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विदेश

नेपाल में टूटा सत्तारूढ़ गठबंधन, फिर भी दहल बने रहेंगे प्रधानमंत्री; आज नई सरकार लेगी शपथ

नेपाल में सियासी उथल-पुथल जारी है। देश के सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच काफी समय से दरार देखी जा रही थी। आखिरकार अब यह गठबंधन टूट गया। पूर्व वित्त मंत्री सुरेंद्र पांडे ने बताया कि देश में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) और शेख बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन टूट गया है और प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल के नेतृत्व में नई गठबंधन सरकार सोमवार को शपथ लेगी।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के उपाध्यक्ष पांडे ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकार आज बदल जाएगी। नया मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। आज कम संख्या में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।’

वाम गठबंधन में जिन चार राजनीतिक दलों का विलय होगा वो हैं-

  • प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर)
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल),
  • राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी
  • जनता समाजवादी पार्टी

 

आर्थिक संकट के बीच शहबाज शरीफ ने दूसरी बार संभाली देश की बागडोर, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। साल 2022 के बाद उन्होंने दूसरी बार देश की बागडोर संभाली है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ऐवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।

इस समारोह में तीनों सेनाओं के प्रमुखों, वरिष्ठ अधिकारियों, राजनयिकों, प्रमुख उद्योगपतियों, नागरिक समाज और मीडिया संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर भी इस मौके पर मौजूद थे। समारोह का शुभारंभ पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुआ। जिसके बाद शहबाज शरीफ का शपथ ग्रहण हुआ।

समारोह में नवाज और मरियम रहे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। शहबाज शरीफ इससे पहले अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री थे।

अल्वी ने शपथ दिलाने से किया था इनकार
राष्ट्रपति अल्वी ने 2022 में शहबाज शरीफ को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था। तब सीनेट के अध्यक्ष के सादिक संजरानी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई थी। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान की सरकार को गिराने के बाद शहबाज पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। राष्ट्रपति बनने से पहले अल्वी इमरान की पीटीआई पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं।

चीन में संबंध सामान्य बनाने की कवायद, LAC विवाद पर भी बयान; बीआरआई से व्यापार बढ़ने का दावा

चीन ने दक्षिण चीन सागर और भारत के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा मुद्दे पर तनाव कम करने का प्रयास किया है। अपने एशियाई पड़ोसियों से संबंधों में बढ़ती तल्खी को कम करने का प्रयास करते हुए चीन ने सोमवार को कहा, बीआरआई जैसी पहल गति पकड़ रही है। चीन की दावा है कि बीआरआई की मदद से देशों के क्षेत्रीय व्यापार में तेजी आ रही है। चीनी संसद- नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लोउ किनजियान के मुताबिक उन्होंने अपनी पूरे राजनीतिक जीवन में पड़ोसी देशों को उच्च प्राथमिकता दी है।

बीआरआई राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा पहल
एशियाई पड़ोसियों के साथ चीन के तनाव पर किनजियान ने कहा, बीजिंग दक्षिण की तरफ रूख कर रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर विवाद ‘खतरनाक फ्लैश प्वाइंट’ के साथ-साथ क्षेत्र में ‘अनसुलझे मुद्दे’ की तरह बन चुका है। उन्होंने कहा कि मध्य एशिया के लगभग सभी देश चीन के साथ साझा भविष्य वाला समुदाय बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बीआरआई को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा पहल करार दिया।

समुद्री अधिकारों और हितों की रक्षा पर स्पष्ट बयान
दक्षिण चीन सागर का जिक्र करते हुए किनजियान ने कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों की रक्षा करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से जुड़े सभी देशों के साथ बातचीत और परामर्श से चीन पीछे नहीं हटने वाला। साउथ चाइना सी में शांति और सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

‘पर्यटन क्षेत्र में हो रहा सुधार, जनवरी में हुई वृद्धि’; श्रीलंकाई वित्त राज्यमंत्री ने कही यह बात

श्रीलंका के वित्त राज्य मंत्री रंजीथ सियाम्बलपतिया ने दावा किया कि पर्यटन क्षेत्र में जनवरी 2024 में पिछले साल की तुलना में 122 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रविवार को उन्होंने कहा कि देश के बाहरी क्षेत्र के प्रदर्शन में साल दल साल उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। जनवरी 2024 में पर्यटन से 342 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आय हुई।

जनवरी 2024 में 122 प्रतिशत की वृद्धि- सियाम्बलपतिया
रुवानवेला क्षेत्र में वित्त राज्य मंत्री रंजीथ सियाम्बलपतिया सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के मध्य सप्ताह में जारी किए गए बाहरी क्षेत्र के संकेतकों पर चर्चा कर रहे थे। सियाम्बलपतिया ने कहा कि बैंक के आंकड़े बताते हैं कि पर्यटन से प्राप्तियों से 342 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए, जो कि साल दर साल जनवरी 2024 में 122 प्रतिशत की वृद्धि है।

रेमिटेन्स में भी हुई बढ़ोतरी- सियाम्बलपतिया
जनवरी 2024 में श्रीलंकाई प्रवासियों द्वारा भेजा गया रेमिटेन्स जनवरी 2023 में 467 मिलियन अमेरिकी डॉलर से पांच प्रतिशत बढ़कर 488 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई थी। आर्थिक संकट के दौरान भारी गिरावट देखने वाले श्रीलंकाई रुपये में इस साल जनवरी में 14.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। जनवरी 2023 में विदेशी भंडार 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 114 प्रतिशत बढ़कर 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।

प्रधानमंत्री बनने के बाद शहबाज शरीफ ने सहयोगियों का जताया आभार, बोले- विकास की नई गाथा लिखेंगे

पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गठबंधन सरकार में अपने सहयोगियों को उन पर भरोसा करने और उन्हें सदन का नेता चुनने के लिए धन्यवाद दिया है। गौरतलब है कि शहबाज शरीफ पाकिस्ताना के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि मेरे बड़े भाई तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं, उनके कार्यकाल में विकास कार्य किए गए थे। लेकिन नई गठबंधन सरकार में अब हम विकास की नई गाथा लिखेंगे।

PPP के समर्थन से बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सर्वसम्मत उम्मीदवार शहबाज को 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट मिले। शहबाज के प्रतिद्वंद्वी जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उमर अयूब खान को 92 वोट मिले। उन्होंने कहा कि इस संसद में ऐसे प्रतिभाशाली लोग बैठे हैं, जो पाकिस्तान की नैया को किनारे लगा सकते हैं

देश के विकास के लिए हम एकजुट हुए- शहबाज
शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौती और अवसर है। उन्होंने कहा कि अगर हम एक साथ आते हैं और पाकिस्तान के भाग्य को बदलने का फैसला करते हैं, तो ईश्वर की इच्छा से हम इन चुनौतियों को हरा देंगे और पाकिस्तान को उसकी सही स्थिति में ले जाएंगे। पीएमएल-एन ने दोनों नेताओं की तस्वीर के साथ एक्स पर एक पोस्ट में कहा, विकास के अच्छे पुराने दिनों में वापस आ गए, आगे। नवाज का विजन, शहबाज का मिशन।

इमरान समर्थित SIC ने राष्ट्रपति पद के लिए इस शख्स को मैदान में उतारा, जरदारी से होगा मुकाबला

इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) ने शनिवार को राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। वह पश्तून ख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के प्रमुख महमूद खान अचकजई को चुनावी मैदान में उतारेंगे। हालांकि, 75 साल के अचकजई पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता आसिफ अली जरदारी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

68 साल के जरदारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और केंद्र में सरकार बनाने जा रहे गठबंधन के अन्य राजनीतिक दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं।

इमरान खान ने अपने सांसदों से वोट देने का किया आग्रह
रिपोर्ट के अनुसार, पश्तून ख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख अचकजई ने बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला-सह-चमन में एनए -266 निर्वाचन क्षेत्र से नेशनल असेंबली सीट जीती है। राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार अचकजई के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपनी पार्टी के सांसदों से मतदान करने का आग्रह किया है।

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को IMF की सिफारिशें, राजस्व प्राप्त करने के लिए कर बढ़ाने की दी राय

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अतिरिक्त राजस्व हासिल करने के लिए कई सिफारिशें की है। शनिवार को आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार को कर बढ़ाने, कर स्लैब कम करने और पेंशनभोगियों को निजी नियोक्ताओं के योगदान पर कर छूट खत्म करने जैसे कई कदम उठाने की सिफारिश की है।

अगर मानी गई सिफारिश तो पाकिस्तान को होगा लाभ- IMF
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया है कि अगर व्यक्तिगत आयकर पर सिफारिशों को पूरी तरह से लागू किया गया, तो इससे सकल घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है, जो वार्षिक आधार पर पाकिस्तानी 500 अरब रुपये के बराबर है।

सिफारिश में कर स्लैब कम करने की सिफारिश
रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) को आईएमएफ की सिफारिशें स्वीकार किए जाने पर वेतनभोगी और गैर वेतनभोगी वर्गों के लिए कर का बोझ दोगुना हो जाएगा। एफबीआर ने चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों (जुलाई-फरवरी) में अब तक वेतनभोगी वर्ग से 215 अरब पाकिस्तानी रुपये इकट्ठा किए हैं।

पीपीपी के सरफराज बुगती बने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री, बोले- विकास के लिए विपक्ष को भी लाएंगे साथ

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार सरफराज बुगती को शनिवार को बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया। बुगती गर्वनर हाउस में शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेंगे। गौरतलब है कि उनके पक्ष में 41 वोट पड़े थे। उन्हें बलूचिस्तान के गवर्नर अब्दुल वली काकर नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री को शपथ दिलाएंगे।

पीपीपी के उम्मीदवार को पीएमएल-एन का समर्थन
इसके अलावा, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं ने भी उनका समर्थन किया है, जिनमें नवाब सनाउल्लाह खान जहरी और सरदार सरफराज चकर डोमकी भी शामिल हैं। बता दें सरफराज बुगती ने पिछले साल दिसंबर में कार्यवाहक आंतरिक मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और बिलावल के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए।

सफराज बुगती बोले- पीपीपी बातचीत में विश्वास रखती है
शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र जमा करने के बाद सरफराज बुगती ने कहा कि पीपीपी बातचीत में विश्वास करती है और उसने हमेशा बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान किया है। उन्होंने असंतुष्ट लोगों से मुख्यधारा में शामिल होने और देश के विकास में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

हेली को ट्रंप समर्थकों का झेलना पड़ा विरोध, कहा- आपके पूर्व बॉस का एक और कार्यकाल देश को अराजकता…

अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति का चुनाव होना है। इसके लिए सभी उम्मीदवार बढ़-चढ़कर तैयारियां कर रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। राष्ट्रपति पद की रिपब्लिकन उम्मीदवार निक्की हेली ने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने ट्रंप के चाहने वालों से कहा कि उनके पूर्व बॉस का एक और कार्यकाल देश को अगले चार साल के लिए अराजकता में धकेल देगा।

हेली गुरुवार को वर्जीनिया के रिचमंड और फॉल्स चर्च में आयोजित राजनीतिक रैलियों को संबोधित कर रही थीं।

1,215 डेलीगेट की जरूरत
बता दें, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के लिए ट्रंप और हेली को कम से कम 1,215 डेलीगेट की जरूरत है। पांच राज्यों आयोवा, न्यू हैंपशायर, नेवादा, दक्षिण कैरोलिना और मिशिगन में प्राइमरी चुनाव के बाद ट्रंप के पास 122 डेलीगेट हैं जबकि हेली के पास 24 डेलीगेट हैं। वहीं सर्वेक्षणों की निगरानी करने वाली रियल क्लियर पॉलिटिक्स के अनुसार, रिचमंड और फॉल्स चर्च में उनकी दोनों रैलियों में प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया और कई लोगों ने कहा कि वे 77 वर्षीय ट्रंप के समर्थक हैं।

खुद के सिवा किसी की परवाह नहीं
रैलियों के दौरान हेली ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह अपने सिवा किसी के बारे में परवाह नहीं करते हैं। न उन्हें देश की परवाह है और नहीं यहां के लोगों की। पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन में उठती आवाजों पर उन्होंने कहा कि ट्रंप को राष्ट्रपति के रूप में चुनने का मतलब है कि अमेरिका में चार साल तक अराजकता का माहौल रहेगा।

मैं अपने बच्चों और आपके बच्चों के लिए…
उन्होंने कहा, ‘हर कोई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर मैं यह चुनाव क्यों लड़ रही हूं, तो जवाब यह है कि मैं अपने बच्चों और आपके बच्चों के लिए ऐसा कर रही हूं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर दिया है। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस में एक अकाउंटेंट रखने का समय आ गया है। इस पर वहां मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।

ईरान के लोग आज चुनेंगे अपना राष्ट्रपति, 59 हजार मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू

शिया मुस्लिम बहुल देश ईरान में एक मार्च यानी आज संसदीय चुनाव हो रहे हैं। आज लोग देश के सर्वोच्च नेता यानी राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। 2020 के संसदीय चुनावों के बाद देश काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस चुनाव को लोकतांत्रिक सुधार, पश्चिमी देशों के साथ तकरार और खराब अर्थव्यवस्था की कसौटी पर परखा जा रहा है। आइए, जानते हैं इसका पूरा हाल-

कैसे होते हैं चुनाव?
ईरान में हर चार साल में फ़्रांसीसी चुनाव प्रणाली की तर्ज पर चुनाव होते हैं। पहले दौर के मतदान में अगर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले, तो दूसरे दौर में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के लिए वोट डाले जाते हैं।

कौन मतदान कर सकता है और कब?
मतदाताओं की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। करीब 8.5 करोड़ आबादी वाले देश में 6.12 करोड़ से अधिक लोग मतदान करने के पात्र हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे से वोट डलने शुरू हो जाएंगे और 10 घंटे तक मतदान केंद्र खुला रहेगा। हालांकि, अगर पहले के चुनाव देखे जाए तो अक्सर मतदान करने का समय मांग के अनुसार बढ़ा दिया जाता है।

मतदान केंद्र और सुरक्षा उपाय
देशभर में 59 हजार मतदान केंद्र होंगे। इसमें से तेहरान में पांच हजार और तेहरान के व्यापक प्रांत में 6,800 केंद्र बनाए गए हैं।1,700 मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने सेना के साथ इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और उसके बासिज बलों को निगरानी के लिए तैनात किया है। बताया जा रहा है कि ढाई लाख सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है।