है। स्थिति यहां तक बिगड़ी हुई है कि इस साल की शुरूआत से अब तक लगभग 71 मौतें दर्ज हुई हैं, वहीं 14,570 खसरे के मामले सामने आए हैं। बीमारों में 11,000 से अधिक बच्चे हैं, जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम है। वहीं 6000 से अधिक महिलाएं इसका शिकार हुई हैं।

यूनिसेफ ने अपने मानवीय साझेदारों से अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। रिपोर्ट के अनुसार 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता से अफगानिस्तान के केवल 35 प्रतिशत बच्चों को ही सुरक्षित किया गया है।

बता दें कि सेव द चिल्ड्रन ने हाल ही में अफगानिस्तान के बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यकत की है। अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने वाले 2,50,000 अफगान बच्चों को भोजन और आश्रय की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 27 अप्रैल को विश्व खाद्य कार्यक्रम में बताया गया कि हर महीने छह मिलियन लोगों को भोजन के साथ-साथ नगद दिया जा रहा है।

दुबई में तैयार हो रहा दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा, जानिए क्या-क्या होंगी खूबियां

दुबई में दुनिया के सबसे बड्डे हवाई अड्डे का काम शुरू हो चुका है। यह अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वर्तमान में दुबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग पांच गुना बड़ा होगा। यही नहीं इसमें पांच रनवे की सुविधा भी होगी। इसके नए यात्री टर्मिनल को मंजूरी मिल चुकी है।

रविवार को यूएई के पीएम एचएच शेख मोहम्मद ने एक्स पर एक पोस्ट की। जिसमें उन्होंने बताया कि अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनल के डिजाइन को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही दुबई में 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, जो कि वर्तमान हवाई अड्डे का पांच गुना होगा।

गले कुछ सालों में दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सभी परिचालन अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे “दुबई दक्षिण में हवाई अड्डे के आसपास” एक पूरे शहर का निर्माण कर रहे हैं। जो रसद और हवाई परिवहन क्षेत्रों में दुनिया की अग्रणी कंपनियों की मेजबानी करेगा। इसके अलावा दस लाख लोगों के लिए आवास की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए नई परियोजना तैयार कर रहे हैं। नई परियोजना हमारे बच्चों और उनके बच्चों के लिए निरंतर और स्थिर विकास सुनिश्चित करेगी। दुबई दुनिया का हवाई अड्डा, इसका बंदरगाह, इसका शहरी केंद्र और इसका नया वैश्विक केंद्र होगा।

वित्त मंत्रालय नहीं तो उप-प्रधानमंत्री बनाकर की भरपाई, नवाज के खास को शहबाज सरकार ने ऐसे किया खुश

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विदेश मंत्री इशाक डार को पाकिस्तान का उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह पहले से ही तय था कि उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। पिछली दो सरकारों में डार के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा था लेकिन इस सरकार में उन्हें वित्त मंत्रालय नहीं दिया गया, जिस वजह से रविवार को उप प्रधानमंत्री बनाकर उनकी साख को बरकरार रखा गया।

नवाज शरीफ के चहेते हैं डार
बता दें, डार कश्मीरी मूल के नागरिक हैं। वे पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता हैं। वह पार्टी प्रमुख और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं। पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज अपने विश्वासपात्र को सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पर रखना चाहते थे, जिससे वित्त विभाग के नुकसान की भरपाई की जा सके। नवाज शरीफ और डार की नजदीकी का कारण सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि पारिवारिक भी है। दरअसल, डार का बड़ा बेटा शरीफ का दमाद है। डार वर्तमान में प्रधानमंत्री शहबाज के साथ विश्व आर्थिक मंच की विशेष बैठक के लिए सऊदी अरब में हैं।

गठबंधन सरकार के गठन के समय ही तय हो गई थी नियुक्ति
पार्टी के अंदरूनी सूत्र ने दावा किया है कि डार को उप प्रधानमंत्री बनाने का कदम पूर्व नियोजित था। गठबंधन सरकार के गठन के दौरान ही यह तय हो गया था कि डार उप प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि, दिलचस्प ये रहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भी डार की नियुक्ति पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया। पीपीपी के सूचना सचिव फैसल करीम कुंडी ने कहा कि उनकी पार्टी को उप प्रधानमंत्री के रूप में डार की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है। डार को उपप्रधानमंत्री नियुक्त करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।

इमरान खान की पार्टी ने जताया विरोध
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस नियुक्ति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ परिवार के भीतर ही प्रमुख राष्ट्रीय पद बांट रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सूचना मामलों के विशेष सहायक बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि संविधान में डिप्टी पीएम के पद का प्रावधान नहीं है। उन्होंने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि लोगों के मुद्दों को हल करने के बजाय सरकार बड़े-बड़े पद देने में जुटी हुई है।

पहली कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाले वैज्ञानिक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, चीन की संसद से किए गए बर्खास्त

चीन के जिस वैज्ञानिक ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में COVID-19 वैक्सीन को तैयार किया था, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर संसद से बर्खास्त कर दिया गया है। चीन के नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप की सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) के अध्यक्ष यांग श्याओमिंग पर भ्रष्टाचार और कानून के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। इस वजह से नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) से उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है। एनपीसी द्वारा इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा गया है कि यांग के खिलाफ पहले से ही पार्टी की अनुशासनात्मक समिति द्वारा जांच की जा रही थी।

चीन में चल रहा भ्रष्टाचार विरोधी अभियान
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा बीते कुछ वर्षों से पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और इस बीच यांग की बर्खास्तगी चीन के हेल्थ सेक्टर पर की गई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई का उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है। कार्रवाई के दौरान बीते वर्षों में चीन के कई अस्पतालों के प्रमुखों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा सिनोफार्म के एक अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारी झोउ बिन को भी जांच के दायरे में रखा गया है।

यांग ने ईजाद की थी पहली कोरोना वैक्सीन
62 वर्षीय यांग श्याओमिंग एक अनुभवी शोधकर्ता हैं, जिन्होंने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने चीन की पहली कोरोनावायरस वैक्सीन बीबीआईबीपी-कोर्व को विकसित किया था। बाद में इस वैक्सीन के सामान्य उपयोग को मंजूरी दी गई थी। कोरोनावायरस का पहला मामला मार्च 2020 में चीन के वुहान शहर से सामने आया था और बाद में दुनिया भर में फैल गया था। इसके बाद इस बीमारी से दुनियाभर में कई लोगों की मौत हो गई थी। यांग की टीम द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन को दिसंबर 2020 में सामान्य उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी।

स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम प्रथम मंत्री हमजा यूसुफ का इस्तीफा, पार्टी में हलचल; उत्तराधिकारी की तलाश तेज

मार्च 2023 में स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम प्रथम मंत्री के रूप में पदभार संभालने वाले पाकिस्तानी मूल के हमजा यूसुफ ने स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि पार्टी के अंदरखाने कई दिनों से उथल-पुथल चल रही थी। 39 वर्षीय यूसुफ ने बढ़ते नीतिगत मतभेदों के बीच पिछले सप्ताह स्कॉटिश ग्रीन पार्टी (एसजीपी) के साथ गठबंधन भी समाप्त कर दिया था। इस तरह से अल्पमत वाली एसएनपी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

मैं किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता- हमजा यूसुफ
इससे पहले एसएनपी की सहयोगी एसजीपी ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर दो अविश्वास प्रस्तावों का समर्थन किया था। पहला अविश्वास प्रस्ताव यूसुफ के नेतृत्व को लेकर था जबकि दूसरा प्रस्ताव स्कॉटिश सरकार के संबंध में था। इसे लेकर हमजा यूसुफ का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उनके पास भी विकल्प मौजूद था लेकिन उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना। हमजा ने कहा कि मैं केवल सत्ता में रहने के लिए अपने मूल्यों और सिद्धांतों का व्यापार कर किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा काफी सोचने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि देश के लिए सबसे अच्छा क्या है।

मुझे जो अवसर मिला, उसके लिए आभारी हूं- हमजा यूसुफ
एडिनबर्ग के ब्यूट हाउस में दिए गए अपने भाषण में यूसुफ ने कहा कि मुझे दुख है कि मंत्री के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन नेतृत्व का जो अवसर मुझे मिला उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, लंदन के मेयर सादिक खान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था, तो मेरे जैसे दिखने वाले लोग राजनीति में प्रभावशाली पदों पर नहीं थे। अब हम ऐसे ब्रिटेन में रहते हैं जहां एक ब्रिटिश हिंदू प्रधानमंत्री और एक मुस्लिम मेयर भी हैं। यूसुफ ने कहा अब हम एक उत्तराधिकारी को कमान सौंपने की तैयारी करेंगे और मुझे पूरा यकीन है कि वह बेहतरीन काम करेंगे।

उत्तराधिकारी की तलाश जारी
यूसुफ अपने पद पर तब तक बने रहेंगे जब तक कि स्कॉटिश संसद में उनके स्थान पर प्रथम मंत्री का चयन नहीं हो जाता। यह स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के लिए उथल-पुथल का समय है। उधर विपक्षी दलों ने भी उनके इस्तीफे का स्वागत किया।

कार्डिनल रंजीथ के आरोपों को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने नकारा, हर बात का दिया जवाब

श्रीलंका में 2019 में हुए ईस्टर संडे आतंकी हमले के मामले में पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कैथोलिक चर्च के आर्कबिशन कार्डिनल मैल्कम रंजीथ को आरोपों को सिरे से नकारा है। बता दें कि 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में आईएसआईएस समर्थित इस्लामी चरमपंथी नेशनल तौहीद जमात द्वारा सीरियल ब्लास्ट किया गया था। इस दौरान नौ आत्मघाती हमलावरों द्वारा तीन कैथोलिक चर्च और कई लग्जरी होटोलों में बम धमाके किए गए थे। इस आतंकी हमले में 11 भारतीयों समेत 270 लोगों की मौत हो गई थी।

पूर्व राष्ट्रपति कार्डिनल रंजीथ ने लगाए आरोप
हाल ही में कार्डिनल रंजीथ ने आरोप लगाया था कि ईस्टर संडे ब्लास्ट मामले में राष्ट्रपति जांच आयोग की रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति को सौंपी गई थी। इसके बाद राजपक्षे ने उनसे फोन पर बात की थी। रंजीथ के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि उस रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने में कठिनाइयां हुईं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें उन व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी जो कि राजपक्षे के समर्थक थे।

आरोपों के जवाब में राजपक्षे ने क्या कहा?
इसके जवाब में गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट मुझे सौंपे जाने के बाद मैंने कार्डिनल से फोन पर बात नहीं की। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के किसी भी संगठन में मेरा कोई सहयोगी नहीं हो सकता है, जिसे ईस्टर संडे ब्लास्ट के लिए प्रतिबंधित करने की आवश्यकता होगी।

कार्डिनल रंजीथ के हर आरोप का किया खंडन
राजपक्षे ने कार्डिनल रंजीथ के उस आरोप का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि पूर्व राष्ट्रपति ने कार्डिनल को राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट के पहले संस्करण की कॉपी देने में देरी की थी इसके जवाब में राजपक्षे ने कहा कि राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट मुझे एक फरवरी 2021 को मिली थी। इसके बाद इस प्रति को अटॉर्नी जनरल को सौंपा गया और 23 फरवरी 2021 को इसे संसद के अध्यक्ष को सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद एक मार्च को कैथोलिक बिशप समेत सभी संबंधित लोगों को यह कॉपी दे दी गई थी। ऐसे में कार्डिनल रंजीथ के पास इस कॉपी के देरी से पहुंचने का सवाल ही नहीं उठता।

दोस्त की गर्लफ्रेंड का बर्गर खाना कराची के व्यक्ति को पड़ा महंगा, जान से हाथ धोकर चुकानी पड़ी कीमत

पाकिस्तान में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां बर्गर खाने पर व्यक्ति की हत्या कर दी गई। यह घटना कराची की है, जहां आरोपी ने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए बर्गर ऑर्डर किया था। आरोपी का दोस्त भी मौके पर मौजूद था और उसने उसकी गर्लफ्रेंड का आधा बर्गर खा लिया। इससे नाराज आरोपी ने अपने दोस्त पर गोलियां बरसा दी।

दोस्त की गर्लफ्रेंड का बर्गर खाना पड़ा महंगा
यह घटना आठ फरवरी की है। पुलिस ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ, जब पीड़ित अली केरियो ने आरोपी की गर्लफ्रेंड का आधा बर्गर खाया। वहीं इस बात से नाराज सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का बेटा आरोपी डनियाल ने पीड़ित की हत्या कर दी। बता दें कि पीड़ित एक सत्र न्यायाधीश का बेटा था।

जांच में बताया गया कि डनियाल ने अपनी गर्लफ्रेंड शाजिया को अपने घर पर बुलाया था। उस समय उसका मित्र अली केरियो और उसका भाई अहमेर भी वहां मौजूद था। आरोपी ने दो बर्गर ऑर्डर किया था। इस दौरान पीड़ित कोरियो ने शाजिया के बर्गर से एक निवाला खा लिया। केरियो की इस हरकत से डनियाल को गुस्सा आ गया। उसका गुस्सा इतना बढ़ गया कि उसने अपने गार्ड की राइफल से केरियो पर गोलियां बरसा दी। हालांकि, अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई।

जांच अधिकारी ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी है। रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के बेटे को आरोपी बताया गया। आरोपी को पकड़ लिया गया है। उसे फिलहाल अदालत के समक्ष पेश करना बाकी है।

पूर्व पीएम इमरान खान को दोहरा झटका, भड़काऊ बयान पर कोर्ट ने फटकारा; रक्षा मंत्री ने भी साधा निशाना

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। अब इस्लामाबाद की एक अदालत ने गुरुवार को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को पाकिस्तानी सेना और बाकी संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने पर रोक लगाई है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बसीर जावेद राणा ने कहा कि मीडिया को कोर्ट की सुनवाइयों को लेकर एक सीमा के अंतर्गत रिपोर्ट्स तैयार करनी चाहिए और आरोपियों के बयानों पर किसी तरह की रिपोर्ट नहीं बनानी चाहिए।

भड़काऊ बयान देने पर लगी फटकार
अदालत के आदेश के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा सेना के उच्च अधिकारियों, न्यायपालिका और सेनाध्यक्ष को लेकर भड़काऊ बयान दिए गए हैं। कोर्ट ने इमरान और उनकी पार्टी को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस तरह के बयान न्यायिक मर्यादा को बाधित करते हैं और न्यायिक कार्यों में भी बाधा डालते हैं। आगे कहा गया है कि इमरान खान के जेल मुकदमे के दौरान मीडिया द्वारा अपनी रिपोर्टिंग को सीमित रखा जाएगा। एक खबर के अनुसार, अदालत ने अपने आदेश में अभियोजन पक्ष, आरोपियों और उनके बचाव पक्ष के वकीलों को निर्देश दिया कि वे ऐसे भड़काऊ बयान न दें जिससे अदालत की मर्यादा भंग हो।

इमरान खान ने पंजाब पुलिस पर भी लगाया था आरोप
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब पुलिस पर भी धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए पहले से धांधली की रणनीति तय की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी याचिका को अनसुना किया गया।