Sunday , November 24 2024

विदेश

पेरिस के अपार्टमेंट में विस्फोट के बाद भीषण आग, अब तक तीन लोगों की मौत; मामले की जांच के लिए टीम गठित

पेरिस में एक आठ मंजिला अपार्टमेंट में विस्फोट के बाद आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। यह विस्फोट रविवार शाम को हुआ। हालांकि, विस्फोट के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।

विस्फोट के कारणों का नहीं चला पता
यह इमारत पेरिस के एरॉन्डिसमेंट में स्थित है। प्राथमिकी जांच के अनुसार, रू डी कैरोन की सातवीं मंजिल पर आग लगने से पहले एक विस्फोट हुआ। 11वें एरॉन्डिसमेंट के डिप्टी मेयर लुक लेबन ने कहा, “पड़ोसियों को समझ नहीं आया कि यह विस्फोट कैसे हुआ, क्योंकि इमारत में गैस है ही नहीं।”

इस मामले की जांच आग या नुकसान पहुंचाने और जान से मारने के पहलु से भी की जा रही है। विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए राजधानी के दूसरे न्यायिक पुलिस जिले के जासूसों को नियुक्त किया गया है। विस्फोट के बाद आसपास के इमारतों में रहने वालों को घरों से बाहर निकाला गया। बाद में वे सुरक्षापूर्वक अपने घरों में वापस लौट आए। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में यह तीसरी बार है, जब फ्रांस की राजधानी में ऐसा विस्फोट हुआ है। इससे पहले 2019 में रू डी ट्रेविस में ऐसा विस्फोट हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। पिछले साल जून में 277 रू सेंट जैक्स में भी धमाका हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी।

‘गलत तथ्यों को रोकेंगे’, ट्रस्ट में हिंदू प्रार्थना न किए जाने के आरोप पर बोलीं इला गांधी

फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट ने फीनिक्स सेटलमेंट में आयोजित एक अंतरधार्मिक बैठक में जानबूझकर हिंदू प्रार्थनाओं को छोड़ दिए जाने के आरोप के बाद महात्मा गांधी की पोती इला गांधी ने कहा कि नफरत, दुश्मनी और हिंसा किसी भी धार्मिक शिक्षा का हिस्सा नहीं है। जो लोग धर्म के नाम पर इन्हें बढ़ावा देते है, वे खुरापाती दिमान के चलते गलत व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आइए विभाजन और नफरत की ताकतों का विरोध करें।

सभी धर्मग्रंथ दयालु इंसान बनाना सिखाती है- इला गांधी
सोशल मीडिया पोस्ट्स के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे सभी विश्वास और हमारे धर्मग्रंथ हमें अच्छे, दयालु और प्रेमपूर्ण इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। घृणा, शत्रुता और हिंसा हमारी आवश्यक धार्मिक शिक्षाओं का हिस्सा नहीं हैं। इस तरह के कदम हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने और गांधीजी और मुझे हिंदू समुदाय से अलग करने का एक प्रयास थे।

हमें इन शरारतों को रोकना होगा- इला गांधी
इला ने साप्ताहिक पोस्ट में एक खुले पत्र के जरिए कहा कि तथ्यों को सार्वजनिक रूप से बताना जरूरी है ताकि जिस शरारत की कोशिश की जा रही, उसे अभी रोका जा सके। इला ने चार हिंदू संगठनों को निमंत्रण का हवाला देते हुए कहा, स्पष्ट करने के लिए, मैंने कई हिंदुओं को व्यक्तिगत रूप से और कई हिंदू आस्था नेताओं को सामूहिक रूप से इस समारोह में हिंदू प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित किया था।

लंदन के पोस्ट ऑफिस में भारतीय मूल के व्यक्ति पर डकैती का आरोप, नकली बंदूक से दिया वारदात को अंजाम

लंदन पोस्ट ऑफिस में भारतीय मूल के व्यक्ति पर डकैती का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि उसने नकली बंदूक की मदद से इस पूरी वारदात को अंजाम दिया।

नकली बंदूक की मदद से डकैती को दिया अंजाम
इस बारे में स्कॉटलैंड यार्ड ने बताया कि पश्चिम लंदन के हाउंस्लो के एक डाकघर में राजविंदर नाम के भारतीय मूल के व्यक्ति ने नकली बंदूक दिखाकर कर्मचारियों को धमकाया और उसके बाद डकैती को अंजाम दिया। इसके बाद एक अप्रैल को उसे उसके घर से गिरफ्तार किया गया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि उसके फ्लाइंग स्क्वॉड के अधिकारियों ने जासूसों की मदद से संदिग्ध की पहचान की।

एक अप्रैल को हुई वारदात
एक अप्रैल की शाम लगभग छह बजे राजविंदर हाउंस्लो के ब्रेबजोन रोड स्थित डाकघर में दाखिल हुआ। पुलिस ने ने बताया कि उसने डकैती से पहले स्टाफ के दो सदस्यों को बंदूक दिखाकर धमकाया। डकैती के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और जासूसों ने काफी छानबीन के बाद संदिग्ध की पहचान की। इसके बाद पुलिस द्वारा राजविंदर की गिरफ्तारी के लिए प्लान तैयार किया गया।

घर से किया गया गिरफ्तार
चार अप्रैल को उसे उसके घर से गिरफ्तार किया गया। बयान में कहा गया है कि राजविंदर को शनिवार छह अप्रैल को उक्सब्रिज मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। उस पर नकली बंदूक की मदद से डकैती करने का आरोप लगाया गया है। फिलहाल राजविंदर अभी पुलिस की हिरासत में है और छह मई को इसे आइलवर्थ क्राउन कोर्ट में पेश किया जाएगा।

डिजिटलाइजेशन को लेकर यूएनजीए अध्यक्ष ने की भारत की तारीफ, कहा- तकनीक और निवेश देखकर हैरान हूं

भारत में तेजी से हो रहे डिजिटलाइजेशन का संयुक्त राष्ट्र सभा भी मुरीद हो गया है। भारत की तारीफ करते हुए संयुक्त राष्ट्र सभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा इससे भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही गरीबी को कम करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को भी इससे देखना चाहिए। मेरा मानना है कि इसे वैश्विक समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है।

भारत में डिजिटलाइजेशन का मुरीद हुआ संयुक्त राष्ट्र महासभा
भारत में डिजिटलाइजेशन का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि जब भी मैं भारत के बारे में सोचना हूं तो मुझे अतुल्य भारत याद आता है। जब मैं वहां था तब मैंने इसे देखा था। मैं उल्लेख कर सकता हूं कि भारत में डिजिटलाइजेशन का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा रहा है। गौरतलब है कि फ्रांसिस इस साल 22-26 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर भारत में थे। इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और जयपुर और मुंबई की यात्रा भी की थी। यात्रा के दौरान उन्होंने सरकारी अधिकारियों समेत लोगों से चर्चा की थी, जिसमें तकनीक और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसा मुद्दा केंद्र में था। जिसके बाद से ही संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष भारत के डिजिटलाइजेशन मॉडल के मुरीद हो गए।

डिजिटलाइजेशन से भारत के लोगों को हुआ फायदा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन महत्वपूर्ण है, यह लागत को कम करता है और अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा कुशल बनाता है, चीजों को सस्ता बनाता है। उन्होंने डिजिटलाइजेशन का उदाहरण दिया जिससे भारतीय महिलाओं और किसानों को देशभर में और दूर-दराज के स्थानों में बातचीत करने, बैंकों से निपटने और अपने घरों, खेतों या क्षेत्रों को छोड़ने के बिना भुगतान करने में मदद मिली।

गाजा में मानवीय मदद के लिए ब्रिटेन ने भेजा नौसैनिक जहाज, समुद्र में रक्षा मिशन के लिए समर्थन का किया एलान

इस्राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूके सरकार ने गाजा में मानवीय मदद के लिए लिए सैन्य और नागरिक समर्थन की घोषणा की है। इसके तहत पूर्वी भूमध्य सागर में एक नौसेना जहाज की तैनाती की जाएगी। ब्रिटेन द्वारा इस बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा गाजा में समुद्री सहायता गलियारा स्थापित करने के लिए सैन्य और नागरिक सहायता के एक पैकेज की घोषणा की जा रही है, जिसमें जीवन रक्षक मिशन में शामिल होने के लिए रॉयल नेवी जहाज की तैनाती भी शामिल है।इस तरह से यूके द्वारा साइप्रस से गाजा तक एक अंतरराष्ट्रीय मानवीय समुद्री गलियारे की स्थापना का समर्थन करेगा। यूके सरकार ने गाजा के लोगों की मदद के लिए लिए 9.7 मिलियन डॉलर के पैकेज का भी एलान किया है।

गाजा की हर संभव मदद करेगा ब्रिटेन
प्रेस विज्ञप्ति में ब्रिटेन सरकार ने कहा कि वह हवा, जमीन और समुद्र के माध्यम से गाजा की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यूके की रॉयल एयर फोर्स ने गाजा के समुद्र तट पर पांच एयरड्रॉप किए हैं, जिससे पानी और राशन समेत 40 टन से अधिक खाद्य आपूर्ति सुरक्षित रूप से पहुंचाई गई। सरकार के अनुसार बंधकों को सुरक्षित घर पहुंचाने का सबसे तेज तरीका स्थायी युद्धविराम है।

गाजा की स्थिति गंभीर है- डेविड कैमरून
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ साझेदारी के तहत गाजा के लिए सबसे बड़ी मदद भेजी गई है। जरूरतमंद परिवारों को 2,000 टन से अधिक खाद्य सहायता वितरित की जा रही है। विदेश सचिव डेविड कैमरून ने गाजा की स्थिति को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि यूके उन लोगों को सहायता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। उनके अनुसार गाजा में स्थिति गंभीर है और वहां अकाल की संभावना है। हम उन लोगों को सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है।

गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए बनेगा मैरीटाइम कॉरिडोर, सुनक बोले- लोगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध

इस्राइल-हमास संघर्ष को छह महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मानवीय विराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया। इतना ही नहीं उन्होंने गलियारा सैन्य और मानवीय सहायता भेजना के लिए सी कॉरीडोर बनाने की बात भी कही है। विदेशी कॉमनवेल्थ और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक नौसैनिक जहाज की तैनाती की घोषणा की और सहायता वितरण के लिए 9.7 मिलियन पाउंड तक की प्रतिबद्धता जताई।

गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए बन रहा है कॉरिडोर
सुनक ने कहा, सात अक्तूबर को हुए आंतकी हमले को छह महीने पूरे हो चुके हैं। यह इस्राइल के इतिहास में सबसे भयावाह हमला है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस हमले में यहूदियों की सबसे ज्यादा मौत हुई है। छह महीने बाद भी इस्राइल का जश्म अभी भी ताजा है। परिवार अभी भी शोक मना रहे हैं और हमास अभी भी कई लोगों को बंधक बनाकर रखे हैं।

उन्होंने आगे कहा, “गाजा में हुमले के छह महीने बाद भी यहां मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गाजा के बच्चों को मानवीय विराम की आवश्यकता है, जिससे लंबे समय से चले आ रहे युद्ध पर विराम लग सके। बंधकों को छुड़ाने और युद्ध पर विराम लगाने का यह सबसे अच्छा उपाय है।”

एफसीडीओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों की सरकारों की मदद से साइप्रस से गाजा तक एक इंटरनेशनल मैरीटाइम कॉरिडोर की स्थापना की जा रही है, जिसकी मई की शुरुआत में चालू होने की उम्मीद है।

अमेरिका, साइप्रस और अन्य देशों के मिलकर काम कर रहा है ब्रिटेन
सुनक ने बताया कि गाजा में स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा, “हम उन लोगों को सहायता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्हें इसकी बहुत जरूरत है। अमेरिका, साइप्रस और अन्य देशों के साथ मिलकर हम सुरक्षित रूप स गाजा में सहायता देने के लिए एक एक अस्थाई तट स्थापित कर रहे हैं।”

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का बड़ा एलान, 13 अप्रैल को सरकार के खिलाफ करेगी प्रदर्शन

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के विरोध में एक बड़ा अभियान छेड़ने वाली है। इसके लिए पीटीआई ने एलान किया है कि वह 13 अप्रैल को बलूचिस्तान में नवगठित विपक्षी दलों के महागठबंधन के साथ मिलकर एक बड़ी जनसभा करेगी।

बड़े स्तर पर जन आंदोलन शुरू करना मकसद
पार्टी की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि इस रैली का उद्देश्य मौजूदा सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर जन आंदोलन शुरू करना है। पीटीआई कोर कमेटी की बैठक में बलूचिस्तान के पिशिन जिले में आगामी 13 अप्रैल की रैली पर चर्चा हुई। इस दौरान फैसला लिया गया कि पीटीआई और सहयोगी पार्टियां संयुक्त रूप से महागठबंधन के मंच से एक जन आंदोलन शुरू करेंगी और पहली बड़ी जनसभा 13 अप्रैल को पिशिन में होगी।

यह पार्टियां होंगी शामिल
बता दें, पीटीआई ने उन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिन्होंने आठ फरवरी के चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई थी। विरोध करने वाली पार्टियां बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएएनपी), पश्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी (पीएकेएमपी), जमात-ए-इस्लामी (जी), मुत्ताहिदा वहदत-उल-मुस्लिमीन (एमओएम) आदि थीं।

अचकजई गठबंधन का नेतृत्व करेंगे
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टियों ने एक समझौता किया है कि पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख महमूद खान अचकजई गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा अचकजई जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी ताकि उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए राजी किया जा सके। जेयूआई के प्रमुख के साथ बैठक के बाद गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

महिला कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा
इसके बाद, पीटीआई कोर कमेटी ने पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं विशेष रूप से आलिया हमजा और सनम जावेद को एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उनकी फिर से गिरफ्तारी और रिमांड की निंदा की। वहीं, बैठक में इमरान खान और उनकी पत्नी सहित सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की गई। समिति ने खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) में सीनेट चुनाव स्थगित करने की भी निंदा की और इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया।

चीन ने सात जहाजों और एक विमान से ताइवान को घेरने की कोशिश की, जानें पूरा मामला

चीन और ताइवान के बीच लगातार तनातनी चल रही है। शुक्रवार और शनिवार सुबह को चीन की सेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर बताया कि चीन की नौसेना के सात युद्धक जहाज पांच से छह मार्च को सुबह करीब छह बजे ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। साथ ही एक विमान भी ताइवान की सीमा के नजदीक देखा गया।

चीन और ताइवान के बीच एक अनौपचारिक सीमा
ताइवान के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि चीन का विमान पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में घुसा। इसके जवाब में उसने चीन की गतिविधि की निगरानी के लिए विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया। बता दें चीन और ताइवान के बीच यह जल संधि एक अनौपचारिक सीमा है।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (MND) ने बताया कि आज सुबह छह बजे ताइवान में एक चीनी सैन्य विमान और सात नौसैनिक जहाजों के घुसने का पता चला था। इतना ही नहीं चीनी विमान वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के पूर्वी हिस्से में दाखिल हुए थे। इसके बाद ताइवान के बलों ने स्थिति पर नजर रखी और गतिविधियों के जवाब में सीएपी विमान, नौसेना के जहाजों और तटीय मिसाइलों प्रणालियों को तैनात किया।

कितनी बार घुसपैठ की कोशिश कर चुकी है चीनी सैना?
अप्रैल में अभी तक ताइवान में 40 बार चीनी सैन्य विमानों और 27 बार नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 से चीन ने ताइवान के आसपास सक्रिय सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि करके ग्रे जोन रणनीति के अपने उपयोग को बढ़ा दिया है। गौरतलब है चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। चीन के दबान के कारण सिर्फ 10 से अधिक देशों ने ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता दी हुई है।

ताइवान में भूकंप के बाद दो भारतीय लापता, एक हजार से अधिक घायल, 70 लोग इमारतों में ही फंसे

ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई और 1000 से ज्यादा घायल हो गए। दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला भी है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने कहा, भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

ताइवान के बाद अब जापान में भूकंप के तेज झटके; 6.3 की तीव्रता से कांपी धरती

ताइवान में मची तबाही के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस दौरान दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।