Friday , November 22 2024

विदेश

क्या गोटाबाया राजपक्षे को श्रीलंका लौटना चाहिए ? राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दिया ये जवाब…

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका लौटने के लिए तैयार हैं. आपको बता दें की वह आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच मेंराजपक्षे ने मजबूर होकर  राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था .इस बीच देश की वित्तीय स्थिति में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं देखने के साथ उथल-पुथल के नए स्तर पर पहुंच रहा है।

श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को भी संकट के बीच प्रदर्शनकारियों द्वारा लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों से मिली धमकियों का हवाला देते हुए को कहा कि यह मांग करने का कोई मतलब नहीं है कि वह “घर चले जाएं” क्योंकि उनके पास जाने के लिए कोई घर नहीं है।

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने  कहा,”मुझे नहीं लगता कि यह उनके लौटने का समय है. मेरे पास उसके जल्द लौटने का कोई संकेत नहीं है.”  विक्रमसिंघे प्रशासनिक हैंडओवर मुद्दों और अन्य सरकारी कामों से निपटने के लिए राजपक्षे के संपर्क में हैं.

देश की स्थिति को सुधारने के लिए श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव कराए गए। रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, गोटबाया सरकार के करीबी और गृह मंत्री रहे दिनेश गुणेवर्दना को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई।

नैन्सी पेलोसी का एशिया दौरा आज से हुआ शुरू, ताइवान यात्रा पर अमेरिका को डराने में जुटा चीन

चीन, अमेरिकी कांग्रेस की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी के एशिया दौरे को लेकर काफी नाराज है यह एक हाई- प्रोफाइल दौरा माना जा रहा है।उनके साथ कई अन्य कांग्रेस सदस्य सोमवार को सिंगापुर का दौरा कर रहे हैं।

चीन ने ताइवान के करीब एक मिलिट्री ड्रिल का आयोजन किया है। इस ड्रिल के दौरान चीन ने अमेरिका को वॉर सिग्‍नल्‍स भेजे हैं। उनका ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन ने इसको लेकर अमेरिका को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। नैन्सी ताइवान का भी दौरा कर सकती हैं।मगर इसके बाद भी चीन का पारा हाई है।

नैन्सी चार देशों, सिंगापुर, जापान, साउथ कोरिया और मलेशिया की यात्रा पर रवाना हुई हैं।  अमेरिका प्रशासन ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि नैन्सी इस दौरे के क्रम में ताइवान जाएंगी या नहीं। अभी तक उनका ताइवान के दौरे को सुरक्षा की लिहाज से बेहद गोपनीय रखा गया है।

पेलोसी ने अपने पूर्वी एशिया के दौरे का ऐलान करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। उन्‍होंने इस बयान में कहा कि वो अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिदल के साथ चार देशों का दौरा करेंगी।  पेलोसी ने  अभी तक अपने ताइवान दौरे को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है।

नेपाल के काठमांडू में आज महसूस हुए भूकंप के जोरदार झटके, रिक्टर पैमाने पर 5.5 मापी गई तीव्रता

नेपाल के काठमांडू में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर 5.5 तीव्रता मापी गई है। भूकंप का केंद्र काठमांडू, नेपाल से 147 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में रहा।

भूकंप इतना तेज था कि बिहार के कई जिलों में इसका असर देखने को मिला है। लोगों का कहना है कि उन्हें भी झटके महसूस हुए। छुट्टी वाला दिन होने के कारण लोग घरों पर ही थे।

ऐसे में सुबह-सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर की ओर भागे। हालांकि, गनीमत रही कि भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है।

रविवार सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर आए भूकंप के झटके भारत में भी महसूस किए गए हैं। भारत में बिहार, खासतौर पर राजधानी पटना के साथ ही नॉर्थ बंगला तक झटके महसूस हुए। गुवाहाटी से भी झटकों की सूचना है। अब तक किसी तरह के जान-मान के नुकसान की खबर नहीं है।

क़र्ज़ में डूबे पकिस्तान ने IMF से लोन लेने के लिए अमेरिका के आगे टेके घुटने, इमरान खान हुए नाराज

कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को डिफाल्टर बनने से रोकने के लिए अब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मोर्चा संभाला है। बाजवा ने अमेरिका से कहा है कि वो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज दिलवाने में पाकिस्तान की मदद करे।

जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन के साथ इस मामले पर चर्चा की और अमेरिका से पाकिस्तान की मदद के लिए आईएमएफ में अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील की। सेना प्रमुख द्वारा इस तरह की अपील किया जाना दुर्लभ है। मुख्य रूप से अफगानिस्तान के मुद्दे के कारण अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में हालिया वर्षों में तनाव पैदा हो गया है।

अगर पाकिस्तान सरकार इन शर्तों को लागू करती है तो अवाम पर महंगाई का बम फूटेगा और अगर नहीं करती है तो आर्थिक पैकेज नहीं मिलेगा। आईएमएफ ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए बिजली की दरें बढ़ानी होगी.

पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगाना होगाविशेष रूप से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण रहे। इमरान खान को अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बाहर कर दिया गया था।

टूट जाएगा भारत का ब्रिटेन पर शासन का सपना, पीएम बनने की रेस में लिज ट्रस निकली ऋषि सुनक से आगे

प्रधानमंत्री पद की रेस में पिछड़े ऋषि सुनक लिज ट्रस के चुनाव जीतने की संभावना 90 प्रतिशत लिज ट्रस को बोरिस जॉनसन का भी समर्थन हासिल है ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने के काफी करीब पहुंच चुकी हैं और ऋषि सुनक के मुकाबले उन्हें 90 प्रतिशत का बढ़त मिल गया है।

कंजरवेटिव पार्टी के करीब 90 प्रतिशत वोटर्स का मानना है, कि लिज ट्रस ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन सकती हैं।ऋषि सुनक आगे चल रहे थे लेकिन अब वह दौड़ में काफी पिछड़ गए हैं। शुरुआत में ऋषि सुनक को 60-40 प्रतिशत सदस्यों का समर्थन था लेकिन ये आंकड़ा घट कर 10 प्रतिशत पर आ गया है। बता दें कि लिज ट्रस को बोरिस जॉनसन का समर्थन हासिल है।

ऋषि सुनक के पिछड़ने की मुख्य वजह उनकी आर्थिक नीतियां बताई जा रही हैं। ऋषि सुनक डिबेट के दौरान ये साफ कर चुके हैं कि वह पर्सनल टैक्स में तब तक कटौती नहीं करेंगे, जब तक महंगाई नियंत्रण में है। यूके के प्रधानमंत्री पद के लिए लड़ने वाले अंतिम दो उम्मीदवार लिज ट्रस और ऋषि सुनक लगातार अपने लिए प्रचार कर रहे हैं.

दोनों के बीच अलग अलग टीवी चैनलों पर डिबेट भी हो रही है।ऋषि सुनक के अगले पीएम बनने की संभावना घटकर 10 फीसदी और लिज ट्रस के प्रधानमंत्री बनने की संभावना 89.29 फीसदी हो गई है, जबकि अन्य उम्मीदवारों के पास 1 फीसदी मौका भी नहीं है।

बांग्लादेश में रेलवे क्रॉसिंग पर मिनी बस और ट्रेन के बीच हुई बड़ी टक्कर में अबतक 11 लोगों की मौत

बांग्लादेश के चटगांव जिले में चौकीदार-रहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक मिनी बस के ट्रेन की चपेट में आ जाने से सात छात्रों समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच घायल हो गए।

यह हादसा मीरशरई उपजिला में हुआ, जब एक कोचिंग सेंटर के छात्रों और शिक्षकों को ले जा रही मिनी बस ढाका जा रही प्रोवती एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गई।स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया की  हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर ली गई है. ये लोग वॉटरफाल देखने के लिए गए हुए थे.

मृतक चार शिक्षक जीसन, साजिब, रकीब रेडवान थे. बाकी पांच की पहचान हिशाम, आयत, मारुफ, तसफिर हसन स्टूडेंट के रूप में हुई. ये सभी एसएससी एचएससी की तैयारी कर रहे थे. घायलों में माइक्रोबस हेल्पर तौकिद इब्ने शॉन, 11वीं कक्षा के छात्र मोहम्मद माहिम, तनवीर हसन ह्रीदोय, मोहम्मद इमोन एसएससी उम्मीदवार तशमीर पाबेल मोहम्मद सैकोट शामिल हैं.

मीरशरई थाने के प्रभारी अधिकारी (ओसी) कबीर हुसैन ने कहा कि इस दुर्घटना में मरने वाले 11 लोगों में से सात लगभग एक ही उम्र के छात्र थे, जबकि अन्य चार शिक्षक थे। कबीर हुसैन ने कहा, ‘प्रोवती एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से माइक्रोबस रेलवे ट्रैक पर कई सौ मीटर घिसटती चली गयी।

श्रीलंका बनने की राह पर बांग्लादेश, इस मामले में जल्द भारत को छोड़ सकता हैं पीछे

बांग्लादेश दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बांग्लादेश आने वाले समय में जीडीपी को लेकर भारत को पीछे छोड़ देगा.

बांग्लादेश के वित्त मंत्री ने IMF से से 4.5 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। कुछ समय पहले IMF ने कहा था कि उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश बांग्लादेश जीडीपी के मामले भारत को पीछे छोड़ देगा।  बांग्लादेश किस कदर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसे वहां के हालातों से समझा जा सकता है।

बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली हो रहा है, जिसकी कई वजह बताई गई हैं।  विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर डाली तो पिछले साल जुलाई तक यह 45 अरब डॉलर था। 20 जुलाई, 2022 को यह घटकर 39 डॉलर ही बचा है।

पाकिस्तान से अलग होने के बाद बांग्लादेश एक गरीब देश हुआ करता था, लेकिन धीरे- धीरे इस देश ने अपने हालतों पर काबू पा लिया. लेकिन अब फिर से बांग्लादेश पर आर्थिक संकट का पहाड़ टूट पड़ा है.

2020 तक बांग्लादेश की पूरे दुनिया में वाहवाही हो रही थी.जिसके बाद से भारत के विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार को तंज कसा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए बताया कि बीजेपी सरकार पिछले 6 साल से नफरत कि राजनीति कर रही है, यही इनकी उपलब्धि है.

UAE में बारिश ने तोड़ा 27 साल का रेकॉर्ड, जिसके चलते डूबे कई घर व जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त

दुनिया का एक बड़ा रेगिस्तानी इलाका इन दिनों मूसलाधार बारिश से जूझ रहा है। गर्मी से राहत के इतर लोगों को ‘जूझना’ इसलिए पड़ रहा है क्योंकि शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। दो दिनों की भारी बारिश के बाद कई पूर्वी इलाकों में बाढ़ से तबाही मची है.

बाढ़ से विशेष रूप से शारजाह, रास अल खैमाह और फुजैराह जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. रास अल खैमाह की कई वादियां और बांध प्रभावित हुए हैं.कतर और संयुक्त अरब अमीरात में भारी बारिश हुई। बारिश के चलते यूएई के पूर्वी हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई जिसने घरों को क्षतिग्रस्त किया और कई गाड़ियां इसमें बह गईं।

सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे फोटो वीडियो में पूरे दिन की बारिश के बाद हाईवे पर गाड़ियां पानी में तैरती नजर आ रही हैं। एक वीडियो में बचावकर्मी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाते देखे जा सकते हैं।

यूएई के कुछ इलाकों में रह-रहकर बारिश हो रही है. बचाव कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के निजी सेक्टर के कर्मचारियों के साथ संघीय कर्मचारियों से गुरुवार और शुक्रवार को घर से काम करने का आग्रह किया गया है.

 

श्रीलंका 2.0: इराक में बने श्रीलंका जैसे हालात, प्रदर्शनकारियों ने संसद पर बोला धावा किया ये…

ईराक  में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बगदाद स्थित संसद पर धावा बोल दिया।  प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में संसद परिसर में घुस गए और वहां तोड़फोड़ भी की।ज्यादातर प्रदर्शनकारी इराकी शिया लीडर मुक्तदा अल सदर के समर्थक हैं.

प्रदर्शनकारी ईरान समर्थित पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री के लिए पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं.प्रदर्शनकारियों ने  बगदाद के उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन, सरकारी भवनों और राजनयिक मिशनों के घर में प्रवेश किया.

इमारत के अंदर केवल सुरक्षाकर्मी थे जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को आसानी से अंदर जाने की अनुमित दे दी।इसके बाद वे संसद में गुस गए. हालांकि उस समय संसद में कोई भी सांसद मौजूद नहीं था.

प्रदर्शनकारी पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी  की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, जो ईरान समर्थित हैं। बता दें कि अक्तूबर 2021 में इराक में चुनाव हुए थे, इसके बाद यह बड़ा प्रदर्शन है।

इराकी संसद बगदाद के उस ग्रीन जोन में स्थित है, जिसे देश का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है. यहां पर सरकारी कार्यालय होने के अलावा दुनिया के कई देशों की एंबेसी भी मौजूद हैं. इसमें अमेरिकी दूतावास भी शामिल है. सुरक्षा का इतना तगड़ा घेरा होने के बाद भी प्रदर्शनकारी आसानी से संसद में घुसते हुए दिखाई दिए.

क्या भारत का ये पडोसी देश भी होगा श्रीलंका की तरह कंगाल, कुर्सी और अर्थव्यवस्था के बीच फंसे शहबाज

पाकिस्तान में निजाम बदलने के बाद भी न तो राजनीतिक हालात स्थिर हो रहे हैं और न ही आर्थिक संकट कम होने का नाम ले रहा है।पाकिस्तान अलग-अलग योजनाओं में अरबों डॉलर की वित्तीय मदद लेकर चीन के जाल में फंसता जा रहा हैं  ।

पाकिस्तान में लगातार गिरती रुपये की कीमत और विदेशी मुद्रा का संकट श्रीलंका जैसे हालात पैदा करने के लिए काफी हैं। पाकिस्तान जल्द ही डिफॉल्टर देश बन सकता है। पाकिस्तान की इकॉनमी बेहद बुरे दौर से गुजर रही है।
पाकिस्तान की लड़खड़ाई हुई वित्तीय व्यवस्था पर सबसे ज्यादा चर्चा तब शुरू हुई, जब पाकिस्तान के मंत्री एहसान इकबाल ने संसदीय कमेटी के सामने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है।विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि जिस तरीके के आर्थिक हालात पाकिस्तान में बने हैं वह श्रीलंका से कम नहीं है।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों कुर्सी और आर्थिक संकट के बीच फंसे दिख रहे हैं। आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने शर्त रखी थी कि जब तक फ्यूल पर सब्सिडी बंद नहीं की जाएगी वह कर्ज नहीं दे सकता।
पाकिस्तानी इकोनॉमिक एडवाइजरी फोरम के आंकड़ों के मुताबिक उनके देश पर 2021 में जो कर्ज 85.57 अरब डॉलर का था वह एक साल के भीतर बढ़कर 28.79 अरब डॉलर पहुंच गया है।