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विदेश

पोलैंड के एकमात्र अंतरिक्ष यात्री का 81 साल की उम्र में हुआ निधन, पहली बार की थी धरती की परिक्रमा

पोलैंड के एकमात्र अंतरिक्ष यात्री जनरल मिरोस्लाव हेर्मस्जेवस्की का निधन हो गया है।  उन्होंने 1978 में सोवियत अंतरिक्ष यान के जरिये पहली बार धरती की परिक्रमा की थी।

हेर्मस्जेवस्की के दामाद रिजार्ड जारनेकी ने सोमवार को ट्विटर के  सेवानिवृत्त वायुसेना के पायलट के निधन की जानकारी दी थी। यूरोपीय संसद के सदस्य जारनेकी ने बाद में पोलैंड की मीडिया को बताया कि हेर्मस्जेवस्की की मृत्यु वारसॉ के एक अस्पताल में सुबह हुयी उनकी सर्जरी से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुयी।

अंतरिक्ष की यात्रा करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय नायक माना जाने लगा था। 1978 की जून और जुलाई में नौ दिनों में उन्होंने और सोवियत अंतरिक्ष यात्री प्योत्र क्लिमुक ने सोयूज 30 अंतरिक्ष यान में पृथ्वी की परिक्रमा की थी ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए चीफ साइंटिस्ट होंगे जेरेमी फरार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जेरेमी फरार को नया चीफ साइंटिस्ट नियुक्त किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जेरेमी फरार इसके नए चीफ वैज्ञानिक होंगे और एजेंसी महामारी के बाद की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।

इससे पहले सौम्या स्वामीनाथन संगठन के चीफ वैज्ञानिक की भूमिका निभा रहे थे जो कि नवंबर में पदमुक्त हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के दूसरे कार्यकाल को लेकर यह नियुक्त की गई है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने एक बयान में कहा है कि चीफ वैज्ञानिक के रूप में जेरेमी संगठन और इसके सदस्यों, भागीदारों को अत्याधुनिक, जीवन रक्षक विज्ञान और नए प्रयोग से लाभान्वित करने के लिए हमारे प्रयासों को तेज करेंगे।

डॉक्टर सौम्या कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी हैं। एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। सौम्या नेअपनी एकेडमिक ट्रेनिंग भारत, ब्रिटेन, उत्तरी आयरलैंड और अमेरिका में पूरी की है। सौम्या देश की मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ हैं और उनके पास क्लिनिकल केयर और रिसर्च में 30 साल का अनुभव है।

भारत ने OIC महासचिव की कश्मीर यात्रा और बयान की कड़े शब्दों में की निंदा कहा ये…

भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के महासचिव की पाक अधिकृत कश्मीर की यात्रा और उनके जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। भारत ने कहा है कि ओआईसी महासचिव पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह बयान दे रहे हैं।

ओआइसी महासचिव पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति के भागीदार नहीं बनेंगे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा कि, “हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ओआईसी महासचिव की यात्रा और पाकिस्तान की यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर पर उनकी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। भारत के ओआईसी और उसके महासचिव द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई भी प्रयास पूरी तरह से अस्वीकार्य है।”

उन्होंने कहा कि मुद्दों पर घोर साम्प्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत दृष्टिकोण अपनाकर ओआईसी पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। उसका महासचिव दुर्भाग्य से पाकिस्तान का मुखपत्र बन गया है।  खासकर जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने में भागीदार बनने से परहेज करेंगे।

यूएनएससी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुरू की तीन दिवसीय यात्रा, इन मुद्दों पर होगी वार्ता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की भारत की अध्यक्षता में दो प्रमुख कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर न्यूयॉर्क की अपनी तीन दिवसीय यात्रा आज  शुरू करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान ये दोनों विषय भारत के लिए प्राथमिकताएं हैं. भारत दिसंबर महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक को संयुक्त राष्ट्र महासचिव और 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष भी संबोधित करेंगे.

जयशंकर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के परिसर में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे. संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत की ओर से एक उपहार, गांधी की पहली मूर्ति होगी जिसे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थापित किया जाएगा.

गौरतलब है कि अगस्त 2021 में भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने पर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया गया था.

कट्टरपंथियों के निशाने पर आया अहमदी समुदाय, इबादत स्थल की दो मीनारें गिराई

 पाकिस्तान में अहमदी समुदाय कट्टरपंथियों के निशाने पर है। देश में इस समुदाय पर लगातार कहर बरपाया जा रहा है और सरकार तमाशा देख रही है। पुलिस ने कथित तौर पर कुछ मौलवियों के इशारे पर पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के इबादत स्थल की दो मीनारें गिरा दी हैं।

पुलिस की एक टुकड़ी ने आठ दिसंबर को लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला के बागबानपुरा इलाके को घेर लिया और अहमदी इबादत स्थल की मीनारों को ध्वस्त कर दिया।आमिर महमूद ने सोमवार को बताया, ‘पुलिस ने स्थानीय मौलवियों के इशारे पर काम किया, जिन्होंने मीनारों को नहीं गिराए जाने पर अहमदी उपासना स्थल पर हमला करने की धमकी दी थी।’ पाकिस्तान में कानून के तहत, अहमदी समुदाय मीनारों का निर्माण नहीं कर सकता है और न ही अपने इबादत स्थल को मस्जिद कह सकता है।

 अहमदियों ने धार्मिक चरमपंथियों के प्रकोप से बचने के लिए मीनारों को आम लोगों की नजरों से छिपाने के लिए चारों ओर इस्पात की चादरें लगा दी थीं। महमूद ने कहा, ‘अहमदी समुदाय पुलिस की न्यायेतर कार्रवाई की निंदा करता है। अहमदिया इबादत स्थल को अपवित्र करने वाले पुलिस अधिकारियों की ऐसी बर्बर कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है।’

कनाडा में तेज़ी से बढ़ रहे सिख समुदाय पर हमले, गोली मारकर युवक को उतारा मौत के घाट

कनाडा में भारतीयों खास कर सिख समुदाय पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार अल्बर्टा प्रांत में भारतीय मूल के एक 24 वर्षीय सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

कनाडा में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है।युवक की पहचान सनराज सिंह के रूप में हुई। तीन दिसंबर की रात एडमोंटन में गोली चलने की सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी।घायल अवस्था में सिंह एक वाहन में बैठे हुए थे। आपातकालीन चिकित्सा सेवा के पहुंचने तक उनकी मौत हो गई।

अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक सिंह की हत्या की गई है। पुलिस के मुताबिक घटना वाले इलाके से एक वाहन संदिग्ध स्थिति में जाता दिखा था और पहचान के लिए जांच अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज को भी जारी किया।

पुलिस ने तीन दिसंबर की रात इलाके में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में भी निवासियों से अवगत कराने को कहा है। ओंटारियो प्रांत में तीन दिसंबर को 21 वर्षीय सिख महिला पवनप्रीत कौर को ‘लक्षित’ हमले में गोली मार दी गई थी।

हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण करवाने वाले 30 व्यक्तियों पर ब्रिटेन ने लगाया प्रतिबंद

ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कुल 30 व्यक्तियों और संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन सभी लोगों पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप है।

इसमें पाकिस्तान में हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण करवा उन्हें मुस्लिम बनाने वाला मौलाना अब्दुल हक भी शामिल है। ब्रिटिश सरकार ने अपने द्वारा उठाए गए इस कदम के पीछे स्वतंत्र और मुक्त समाज की सोच को कारण बताया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के कैबिनेट में विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने यह सूची जारी की है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन पूरे विश्व में मानवाधिकार के मूल्यों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन डर और स्वतंत्रता के मूल्यों को बचाने के लिए अपने पास मौजूद हर विकल्प का उपयोग करेगा। ब्रिटेन की सरकार ने मौलाना अब्दुल हक को मियाँ अब्दुल हक नाम से संबोधित किया है।

उसके अलावा उगांडा, निकारगुआ, रूस, क्रीमिया आदि देशों के अन्य लोगों पर भी प्रतिबन्ध लगाया हैं। सबसे अधिक प्रतिबंधित तादाद रूस के लोगों की है।

उसका प्रभाव क्षेत्र सिंध प्रान्त में ज्यादा है। वह कई सालों से पाकिस्तान में हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण करवाने के चलते विवादों में रहा है। पाकिस्तान पुलिस ने मौलाना पर कभी ठोस कार्रवाई नहीं की है।

 

अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, पत्रकारों के मानवाधिकार हनन को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा

संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने अब अफगानिस्तान में पत्रकारों के मानवाधिकार हनन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने कहा कि अगस्त 2021 से अफगानिस्तान में तालिबान के राज के बाद 200 से ज्यादा पत्रकारों के मानवाधिकारों का हनन हुआ है।

तालिबान ने मीडिया कर्मियों के पक्ष में रणनीति साझा करने के बजाय देश के मीडिया आउटलेट्स को फिर हाशिये पर धकेल दिया है। खामा प्रेस ने तालिबान के हवाले से बताया कि तालिबान मीडिया के लिए एक उचित दिशानिर्देश तैयार करने की योजना बना रहे हैं।

राशिद की यह टिप्पणी उत्तरी मजार-ए-शरीफ में मीडिया और तालिबान की कार्यवाहक सरकार के बीच हाल ही में बैठक हुई। इसमें पत्रकारों की स्वतंत्रता के लिए रोडमैम तैयार करने के बजाय मीडिया आउटलेट्स पर और प्रतिबंध जारी रखे।

बल्ख के एक निजी मीडिया आउटलेट के प्रमुख अब्दुल बशीर आबिद ने कहा, मौजूदा शासन में हम मीडिया पर नियंत्रण को महसूस कर रहे हैं।  खामा प्रेस के स्थानीय पत्रकार सैयद मोहम्मद यज्दान ने कहा कि सरकार को ऐस नीति पेश करना चाहिए जो दोनों के बीच एक पुल का काम कर सके।

पाकिस्तान: गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को मादक पदार्थ से जुड़े मामले में मिली राहत, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

पाकिस्तान की एक अदालत ने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को मादक पदार्थ से जुड़े मामले में  बरी कर दिया।  पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के शासनकाल में उनके खिलाफ दर्ज किया गया था। सनाउल्लाह को जुलाई 2019 में मादक पदार्थ रोधी बल (एएनएफ) लाहौर की टीम ने राजमार्ग पर रवि टॉल प्लाज़ा के पास से गिरफ्तार किया था।

लाहौर उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त 2019 को उन्हें ज़मानत दे दी थी। सुनवाई के दौरान शनिवार को एएनएफ के सहायक निदेशक इम्तियाज़ अहमद और निरीक्षक एहसान आज़म ने सनाउल्लाह के खिलाफ आरोपों को खारिज किया और उन्हें ‘गलत’ बताया।

67 वर्षीय सनाउल्लाह और पांच अन्य सह-आरोपियों ने मादक पदार्थों की कथित तस्करी के मामले में बरी करने के लिए याचिका दायर की थी और दावा किया था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सका। मंत्री और अन्य याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि यह राजनीतिक उत्पीड़न का मामला था।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से आखिर क्यों बढ़ रही सऊदी अरब की नजदीकियां ? ये हैं वजह

ऊदी अरब यात्रा पर आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उस दर्जे का स्वागत हुआ है, जैसा पहले सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति का यहां होता था। शी जिनपिंग के लिए यहां बैंगनी कालीन बिछाई गई।

सऊदी यात्रा के दौरान शी जिनपिंग के दो खास सम्मेलनों में भाग लेने का कार्यक्रम रखा गया। इनमें एक सम्मेलन अरब देशों के नेताओं के साथ था। दूसरा सम्मेलन खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देशों के नेताओं के साथ था।

प्रिंस सलमान के हाथ में ही सऊदी अरब की असल सत्ता है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस यात्रा के दौरान प्रिंस सलमान यह साफ संदेश ना चाहते हैं कि सऊदी अरब और चीन के बीच एक विशेष दोस्ती कायम हो गई है।

अमेरिकी टीकाकारों ने शी के हुए स्वागत की तुलना 2017 में जेद्दाह में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हुए स्वागत से की है। जबकि इस वर्ष राष्ट्रपति जो बाइडेन जब यहां आए, तो सऊदी प्रतिक्रिया मद्धम रही।

कुछ महीने बाद तेल उत्पाद देशों के संगठन ओपेक ने उत्पादन घटाने का फैसला कर लिया।  निर्णय के पीछे भी प्रिंस सलमान का ही हाथ माना गया था। सलमान ने शी जिनपिंग के स्वागत में अपनी पूरी ताकत लगा दी है।