Friday , November 22 2024

विदेश

पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद दुबई में हुआ निधन

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का निधन हो गया है. उन्होंने एमाइलॉयडोसिस के कारण आज दम तोड़ दिया. उन्हें कुछ हफ्तों के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

पिछले साल, 10 जून को उनके परिवार ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया था. परिवार ने कहा था कि पूर्व सेना प्रमुख उस स्थिति में हैं जहां उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है और रिकवरी नहीं हो सकती है.  उन्होंने कहा था कि वो वेंटिलेटर पर नहीं हैं. परिवार ने लोगों से प्रार्थना करने की अपील की थी.

कोलंबो से कराची आने वाले पीआईए के विमान पर सवार मुशर्रफ़ को ये अंदाज़ा नहीं था कि ज़मीन पर क्या ड्रामा हो रहा है, लेकिन विमान के ज़मीन पर उतरने के कुछ घंटों के अंदर ही मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी का पद संभाल लिया.

तत्कालीन आर्मी चीफ मुशर्रफ ही करगिल संघर्ष  के पीछे एक प्रमुख रणनीतिकार थे. 1999 में मार्च से मई तक उन्होंने करगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया था. इसके बाद,  भनक भारत को लगी तो दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया.राष्ट्रपति बन गए तो उनकी हत्या के कई प्रयास किए गए. जब वो हवाई अड्डे से अपने निवास स्थान जा रहे थे उनकी कार के पीछे एक धमाका हुआ.

चार आतंकवादियों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने किया मुठभेड़ में ढेर, हथियार व गोला बारूद बरामद

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में चार आतंकवादियों को मार गिराया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इसके बाद संदिग्धों के छिपे होने की सूचना पर पुलिस की एक टीम जिले के गुजराबाद इलाके में पहुंची। पुलिस और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर हो गए। पुलिस उपाधीक्षक सनोबर खान ने कहा कि आतंकवादियों के कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।

उन्होंने कहा कि मारे गए लोग सुरक्षाबलों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे। 21 जनवरी को एक पुलिस चौकी पर हुए हमले में वांछित थे, जिसमें एक कांस्टेबल की मौत हो गई थी और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

जिले में हुई एक अन्य घटना में पुलिस ने शबर्रा इलाके में एक आतंकवादी को उस समय मार गिराया जब उसने एक सुरक्षा चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाईं।  रुकने का इशारा किए जाने पर आतंकवादी ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।

इन घटनाओं के कुछ दिन पहले एक पाकिस्तानी तालिबान आत्मघाती हमलावर ने पेशावर में एक मस्जिद के भीतर खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे।

श्रीलंका की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौक पर तमिल अल्पसंख्यकों ने दिखाए काले झंडे

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौक पर शनिवार को कहा कि देश को अपनी गलतियों और विफलताओं को सुधारने और एक राष्ट्र के तौर पर अपनी ताकत की समीक्षा करने की आवश्यकता है.

 श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. श्रीलंका में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन समेत कई विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.

विक्रमसिंघे ने समारोह की अध्यक्षता की. इसमें 21 बंदूकों की सलामी के साथ एक सैन्य परेड निकाली गई. विपक्षी दलों की आलोचना के बावजूद यह समारोह हुआ. विपक्षी दलों ने दावा किया था कि इस समारोह पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे विक्रमसिंघे ने अपने संदेश में कहा, औपनिवेशिक शासन से आजादी की हमारी 75वीं वर्षगांठ देश में अत्यधिक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण वक्त के दौरान मनाई जा रही है.

विक्रमसिंघे ने कहा, हालांकि, यह हमें न केवल एक राष्ट्र के तौर पर हमारी ताकतों और उन्नति की समीक्षा करने, बल्कि हमारी गलतियों और नाकामियों को सुधारने का भी अवसर देती है.

राष्ट्रपति पुतिन के दो बॉडीगार्ड्स न्यूक्लियर ब्रीफकेस संग आए नजर, क्या जल्द होगा युद्ध

रूस और यूक्रेन युद्ध के सालभर पूरे होने वाले हैं। पिछले साल फरवरी के आखिरी दिनों में रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था। एक साल होने के बाद भी रूस को सफलता नहीं मिल सकी है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार परमाणु हमले की भी चेतावनी दी है,  इसके बाद भी यूक्रेन पीछे नहीं हटा। अब पुतिन न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ नजर आए हैं, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।

राष्ट्रपति पुतिन के दो बॉडीगार्ड्स ब्रीफकेस के साथ नजर आए। दोनों पुतिन के बेहद करीब खड़े हुए थे। दो ब्रीफकेस में से एक फोल्ड-अप शील्ड थी, जिससे यदि कोई गोलीबारी की घटना हो तो राष्ट्रपति पुतिन को सुरक्षित किया जा सके, जबकि दूसरे ब्रीफकेस में परमाणु हमले के लिए लॉन्च बटन था। दरअसल, स्टेलिनग्राद की लड़ाई में हिटलर पर जीत की 80वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पुतिन दक्षिणी रूसी शहर वोल्गोग्राड पहुंचे थे, जहां पर उनके साथ न्यूक्लियर ब्रीफकेस भी था।

इसके अलावा, स्नाइपर्स भी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा के लिए मौजूद थे। कुछ स्थानीय लोगों को छोड़कर बाकी सभी को सड़क से दूर रखने का आदेश दिया गया था। विपक्षी नेता बोरिस विस्नेव्स्की ने पुतिन पर प्रोपेगैंडा के लिए वर्षगांठ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

जब पुतिन दक्षिणी शहर पहुंचे तो ऐसी खबरें थीं कि पुतिन की यात्रा से पहले शहर को सजाया गया था। आवारा कुत्तों को सड़कों से हटा दिया गया था और टूटे-फूटे घरों को बंद कर दिया गया था ताकि पुतिन उस गरीबी को न देख सकें जिसमें उनके लोग रहते हैं।

स्वीडिश नेता रसमुस पालूदान के कुरान को जलाए जाने से मचा बवाल, मुंबई में शुरू हुआ विरोध

स्वीडन और तुर्की के बीच चल रहे NATO की सदस्या को लेकर विवाद जारी है। इस बीच स्वीडिश नेता रसमुस पालूदान द्वारा इस्लामिक धर्म ग्रंथ कुरान को जलाए जाने की घटना के बाद अब बवाल मच चुका है।

अब इसकी आंच भारत भी पहुंच चुकी है। दरअसल स्वीडिश नेता के खिलाफ आज मुंबई के पाइधुनि इलाके में भी विरोध देखने को मिला। यहां सुन्नी बिलाल मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुरान की आयतें पढ़ीं गई।

स्वीडिश नेता रासमुस पालूदान द्वारा कुरान जलाए जाने के खिलाफ मुंबई के सुन्नी बिलाल मस्जिद में जुम्मे की नमाज के बाद रजा अकैडमी और ऑल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलेमा काउंसिल द्वारा मस्जिद के अंदर प्रदर्शन किया गया।

इस दौरान लोगों ने हाथों में पोस्टर बैनर लेकर रसमुस पालूदान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही स्वीडन के साथ राजनायिक संबंध खत्म करने की मांग की गई।

कुरान को जलाकर पूरी दुनिया के मुसलमानों को उकसाया जा रहा है और इस्लाम को बदनाम करने की साजिश हो रही है। मौलाना खलील के नूरी ने कहा कि यह पूरा विवाद तुर्की और स्वीडन के बीच है। ऐसे में कुरान को जलाने की क्या जरूरत है। स्वीडन सरकार आखिर रसमुस पालूदान के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

कनाडा में गौरी शंकर मंदिर पर हुए हमले से भड़की राजनीति, चंद्र आर्य ने कहा-“कनाडा में हिंदूफोबिया उभर…”

नाडा के ब्रैम्पटन में प्रमुख हिंदू मंदिरों में से एक गौरी शंकर मंदिर पर हमले का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. हमले के दो दिन बाद कनाडा  में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने वहां की संसद में भी यह मुद्दा उठाया.

 इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि कनाडा में हिंदूफोबिया उभर कर आ रहा है और यह लगातार अपने पैर को पसार रहा है.हिंदू मंदिर पर हुए हमले का मुद्दा उठाते हुए चंद्र आर्य ने कहा कि देश में हिंदुओं के खिलाफ घृणा की घटनाएं लगातार बढ़ रही है जिसकी वजह से वहां रह रहे हिंदू काफी दुखी भी हैं. चंद्र आर्य ने कहा, हिंदूफोबिया की बढ़ती घटनाओं से कनाडा में रह रहे हिंदू काफी दुखी है.

सांसद ने इसे एक परेशान करने वाला ट्रेंड भी करार दिया. उन्होंने हिंदूओं के खिलाफ हेट क्राइम की घटना पर विराम लगाने की मांग की. एक स्टडी का हवाला देते हुए आर्य ने कहा कि हिंदूफोबिया अब फिजिकल अटैक में तब्दील हो रहा है.

दूतावास ने मंदिर को भारत की विरासत की पहचान करार देते हुए कहा हुए हमले को कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए गहरी चोट बताया. ट्वीट में आगे कहा गया है कि उन्होंने इस मसले को कनाडा की जिम्मेदार अथॉरिटी के सामने उठाया है.

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच मजबूत होंगे संबंध, शहबाज सरकार ने सत्ता में आने के बाद आखिर क्यों उठाया ये कदम

मेरिका और पाकिस्तान के बीच फिर से संबंध मजबूत करने की कोशिशें हाल में खासा तेज हो गई हैं। कूटनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों देशों ने आपसी रिश्ते को भारत और अफगानिस्तान के साथ उनके अलग-अलग रिश्तों से अप्रभावित रखने का तरीका ढूंढ लिया है।

इसका मतलब यह है कि भारत से अमेरिका के गहराते संबंध पर पाकिस्तान एतराज नहीं करेगा। उधर अफगान तालिबान से पाकिस्तान के रिश्तों की अमेरिका अनदेखी करेगा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो सहित कई बड़े पदाधिकारियों ने अमेरिका की यात्रा की है। इसके बाद पाकिस्तानी टीकाकारों में इस सवाल पर चर्चा तेज हो गई है कि अमेरिका से बनते नए संबंध का चीन से पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या असर होगा। कुछ टीकाकारों ने तो अनुमान लगाया है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे चीन से दूर होता जा सकता है।

पिछले वर्ष सितंबर में जब पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमेरिका की यात्रा की, तब पाकिस्तान के एक अधिकारी ने दावा किया था कि अब अमेरिका पाकिस्तान से वैसा ही रिश्ता कायम कर रहा है। पिछले साल के आरंभ में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने की मुहिम चलाई गई।

चीन से युद्ध करने की सोच रहा ताइवान, लड़ाकू विमानों को उतारते हुए नौसेना को किया सचेत

ताइवान ने चीन के 34 सैन्य विमानों और नौ युद्धपोतों की तैनाती के बीच अपने लड़ाकू विमानों को उतारते हुए अपनी नौसेना को सचेत किया और मिसाइल सिस्टम को सक्रिय कर दिया।

चीन ने ताइवान के खिलाफ संभावित नाकाबंदी या हमले की तैयारी बढ़ाई है, जिससे ताइवान के प्रमुख सहयोगी अमेरिका की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।  2025 में ताइवान को लेकर अमेरिका-चीन संघर्ष के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था।

एयर मोबिलिटी कमान के प्रमुख के रूप में, मिनिहान को चीनी सेना की गहरी समझ है और उनकी टिप्पणियां अमेरिका द्वारा तैयारी बढ़ाने के आह्वान के अनुरूप हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 20 चीनी विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में सेंट्रल लाइन को पार किया जो लंबे समय से अनौपचारिक बफर जोन रहा है।

ताइवान के अधिकतर लोग चीन की सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में आने का विरोध करते हैं। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ताइवान के सशस्त्र बलों ने ”इन गतिविधियों का जवाब देने के लिए स्थिति की निगरानी की।”

सामूहिक हड़ताल पर ब्रिटेन की जनता, हजारों कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग पर अड़े…

ब्रिटेन में शिक्षक, लेक्चरर, ट्रेन व बस चालक और सार्वजनिक क्षेत्र के हजारों कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बुधवार को सामूहिक हड़ताल पर चले गए। यह ब्रिटेन में एक दशक में सबसे बड़ी हड़ताल बताई जा रही है।

इंग्लैंड और वेल्स में राष्ट्रीय शिक्षा संघ (एनईयू) के शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से लगभग 23,000 स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। अनुमान के मुताबिक, शिक्षकों की हड़ताल से यहां लगभग 85 प्रतिशत स्कूल पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद रहेंगे, जिससे चाइल्डकेयर को लेकर कामकाजी माता-पिता प्रभावित होंगे।

ब्रिटेन की शिक्षा सचिव गिलियन कीगन ने जोर देकर कहा है कि भले ही बातचीत चल रही है, महंगाई नियंत्रित होने तक वेतन वृद्धि असंभव है। मंत्री ने कहा कि वह कर्मचारी यूनियन के हड़ताल के निर्णय से निराश हैं। यह अंतिम उपाय नहीं है। हम अभी भी विचार-विमर्श की स्थिति में हैं।

चीन और ताइवान के बीच शुरू हुआ युद्ध, ताइवानी सीमाओं से घुसैपठ की कोशिश कर रहा ड्रैगन

चीन और ताइवान के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहै है । चीन ने एक बार फिर ताइवानी सीमाओं में घुसैपठ की कोशिश की है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने  एक ट्वीट में कहा कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच एक बार फिर घुसपैठ हुई है।

ताइवान के आसपास 31 चीनी सैन्य विमानों और चार नौसैनिक जहाजों का पता चला है। रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि पता लगाए गए विमानों में से 12 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया.

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि ताइवान के आसपास 31 पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) विमान और चार पीएलएएन जहाजों का शुक्रवार सुबह छह बजे (स्थानीय समयानुसार) पता चला।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि पता लगाए गए विमानों में से 12 (J-11*6, J-16*3, J-10*2 और BZK-007 UAV RECCE) ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर लिया था और ताइवान के दक्षिण-पश्चिम एडीआईजेड में प्रवेश किया था, जैसा कि सचित्र उड़ान पथ में दिखाया गया है।

ताइवान के आसपास 16 पीएलए विमान और तीन पीएलएएन जहाजों का आज सुबह 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) पता चला। आरओसी सशस्त्र बलों ने स्थिति की निगरानी की और इन गतिविधियों का जवाब देने के लिए लड़ाकू हवाई गश्ती (सीएपी) विमान, नौसेना के जहाजों और भूमि आधारित मिसाइल प्रणालियों को काम सौंपा।