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देश

अखिलेश यादव के गढ़ में उम्मीद से कम हुआ मतदान, सपा की बढ़ी टेंशन; भाजपा में खुशी की लहर

मैनपुरी:  मैनपुरी के करहल विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को हुए मतदान में मतदान का गिरा प्रतिशत किसको अभयदान देगा यह तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा। मतदान का प्रतिशत गिरने से जहां भाजपा खेमे में खुशी देखने को मिल रही है। वहीं सपा इसके बाद भी करहल सीट को जीतने का दावा कर रही है। राजनैतिक जानकार इस बार बड़ी जीत की संभावना को नकार रहे हैं।

विधानसभा उपचुनाव में बुधवार को हुए मतदान का प्रतिशत 53.89 रहा है। जबकि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 66.11 रहा था। इस बार 12.20 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक इस बार 45000 कम वोट पड़ा है। करहल विधानसभा में हर बार मतदान का प्रतिशत 60 प्रतिशत से ज्यादा रहता था। मतदान का बढ़ा प्रतिशत हमेशा सपा को लाभ पहुंचाने वाला माना जाता था।

कमरिया-घोषीवाद का लगा नारा
इस बार सपा ने पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा ने सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश सिंह को मैदान में उतार दिया। अनुजेश ने यादव समाज के वोटों में विभाजन करने की जमकर कोशिश की। कमरिया घोषीवाद का भी भाजपा की ओर से नारा दिया गया। मतदान के दिन मतदान के कम प्रतिशत ने सपा में जहां बेचैनी बढ़ाई है वहीं भाजपा के लोग कम मतदान से उत्साहित हैं। कम मतदान को वह अपने पक्ष में होने का दावा कर रहे हैं। सपा नेता दावा कर रहे हैं कि कम मतदान के बाद भी करहल विधानसभा में सपा ही जीतेगी। हालांकि राजनैतिक जानकार विधानसभा उपचुनाव में बड़ी जीत की संभावना को नकार रहे हैं।

‘जेपीसी जांच की मांग सही साबित हुई’, अमेरिका में अदाणी पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस

अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, उन पर अमेरिका में घूस देने और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इसे लेकर अमेरिका के ब्रुकलिन में अदालत में केस भी दायर किया गया है। अब इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि उसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग सही साबित हुई है। कांग्रेस ने अदाणी समूह पर घोटाले का आरोप लगाया है और साथ ही इसकी जांच को लेकर भारत के शेयर बाजार नियामक- सेबी को भी घेरा है।

क्या है अदाणी के खिलाफ मामला?

अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी पर सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को घूस देने से जुड़ी तैयारियों का आरोप लगाया है। बताया गया है कि मनमुताबिक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अदाणी ने कथित तौर पर 25 करोड़ डॉलर की घूस दी थीं या देने की तैयारियां की थीं।

अमेरिकी अभियोजकों ने इस मामले में गौतम अदाणी के अलावा उनके भतीजे सागर और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। अमेरिकी कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक, इन लोगों पर 2020 से 2024 के बीच भारत सरकार के अफसरों को 25 करोड़ रुपये की घूस देने/पेशकश करने का आरोप है। इसके जरिए वह मनमानी शर्तों पर सोलर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट पाना चाहते थे, जिनसे दो अरब डॉलर से ज्यादा का फायदा मिलने की उम्मीद थी।

मंत्री साजी चेरियन को हाईकोर्ट से झटका; संविधान का अपमान करने वाली टिप्पणी के जांच के आदेश

कोच्चि:  केरल की हाईकोर्ट ने मंत्री साजी चेरियन की संविधान का अपमान करने वाली कथित टिप्पणी की जांच के आदेश दिए। न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने गुरुवार को राज्य अपराध शाखा को सीपीआई (एम) विधायक और सरकार में मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामलों के राज्य मंत्री की टिप्पणियों की जांच करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा, ‘न्यायालय ने पहले ही पाया है कि आगे की जांच की आवश्यकता है। चूंकि आरोपी राज्य का मंत्री है, इसलिए इस न्यायालय का मानना है कि स्टेशन हाउस अधिकारी की जांच पर्याप्त नहीं होगी। इसलिए आगे की जांच राज्य अपराध शाखा को करनी चाहिए। राज्य पुलिस प्रमुख तुरंत जांच का नेतृत्व करने के लिए एक ईमानदार अधिकारी के साथ जांच को राज्य अपराध शाखा को सौंपने का आदेश पारित करें। जांच बिना किसी अनावश्यक देरी के पूरी की जानी चाहिए।

2022 में चेरियन ने खुद को उस वक्त विवादों में घिरा पाया, जब उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का इस्तेमाल आम लोगों का शोषण करने के लिए किया जाता है। एक पार्टी कार्यक्रम में दिए गए उनके भाषण ने इतना विवाद खड़ा कर दिया था कि विधायक को मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामलों के राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। दिसंबर 2022 में हाईकोर्ट ने विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद 2023 में काफी हंगामे के बीच उन्हें पद पर बहाल कर दिया गया।

नौसेना के दो दिवसीय ‘सी विजिल-2024’ की तैयारियां पूरीं, आज होगा आगाज; परखेंगे अपनी ताकत

कोलकाता:  भारतीय नौसेना ने ‘सी विजिल-2024’ के चौथे संस्करण की तैयारियां पूरी कर ली है। दो दिवसीय आयोजन का आज आगाज होगा। भारतीय नौसेना अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमता को परखने के लिए 20 और 21 नवंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर का तटीय रक्षा अभ्यास करने जा रही है। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रव्यापी इस अभ्यास के हिस्से के रूप में बंगाल में नौसेना के प्रभारी अधिकारी (एनओआइसी) की देखरेख में कोलकाता और बंगाल तट पर भी यह अभ्यास आयोजित किया जाएगा।

कोलकाता में नौसेना के प्रमुख बेस आईएनएस नेताजी सुभाष में पत्रकारों से बातचीत में बंगाल में नौसेना के प्रभारी अधिकारी कमोडोर अजय यादव ने बताया कि पूरा अभ्यास नौसेना स्टेशन कोलकाता में संयुक्त समन्वय केंद्र (जेसीसी) से संचालित किया जाएगा। इसमें सभी हितधारकों के प्रतिनिधि बेहतर समन्वय और तालमेल के लिए मिलकर काम करेंगे।

16 केंद्रीय और राज्य एजेंसियां लेंगी भाग

उन्होंने बताया कि यह अभ्यास भारतीय नौसेना द्वारा तटरक्षक बल, बंगाल पुलिस, राज्य मत्स्य विभाग, नौवहन, बंदरगाह और जलमार्ग विभाग, सेना व वायुसेना, सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीमा शुल्क, खुफिया ब्यूरो सहित 16 केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की भागीदारी और समर्थन से आयोजित किया जाएगा। एनसीसी भी पहली बार इस अभ्यास में भाग ले रही है।

26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद 2019 में शुरू हुआ अभ्यास

यादव ने बताया कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद 2019 में शुरू हुए इस द्विवार्षिक अभ्यास का उद्देश्य समुद्र से उत्पन्न होने वाले खतरों के खिलाफ भारतीय तटरेखा पर तटीय रक्षा प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता को परखना है। अभ्यास तटीय परिसंपत्तियों जैसे बंदरगाहों, तेल रिग, केबल लैंडिंग प्वाइंट और तटीय आबादी की सुरक्षा सहित महत्वपूर्ण तटीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित होगा।

अजीत व शरद गुट में जोरदार लड़ाई, मुंडे परिवार एकजुट होकर मैदान में

बीड :  बीड मराठवाड़ा का अहम जिला है। पारसी के भीर शब्द से बीड बना। भीर का मतलब कुआं होता है। कहां जाता था कि बीड के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में एक कुआं होता था। इन दिनों यह भी कहा जाता है कि गन्ना काटने के मजदूर भी सबसे ज्यादा यहीं पर हैं और पूरे महाराष्ट्र में जाकर काम करते हैं। पिछड़़ेपन का आलम यह है कि आज तक जिला मुख्यालय को रेल नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सका है और मुख्यालय पर कोई मेडिकल कॉलेज भी नहीं है। हालांकि लोगों का दावा है कि विकास भले कम हुआ हो, पर गाड़ियां खरीदने में वे दूसरे जिलों से आगे हैं।

चुनावी मैदान को देखें तो इस बार जिले की कई सीटों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार और शरद पवार गुट के बीच जोरदार मुकाबला है। यह जिला गोपीनाथ मुंडे के परिवार की राजनीति से भी जुड़ा है। उनकी बेटी पंकजा मुंडे और भतीजे धनंजय मुंडे इस बार मिलकर मैदान में हैं। मराठा आरक्षण की आंच के कारण लोकसभा चुनाव में पंकजा मुंडे हार गई थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की छह सीटों में चार पर शरद पवार की पार्टी और दो पर भाजपा जीती थी। बाद में शरद गुट के बीड के विधायक को छोड़ तीन अजीत गुट में चले गए।

पार्टियों के बंटवारे और गठबंधन के कारण कई सीटों पर ताकतवर उम्मीदवारों को भी उनकी पार्टी ने टिकट नहीं दिए। ऐसे में गंवराई सीट पर एनसीपी अजीत गुट से विजय पंडित हैं, तो शिवसेना उद्धव गुट से उनके चाचा बादाम राव पंडित मैदान में हैं। दोनों ही मराठा हैं। भाजपा के मौजूदा विधायक लक्ष्मण पंवार को गठबंधन के कारण टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने भी ताल ठोंक दी है। माजलगांव सीट से 4 बार के विधायक प्रताप सोलंकी पिछली बार शरद पवार की पार्टी से जीते थे, तो इस बार अजीत गुट से मैदान में हैं। शरद गुट से मोहन जगताप हैं, तो भाजपा के खाते में सीट न आने के कारण रमेश आडसगर बागी होकर मैदान में हैं। अष्टी सीट पर महायुति फ्रेंडली मुकाबला है। भाजपा से सुरेश धस व अजीत गुट से विधायक बाला साहेब अजबे मैदान में हैं। वहीं, शरद गुट ने महबूब शेख को उतारा है, तो चार बार के भाजपा विधायक भीमराव धोंडे बागी होकर मैदान में हैं।

दुनियाभर में मीठे व ताजे पानी का स्तर गिरा, नासा-जर्मन उपग्रहों से प्राप्त जानकारी के आधार पर खुलासा

नई दिल्ली:  सूखे के समय सिंचाई की जानी वाली खेती में बढ़ोतरी के साथ-साथ खेतों और शहरों को भूजल पर अधिक निर्भर रहने के कारण भूमिगत जल आपूर्ति में गिरावट का चक्र शुरू हो जाता है। अब नासा और जर्मन उपग्रहों से प्राप्त अवलोकनों का उपयोग करते हुए वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को इस बात के सबूत मिले है कि मई 2014 से धरती पर ताजा और मीठे पानी की कुल मात्रा में अचानक गिरावट आई है और तब से यह कमी लगातार बनी हुई है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से जब अत्यधिक बारिश होती है तो पानी बह जाता है यानी बर्बाद हो जाता है, बजाय इसके कि वह भूजल भंडार में समा जाए और उसे फिर से भर दे। दुनियाभर में 2014 से 2016 के अल नीनो के बाद से मीठे पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है और अधिक पानी जल वाष्प के रूप में वायुमंडल में जमा है। तापमान बढ़ने से सतह से वायुमंडल में पानी का वाष्पीकरण और वायुमंडल की जल धारण करने क्षमता दोनों बढ़ जाती है, जिससे सूखे की स्थिति की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ जाती है। अनेक दृष्टिमान कारणों से यह साबित होता है कि मीठे पानी में अचानक गिरावट मुख्य रूप से ग्लोबल वार्मिंग के कारण है।

2014 से 2016 तक का अल नीनो मुख्य रूप से जिम्मेदार

अध्ययन के अनुसार, 2014 से 2016 तक का अल नीनो जलवायु रिकॉर्ड पर सबसे मजबूत अल नीनो घटनाओं में एक थी, जिसमें दक्षिण अमेरिका के तट और अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा के बीच असामान्य रूप से गर्म पानी विकसित हुआ था। इस गर्म पानी ने दुनिया के मौसम को कई तरह से प्रभावित किया जिसके कारण मौसम चक्र भी प्रभावित हुआ। वेनेजुएला, ऑस्ट्रेलिया और कई प्रशांत द्वीपों में सूखे की स्थिति रही। कई जगहों पर भारी बाढ़ भी आई।

गन्ना बेल्ट लातूर में विलासराव देशमुख के दो बेटों की परीक्षा; प्रतिष्ठा की जंग, हर वोट अहम

लातूर जिले की राजनीति का जिक्र आते ही सबसे बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का सामने आता है। शहर में घूमेंगे, तो उनका नाम कई सरकारी भवनों पर भी दिखाई देगा। उनके बाद विरासत को पहले बड़े बेटे अमित देशमुख ने संभाला और फिर छोटे बेटे धीरज देशमुख भी राजनीति में आए। दोनों ही विधायक बन गए। इस बार दोनों फिर से चुनावी मैदान में हैं और कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं।

लातूर गन्ना बेल्ट के लिए जाना जाता है और यहां पर देशमुख परिवार की कई चीनी मिलें भी हैं। मराठवाड़ा का अहम हिस्सा होने के कारण मराठा आरक्षण राजनीति का असर यहां भी दिखाई देता है। खास बात यह है कि भाजपा के महायुति गठबंधन ने इस बार कांग्रेस की मजबूत सीटों पर सबसे ज्यादा घेरेबंदी की है। इसी जिले से पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल भी आते हैं, तो पूर्व सीएम रहे संभाजी पाटिल निलंगेकर का परिवार भी यहां की राजनीति में अच्छी-खासी दखल रखता है। इस बार भी अलग-अलग सीटों पर इन बड़े परिवारों से उम्मीदवार मैदान में हैं। लातूर जिले में कुल कुल छह सीटें हैं और पिछली बार कांग्रेस, एनसीपी और भाजपा ने दो-दो सीटें जीती थीं।

सबसे रोचक मुकाबला लातूर शहर की सीट पर
लातूर सीट पर विलासराव देशमुख जीतते रहे थे। उनके बाद उनके बेटे अमित देशमुख को यह सीट विरासत में मिली। पिता के नाम और अपनी साफ सुथरी छवि के कारण अमित तीन बार जीतने के बाद चौथी बार मैदान में हैं। यह अलग बात है कि इस बार समीकरण कुछ उलझे से नजर आ रहे हैं। फिल्म स्टार रितेश देशमुख भी भाई को जिताने के लिए प्रचार में लगे हुए हैं। दरअसल, इस बार कड़े मुकाबले की वजह भाजपा की प्रत्याशी अर्चना पाटिल चाकुरकर हैं। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल की बहू हैं। स्थानीय विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व गृहमंत्री पाटिल ने अभी खुले मंच से तो बहू के लिए प्रचार नहीं किया है, लेकिन अंदरखाने मदद की बात खूब कही जा रही है।

  • एक तरफ तीन बार का विधायक होने के बावजूद विकास के ज्यादा काम न होने से स्थानीय लोगों में अमित से नाराजगी है। वहीं, अर्चना सामाजिक कामों से शहर से जुड़ी रही हैं। यह बात भी चल रही है कि अमित मुंबई में रहेंगे और अर्चना विधायक होने के बाद उनके बीच। कहानी में नया पेच प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी ने भी फंसा दिया है। उनके प्रत्याशी विनोद खटके के कार्यक्रमों में भीड़ उमड़ रही है। पहले दलित अच्छी संख्या में कांग्रेस को जाता रहा है। इस बार बंटवारा हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जीव भी खतरे में, कोरल पर गहराया सबसे अधिक संकट

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के कारण अछूते आवासों में रहने वाले समुद्री जीव भी खतरे में हैं। इन्सानी गतिविधियों के कारण कोरल पर सबसे अधिक संकट गहराता दिखाई दे रहा है। समुद्री जीव-जंतुओं के विलुप्त होने के साथ उन पर भी खतरा मंडरा रहा है जो प्राचीन समुद्री आवासों और विविध तटीय इलाकों में रहते हैं।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ सांता बारबरा और उनके सहयोगियों के शोध में यह खुलासा हुआ है। इसे ओपन एक्सेस जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि धरती और समुद्र पर मानवीय गतिविधियां, जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रही हैं। कई प्रजातियों के विलुप्त होने के खतरे को बढ़ा रही हैं और अहम पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, जिन पर कि मनुष्य निर्भर हैं। लगभग 42 फीसदी समुद्री स्तनधारी और करीब 60 फीसदी समुद्री पक्षी विलुप्त होने के खतरे में हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जिन आवासों पर वे निर्भर हैं उनमें से कई का आकार घट रहा है या उन्हें नुकसान पहुंच रहा है।

कोरल सबसे अधिक खतरे वाले समूह हैं। इनमें में स्क्विड व ऑक्टोपस जैसे मोलस्क, समुद्री सितारे व समुद्री अर्चिन जैसे इचिनोडर्म और झींगा, केकड़े व झींगे जैसे क्रस्टेशियन भी भारी खतरे में माने गए हैं। समुद्र की सतह का तापमान बढ़ना, समुद्र तल में कमी और बारिश में बदलाव के कारण लवणता में वृद्धि ये सभी अल नीनो जैसे मौसम पैटर्न के कारण हो सकते हैं। इन स्थितियों का कोरल के शरीर विज्ञान पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है।

पहले एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग से की शिकायत, अब कांग्रेस-भाजपा ने जवाब देने के लिए मांगा 7 दिन का समय

 नई दिल्ली:भाजपा और कांग्रेस ने हाल ही में झारखंड और महाराष्ट्र में एक-दूसरे के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग के सामने शिकायतें दर्ज कराई थीं। अब दोनों ही पार्टियों ने इन शिकायतों पर जवाब देने के लिए आयोग से 7 दिन का समय और मांगा है।

बताया गया है कि चुनाव आयोग ने शनिवार को दोनों पार्टियों के अध्यक्षों से उनके नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर जवाब दर्ज कराने को कहा था। ईसी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग चिट्ठियां भेजकर उनसे एक-दूसरे की शिकायत पर जवाब देने को कहा था।

चुनाव आयोग ने इसके लिए दोनों राजनीतिक दलों के प्रमुखों से 1 बजे तक औपचारिक जवाब मांगा था। अब दोनों पार्टियों ने शिकायतों पर जवाब भेजने के लिए आयोग से 7 दिन का समय और मांगा है।

किस-किसके खिलाफ हुई हैं शिकायतें?
जहां कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान शिकायतें की गईं।

इस पर चुनाव आयोग ने दोनों दलों को लोकसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए अपने परामर्श को याद दिलाया था और कहा था कि स्टार प्रचारकों और नेताओं पर नजर रखी जाए, ताकि सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन न हो और चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जा सके।

जिरीबाम से लापता पांच लोगों के शवों का पोस्टमार्टम पूरा हुआ, इन्हीं की वजह से राज्य में जारी है बवाल

इंफाल:  मणिपुर के जिरीबाम जिले से लापता हुए पांच लोगों के शवों जो असम में नदी से बरामद किए गए थे, उनका पोस्टमार्टम सिलचर शहर के एक सरकारी अस्पताल में पूरा हो गया है। बीती 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी-जो उग्रवादियों के बीच हुई गोलीबारी और उसमें 10 लोगों की मौत के बाद मणिपुर के जिरीबाम से छह लोग लापता हुए थे। ये लोग जिरीबाम के एक शरणार्थी शिविर से गायब हुए थे और हाल ही में इनमें से पांच के शव जिरीबाम में जिरी और असम के कछार में बराक नदी से बरामद हुए थे। शव बेहद खराब हालत में थे, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी हत्या कई दिन पहले की गई थी।

बराक नदी में लापता महिला के शव की तलाश की जा रही
लापता लोगों में मैतई समुदाय की तीन महिलाएं और उनके तीन बच्चे शामिल थे। अभी लापता लोगों में से एक का शव बरामद नहीं हुआ है। असम पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कछार जिले की स्थानीय इकाई छठे व्यक्ति का पता लगाने के लिए बराक नदी में तलाशी अभियान चला रही है। आरोप है कि इन लोगों की हत्या कुकी-जो उग्रवादियों द्वारा की गई। पोस्टमार्टम के बाद मणिपुर पुलिस शवों को उनके राज्य में वापस ले जाने और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को शव सौंपने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगी, लेकिन यह कब किया जाएगा, यह अभी पता नहीं है। असम पुलिस ने बताया कि ‘हमें मणिपुर पुलिस ने बताया है कि उन छह लोगों की हत्या करके उन्हें नदी में फेंक दिया गया है। कल ही जिरीबाम से बहकर आए दो शवों को बाहर निकाला गया था।’ अधिकारी ने कहा कि सभी शव ‘अत्यधिक सड़ी-गली’ अवस्था में एसएमसीएच मुर्दाघर पहुंचे।

जिरीबाम में हिंसा जारी
लापता लोगों की पहचान युमरेम्बम रानी देवी (60), तेलेम थोइबी देवी (31) और उनकी बेटी तेलेम थजमनबी देवी (8), लैशराम हेथोइबी देवी (25) और उनके दो बच्चों लैशराम चिंगखेंगनबा सिंह (ढाई साल) और लैशराम लमंगनबा सिंह (10 महीने) के रूप में हुई है। वहीं लापता लोगों के शव मिलने के बाद से जिरीबाम में हिंसा का दौर जारी है। इंफाल में भी गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की है। रविवार रात में भी जिरीबाम में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की भिड़ंत में एक युवक की मौत हो गई है।