Friday , November 22 2024

विदेश

इजराइल: सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, अब तक का ‘सबसे बड़ा’ विरोध प्रदर्शन

इजराइल प्रदर्शनकारियों में से कई नीले और सफेद इजरायली झंडे लहरा रहे थे. टेक्नोलॉजी बिजनेसमैन हैं रैन शाहोर ने कहा ‘मैं प्रदर्शन कर रहा हूं  वह इजरायल के लोकतंत्र के लिए एक वास्तविक और तत्काल खतरा है.’

नब्बे लाख से अधिक आबादी वाले देश के अन्य शहरों और कस्बों में भी प्रदर्शन हुए हैं.  उत्तरी शहर हाइफा में लगभग 50,000 और बेर्शेबा में 10,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. 

इसके अलावा पुलिस ने तेल अवीव के रिंग रोड पर यातायात को अवरुद्ध कर रहे तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. संसद की कानून समिति के अध्यक्ष सिम्चा रोटमैन ने मतदान से पहले रविवार से  तक सरकार के न्यायिक सुधारों के कुछ हिस्सों पर दैनिक सुनवाई निर्धारित की है.

कानून मंत्री यारिव लेविन ने कहा है कि 2 अप्रैल को संसद के अवकाश में जाने से पहले गठबंधन की योजना सुधारों के प्रमुख तत्वों को पारित करने की है. मालूम हो कि इन सुधारों से निवार्चित सरकारें जजों की नियुक्ति पर निर्णायक असर डाल सकती हैं.  

सऊदी अरब और ईरान को आखिर क्यों करीब लाना चाह रहा चीन ? क्या हैं कोई नया प्लान

तेहरान में सऊदी अरब के दूतावास में प्रदर्शकारियों के घुस आने के बाद ईरान के साथ उसके राजनयिक रिश्ते खत्म हो गए थे.मध्य पूर्व के दो प्रतिद्वंद्वी देश ईरान और सऊदी अरब ने दोस्ती के हाथ बढ़ाने के संकेत दिए हैं.

चीन में सऊदी अरब और ईरान के अधिकारियों के बीच चली चार दिन की बातचीत के बाद दोनों ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की अप्रत्याशित घोषणा हुई.

2016 में इस घटना के बाद सऊदी अरब ने ईरान से अपने रिश्ते तोड़ लिए थे. इसके बाद से सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच भारी तनाव रहा है. विद्रोहियों ने 2014 में सऊदी समर्थक सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था. इसके बाद सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ भीषण हवाई हमले शुरू कर दिए थे.

सऊदी अरब जिन हमलों की बात करता रहा है उसमें सबसे गंभीर था 2019 में उसके बड़े तेल संयंत्रों पर ड्रोन और मिसाइलों से किया गया वार. इस हमले में इन तेल संयंत्रों को भारी नुक़सान हुआ था.

नेपाल में चीनी नागरिकों की दहशत, लड़कियों को बंधक बनाकर किया जा रहा ऐसा घिनौना काम

नेपाल में चीनी नागरिकों के अपराध में शामिल होने की बढ़ती घटनाओं ने यहां गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस समय सबसे चर्चित घटना यांग लिमपिंग नाम के 49 वर्षीय व्यक्ति की है, जिसे ललितपुर पुलिस ने पिछले 25 फरवरी को बंगामती से गिरफ्तार किया था।

यांग चीन के फुजियान प्रांत में स्थित शियमेन का निवासी है। उसे 13, 14 और 17 साल की तीन लड़कियों को बंधक बना कर रखने और उनका यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

यांग ललितपुर के बंगामती में किराये पर एक मकान लेकर रहता था। पुलिस ने जिस रोज उस मकान से तीन लड़कियों को छुड़ाया, उसी रोज उसने थमेल में स्थित एक होटल से चार नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया।

पुलिस के मुताबिक नेपाल में चीनी नागरिकों के अपराध में शामिल होने का यह सिर्फ मामला है।  ये दोनों तीन नेपाली महिलाओं को लाओस स्थित एक कॉल सेंटर में काम करने के लिए चोरी-छिपे ले जा रहे थे। वो तीनों चीनी नागरिक अभी संधारा स्थित सेंट्रल जेल में हैं।

भारत-पाकिस्तान के संबंध को सुलझाने के लिए आगे आया अमेरिका-“फैसला दोनों पड़ोसी देशों को…”

मेरिका ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के संबंध को लेकर बड़ा बयान दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत अमेरिका का वैश्विक रणनीतिक साझेदार है.प्राइस ने कहा कि फैसला दोनों पड़ोसी देशों को खुद लेना है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी वार्ता अमेरिका को पाकिस्तान के साथ काम करने की हमारी इच्छा को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है,, जेलेंस्की बोले- लेकर रहेंगे बदला रचनात्मक बातचीत का समर्थन उन्होंने कहा कि हम रचनात्मक बातचीत का समर्थन करते हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हम इस मामले में किसी भी तरह से उस समर्थन करने को तैयार हैं, जो दोनों देशों को उचित लगे. भारत और पाकिस्तान को खुद लेना होगा फैसला प्राइस ने कहा कि ‘लेकिन अंत में ये ऐसे फैसले हैं जो भारत और पाकिस्तान को खुद लेने होंगे. यह अमेरिका का काम नहीं है कि वह इनके बीच बातचीत के तरीके को तय करे.’

प्राइस का बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान ने  दिल्ली में 10-12 मार्च को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की हालिया भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत अमेरिका का वैश्विक रणनीतिक साझेदार है.’

जीसीटीएस की 8वीं समीक्षा वाले प्रस्ताव पर रुचिरा कंबोज ने पाक को घेरा कहा-“आतंकवादी सिर्फ…”

संयुक्त राष्ट्र  में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर से बुरी तरह लताड़ दिया। वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति (जीसीटीएस) की 8वीं समीक्षा वाले प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने खुलकर आतंकवाद को लेकर अपनी बात रखी।आतंकी घटनाओं के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवादियों को बांटना बेहद ‘खतरनाक’ है।
रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘आतंकवादी कृत्यों के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवाद के वर्गीकरण की प्रवृत्ति खतरनाक है। ये स्वीकृत सिद्धांतों के खिलाफ जाती है कि ‘आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में निंदा की जानी चाहिए और आतंकवाद के किसी भी कार्य के लिए कोई औचित्य नहीं हो सकता है।’

रुचिरा ने इस बात पर जोर देकर कहा कि सभी प्रकार के आतंकी हमले, चाहे वह इस्लामोफोबिया, सिख विरोधी, बौद्ध विरोधी या हिंदू विरोधी पूर्वाग्रह से हों, वह निंदनीय हैं।

रुचिरा ने कहा कि अच्छे या बुरे आतंकवादी नहीं हो सकते। इस तरह का दृष्टिकोण हमें केवल 9/11 के पूर्व के युग में वापस ले जाएगा। जिसमें आतंकवादियों को आपके आतंकवादी और मेरे आतंकवादी के रूप में लेबल किया जाएगा।

पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर क्यों आयोजित किया जाता है औरत मार्च ?

पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित ‘औरत मार्च’ में बवाल हो गया। बुधवार को राजधानी इस्लामाबाद में मार्च के दौरान पुलिस और प्रदशकारियों के बीच झड़प हो गई।

पाकिस्तान के एक स्वयंसेवी महिला संगठन ‘हम औरतें’ ने औरत मार्च की शुरुआत की थी। यह संगठन हर साल महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को औरत मार्च का आयोजन कर रहा है। मार्च लाहौर, हैदराबाद, सुक्कुर, फैसलाबाद, मुल्तान, क्वेटा, कराची, इस्लामाबाद और पेशावर समेत अन्य शहरों में हर साल निकाला जाता है। इसमें महिलाओं को हर क्षेत्र में आजादी देने और आगे बढ़ाने की बात कही जाती है। मार्च के केंद्र में महिलाओं के लिए समान मजदूरी, सुरक्षा और शांति जैसे मुद्दे भी रहते हैं।

 

2018 से आयोजित हो रहे औरत मार्च को हर बार पाकिस्तान में विरोध का सामना करना पड़ता है। मार्च को लेकर लगातार पाकिस्तानी समाज दो हिस्सों में बंटा दिखाई दिया है। उत्तेजक नारों, बैनरों और पितृसत्ता को चुनौती देने वाली तख्तियों और तलाक और यौन उत्पीड़न जैसे महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उजागर करने के कारण भी इसका विरोध होता है।

अफगानिस्तान: बम धमाके में तालिबान द्वारा नियुक्त एक प्रांतीय गवर्नर व 3 लोगों की हुई मौत

अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में बृहस्पतिवार को हुए एक बम धमाके में तालिबान द्वारा नियुक्त एक प्रांतीय गवर्नर सहित तीन लोगों की मौत हो गई।

स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद आसिफ वजीरी ने बताया कि बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में गवर्नर कार्यालय में हुए बम धमाके में प्रांतीय गवर्नर दाऊद मुजमल और दो अन्य लोगों की मौत हो गई।

फिलहाल किसी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है।  इस्लामिक स्टेट (ISIS) के क्षेत्रीय सहयोगी इस्लामिक स्टेट इन खोरासन प्रॉविन्स (ISKP) का हाथ माना जा रहा है, जो तालिबान के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों में से एक है।

ISKP ने अगस्त 2021 में तालिबान के एक बार फिर हुकूमत में आने के बाद अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान के गश्ती दल और अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लोग उसके निशाने पर रहे हैं।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार की मुश्किलें नहीं हुई कम, गिरफ्तारी की उठी मांग

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल प्रचंड की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। पहले ही वह सरकार बचाने के मोर्चे पर जूझ रहे हैं। अब उनके खिलाफ नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है।

यह याचिका उनके एक पुराने बयान के मामले में दर्ज की गई है, जिसमें दहल ने स्वीकार किया था कि देश में उग्रवाद के दौरान पांच हजार लोगों की मौत हुई थी। प्रचंड के बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ही प्रशासन को उनके खिलाफ रिट याचिका दायर करने का आदेश दिया था।

नेपाल में विद्रोह 13 फरवरी 1996 में हुआ था और 21 नवंबर 2006 को सरकार के साथ व्यापक शांति समझौते के साथ खत्म हो गया था। 15 जनवरी 2020 को काठमांडू में एक कार्यक्रम के दौरान प्रचंड ने कहा था कि ‘मुझ पर 17 हजार लोगों की हत्या का आरोप लगाया जाता है लेकिन यह सच नहीं है।

पहले प्रचंड की गठबंधन सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने समर्थन वापस ले लिया था। गठबंधन की पार्टी सीपीएन-यूएमएल के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था। इसी वजह से गठबंधन में दरार आई और गठबंधन में टूट हो गई। नौ मार्च को नेपाल में राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है।

अमेरिका और दक्षिण कोरिया को मिला किम जोंग उन की बहन से ओपन चैलेंज-“टेस्टिंग मिसाइल को…”

त्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की धमकी दी है.

किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग  की ओर से यह धमकी अमेरिका और दक्षिण कोरिया  के बीच नियमित सैन्य अभ्यासों को विस्तार किए जाने के फैसले के बीच में आई है. इसके अलावा उत्तर कोरिया ने टेस्टिंग मिसाइल को उड़ाने की धमकी को लेकर भी अमेरिका को आगाह किया है.

एक दिन पहले ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया के युद्धक विमानों ने एक संयुक्त अभ्यास में कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु हथियार ले जाने सक्षम बमवर्षक विमान बी-52 को उड़ाया था.

अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेनाएं इस महीने के अंत में अपने सबसे बड़े फील्ड अभ्यास को भी फिर शुरू करने की तैयारी कर रही हैं. किम यो जोंग ने कहा, ‘हमारी नजरें अमेरिकी बलों और कठपुतली की तरह काम करने वाली दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा बेचैनी में उठाए जाने वाले सैन्य कदमों पर लगातार बनी हुई हैं.

क्या जानते हैं आप आखिर क्यों मक्का और काबा के ऊपर से नहीं उड़ता कोई विमान ?

 दुनियाभर में ऐसा कोई दिन ही होता होगा, जब किसी भी देश, राज्‍य, शहर, कस्‍बे या गांव के ऊपर से हवाई जहाज गुजरते हुए ना दिखाई देते हों. सऊदी अरब का मक्‍का भी शामिल है. सऊदी  में मक्‍का और काबा के ऊपर से कोई एयरप्‍लेन या ड्रोन उड़ान नहीं भर सकता है. इसको लेकर कई भ्रम में डालने वाली बातें सुनने को मिलती हैं.

कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल  हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि मक्‍का धरती का केंद्र है. यहां का चुंबकीय क्षेत्र इतना ज्‍यादा है कि अगर यहां के आसमान से हवाई जहाज गुजरता है . इस क्षेत्र में कोई हवाई गतिविधि ना होने की सबसे बड़ी वजह है, मक्‍का और काबा का धार्मिक क्षेत्र होना. सऊदी अरब की सरकार ने इस पूरे क्षेत्र को ‘नो फ्लाई ज़ोन’ घोषित कर रखा है.

अगर इस्‍लाम के पवित्र स्‍थल मक्‍का और काबा के ऊपर से हवाई जहाज उड़ते रहेंगे तो यहां आने वाले मुस्लिम श्रद्धालुओं का तीर्थयात्रा का अनुभव प्रभावित होगा.  हज यात्रा मक्‍का में ही पूरी होती है. ज्‍यादातर मक्‍का जाने वाले लोग मदीना भी जाते हैं. बता दें कि मदीना के आसमान में भी हवाई जहाज उड़ान नहीं भरते हैं.