Thursday , November 21 2024

विदेश

जेनेवा में भारतीय समुदाय के लोगों से मिले जयशंकर, कंधार हाईजैक पर टिप्पणी करने से किया इनकार

केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों विदेश दौरे पर हैं। जर्मनी का दौरा पूरा करने के बाद वे गुरुवार को जेनेवा पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके अधिकांश समकक्ष, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं कि भारत में क्या हो रहा है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर जारी विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान एस. जयशंकर ने कहा, “मेरे अधिकांश समकक्ष, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं कि भारत में क्या चल रहा है। अन्य देश आज हमें दिलचस्पी से देख रहे हैं। हमने जो किया, दुनिया के लिए यह एक सबक है।”

कंधार हाईजैक पर टिप्पणी करने से किया इनकार
वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर जारी विवादों पर जयशंकर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने फिल्म नहीं देखी, इसलिए मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। 1984 में एक फ्लाइट हाईजैक हुआ था, उस समय मैं एक युवा अफसर था। मैं उस टीम का हिस्सा था, जो इनसे निपट रही थी। हाईजैक के तीन-चार घंटे बाद मैंने अपनी मां को यह कहने के लिए फोन किया कि मैं घर नहीं आ सकता। तब मुझे मालूम चला कि मेरे पिता भी उसी फ्लाइट में थे। हालांकि, किसी की जान नहीं गई। यह काफी दिलचस्प था क्योंकि एक तरफ मैं इस टीम का हिस्सा था जो हाईजैक पर काम कर रही थी और दूसरी तरफ मैं उस परिवार के सदस्यों में शामिल था जो हाईजैक को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे।”

बता दें कि जयशंकर ने अपने दौरे की शुरुआत महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर की। इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं।

भारतीय मूल के 24 वर्षीय इस्राइली सैनिक की हत्या की गई, वेस्ट बैंक के पास वारदात को दिया गया अंजाम

इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष को अब एक साल होने वाले हैं, लेकिन तनाव अभी भी कम नहीं हुआ। इस संघर्ष के बीच 24 वर्षीय भारतीय मूल के इस्राइली सैनिक की हत्या कर दी गई। बेनी मेनाशे समुदाय के स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंघल की वेस्ट बैंक की बीट एल बस्ती में वाहन से टक्कर मारकर हत्या कर दी गई। स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंगहल नोफ हागालिल के निवासी थे और केफिर ब्रिगेड की नहशोन बटालियन में सैनिक थे। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि वे युवा सैनिक की मौत की खबर से आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने बताया कि हंघल का अंतिम संस्कार गुरुवार को होगा।

नोफ हागालिल के मेयर ने जताया दुख
हंघल पूर्वोत्तर भारत के रहने वाले थे और 2020 में इस्राइल में आकर बस गए थे। लगभग 300 बेनी मेनाशी समुदाय के युवा वर्तमान में जारी संघर्ष में सेना की ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर और मिजोरम के रहने वाले बेनी मेनाशे इस्राइली जनजाति मेनासे के वंशज हैं। मेनाशे समुदाय के लगभग पांच हजार सदस्य इस्राइल में आकर बस गए। इस समुदाय के 5,500 सदस्य अभी भी भारत में रह रहे हैं। नोफ हागालिल के मेयर रोनेन प्लॉट ने कहा, “युवा सैनिक की मौत पर पूरा शहर दुखी है। हंघल बनी मेनाशे समुदाय का सदस्य था, जो मेरे दिल को बहुत प्रिय है।”

इस घटना से जुड़े वीडियो में फलस्तीनी लाइसेंस प्लेट वाला एक ट्रक को एक व्यस्क राजमार्ग से निकलते हुए देखा गया। रुकने से पहले ट्रक तेज रफ्तार में इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) गार्ड पोस्ट से टकरा गया। यह घटना वेस्ट बैंक से होने वाली बम विस्फोटों और गोलीबारी की घटनाओं के बाद घटी और इसकी जिम्मेदारी हमास ने ली। इस्राइल ने बताया कि वह वेस्ट बैंक में अपने आतंकवाद विरोधी अभियानों को आगे बढ़ा रहा है। इस्राइल ने दावा किया कि ईरान समर्थित आतंकी जॉर्डन के रास्ते हथियारों की तस्करी कर रहे हैं। फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को कहा कि इस्राइली हवाई हमले में फलस्तीन के तीन नागरिकों की मौत हो गई।

भारत-चीन के रिश्तों पर बोले जयशंकर- 75% तक सुलझी समस्याएं, सीमा पर सैन्यीकरण का बढ़ना बड़ा मुद्दा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पर कहा कि चीन के साथ समस्याओं में से लगभग 75 प्रतिशत का समाधान हो गया है, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर सैन्यीकरण का बढ़ना है। स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा शहर में एक थिंक-टैंक में एक संवादात्मक सत्र में, जयशंकर ने कहा कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों ने भारत-चीन संबंधों को प्रभावित किया है, उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा पर हिंसा होने के बाद यह नहीं कहा जा सकता कि बाकी संबंध इससे अछूते हैं।

दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी- जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि समस्या का समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में उन्होंने कहा, कि अब बातचीत चल रही हैं, हमने कुछ प्रगति की है। मैं मोटे तौर पर कह सकता हूं कि लगभग 75 प्रतिशत समस्याएं सुलझ गई हैं। वहीं एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, हमें अभी भी कुछ काम करने हैं। लेकिन एक बड़ा मुद्दा यह है कि हम दोनों ने अपनी सेनाओं को एक दूसरे के करीब ला दिया है और इस लिहाज से सीमा पर सैन्यीकरण हो रहा है।

बेहतर हो सकते हैं रिश्ते- विदेश मंत्री
इस दौरान विदेश मंत्री ने संकेत दिया कि अगर विवाद का समाधान हो जाता है तो रिश्ते बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि अगर कोई समाधान निकलता है, शांति और सौहार्द की वापसी होती है, तो हम अन्य संभावनाओं पर विचार कर सकते हैं। बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ टकराव वाले बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

रूसी राष्ट्रपति से एनएसए अजीत डोभाल ने की मुलाकात, पुतिन ने रखा पीएम मोदी के साथ बैठक का प्रस्ताव

मॉस्को: ब्रिक्स देशों के एनएसए सम्मेलन में भाग लेने रूस गए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति से रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने को लेकर चर्चा की। साथ ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा।

एनएसए सम्मेलन से अलग भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक की। पुतिन ने कहा कि हम अपने अच्छे दोस्त मोदी का इंतजार कर रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति ने 22 अक्तूबर को कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा। बैठक में पीएम मोदी को उनकी मॉस्को यात्रा के दौरान हुए समझौतों को लेकर हुई प्रगति के बारे में बताया जाएगा। साथ ही भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

रूस के भारतीय दूतावास के मुताबिक एनएसए अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूसी राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के बारे में भी जानकारी दी। इससे पहले अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से मुलाकात की। दोनों शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने में भारत की संभावित भूमिका और ‘पारस्परिक हितों’ के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

रूस और यूक्रेन दोनों देश भारत की मध्यस्थता के लिए तैयार
गौरतलब है कि अजीत डोभाल की रूस यात्रा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त करने की अपील की थी और कहा था कि भारत क्षेत्र में शांति बहाली के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वहीं पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अपने बयान में कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए वह भारत, चीन और ब्राजील की मध्यस्थता को स्वीकार कर सकते हैं।

कमला हैरिस पर जमकर बरसे ट्रंप, कहा- आपके पिता मार्क्सवादी..; उपराष्ट्रपति ने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला

दुनिया के तमाम देशों को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का बेसब्री से इंतजार है। वहीं, आज राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। इस डिबेट की शुरुआत में हैरिस और ट्रंप ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया। फिर उपराष्ट्रपति ने एक-एक कर ट्रंप पर इकोनॉमी और गर्भपात नीति समेत कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। वहीं पूर्व राष्ट्रपति ने कमला और उनके माता-पिता को माक्सर्वादी करार दिया। हालांकि, इस दौरान हैरिस अपने आपको शांत करने के लिए लगातार मुस्कुरा रही थीं, जबकि ट्रंप भी संतुलन व्यवहार बनाए रखने का प्रयास कर रहे थे।

पहले आए शांति से, फिर बरसे…
बहस के दौरान पूरा माहौल विवाद और आरोपों से भर गया। पहले दावा किया गया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़े ही शांत व्यवहार के साथ आए हैं। हालांकि जैसे ही ट्रंप बहस के मंच पर आए वैसे ही उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी पर हमला करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, ट्रंप ने कमला हैरिस के माता-पिता तक को भी नहीं बख्शा। उन्होंने भारतवंशी नेता को मार्क्सवादी बताया। उसके बाद उनके पिता को भी मार्क्सवादी प्रोफेसर बता दिया।

हैरिस ने नहीं दिया सीधे जवाब
हालांकि, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्रंप की तीखी टिप्पणियों का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया। मगर, उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान चीनी नेता शी जिनपिंग को धन्यवाद देने वाले ट्वीट के लिए ट्रंप की आलोचना करके पलटवार किया। हैरिस ने बहस के दौरान महामारी से जुड़ी उच्च बेरोजगारी दरों के लिए भी ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया।

ट्रंप कभी अपनी बात पर नहीं टिके: डकवर्थ
इलिनोइस की सीनेटर टैमी डकवर्थ ने ट्रंप की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह कभी भी अपनी बात पर नहीं टिके हैं। वह बार-बार अपनी बात से मुकरते रहे। जबकि कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने उन्हें उबाऊ करार दिया है। डकवर्थ ने हाल ही में आर्लिंगटन विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप सेना के परिवारों का अपमान करते रहते हैं। उन्होंने गोल्ड स्टार परिवारों का अपमान किया है।

जर्मनी के विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन से मिले जयशंकर, द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की

केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर जर्मनी के तीन दिवसीयदौरे पर हैं। उन्होंने जर्मन सांसद की विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन माइकल रोथ से मुलाकात की। दोनों के बीच मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई। जयशंकर सऊदी अरब से जर्मनी पहुंचे। जर्मन सांसद से बातचीत को लेकर जयशंकर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी।

केंद्रीय विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “माइकल रोथ से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-जर्मनी के बीच मौजूदा वैश्विक चुनौतियों और नए द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर बात की।” उन्होंने मंगलवार को बर्लिन में आयोजित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विदेशी मामलों और सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ बातचीत भी की।

जयशंकर ने बताया कि इस सम्मेलन में भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक समानता पर विचारों का आदान प्रदान किया गया। उन्होंने संसद के सदस्यों से भी मुलाकात की। इससे पहले जयशंकर ने अपने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ व्यापक चर्चा की। दोनों ने व्यापार, रक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी पर बात की।

79वें महासभा सत्र में रचा गया इतिहास, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच फलस्तीन को मिला स्थान

संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीनी प्राधिकरण के दूत रियाद मंसूर ने मंगलवार की दोपहर में श्रीलंका और सूडान के बीच फलस्तीन राज्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण किया। संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के स्थायी मिशन ने मिस्र के राजदूत और महासभा के अध्यक्ष की तरफ से फलस्तीन राज्य की नई सीटिंग की पुष्टि की है। मिस्र के प्रतिनिधि ने राष्ट्रपति से यह पुष्टि करने के लिए एक मुद्दा उठाया कि आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। मिस्र के राजदूत ओसामा महमूद अब्देलखलेक महमूद ने कहा, यह महज एक प्रक्रियागत मामला नहीं है। यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। इस पर यूएनजीए अध्यक्ष ने उत्तर दिया कि मुझे सूचित किया गया है कि फलस्तीन को जहां बैठना चाहिए, वहां बैठाने के लिए सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं।

इस्राइल ने किया विरोध, बताया राजनीतिक पक्षपात
हालांकि इस्राइल ने इस कदम की निंदा की है। इजरायल के प्रतिनिधि ने कहा कि इस मामले में विधानसभा का निर्णय राजनीतिक पक्षपात से प्रेरित है, उन्होंने रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता और संबंधित विशेषाधिकार विशेष रूप से संप्रभु राज्यों के लिए आरक्षित हैं।

फलस्तीन को अतिरिक्त अधिकार देने के लिए पेश हुआ था प्रस्ताव
बता दें कि इस साल 10 मई को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फलस्तीन की संयुक्त राष्ट्र सदस्यता पर पुनर्विचार और पर्यवेक्षक का दर्जा रखने वाले फलस्तीन को अतिरिक्त अधिकार प्रदान करने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया गया था। इस प्रस्ताव में फलस्तीन को महासभा के सत्रों, संयुक्त राष्ट्र की बैठकों और सम्मेलनों में भाग लेने की अनुमति देने की व्यवस्था करने का आह्वान किया गया था, जिसमें कहा किया गया था कि यह असाधारण आधार पर और बिना किसी मिसाल कायम किए किया जाएगा। इस प्रस्ताव को भारत समेत 143 मतों के साथ भारी बहुमत मिला था।

इस बीच, कैमरून के पूर्व प्रधान मंत्री फिलेमोन यांग ने अपने पूर्ववर्ती डेनिस फ्रांसिस से पदभार ग्रहण किया। यांग ने कहा, मैं सभा से अपने दृढ़ संकल्प को तेज करने, गाजा पट्टी, हैती और यूक्रेन में कठिन संघर्षों समेत संघर्षों के समाधान को प्राथमिकता देने का आग्रह करूंगा। नए यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा, मानवाधिकार हमारी महासभा के मूल में बने रहेंगे। वहीं महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यांग को बधाई दी।

कीव पहुंचे अमेरिका और यूके के विदेश मंत्री, यूक्रेन ने की रूस पर मिसाइल से हमला करने की तैयारी

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी संयुक्त यात्रा पर कीव पहुंचे। उधर, यूक्रेन ने रूस पर मिसाइल हमला करने की तैयारी की है। इसके लिए यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों पर दबाव बना रहा है।

अमेरिका में राष्ट्रपति पद उम्मीदवार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बहस के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ट्रेन से कीन पहुंचे। उन्होंने ईरान पर मॉस्को को छोटी दूरी की बैलास्टिक मिसाइल देनें का आरोप लगाया। साथ ही इसे युद्ध का नाटकीय विस्तार करार दिया।

दरअसल, पिछले काफी समय से यूक्रेन पश्चिमी देशों से लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति मांग रहा है। अब जब रूस को ईरान से हथियार मिलने की बात सामने आई है तो साफ है कि यूक्रेन इस मामले में दबाव डालेगा।

यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शम्यहाल ने कहा कि अगर हमें दुश्मन के सैन्य ठिकानों और हथियारों को नष्ट करने की अनुमति मिलती है तो यह हमारे देश के लोगों, बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। रूस यूक्रेन पर हमला करने के लिए लगातार अपने आतंकवादी सहयोगियों के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। हमें इन हमलों का जवाब देने की अनुमति दी जाए।

रूस-यूक्रेन युद्ध को बीते दो साल
रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल पूरे हो चुके हैं। 24 फरवरी 2022 को इन दो देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था जो अभी तक जारी है। दो साल की लड़ाई में दोनों देशों में बहुत कुछ बदल चुका है। इस युद्ध ने हजारों लोगों की जान ले ली, लाखों लोग विस्थापित हुए, परिवारों और समुदायों को तोड़ दिया और अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। यह खूनी जंग रुकेगी, इसके भी कोई संकेत नहीं हैं। युद्ध की शुरुआत से रूस पर पाबंदियों का दौर जारी है। इसके बाद भी रूस अपने कदम पीछे करने को तैयार नहीं है।

स्पीकर ने निलंबित किए सुरक्षा अधिकारी, विपक्षी सांसदों को संसद में घुसकर किया था गिरफ्तार

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (एनए) के स्पीकर अयाज सादिक ने बुधवार को पांच सुरक्षा अधिकारियों को निलंबित किया। यह कार्रवाई संसद भवन से विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी के मामले में की गई गई है। ये सांसद जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से जुड़े हैं।

संसद में घुसकर की थी पीटीआई सांसदों की गिरफ्तारी
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सुरक्षा अधिकारियों जो सादा कपड़े पहने हुए थे, उन्होंने संसद भवन में घुसकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसदों को गिरफ्तार किया। इनमें पीटीआई के अध्यक्ष गौहर अली खान भी शामिल थे। इस कार्रवाई पर केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि सरकार की सहयोगी पार्टियों ने भी नाराजगी जताई। इसके बाद सादिक ने यह कार्रवाई की। सादिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेता हैं।

सरकार के सहयोगी दलों ने भी जताई नाराजगी
सरकार में सहयोगी पार्टियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने विपक्षी ने विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि इससे तनाव और बढ़ सकता है। सादिक ने इस घटना के बाद घोषणा की थी कि वह जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

सुरक्षा अधिकारी 120 दिनों के लिए निलंबित
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, जरूरी जांच के बाद स्पीकर सादिक ने कार्रवाई की। सुरक्षा अधिकारियों मुहम्मद इशफाक अशरफ, वकास अहमद औरत तीन अन्य कनिष्ठ सुरक्षा सहायक उबैदुल्लाह, वाहिद सफदर और मुहम्मद हारून को 120 दिनों के लिए निलंबित किया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें नियमों के अनुसार वेतन और भत्ते मिलेंगे।

रक्षा और समुद्री सहयोग बढ़ाएंगे भारत-ब्रुनेई, पीएम मोदी की सुल्तान बोल्किया से मुलाकात

ब्रूनेई दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाने का एलान किया बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और रक्षा, व्यापार, ऊर्जा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की गई।

ब्रूनेई यात्रा पर गए पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रूनेई के सुल्तान बोल्किया ने अपने निवास इस्ताना नुरुल इमान में स्वागत किया। इसे लेकर विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया कि यह भारत-ब्रूनेई संबंधों को एक्ट ईस्ट नीति के तहत गति देने का प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने बंदर सेरी बेगवान में सार्थक चर्चा की। मुलाकात के बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि वह नौपरिवहन और उड़ानों की स्वतंत्रता को कायम रखेंगे। साथ ही रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और टेलीकॉममांड (टीटीसी) स्टेशन की मेजबानी जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की भी सराहना की। मोदी ने ब्रुनेई यात्रा को लेकर कहा कि यह भारत-ब्रुनेई संबंधों के एक नए युग की शुरुआत करता है।

उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत साझेदारी में बदलने का स्वागत किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति समेत कई संबंधों पर बात की। सुल्तान बोल्किया से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रुनेई भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और भारत प्रशांत लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। हम एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं । ब्रुनेई की मेरी यात्रा और हमारी चर्चाएं हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीतिक दिशा देंगी।