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विदेश

बाइडन का दावा, जी20 में जिस भी देश के नेता से मिले सभी ने कहा- डोनाल्ड ट्रंप को जीतने नहीं दे सकते

अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इस पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। अब बाइडन ने दावा किया है कि भारत में हुए जी20 समेत कई बैठकों में दुनियाभर के नेताओं ने उनका समर्थन किया है। साथ ही उनसे यह भी कहा कि वह आगामी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को नहीं जीतने दे सकते हैं।

विश्व नेताओं का कहना- उनका लोकतंत्र दांव पर
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति बाइडन ने न्यूयॉर्क में अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि विश्व के नेता हमेशा कहते हैं कि उनका लोकतंत्र दांव पर है। उन्होंने कहा, ‘भारत में जी20 बैठक हो या किसी अन्य देश में हुई बैठक, जब भी दुनिया भर के नेता जुटते हैं तो वो यही कहते हैं कि आप उन्हें (ट्रंप) जीतने नहीं देंगे।’

मैं बढ़ा- चढ़ाकर नहीं बता रहा
उन्होंने कहा, ‘आपको लग रहा होगा कि मैं बढ़ा- चढ़ाकर बता रहा हूं, पर ऐसा नहीं है। मैं बिना नाम लिए पत्रकारों को बता सकता हूं कि करीब सभी देशों के नेता मुझसे यह बात कह चुके हैं। दुनिया भर से आए नेता मुझसे हाथ मिलाते हुए कहते हैं कि देश का लोकतंत्र दांव पर है।’

अमेरिका के साथ क्या हो रहा है
राष्ट्रपति बाइडन ने ट्रंप के उस अपने बयान पर भी प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया है कि वह रूस को उन देशों के साथ जो कुछ भी करना चाहता है उसे करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत खर्च नहीं करते हैं। बाइडन ने कहा, ‘बस आप देखो कि उन्होंने क्या किया है। बाकी दुनिया सोच रही है कि अमेरिका के साथ क्या हो रहा है। हालांकि वह राहत महसूस कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि मैं बहुत खास हूं, बल्कि इसलिए कि मैं ट्रंप नहीं हूं। मैं गंभीर हूं। काश ऐसा इसलिए ही होता क्योंकि उन्हें लगता कि बाइडन इतने गंभीर व्यक्ति हैं।’

CDF के तहत पहले भारतीय मूल के किशोर का हुआ कैंसर का इलाज, युवान बोला- CAR-T थेरेपी ने बदल दी किस्मत

ब्रिटेन की राज्य वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा द्वारा स्थापित कैंसर ड्रग्स फंड की बदौलत मिले उपचार के बाद कैंसर से पीड़ित भारतीय मूल के किशोर युवान ठक्कर ने कहा कि अब वह उन चीजों का आनंद ले पा रहे हैं, जो उन्हें पसंद है। गौरतलब है कि इस व्यवस्था से हजारों रोगियों के लिए नवीन उपचारों को सुलभ बनाना।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने इस सप्ताह के अंत में कैंसर ड्रग्स फंड (सीडीएफ) की मदद से नवीनतम और सबसे नवीन उपचारों तक शीघ्र पहुंच से 100,000 रोगियों को लाभान्वित करने का एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इसके तहत इलाज करा चुके युवान ठक्कर ने कहा कि सीएआर टी थेरेपी मिलने के बाद से मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय मूल के किशोर ने लंदन में ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल (जीओएसएच) को अविश्वसनीय देखभाल के लिए धन्यवाद दिया।

कैंसर के कारण मैं खेल नहीं पाता था- ठक्कर
युवान ठक्कर ने कहा कि मुझे याद है इस बीमारी के लिए मुझे कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े, जिसके कारण मैं स्कूल भी नहीं जा पाता था। हालांकि इस थेरेपी ने मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है। जिसके बाद से मेरा जीवन पूरी तरह से बदल दिया है। अब मैं दोस्तों से मिल सकता हूं, उनके साथ खेल सकता हूं और मैं अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर जा सकता हूं। पहले इस सब की कल्पना करना मेरे लिए बेहद कठिन था।

परिवार को जीवन में दूसरा मौका मिला- सपना
युवान की मां सपना ने अपने बच्चे के सफल इलाज पर कहा कि इलाज की सफलता के बाद परिवार को जीवन में दूसरा मौका मिला है। कैंसर ड्रग्स फंड (सीडीएफ) के माध्यम से उपलब्ध फास्ट-ट्रैक पहुंच के बिना सपना ने कहा कि उनके बेटे के लिए जीवन रक्षक उपचार प्राप्त करने का कोई अन्य तरीका नहीं हो सकता है।

एडे शहर की इमारत में कई लोगों को बनाया गया बंधक, डच पुलिस ने आसपास के घरों को कराया खाली

नीदरलैंड के एक शहर के हिस्सों को पुलिस ने पूरी तरह से घेर लिया है। पुलिस ने मुताबिक, एक इमारत में शनिवार को कई लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है। पुलिस प्रवक्ता साइमन क्लोक ने बताया कि एडे शहर में लोगों को बंधक बनाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने घटना के बारे में अधिक जानकारी देने या यह बताने से इनकार कर दिया कि इसमें कितने लोग शामिल थे।

पुलिस ने अभी फिलहाल आतंकवादी मकसद के कोई संकेत नहीं दिए हैं। इससे पहले, अधिकारियों ने एक केंद्रीय चौराहे के पास 150 घरों को खाली करा लिया था। एम्स्टर्डम से 85 किलोमीटर (53 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित एडे में घटनास्थल की तस्वीरों में पुलिस और अग्निशमन कर्मियों को एक घिरे हुए क्षेत्र में सड़कों पर दिखाया गया है। नगर पालिका ने कहा कि एडे के सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी।

निक्की के समर्थकों को लामबंद करने में जुटे बाइडन, एड लॉन्च कर ट्रंप पर साधा निशाना

अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इस पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। इस बीच, जो बाइडन ने एक चुनावी ऐड वीडियो लॉन्च किया है। इसके जरिए भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली के समर्थकों को टारगेट किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडन के चुनाव अभियान में लगे वरिष्ठ सदस्यों ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में राष्ट्रीय वित्त समिति की बैठक के दौरान ये ऐड वीडियो लॉन्च किया। इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया गया है। इस ऐड में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार की क्लिप्स को शामिल किया गया है। इसमें ट्रंप 52 वर्षीय हेली को बदनाम कर रहे हैं और पत्रकारों से कह रहे हैं कि उन्हें जीतने के लिए निक्की हेली समर्थकों की जरूरत नहीं है।

इस ऐड में ट्रंप को यह कहते हुए दिखाया जा रहा है कि अगर आपने निक्की हेली को वोट दिया है, तो डोनाल्ड ट्रंप आपका वोट नहीं चाहते। अमेरिका को बचाएं। हमसे जुड़ें। बाइडन के चुनाव प्रचार में लगे लोगों ने बताया कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर ऐड के लिए एक मिलियन अमेरिकी डालर से अधिक खर्च किए दा रहा है। ये अभियान तीन सप्ताह तक चलेगा। ये नया ऐड वीडियो मेटा, यूट्यूब, कनेक्टेड टीवी और ऑनलाइन वीडियो सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलेगा।

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव अभियान से निक्की हेली के बाहर होने के बाद से जो बाइडन ने उन्हें अपने समर्थन में आने के लिए प्रस्ताव दिया है। बाइडन ने उन्हें लेकर कहा था कि निक्की हेली ट्रम्प के बारे में सच बोलने को तैयार थीं। डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट कर दिया कि वह निक्की हेली के समर्थकों को नहीं चाहते। लेकिन मैं यह कह रहा हूं कि वे मेरे चुनाव अभियान में शामिल हो सकती हैं। मेरे पास उनके लिए जगह है।

जहाज के ब्लैक बॉक्स में मिला ऑडियो, हादसे से पहले मच गया था हड़कंप, पायलट ने दी थी यह चेतावनी

मंगलवार की रात लगभग 1.27 बजे 984 फुट लंबा मालवाहक जहाज डाली फ्रांसिस स्कॉट की पुल से जा टकराया। करीब तीन किलोमीटर लंबा यह पुल कुछ ही सेकंड में पेटाप्सको नदी में समा गया था। पुल के टूट जाने से ब्लाटिमोर बंदरगाह से कई देशों का कनेक्शन कट गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पुल के पुनर्निर्माण में करीब दो साल का समय लग सकता है। अनुमान यह भी है कि इसे फिर से तैयार करने में 350 मिलियन डॉलर की लागत लग सकती है। इस हादसे की जांच कर रही टीम को एक महत्वपूर्ण चीज हाथ लगी है। टीम के जांचकर्ता मार्सेल मुइज का कहना है कि तटरक्षक बल ने मंगलवार को ब्लैक बॉक्स के वीडीआर से ऑडियो बरामद किया है। इस ऑडियो को एनटीएसबी अधिकारियों को सौंपा गया।

ब्लैक बॉक्स से निकली पल पल की अपडेट

  • 00:30 बजे: डाली को दो बड़ी नावों की सहायता से बंदरगाह से रवाना किया गया। जहाज में भारत के 21 चालक दल के सदस्य थे और सभी श्रीलंका की लंबी यात्रा पर जा रहे थे।
  • 01:07 बजे: जहाज फोर्ट मैकहेनरी चैनल में प्रवेश कर चुका था।
  • 01:24 बजे: डाली फोर्ट मैकहेनरी चैनल के भीतर लगभग नौ मील प्रति घंटे की रफ्तार से 141 डिग्री की वास्तविक दिशा में नेविगेट कर रही थी।
  • 01:26:02 बजे: वीडीआर ने जहाज के सिस्टम डेटा को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।
  • 01:26:39 बजे: जहाज के पायलट ने एक रेडियो कॉल प्रसारित किया, जिसमें डाली के पास टग्स से सहायता मांगी गई।
  • 01:27:04 बजे: पायलट ने डाली को पोर्ट एंकर छोड़ने का निर्देश दिया और आगे स्टीयरिंग कमांड जारी किए।
  • 01:27:25 बजे: पायलट ने वीएचएफ रेडियो पर बताया कि डाली पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुकी है और फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज की तरफ जा रही है।
  • 1:29:33 बजे: वीडीआर ऑडियो रिकॉर्ड में डाली के पुल के साथ टकराने की ध्वनियां सुनाई दीं। लगभग इसी समय, एक एमडीटीए डैश कैमरा पुल की लाइटें बुझते हुए दिखाता है।

अमेरिका ने 27 वर्षों के बाद उठाया बड़ा कदम, नस्ल और नस्ल आधारित वर्गीकरण के तरीके बदले

अमेरिका में 27 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब अमेरिकी सरकार नस्ल और नस्ल के आधार पर लोगों के वर्गीकरण के तरीके को बदल रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव से सटीक जनगणना में मदद मिलेगी। अमेरिका के प्रबंधन और बजट कार्यालय द्वारा गुरुवार को नस्ल और जातीयता के लिए न्यूनतम श्रेणियों में संशोधन की घोषणा की गई है। यह प्रयास अमेरिका के लोगों को एक समान दर्जा देने की दिशा में उठाया गया कदम है। इस नियम के संशोधित होने से सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा इसका मकसद यह है कि अलग अलग समाजों में रह रहे लोग संघीय सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में खुद को देख सकें। इसके लिए एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें डेटा इक्विटी की वरिष्ठ निदेशक मीता आनंद ने बताया कि इससे लोग भावनात्मक रूप से प्रभावित होंगे और इस तरह हम खुद को एक समाज के रूप में देख पाएंगे।

नियमों में क्या संशोधन हुआ?

  • चलिए आपको बताते हैं कि नस्ल और नस्ल के आधार पर लोगों को वर्गीकृत करने के नियमों में आखिर क्या संशोधन हुए हैं।
  • पहले नस्ल और जाति के सवाल फॉर्म से अलग से पूछे जाते थे। अब इन सभी सवालों को एक ही फॉर्म में जोड़ दिया गया है।
  • अब लोगों से अपनी नस्ल या जाति के बारे में बताने के लिए एक ही सवाल पूछा जाएगा। लोग विकल्प की मदद से सवाल का उत्तर दे सकेंगे। जैसे ब्लैक, अमेरिकन इंडियन, हिस्पैनिक, मध्य पूर्वी या उत्तरी अफ्रीकन।

इसकी जरूरत आखिर क्यों पड़ी?
ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में एक शोध हुआ था, जिससे पता चला था कि बड़ी संख्या में हिस्पैनिक लोग यह नहीं समझ पाते कि नस्ल के सवाल का जवाब क्या दें। दरअसल अब तक उनसे यह सवाल अलग से पूछा जाता था। इसलिए या तो वह लोग इसका उत्तर ही नहीं देते थे या ‘कोई अन्य जाति’ का विकल्प चुन लेते थे। अब नए विकल्पों में मध्य पूर्वी और उत्तर अफ्रीकी भी जोड़े जाएंगे। साफ है कि सभी लोगों के पास खुद को पहचानने का विकल्प होगा। ऐसे में जनगणना और भी ज्यादा सटीक हो जाएगी।

हादसों में खैबर पख्तूनख्वा और कुर्रम में 12 लोगों की मौत, जानिए कैसे हुईं दिल दहलाने वाली दुर्घटनाएं

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई। एक अन्य हादसा कोयला खदान में हुआ। पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो अलग-अलग हादसों मे कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। बुनेर जिले में कथित तौर पर ब्रेक फेल होने के कारण पिकअप ट्रक पहाड़ी रास्तों से गुजरने के दौरान सड़क से फिसलकर नीचे जा गिरा। इस हादसे में पांच महिलाओं और दो बच्चों समेत एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई।

एक ही परिवार के लोगों की मौत; हादसे के बाद पसरा मातम
पुलिस के मुताबिक पहाड़ी इलाके में तीव्र मोड़ पर ब्रेक फेल होने के बाद वाहन चालक ने कथित तौर पर नियंत्रण खो दिया। बेहाबू वाहन हादसे का शिकार हो गया और आठ लोगों की मौत हो गई। बचाव दल ने स्थानीय लोगों की मदद से शवों को बाहर निकाला। एक अन्य हादसा आदिवासी कुर्रम जिले की कोयला खदान में हुआ। खदान अचानक धंस जाने से एक ही परिवार के चार खनिकों की मौत हो गई।

खदान हादसे में मरने वाले कोयला खनिक स्वात जिले के निवासी
हादसे के बाद बचाव दल और स्थानीय लोगों ने शवों को खदान से बाहर निकाला और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतक कोयला खनिक स्वात जिले के रहने वाले हैं। मृतकों में पिता-पुत्र और दो भाई शामिल हैं।

बाल्टीमोर ब्रिज ढहने से अमेरिकी अधिकारियों को सताई आर्थिक चिंता, विशेषज्ञ बोले- मामूली होंगे असर

अमेरिका में बाल्टीमोर में हाल ही में हुए एक जहाज के पुल से टकराने और उसके बाद पुल के ढह जाने की घटना का कई सेक्टर पर भारी असर पड़ रहा है। ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों को आर्थिक चिंता सताने लगी है। हालांकि, विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इसका असर मामूली और स्थानीय हो सकता है।

यह है मामला
दरअसल, 2.57 किलोमीटर लंबा फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज मंगलवार को तब धराशायी हो गया, जब एक 10,000 कंटेनरों की क्षमता वाला 290 मीटर लंबा मालवाहक जहाज उससे टकरा गया था। पुल पर कई गाड़ियां भी पटाप्सको नदी में गिर गईं और कई लोगों के अभी भी लापता होने की खबर है। वहीं, बाल्टीमोर का बंदरगाह वाहन शिपमेंट के लिए अमेरिका का सबसे व्यस्त बंदरगाह है। 2023 में यहां से कम से कम 7.5 लाख वाहनों को भेजा गया था। बंदरगाह को अब अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। क्योंकि यहां बचाव कार्यों और जांच को शुरू किया गया है। इसका असर कई क्षेत्रों पर पड़ रहा है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर परेशान
अमेरिकी परिवहन मंत्री पीट बटिगीग ने बुधवार को कहा कि हम पुल के ढह जाने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर परेशान हैं। करीब आठ हजार नौकरियां सीधे बंदरगाह गतिविधियों से जुड़ी हैं। उन्होंने बाल्टीमोर बंदरगाह को आयात और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘यह अमेरिका का सबसे बड़ा वाहन शिपमेंट बंदरगाह है। इसलिए इसका बाहरी क्षेत्रों पर भी असर पड़ सकता है, इसे लेकर हम चिंतित हैं।’

शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों का रिकॉर्ड रखने के लिए भारत ने लॉन्च किया डेटाबेस, GoF की बैठक में हुआ एलान

भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को रिकॉर्ड करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में काम करने के लिए एक नया डेटाबेस लॉन्च किया है। भारत की यूएन दूत रुचिरा कंबोज ने इसकी जानकारी दी है। डेटाबेस की लॉन्च की घोषणा मंगलवार को भारत के नेतृत्व वाले ‘ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स’ (जीओएफ) के बीच उच्च स्तरीय बैठक में हुई।

भारत ने लॉन्च किया डेटाबेस
रुचिरा कंबोज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “यूएन के शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को रिकॉर्ड करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में काम करने के लिए एक नया डेटाबेस लॉन्च करके खुशी हो रही है।”

डेटाबेस को ऑनलाइन भंडार के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत द्वारा प्रायोजित इस डेटाबेस को यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया गया है। इस बैठक में रुचिरा कंबोज ने पिछले वर्ष जीओएफ की प्रगति पर प्रकाश डाला। जीओएफ की स्थापना 2022 में हुई थी। इसे भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र परिषद की अध्यक्षता के दौरान ब्लू हेलमेट्स के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेह को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था। भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरोक्को और नेपाल जीओएफ के सह अध्यक्ष हैं। इसमें 40 अन्य देश भी शामिल हैं।

भारत-चीन सीमा विवाद पर बीजिंग में हुई बैठक, राजनयिक-सैन्य चैनलों के माध्यम से शांति बनाने पर जताई सहमति

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच दोनों देशों ने इस मामले को सुलझाने के लिए बीजिंग में एक बैठक की। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा विवादों को लेकर बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग में एक बैठक आयोजित की गई।

भारत-चीन सीमा मामले पर बीजिंग में हुई बैठक
इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने की। उन्होंने बीजिंग में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। दूसरी ओर से चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधि के बीच भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्रों में वास्वविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर जारी विवाद पर चर्चा की गई।

बैठक के बाद दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमित जताई है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क बनाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच पिछले साल नवंब में बैठक हुई थी।

अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा: मंत्रालय
हाल ही में चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था। इससे पहले भी चीन कई बार अरुणाचल प्रदेश पर दावा कर चुका है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने चीन के इन निराधार दावों को खारिज करते हुए कहा कि अरुणाचल उत्तरपूर्वी राज्य होने के साथ भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि अरुणाचल के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रम और परियोजनाओं का लाभ मिलता रहेगा।