Friday , November 22 2024

विदेश

बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में अबतक नौ सुरक्षाकर्मियों की मौत व 13 घायल

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को एक आत्मघाती हमले में कम से कम नौ सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी और 13 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

यह विस्फोट क्वेटा-सिबी राजमार्ग पर काम्बरी पुल पर बलूचिस्तान कांस्टेबुलरी कर्मियों के ट्रक के समीप हुआ.काछी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) महमूद नोतेजई ने कहा कि प्रारंभिक सबूतों से पता चलता है कि यह एक आत्मघाती हमला था.

यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि विस्फोट किस तरह का था.पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बम निरोधक दस्ता घटनास्थल पर पहुंच गया है और विस्फोट के बाद इलाके की तलाशी ली जा रही है.

बलूचिस्तान कांस्टेबुलरी कर्मी सिबी मेला में ड्यूटी से लौट रहे थे जब उन्हें निशाना बनाया गया. विस्फोट की तीव्रता के कारण ट्रक पलट गया. कुछ घायलों की हालत गंभीर बतायी जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ईरान पर नजर, हुआ कुछ ऐसा जिससे अमेरिका तक मचा हड़कंप

अमेरिका लंबे समय से ईरान पर परमाणु समझौते का दबाव बना रहा है,  ईरान पर जानबूझकर इसमें देरी करने का आरोप है। इसलिए ईरान पर अमेरिका का शक लगातार गहराता जा रहा है।  ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है। इससे वह कभी भी परमाणु बम बना सकता है।

इस बीच ईरानी राष्ट्रपति ने आईएईए से ईरानी परमाणु मुद्दे पर ‘पेशेवर’ दृष्टिकोण अपनाने का किया आग्रह है। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा है  अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ईरानी परमाणु मुद्दे पर एक पेशेवर दृष्टिकोण अपनाएगी।

रायसी ने शनिवार को राजधानी तेहरान में आइएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के साथ एक बैठक में यह टिप्पणी की।  राष्ट्रपति ने कहा कि इजराइल और अमेरिका जैसे देश ईरानी लोगों पर और दबाव बनाने के लिए परमाणु मुद्दे को बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

इब्राहिम रायसी ने कहा कि ईरान का आइएईए के साथ उच्चतम स्तर का सहयोग रहा है, उम्मीद है कि एजेंसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ-साथ देश की उसके नियमों के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सच्चाई बताएगी।

तुर्किये और सीरिया के भूकंप पीड़ितों के लिए भारतीय अमेरिकियों ने बढाया मदद का हाथ…

पूरे अमेरिका से भारतीय अमेरिकियों ने तुर्किये और सीरिया के भूकंप पीड़ितों के लिए तीन लाख डॉलर से अधिक की आर्थिक मदद जुटाई है। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन  के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हेमंत पटेल के नेतृत्व में कई प्रतिष्ठित भारतीय अमेरिकियों के समुदाय ने करीब तीन लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए।

अभियान में अमेरिका में तुर्किये के राजदूत मूरत मर्कन और न्यूयॉर्क में तुर्की के महावाणिज्यदूत रेहान जेडजी आर भी शामिल थे। उन्होंने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए समर्थन और मदद के लिए भारतीय अमेरिकी समुदाय को धन्यवाद दिया।

प्रतिष्ठित एलिस आइलैंड मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित पटेल ने बताया कि तुर्किये के राजदूत और तुर्की के महावाणिज्यदूत ने, तुर्किये के लोगों के लिए जो कुछ किया जा रहा है और भारतीय समुदाय जो कर रहा है।

सेवा इंटरनेशनल ह्यूस्टन की अमेरिकॉर्प्स टीम ने हाल ही में सीरिया और तुर्किये में भूकंप के पीड़ितों की मदद के लिए एक अभियान चलाया था। तीन पिकअप ट्रकों, एक ट्रेलर, एक एसयूवी और एक बड़े यू-हॉल ट्रक के लिए 200 से अधिक बक्सों को गोदाम पहुंचाया गया।

‘Know BJP’ अभियान की बीजेपी ने की शुरुआत, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट पहुंचे मुख्यालय

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को ‘भाजपा को जानो’  पहल के तहत दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में विभ्नन देशों के सांसदों- नेताओं और विदेश मामलों के जानकारों के एक समूह के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट भाजपा मुख्यालय पहुंचें हैं। ‘भाजपा को जानों’ अभियान के तहत पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भाजपा की अब तक की यात्रा के बारे में जानेंगे।  इस दौरान वे पार्टी की विचारधारा के साथ ही उसके लक्ष्यों के बारे में भी विमर्श किया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी ने ‘Know BJP’ अभियान बीते साल अप्रैल में भाजपा प्रमुख द्वारा पार्टी के स्थापना दिवस पर शुरू की गई थी। ‘भाजपा को जानो’ कार्यक्रम के तहत, नड्डा विदेशी दूतों को अपनी पार्टी के बारे में जानकारी देते हैं। पार्टी द्वारा विभिन्न देशों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ दुनिया को अपनी विचारधारा और कार्यप्रणाली के बारे में बताने का भाजपा का प्रयास है।

कंगाली के बीच अब पाकिस्तान को देना पड़ सकता है 18 अरब डॉलर जुर्माना? पढ़े पूरी खबर

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक और बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. ईरान के साथ गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करने के लिए पाकिस्तान के ऊपर भारी भरकम जुर्माना लगने का खतरा है.

समझौते के तहत निर्धारित समय सीमा में ईरान  के साथ गैस पाइपलाइन परियोजना  को पूरा नहीं करने के लिए पाकिस्तान को 18 अरब डॉलर के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक शीर्ष  अधिकारी ने  बताया कि पाकिस्तान  ने राहत मांगने के लिए ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना के बारे में अमेरिका  से बात की है.

संसद की लोक लेखा समिति  ने  नूर आलम खान की अध्यक्षता में बैठक की, जिसमें गैस पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर विचार विमर्श किया गया. बैठक में ईरान से गैस आयात करने के लिए पाइपलाइन का निर्माण समेत तीन गैस परियोजनाओं को लेकर बातचीत हुई.

कमेटी के मेंबर सैयद हुसैन तारिक ने कहा कि फंड बेकार पड़ा हुआ है और परियोजनाएं ठप हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ईरान के साथ गैस पाइपलाइन परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई तो पाकिस्तान को जुर्माना भरना पड़ सकता है.

 

AI बेस्ड चैटबॉट ChatGPT कभी नहीं ले सकता इंसान की जगह, नहीं दे पाया इस आसान सवाल का जवाब

 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  बेस्ड चैटबॉट ChatGPT लॉन्चिंग के बाद से चर्चाओं में बना हुआ है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट आए दिन कोई न कोई नया कारनामा कर रहा है.

उद्योगों को खत्म कर सकता है और लोगों के बीच नौकरी की सुरक्षा का डर पैदा कर देगा.  कुछ लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. जो कि कई बार ठीक भी लगता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कभी भी इंसान की जगह नहीं ले सकता है.

 ChatGPT कभी इंसान के ऊपर हावी नहीं होगा और न ही वह रिसर्च एनालिस्ट की जगह ले सकेगा. हम ऐसा लिए कह रहे, क्योंकि हाल ही में एक यूजर्स ने ChatGPT से Laurus और Divis Labs के बीच तुलना करने को कहा, जिसके बाद ChatGPT ने दो फार्मा शेयरों की तुलना करने से इनकार कर दिया और हम पर फैसला छोड़ दिया कि आपको किस कंपनी में निवेश करना है.

चैटजीपीटी प्रोग्रामर्स द्वारा स्टॉक स्पेसिफिक रेकेमंडेशन में न हो या शायद उनकी प्रोग्रामिंग की सीमा के बाहर हो. ChatGPT ने यह यूजर्स के ऊपर छोड़ दिया गया है कि वह खुद इसका पता लगाएं कि इन दोनों में से कौन सा फार्मा स्टॉक मौजूदा समय में निवेश के लिए बेहतर है.

इंडियन एयरफोर्स के 8 लड़ाकू विमान पर पाकिस्तान की नजर, क्या ये मिशन होगा कम्पलीट

इंडियन एयरफोर्स के 8 लड़ाकू विमान सऊदी अरब की धरती पर उतरे हैं। ये अब तक के इतिहास में पहला मौका है कि जब भारतीय वायुसेना के विमान सऊदी अरब की धरती पर उतरे हों।

26 फरवरी को 8 भारतीय लड़ाकू विमान सऊदी अरब के एयरबेस पर उतरे थे। इसे एक ‘फ्रेंडली’ स्टॉपओवर के रूप में बताया जा रहा है। इसके तहत यहां विमानों में ईंधन भरा गया और रखरखाव की जांच की गई।

आज से पहले सऊदी अरब के किसी एयर बेस पर भारतीय वायु सेना का विमान नहीं उतरा था। इस घटना को भारत और सऊदी अरब के संबंधों में ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।

बताया जा रहा है कि जिन भारतीय विमानों ने सऊदी अरब के एयरफोर्स बेस पर लैंड किया, उनमें 5 मिराज 2000 लड़ाकू विमान, दो सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान और एक आईएल-78 टैंकर शामिल था। इन विमानों में 145 एयर वॉरियर्स भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति के एक और कार्यकाल के लिए काफी बुजुर्ग हैं जो बाइडन, जनता ने किया खुलासा

 लगभग 10 में से 7 पंजीकृत मतदाताओं (68%) का कहना है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ‘एक और कार्यकाल के लिए काफी बुजुर्ग हैं’.  इस आकलन से 48% डेमोक्रेट ने सहमति जताई है, जबकि 34% ऐसा नहीं मानते.

यह सर्वेक्षण 23 से 27 फरवरी के बीच 1516 अमेरिकी मतदाताओं में किया गया था. इसके अंतर्गत अमेरिकी इतिहास में सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति (जो बाइडन) के सामने आने वाली केंद्रीय चुनौती को रेखांकित किया गया क्योंकि वह संभावित अगले राष्ट्रपति चुनाव में फिर से खड़े होने के लिए तैयार हैं और उनकी उम्र उनकी पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल रही है.

डेमोक्रेट्स के लिए मुख्य समस्या राष्ट्रपति कार्यालय में बाइडन का प्रदर्शन नहीं है, क्योंकि 80 वर्षीय व्यक्ति किस तरह से कामकाज को संभाल रहा है, इस बात को 77% डेमोक्रेट्स सहजता से स्वीकार करते हैं,

पंजीकृत मतदाता जो डेमोक्रेट या डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले हैं, वे भी कहते हैं कि वे ‘किसी और’ (34%) के बजाय बइडन को राष्ट्रपति (47%) के लिए फिर से नामांकित करना पसंद करेंगे.  उन्होंने अबतक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है. वैसे उन्होंने इन प्रश्नों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है कि क्या वह राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लिए बहुत बुजुर्ग हो गये हैं. वह दूसरे कार्यकाल के आखिर तक 86 साल के हो जायेंगे.

रूस ऑयल एक्सपोर्ट को लेकर चीन की बजाय इस देश को देगा अहमियत

चीन में कोरोना वायरस महामारी से मचे हाहाकार के बाद हालात अब काफी हद तक सामान्य होते दिख रहे हैं। राजधानी बीजिंग समेत देश के दूसरे शहरों में व्यापारिक गतिविधियां फिर से तेज होने लगी हैं।

ऐसे में चीन में एक बार फिर से कच्चे तेल की मांग बढ़ती जा रही है। ड्रैगन को उम्मीद थी कि यूक्रेन युद्ध के चलते वो रूसी बाजार से सस्ते दाम पर तेल का आयात कर सकता है। चीनी सरकार को इस मामले में निराशा हाथ लग सकती है। रूस ऑयल एक्सपोर्ट को लेकर चीन की बजाय भारत को ही अहमियत देने वाला है।

कमोडिटी-डेटा फर्म केपलर के अनुसार, चीनी मांग में सुधार के बावजूद रूस भारत को जितना तेल बेच सकता है उतना बेचता रहेगा। भारत ने एक साल पहले तक ना के बराबर रूसी तेल खरीदता था.

अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से मास्को पर लगे प्रतिबंधों के चलते यह बड़ा बाजार बन गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्रूड एनालिस्ट विक्टर ने कहा कि भारत ने फरवरी में रूस से लगभग 1.85 मिलियन बैरल ऑयल हर दिन आयात किया.

पाकिस्तान: 90 दिन के भीतर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में हो चुनाव, उच्चतम न्यायालय ने दिया आदेश

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्वाचन आयोग को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में 90 दिन की निर्धारित अवधि के अंदर चुनाव कराने का आदेश दिया। इमरान खान की पार्टी ने देश में जल्द आम चुनाव कराने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया थाा।

अदालत ने दोनों प्रांतों में चुनाव के लिए तारीख की घोषणा में देरी के संबंध में पिछले सप्ताह स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की थी। प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय पीठ ने खंडित फैसला सुनाया, जिसमें तीन न्यायाधीश पक्ष में थे और दो ने शीर्ष अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की स्वीकार्यता पर असहमति जताई।

अदालत ने यह व्यवस्था भी दी कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का नौ अप्रैल को चुनाव कराने का आदेश पंजाब विधानसभा के लिए बाध्यकारी होगा, लेकिन खैबर पख्तुनख्वा विधानसभा के लिए नहीं क्योंकि उसे गवर्नर भंग कर चुके हैं। शीर्ष अदालत ने व्यवस्था दी, ”अगर गवर्नर ने विधानसभा भंग कर दी तो वही चुनाव की तारीख घोषित करेंगे।”