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विदेश

RSP अध्यक्ष Rabi Lamichhane ने चितवन 2 के संसदीय सीट का उप चुनाव लड़ने के लिए दाखिल किया नामांकन

नेपाल में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रवि लामिछाने ने चितवन 2 के संसदीय सीट का उप चुनाव लड़ने के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल किया है। वहां 23 अप्रैल को उप चुनाव होगा।

रवि लामिछाने ने पिछले साल 20 नवंबर, 2022 को हुए संसदीय चुनावों में सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। नेपाल के मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के गृह जिले चितवन से जीत हासिल करने के साथ ही लामिछाने की पार्टी ने चुनाव में 20 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया। आरएसपी नेपाल की प्रतिनिधि सभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।

नेपाल में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष रवि लामिछाने ने चितवन 2 के संसदीय सीट का उप चुनाव लड़ने के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल किया है। वहां 23 अप्रैल को उप चुनाव होगा। नामांकन दाखिल करने के बाद लामिछाने उप चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

भारत के इस पडोसी देश में रमजान के दौरान सूखी रोटी और पानी से रोजा खोल रहे लोग…

रमजान के पवित्र महीने दौरान पाकिस्तान में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।  आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में सैकड़ों परिवारों को सूखी रोटी और पानी से अपना उपवास तोड़ना पड़ रहा है।  पुलिस की लाठी से सैकड़ों लोगों को चोटें आई हैं और पहले से ही परेशान लोगों को गेहूं के आटे के बिना अपने घर वापस आना पड़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आटे के लिए लंबी-लंबी कतारों में भगदड़ मचने से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती महंगाई ने गेहूं के आटे के संकट को और भी दुखद बना दिया है। सस्ता सरकारी आटा पाने के लिए लोग दुकानों के बाहर लाइन लगाते हैं फिर भी घंटों के इंतजार के बाद उन्हें वापस खाली हाथ लौटना पड़ता है।

पाकिस्तान इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान आमतौर पर रमजान के महीने के दौरान राहत पैकेज देता है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी से जूझ रही सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है। यहां आटा-दाल समेत खाने पीने एवं दैनिक उपयोग चीजों में भारी मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे जनता त्रस्त है।

पाकिस्तान में प्याज की कीमत में 228.28 फीसदी, सिगरेट में 165.88 फीसदी, गेहूं के आटे में 120.66 फीसदी, गैस शुल्क में पहली तिमाही में 108.38 फीसदी और लिप्टन चाय में 94.60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

भूटान नरेश 3-5 अप्रैल के बीच करेंगे भारत यात्रा, डोकलाम विवाद को लेकर हो सकती हैं चर्चा

डोकलाम विवाद पर बदले रुख के बीच भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की 3-5 अप्रैल के बीच होने वाली भारत यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  मुलाकातों के दौरान भारत की तरफ से इस मुद्दे को भी उठाया जा सकता है।

भूटान नरेश स्थिति को साफ कर सकते हैं।  डोकलाम विवाद को लेकर भूटान के हालिया रुख से भारत की चिंताएं बढ़ी हैं। ऐसे में सबकी निगाहें इस यात्रा पर टिकी हुई हैं।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि साफ किया है कि भूटान नरेश की यात्रा प्रधानमंत्री लोते शेरिंग के बयानों की वजह से नहीं हो रही है बल्कि इसकी तैयारियां काफी दिनों से चल रही थी।  पिछले पांच-छह सालों के दौरान उसने कूटनीतिक तौर-तरीकों से भूटान के रुख में बदलाव ला दिया है।

जैसा कि सभी जानते हैं 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच उस समय टकराव हुआ था जब डोकलाम में चीनी सैनिकों ने भूटान के क्षेत्र में पड़ने वाली जमीन पर सड़क बनानी शुरू कर दी थी। यह स्थान सिक्किम के करीब है। जहां चीन एवं भूटान की सीमाएं भी लगती हैं। तब भूटान का स्पष्ट मानना था कि चीन ने उसके क्षेत्र में घुसपैठ की है।

अपनी काली करतूतों से बाज़ नहीं आ रहा चीन, भारत के समुद्री सीमा पर चौकसी करता आया नजर

कुटील चीन अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के खिलाफ वो कुछ न कुछ खुराफात करता रहता है। डोकलाम और गलवान में मुंह की खाने के बाद अब वह भारत के आसपास की समुद्री सीमा पर चौकसी कर रहा है।

हिंद महासागर में भी उसके जहाज अक्सर देखे जाते हैं। इसी बीच हाल ही में चीन के एक जासूसी जहाज को भारत की जलीय सीमा के बिल्कुल करीब देखा गया है। इस जहाज का नाम है-‘यांग शि यू 760’। अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में होने के कारण भले ही इस जहाज को खदेड़ा नहीं जा सकता, इस डेटा को भविष्य में बंगाल की खाड़ी में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

चीन का जासूसी जहाज है यांग शि यू 760 अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसे 2015 में टियांजिन में बनाया गया था। इसका वजन 2000 टन है। चीनी नौसेना ऐसे जहाजों को नियमित तौर पर हिंद महासागर में भेजती है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना की गतिविधियां बढ़ने वाली है।

इस चीनी जासूसी जहाज ने भारतीय स्पेशल इकॉनमिक जोन में प्रवेश नहीं किया है और ना ही किसी अनुसंधान गतिविधि को अंजाम दिया है। लेकिन चालबाज चीन की अक्सर होने वाली हरकतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना इस चीनी जासूसी जहाज की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अधिकारियों के सामने करेंगे आत्मसमर्पण, नहीं लगाईं जाएगी हथकड़ी

 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जब चार अप्रैल को न्यूयॉर्क में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करेंगे, तो उनके वकील जो टैकोपिना के अनुसार, उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई जाएगी।

वकील टैकोपिना ने कहा मुझे नहीं लगता कि वे इसे एक सर्कस बनने की अनुमति देने जा रहे हैं।  कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ट्रम्प बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं, लेकिन वह इस बात से नाराज हैं कि उन्हें राजनीतिक रूप से सताया जा रहा है। ट्रम्प को न्यूयॉर्क स्टेट सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा, जो राज्य में प्रथम-स्तरीय न्यायिक निकाय है।

ट्रंप पर एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने का आरोप है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनका 2006 में उनके साथ अफेयर था।  जूरी ने उन्हें मामले में दोषी ठहराया, लेकिन आरोपों की घोषणा तभी की जाएगी जब वह आत्मसमर्पण कर देंगे और अदालत में इसे रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि ट्रम्प ने पोर्न स्टार को पैसे देने से अस्वीकार कर दिया है।

कोहेन को 2016 में ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के दौरान भुगतान करके चुनाव कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में संघीय अदालत में दोषी ठहराया गया था और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।  मैनहट्टन अभियोजक एल्विन ब्रैग द्वारा स्थानीय अदालतों में ट्रम्प के खिलाफ चलाए जा रहे मामले में प्रमुख गवाह हैं, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इस पद के लिए चुने गए थे।

ताइवान-अमेरिका की दोस्ती चीन को नहीं आ रही रास, आधिकारिक मीटिंग का किया विरोध

ताइवान से अमेरिका की दोस्ती का चीन हमेशा से विरोध करता रहा है और उसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताता है। इस बीच ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन अमेरिका पहुंची हैं और चीन को चुभने वाली बातें कही हैं।

 न्यूयॉर्क में ताइवानी अमेरिकी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम और अमेरिका जितने करीब हैं, इतिहास में उतने कभी नहीं रहे।  अमेरिका और ताइवान की सरकारों के बीच दौरों का विरोध करता रहा है।

उन्होंने कहा कि ताइवान अपने लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर दुनिया को लोकतंत्र की दिशा में ले जाने का प्रयास करता रहेगा। हालांकि इस बीच चीन समर्थक लोगों ने साइ इंग-वेन के कार्यक्रम के बाहर आंदोलन भी किया।

इन लोगों ने ताइवान के खिलाफ नारेबाजी की और चीन के झंडे लहराए।एक प्रदर्शनकारी को गिरफ्तारी भी कर लिया गया, जिसने एक तख्ती ले रखी थी। इस तख्ती में लिखा था कि ताइवान की राष्ट्रपति चीन की सबसे बड़ी गद्दार हैं।

चीन की सरकार ने भी ताइवान को चेतावनी दी है कि वह अमेरिका जाकर हमारे खिलाफ बातें न करे। चीनी सरकार ने कहा कि हम साइ इंग-वेन के दौरे पर नजर रख रहे हैं। अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हम तत्पर हैं।

तेन्चो ग्यात्सो को मिला ‘इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत’ के अध्यक्ष का पद

निर्वासित तिब्बती संसद की दो बार सदस्य चुनी गईं तेन्चो ग्यात्सो को ‘इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत’ (आईसीटी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

आईसीटी का गठन तिब्बत संबंधी मामले पर कदम उठाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदायों को एकजुट करने के मकसद से किया गया था। उन्होंने कहा कि यह काम आज पहले से भी अधिक आवश्यक है।

ग्यात्सो ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मौजूदा मित्रों और समर्थकों की बात सुनना और उनसे जुड़ना है तथा ”अपने समूह को और व्यापक एवं मजबूत करना है ताकि हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रभावी ताकत बन सकें।” एक शोध नेटवर्क की स्थापना की भी घोषणा की है, जिसका नेतृत्व भुचुंग सेरिंग करेंगे।

एंड्री बेज्रुकोव ने भारत को दी सलाह-“सुपर पावर बनने के लिए नेतृत्व करना होगा, किसी को फॉलो नहीं”

रूस के खुफिया एजेंट रहे एंड्री बेज्रुकोव का मानना है कि यदि भारत वैश्विकसुपर पावर बनने का सपना देखता है तो उसे नेतृत्व करना होगा.एंड्री बेज्रुकोव वही शख्स हैं जिन्हें 2010 तक डोनाल्ड हीटफील्ड के नाम से से जाना जाता था,  लोकप्रिय जासूसी थ्रिलर टीवी सीरीज ‘द अमेरिकन्स’ इन्हीं एंड्री बेज्रुकोव से प्रेरित है जो आज रूस में जियोपॉलिटिक्स के विशेषज्ञ हैं.

वह सावधान करते हैं और कहते हैं कि – ‘भारत और अमेरिका के बीच संबंध नहीं तोड़े जा सकते क्योंकि बहुत सारे व्यवसाय एक साथ काम कर रहे हैं, मैं बस इतना कह रहा हूं कि भारत को समानांतर रूप से नए व्यापारिक संबंध बनाने चाहिए और जरूरत पड़ने पर पुराने संबंधों को रिप्लेस भी करना चाहिए, क्योंकि भारत भविष्य में नेतृत्व करने वाला होगा फॉलो करने वाला नहीं.’

बेज्रुकोव कहते हैं कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र पर अमेरिका की मजबूत पकड़ है. अमेरिका ये जानता है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इसका दुरुपयोग कैसे किया जाए. रूस अब उन पर भरेासा नहीं कर सकता. मसलन ऐसी चीज जिसके बारे में आप ये जान ही नहीं सकते कि ये कैसे काम कर रहा है.

अमेरिकी देशों ग्वाटेमाला और बेलीज के साथ संबंधों को मजबूत करेंगी ताइवान की राष्ट्रपति

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन बुधवार को अमेरिका के लिए रवाना हो गईं। अपने दस दिनों की यात्रा में वेन अमेरिका के अलावा मध्य अमेरिकी देशों ग्वाटेमाला और बेलीज के साथ संबंधों को मजबूत करने पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगी।

 चीन नहीं चाहता कि ताइवान और अमेरिका के बीच नजदीकियां बढ़े। पिछले ही हफ्ते चीन ने एक अहम कूटनीतिक चाल में ताइवान के समर्थक रहे देश होंडुरास को अपने पाले में कर लिया। होंडुरास ने आधिकारिक रूप से रविवार से चीन से राजनयिक संबंध खोल लिए।

बेलीज और ग्वाटेमाला उन 13 देशों में से हैं, जो होंडुरास के स्टैंड से उलट इस स्व-शासित द्वीप का समर्थन करते रहे हैं, जबकि चीन स्वशासित द्वीप (ताइवान) को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता रहा है।

जहां राष्ट्रपति त्साई अपने ग्वाटेमाला के समकक्ष अलेजांद्रो गियामाटेई और बेलीज के प्रधान मंत्री जॉन ब्रिसेनो से मुलाकात करके अपनी 10 दिवसीय यात्रा जारी रखेंगी। इसके बाद वह वापस ताइवान जाते समय लॉस एंजिलिस में रुकेंगी।

यूएस हाउस के स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने कहा है कि वह कैलिफोर्निया में त्साई से मिलेंगे, जिसका बीजिंग विरोध कर रहा है।  ताइवान के अधिकारियों ने न्यूयॉर्क में रहते हुए मैक्कार्थी या त्साई के यात्रा कार्यक्रम के साथ बैठक की पुष्टि नहीं की है।

अमेरिका और चीन के बीच जारी अनबन, लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में ताइवान को बुलाने के पीछे क्या हैं वजह

मेरिका की पहल पर मंगलवार से शुरू हो रहे तीन के समिट ऑफ डेमोक्रेसीज (लोकतंत्र शिखर सम्मेलन) से अमेरिका और चीन के बीच इस समय चल रहे वैचारिक संघर्ष के और तीखा रूप ले लेने का अंदेशा है।

 सम्मेलन में 121 देश आमंत्रित किए गए हैं। पहला डेमोक्रेसी समिट दिसंबर 2021 में हुआ था, जिसमें 113 देशों ने हिस्सा लिया था। सम्मेलन को ज्यादातर आमंत्रित नेता वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से संबोधित करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सत्ता में आने के बाद से इस समय दुनिया में चल रहे टकराव को लोकतंत्र बनाम तानाशाही के संघर्ष के रूप में पेश किया है। बाइडन ने इस बार अमेरिका के साथ चार देशों को सह-मेजबान बनाया है।

चीन को तानाशाही देश बता कर बाइडन उसे और उसके साथी देशों को घेरने की रणनीति के तहत इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। चीन पिछले गुरुवार को एक अलग सम्मेलन आयोजित किया था।सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य ली शुलेई ने कहा- अमेरिका स्वयंभू जज के रूप काम करते हुए यह तय कर रहा है ।