Saturday , November 23 2024

विदेश

बाल्टीमोर ब्रिज हादसे मामले में चौथा शव बरामद, पिछले महीने मालवाहक जहाज ने मारी थी टक्कर; FBI कर रही जांच

अमेरिका में मेरीलैंड के बाल्टीमोर में पिछले महीने डाली नाम का मालवाहक जहाज पुल से टकरा गया था। इस हादसे में पुल पूरी तरह से ढह गया था। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पुल ढहने से मारे गए चौथे व्यक्ति का शव उन्हें मिल गया है। ब्रिज रिस्पॉन्स यूनिफाइड कमांड ने खुलासा किया कि बचाव दलों ने रविवार को घटनास्थल से एक शव बरामद किया।

बाल्टीमोर पुल हादसे में चौथा शव बरामद
परिवार के अनुरोध के बाद अधिकारियों ने मृतक के नाम का खुलासा नहीं किया। मेरीलैंड राज्य पुलिस विभाग के अधीक्षक, कर्नल रोलैंड एल. बटलर जूनियर ने कहा, “हम मृतकों के लिए शोक जताते हैं। हम लोगों को ढूंढने का अभियान जारी रखेंगे, क्योंकि हम मानते हैं कि खोए हुए लोग किसी न किसी के परिवार होंगे।”

एक बयान में बताया गया कि मेरीलैंड पुलिस, एफबीआई और मेरीलैंड परिवहन प्राधिकरण पुलिस ने वाहन के भीतर शव का पता लगाया। की ब्रिज रिस्पॉन्स यूनिफाइड कमांड के अधिकारी ने बताया कि सोमवार को मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया था। दो सप्ताह पहले दो अन्य मृतकों का शव ट्रक से बरामद किया गया था।

बता दें कि पिछले महीने श्रीलंका की तरफ जा रहे मालवाहक जहाज पुल से टकरा गया था। इस हादसे में पुल पर गड्ढों की मरम्मत कर रहे आठ निर्माण श्रमिकों में से छह की नदीं में गिरने से मौत हो गई थी। उस समय मृतकों में से केवल तीन के ही शव मिले थे। तटरक्षक पीड़ितों का शव ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिकी मीडिया ने बताया कि एफबीआई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एफबीआई ने बताया कि सोमवार को कार्गो जहाज में एजेंट मौजूद थे।

बेनजीर की बेटी ने ली नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर शपथ; पिता ने दी बधाई, भाई ने बताया ऐतिहासिक पल

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी ने सोमवार को नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर शपथ ली। राजनीति के मैदान में नई पारी शुरू करने वाली आसिफा जरदारी को 29 मार्च को एनए 207 शहीद बेनजीराबाद से निर्विरोध चुना गया था। बता दें कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही यह सीट खाली थी।

अपने भाई के साथ नेशनल असेंबली पहुंचीं आसिफा
आसिफा अपने भाई और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो के साथ दिन में नेशनल असेंबली पहुंची। नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से जुड़े एमएनए वहां नारेबाजी कर रहे थे और बाद में ट्रेजरी सांसदों ने वॉकआउट कर लिया। पीटीआई का प्रदर्शन सकरंद पुलिस द्वारा उनके एनए 207 उम्मीदवार गुलाम मुस्तफा रिंड की गिरफ्तारी को लेकर था। पार्टी ने बताया कि रिंड उनके प्रतिनिधि थे, जो उपचुनाव में आसिफा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले थे।

राष्ट्रपति जरदारी ने अपनी बेटी को दी बधाई
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए आसिफा को नई पारी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी आसिफा भुट्टो जरदारी को नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर शपथ लेने की बधाई देते हैं।”

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने भी आसिफा अली जरदारी की शपथ ग्रहन की तस्वीरें शेयर की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “नेशनल असेंबली के नए सदस्य के तौर पर आसिफा भुट्टो जरदारी ने शपथ ली। स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने शपथ दिलाई।” इस दौरान पीपीपी ने इसे ऐतिहासिक पल बताया। आसिफा की बहन बख्तावर जरदारी ने भी इस पल का जश्न मनाया। पीपीपी के केंद्रीय सूचना सचिव फैजल करीम कुंडी ने भी आसिफा की शपथ को पाकिस्तान के इतिहास का ऐतिहासिक दिन बताया।

ट्रंप के समर्थन में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस, बोलीं- वे ईरान और चीन के प्रति आक्रामक थे

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर इन दिनों आपराधिक मुकदमा चल रहा है। ऐसे में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जब डोनाल्ड ट्रंप थे, तब दुनिया ज्यादा सुरक्षित थी।

डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में अब ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री ने बयान देते हुए कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में दुनिया अधिक सुरक्षित थी। उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कह रही कि उनकी हर बात से मैं सहमत हूं, लेकिन उनका रवैया चीन और ईरान के प्रति आक्रामक था। उनके समर्थन में देश और दुनिया ज्यादा सुरक्षित थी।ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रंप का चुनाव के लिए समर्थन किया। उन्होंने यूक्रेन के समर्थन करने के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की सराहना भी की। वे बोलीं कि ट्रंप को व्हाइट हाउस में होना चाहिए।

आक्रामक शासन को रोकने के लिए ट्रंप जरूरी
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कहा कि “आक्रामक शासन के विस्तार को रोकने में ट्रंप अधिक प्रभावी थे। मुझे लगता है कि अगर वह 2020 में दोबारा चुने जाते तो हम एक अलग स्थिति में होते।”

डोनाल्ड ट्रंप पर चार आपराधिक मुकदमें
77 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जा रहा है। उन पर 2016 के चुनाव अभियान के दौरान लिए वयस्क फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल के साथ कथित यौन संबंध को छिपाने की योजना में व्यावसायिक रिकार्ड में हेराफेरी करने का आरोप है। इसे अलावा ट्रंप पर तीन अन्य मामले चल रहे हैं। वह दो बार महाभियोग चलाने वाले एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति भी हैं।

ढाका-खुलना हाईवे पर बस-पिकअप ट्रक में टक्कर, एक ही परिवार के पांच समेत 14 लोगों की मौत

बांग्लादेश के ढाका में मंगलवार को एक बस और पिकअप ट्रक की टक्कर में 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें पांच एक ही परिवार के सदस्य थे। वहीं, कई और लोग घायल हैं। पुलिस के मुताबिक, यह हादसा फरीदपुर में ढाका-खुलना हाईवे पर हुआ। यहां मगुरा शहर जा रही एक बस सामने से पिकअप ट्रक से टकरा गई। घटना में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हुई है।

जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें आम यात्रियों के अलावा पिकअप ट्रक के ड्राइवर और हेल्पर की भी जान गई है। इसमें 15 लोग सवार थे। बांग्लादेश के डेली स्टार अखबार ने मृतकों की संख्या फिलहाल 13 बताई है। इनमें सात महिलाएं, तीन पुरुष और तीन बच्चों के मारे जाने की बात कही गई है। मारे गए लोगों में से पांच लोग एक ही परिवार के हैं।

सरकार ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दफनाने के लिए 20 हजार टके की सहायता राशि देने का एलान किया है। वहीं, घायलों के इलाज के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी। इसके अलावा आर्थिक सहायता के तौर पर मृतकों के परिवार को पांच लाख टका, जबकि घायलों को तीन लाख टका दिए जाएंगे।

अदियाला जेल में ही सजा काटना चाहती हैं इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

पाकिस्तान के हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की याचिका खारिज कर दी है। याचिका में बुशरा बीबी ने मांग की थी कि उन्हें अदियाला जेल में ट्रांसफर कर दिया जाए, जहां उनके पति इमरान खान कैद हैं। अभी बुशरा बीबी इमरान खान के आवास बनी गाला में बनी अस्थायी जेल में ही कैद हैं।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुशरा बीबी की याचिका खारिज कर दी क्योंकि याचिका पर सुनवाई के दौरान बुशरा बीबी का वकील ही अदालत में मौजूद नहीं था। जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ‘अगर वे इस मामले को जीत गए होते तो बुशरा बीबी जेल चली गईं होती, लेकिन उनके वकील ही नहीं चाहते कि बुशरा बीबी जेल जाएं।’ याचिका खारिज होने के बाद बुशरा बीबी के वकील उस्मान गिल अदालत पहुंचे। जिस पर अदालत ने उन्हें याचिका पर फिर से पुनर्विचार के लिए एक आवेदन देने का निर्देश दिया।

गैर इस्लामी विवाह मामले में सजा काट रहे इमरान खान और बुशरा बीबी
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के संस्थापक और पूर्व पीएम इमरान खान अदियाला जेल में बीते साल अगस्त से कैद हैं। इस साल जनवरी में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इमरान खान अदियाला जेल में बंद हैं और तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बुशरा बीबी भी आत्मसमर्पण करने अडियाला जेल गईं थी, लेकिन उन्हें इमरान खान के आवास बनी गाला में ही अस्थायी जेल बनाकर वहां कैद रखा गया है।

गाजा में नरसंहार के लिए मदद देने का आरोप, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जर्मनी ने दी ये दलील

अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) में निकारागुआ ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें निकारागुआ ने गाजा में नरसंहार के लिए जर्मनी और पश्चिमी देशों पर इस्राइल को मदद देने का आरोप लगाया है। हालांकि जर्मनी ने इन आरोपों से इनकार किया है। मंगलवार को जर्मनी के विदेश मंत्रालय के कानूनी सलाहकार तानिया वो उसलार ने कहा कि निकारागुआ द्वारा दर्ज मुकदमा जल्दबाजी और कमजोर सबूतों पर आधारित है। जर्मनी ने इस मुकदमे को खारिज करने की भी मांग की।

जर्मनी ने ये बताई इस्राइल को समर्थन देने की वजह
तानिया वो उसलार ने कहा कि जर्मनी, इस्राइल और फलस्तीनी लोगों दोनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। जर्मनी की प्राथमिकता इस्राइल के प्रति इसलिए हैं क्योंकि यहूदियों पर खत्म करने का नाजियों का इतिहास है। जर्मनी के अटॉर्नी क्रिश्चियन ताम्स ने कहा कि 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हुए हमले के बाद से जर्मनी द्वारा जो हथियार भेजे गए हैं, उनमें 98 प्रतिशत सिर्फ हेलमेट, दूरबीन और बुलेटप्रूफ जैकेट ही हैं।

ताम्स ने कहा कि जर्मनी को हथियारों की जो चार खेप भेजी गई हैं, उनमें से तीन खेप सिर्फ ट्रेनिंग के उद्देश्य वाले हथियारों की भेजी गई है न कि संघर्ष में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की। इस्राइल और हमास की लड़ाई को छह महीने का समय बीत चुका है। कई विरोध प्रदर्शनों, कोर्ट में दर्ज मामलों में और सामाजिक समूहों द्वारा दावा किया गया है कि इस्राइल कई फलस्तीनी लोगों की हत्याएं कर रहा है और इसमें जर्मनी और पश्चिमी देश उसकी मदद कर रहे हैं।

आईडीएफ ने अब तक मारे 13 हजार से ज्यादा हमास लड़ाके
वहीं इस्राइल डिफेंस फोर्सेस ने लड़ाई को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिनमें इस्राइली सेना ने दावा किया है कि अब तक लड़ाई में 13 हजार और अन्य आतंकी समूहों से ज्यादा हमास लड़ाके मारे जा चुके हैं। साथ ही इस्राइल में 7 अक्तूबर के हमले के दौरान करीब एक हजार आतंकी मारे गए थे, जब हमास के आतंकियों ने इस्राइल में 1200 नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस्राइली सेना के आंकड़ों के अनुसार, वेस्ट बैंक में 3700 फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 1600 हमास से संबंधित हैं।

ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए तो बाइडन से लेंगे बदला! संघीय जांच एजेंसियां जो के खिलाफ कर सकती हैं कार्रवाई

अमेरिकी मीडिया के हवाले से कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप अगर आगामी चुनाव में राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो इससे जो बाइडन की परेशानियां बढ़ सकती हैं। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप, जो बाइडन और उनके परिवार के खिलाफ चल रही संघीय जांच पर फोकस कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप की प्रचार टीम के एक करीबी ने बताया कि जो भी बाइडन सरकार कर रही है, वही ट्रंप भी कर सकते हैं।

ट्रंप के खिलाफ 44 मामलों में चल रही है संघीय जांच
डोनाल्ड ट्रंप के एक अन्य करीबी ने बताया कि जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संघीय एजेंसियां जांच कर रही हैं, उसने एक मिसाल कायम कर दी है कि बाइडन को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उनका कहना है कि बाइडन ने जो किया है, वही उन्हें मिलेगा। डोनाल्ड ट्रंप अभी संघीय अपराध के 44 मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें से 40 मामले गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित हैं और चार मामले 2020 के चुनाव में कथित धांधली से जुड़े हैं। हालांकि तमाम आरोपों के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप आगामी चुनाव में राष्ट्रपति पद के तगड़े दावेदार हैं और जो बाइडन के साथ उनकी कांटे की टक्कर की उम्मीद की जा रही है।

जो बाइडन के खिलाफ चल रहे मामलों पर फोकस करेंगे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप अगर राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह अपने खिलाफ लगे संघीय आरोपों को खारिज कर सकते हैं, लेकिन राज्यों की तरफ से लगे आरोप, खासकर न्यूयॉर्क में उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। न्यूयॉर्क की अपीलीय अदालत में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ नागरिक मामलों जैसे टैक्स में धोखाधड़ी, मानहानि और दुष्कर्म जैसे मामलों की सुनवाई हो रही है। वहीं जो बाइडन भी गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित मामलों को लेकर आरोपी हैं, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप, राष्ट्रपति चुने जाने के बाद जो बाइडन के खिलाफ चल रहे मामलों में तेजी ला सकते हैं।

दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनावों के लिए मतदान; 254 सीटों पर लोग डाल रहे वोट, 46 पर ऐसे होगा फैसला

आज दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनावों में मतदान चल रहा है। सुबह छह बजे से वोटिंग जारी है। बता दें, इस चुनाव के नतीजों से यह तय हो जाएगा कि राष्ट्रपति यूं सुक येओल अपने शेष तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान विधायी समर्थन के साथ अपने एजेंडे को आगे बढ़ा पाएंगे या नहीं।

सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, देश भर में 14,259 मतदान केंद्रों पर सुबह छह बजे (स्थानीय समयानुसार) मतदान शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा। पिछले सप्ताह हुए शुरुआती मतदान के बाद, तीन करोड़ से अधिक लोग अपना मतपत्र डालने के योग्य हैं।

इतनी सीटों पर मतदान
गौरतलब है दक्षिण कोरिया के लोग तय करेंगे कि 300 सीटों वाली सदस्यीय संसद में कौन बैठेगा, जिसमें 254 सदस्य सीधे वोटों के माध्यम से चुने जाएंगे और अन्य 46 पार्टी समर्थन के अनुसार आवंटित किए जाएंगे। यहां दो मुख्य दल – राष्ट्रपति यूं सुक येओल की पीपुल पावर पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी – के पास 300 सदस्यीय संसद में 270 सीटें हैं। लेकिन दोनों पार्टियां आंतरिक संघर्षों और राजनीतिक विवादों से जूझ रही हैं, जिससे नई, अलग हुई पार्टियों को लाभ मिलने की संभावना बढ़ रही है। परिणाम बहुदलीय विधायिका हो सकता है।

सुबह नौ बजे तक 6.9 फीसदी वोट डले
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, सुबह नौ बजे तक कुल मतदाताओं में से करीब 30 लाख यानी 6.9 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो चार साल पहले हुए चुनाव के मुकाबले 1.1 फीसदी कम था।

अमेरिकी सांसद ने भारतीय PM की तारीफों के बांधे पुल, कहा- भारत का चेहरा बन गए हैं प्रधानमंत्री मोदी

देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बनी हुई है। अब अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने भारत के पीएम की बढ़ाई की है। उन्होंने विकास कार्यों और 2014 से देश की आर्थिक प्रगति के लिए पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि वह भारत का चेहरा बन गए हैं।

भारत- अमेरिका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा
अमेरिकी सदन में भारत के सबसे अच्छे दोस्तों में से एक माने जाने वाले ब्रैड शेरमैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा है। हालांकि, रूस के साथ भारत के रक्षा संबंध भारत-अमेरिका संबंधों में एक चुनौती है।

हर देश की अपनी चुनौतियां होती हैं
उन्होंने मंगलवार को कहा, ‘वह (मोदी) भारत का चेहरा बन गए हैं। हम आर्थिक विकास होते देखा है। बेशक, हर देश की अपनी चुनौतियां होती हैं, हर नेता की अपनी चुनौतियां होती हैं। मैं किसी देश की सफलता का श्रेय सिर्फ एक नेता को नहीं देता। मेरा मतलब है कि आपके पास 1.3 अरब से अधिक लोग हैं और वे सभी भारत को और अधिक सफल देश बनाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’

28 सालों से शेरमैन कर रहे काम
69 वर्षीय ब्रैड शेरमैन हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में वरिष्ठ डेमोक्रेट हैं। वह पिछले 28 वर्षों से भारत-अमेरिका संबंधों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका-भारत संबंध काफी मजबूत हुए हैं। मैं यह जानता हूं क्योंकि मैं यहां यूएस इंडिया कॉकस का पूर्व अध्यक्ष रहा हूं। हमने इसे सभी द्विदलीय कॉकस में सबसे बड़ा बनाया। हमने बहुत कुछ देखा है, विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में सैन्य खुफिया जानकारी साझा करने और सबसे बड़े संयुक्त अभियान और अभ्यास में। वहीं हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र और शांतिपूर्ण रखने पर काम किया है।’

सेना प्रमुख ने ईद से पहले दिखाई दरियादिली, नौ मई को हुई हिंसा में गिरफ्तार 20 लोगों को किया रिहा

बीते साल नौ मई को हुई हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन लोगों को सैन्य अदालतों ने सजा दी थी। हालांकि अब ईद को देखते हुए कम से कम 20 लोगों को रिहा कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा माफ किए जाने के बाद इन लोगों को छोड़ा गया है।

इंट्रा-कोर्ट अपील (आईसीए) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी। छह सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति सयैद हजहर हसन रिजवी, न्यायमूर्ति शाहीद वाहिद, न्यायमूर्ति मुसरत हिलाली और न्यायमूर्ति इरफान सादत खान शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को इन कैदियों को रिहा किया है।

28 मार्च को दिया था आदेश
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान को गिरफ्तार करने के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में कथित शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया था। अब 103 नागरिकों से जुड़े मुकदमे में नया फैसला आया है। 28 मार्च को हुई पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने सैन्य अधिकारियों को सशर्त रूप से संदिग्धों के फैसले की घोषणा करने की अनुमति दी थी, जिन्हें ईद त्योहार से पहले रिहा किया जा सकता था।

इसलिए किया रिहा
अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके 28 मार्च के निर्देशों के अनुपालन में, सैन्य अदालतों को मुकदमे को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि 20 लोगों को एक साल की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से 17 ने साढ़े 10 महीने और तीन व्यक्तियों ने साढ़े नौ महीने की सेवा की थी। चूंकि उनमें से अधिकांश ने लगभग 10 महीने जेल में बिताए थे, इसलिए सेना प्रमुख ने शेष अवधि माफ कर दी थी। इनमें से चार खैबर पख्तूनख्वा के हैं जबकि अन्य 16 पंजाब के हैं। उन्हें छह और सात अप्रैल को अपने-अपने प्रांतों में रिहा कर दिया गया था।

क्या हुआ था नौ मई को?
दरअसल, 9 मई, 2023 को भ्रष्टाचार एक मामले में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में लाखों डॉलर की जमीन हासिल की।