Sunday , November 24 2024

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आरजी कर दरिंदगी के तीन महीने पूरे, जूनियर डॉक्टरों ने निकाली रैली, पीड़िता के लिए न्याय की मांग

कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए शनिवार को रैली निकाली। बता दें कि ये रैली आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के वारदात के तीन महीने पूरे होने पर निकाली गई। इस घटना से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था। इस रैली में उनके मुद्दों से सहानुभूति रखने वाले आम लोगों के एक वर्ग ने भी हिस्सा लिया।

कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक निकाली रैली
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले जूनियर डॉक्टरों ने शहर के सभी मेडिकल कॉलेजों में मंच स्थापित किए, जिन पर 9 अगस्त को डॉक्टर की हत्या के बाद से तीन महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों की तस्वीरें, बैनर और पोस्टर लगाए गए। आज जूनियर डॉक्टरों ने अपनी विरोध रैली को कॉलेज स्क्वायर से शहर के बीचों-बीच मौजूद एस्प्लेनेड तक निकाली। इस दौरान दरिंदगी की पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई।

8 अगस्त की रात महिला के साथ दरिंदगी की वारदात
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना आठ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। उसने आठ अगस्त अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के अगले दिन नौ अगस्त की सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया, जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की वारदात की पुष्टि हुई थी।

चीफ जस्टिस बनने के बाद ‘सुबह की सैर’ पर नहीं जा पाएंगे जस्टिस संजीव खन्ना! जानें वजह

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस (सीजेआई) बनेंगे। उनका कार्यकाल केवल छह महीने का ही होगा और वे मई, 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना कानूनी पेशे में चार दशक से अधिक समय से सक्रिय हैं। सोशल मीडिया और वीडियो माध्यमों की बढ़ती लोकप्रियता के इस दौर में अदालत में मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण, कानून से जुड़ी हस्तियों और अदालतों से बाहर उनसे जीवन जुड़ी खास बातें जानने में दिलचस्पी भी बढ़ रही है। इसी कड़ी में जस्टिस संजीव खन्ना से जुड़ा एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि जस्टिस संजीव खन्ना प्रधान न्यायाधीश बनने के बाद सुबह की सैर नहीं कर सकेंगे।

चीफ जस्टिस बनने के बाद वे सुबह की सैर नहीं कर सकेंगे
जस्टिस संजीव खन्ना को जानने वाले कानूनी पेशेवर बताते हैं कि न्यायमूर्ति खन्ना बेहद आम जीवन जीने में यकीन रखते हैं। ऐसे में जब वे भारत के 51वें चीफ जस्टिस नामित हुए तो उनकी सुरक्षा को लेकर खास बंदोबस्त किए जाने लगे। सुप्रीम कोर्ट से जुड़े वकील बताते हैं कि दैनिक जीवन में जस्टिस खन्ना सुबह की सैर जरूर करते हैं। हालांकि, अब चीफ जस्टिस बनने के बाद वे सुबह की सैर नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कुछ खास कारणों से सुबह की सैर छोड़ने का फैसला किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस की कुर्सी संभालने के बाद न्यायमूर्ति खन्ना को विशेष सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा। देश के चुनिंदा शीर्ष संवैधानिक पदों में शामिल इस पद पर आसीन शख्सियत को लेकर कई प्रोटोकॉल फॉलो करने पड़ते हैं। इन्हीं में एक है सुरक्षा बंदोबस्त। हालांकि, बेहद साधारण और आम जीवन जीने वाले न्यायमूर्ति खन्ना अपने करीबी लोगों और दोस्तों से मिलने के दौरान भी काफी लो प्रोफाइल तरीके से रहते हैं। वे अपनी गाड़ी भी खुद ड्राइव करना पसंद करते हैं।

चीफ जस्टिस की मॉर्निंग वॉक को लेकर सामने आई खबरों में दावा किया गया है कि सोमवार, 11 नवंबर को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने से पहले ही न्यायमूर्ति खन्ना ने अपनी पसंदीदा गतिविधि- ‘एकांत में सुबह की सैर’ छोड़ने का निर्णय लिया। ऐसा इसलिए क्योंकि नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों के साथ सुबह की सैर पर जाने की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे ऐसा करने के आदी नहीं हैं।

‘पीएम के अरब देशों के दौरे पर भी भाजपा करेगी…?’ ‘वोट जिहाद’ को लेकर बरसे असदुद्दीन ओवैसी

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम मुद्दे राजनीतिक दलों की तरफ से उठाएं जा रहे हैं। वहीं इस कड़ी में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को भाजपा नेताओं की ‘वोट जिहाद’ टिप्पणी पर निशाना साधा और पूछा कि क्या वे प्रधानमंत्री के अरब देशों के दौरे के समय भी यही भाषा बोलते हैं।

भाजपा पर मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने का लगाया आरोप
हैदराबाद के सांसद ने सत्तारूढ़ पार्टी पर महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या जैसे मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगाबाद सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र में घर-घर जाकर मतदाताओं से बातचीत की। बता दें कि एआईएमआईएम ने इस निर्वाचन क्षेत्र से नसीर सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है, जहां उनका मुकाबला शिवसेना के मौजूदा विधायक प्रदीप जायसवाल और शिवसेना (यूबीटी) के बालासाहेब थोराट से है।

‘औरंगाबाद संभाग में 300 से ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या’
एआईएमआईएम प्रमुख ने पूछा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में ‘वोट जिहाद’ की बात कर रहे हैं। लेकिन क्या वे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के अरब देशों के दौरे के समय भी यही भाषा बोलते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) संभाग में 324 किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन कोई इस बारे में बात नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, इसके बजाय, फडणवीस को ‘वोट जिहाद’ याद आ रहा है। वे केवल एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं। उन्हें जवाब देना चाहिए कि वे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने में विफल क्यों रहे।

मराठा, मुस्लिम और दलितों से एकजुट रहने की अपील
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने मराठा, मुस्लिम और दलितों से एकजुट रहने की भी अपील की। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए, यह समय की मांग है कि मराठा, मुस्लिम और दलित एकजुट रहें और सद्भाव से रहें। औरंगाबाद सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र का एक हिस्सा है, जहां मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में कुछ गैर सरकारी संगठनों की तरफ से ‘वोट जिहाद’ का प्रचार करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, ओवैसी ने कहा कि कोई भी कानून का पालन करके चुनाव प्रचार कर सकता है। उन्होंने पूछा, इसमें ‘जिहाद’ कहां से आ गया?।

पशुओं की दवाओं पर भी माफिया की नजर…नकली होने का संदेह, मेडिकल एजेंसी पर मारा छापा

आगरा: औषधि विभाग की टीम ने पशुओं की नकली दवाओं की शिकायत पर फव्वारा स्थित दुर्गा मेडिकल स्टोर और अछनेरा मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा। 4 जिलों की टीम ने 5 घंटे तक मेडिकल स्टोर पर रिकाॅर्ड खंगाले। जांच के लिए 12 नमूने लिए हैं। नोटिस देकर 3 महीनों की दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड तलब किए हैं।

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि मार्क लाइफ साइंसेज सिक्किम और हीलर्स लैब सोलन की कंपनी पशुओं की दवाएं बनाती है। लखनऊ में मार्क इंडिया के नाम से मुख्यालय है। इनके अधिकारियों ने शिकायत की थी कि फव्वारा स्थित दुर्गा मेडिकल स्टोर और अछनेरा मेडिकल एजेंसी से इनकी कंपनी के नाम से नकली दवाएं बाजार में बेची जा रही हैं। इस पर टीम भेजकर जांच कराई।

टीम ने दुर्गा मेडिकल स्टोर पर संबंधित दवाओं के रिकाॅर्ड खंगाले। यहां दवाओं के खरीद और बिक्री के बिल भी मांगे हैं। इस स्टोर से दवाओं के 8 नमूना लिए हैं। अछनेरा मेडिकल एजेंसी पर भी खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड खंगालने के साथ दवाओं के बैच नंबर का मिलान किया। यहां से दवाओं के चार नमूने लेकर लैब भेज दिए हैं। इनमें सेरी डि एडवांस, मार्कोजाइल एलएम, कैलरिट 12 और फिक्सो इंजेक्शन के विभिन्न बैच के 12 नमूने लिए हैं।

5 घंटे तक चली जांच
सहायक आयुक्त औषधि ने बताया कि आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के औषधि निरीक्षकों की टीम बनाई गई। इसमें दोनों मेडिकल स्टोर पर दो-दो जिलों की टीम जांच करने के लिए भेजी। दोपहर से शाम तक दवाओं के बैच नंबर, निर्माता कंपनी समेत अन्य का मिलान किया। दवाएं कहां से खरीदी और किन्हें बेची, इसकी भी जानकारी की। करीब 5 घंटे तक कार्रवाई चली।

सिकंदराबाद शालीमार एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतरे; कोई हताहत नहीं, राहत-बचाव कार्य जारी

पश्चिम बंगाल में दक्षिण पूर्वी रेलवे डिविजन के नालपुर स्टेशन के पास सिकंदराबाद शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। सीपीआरओ दक्षिण-पूर्वी रेलवे के मुताबिक, 22850 सिकंदराबाद शालीमार एक्सप्रेस के एक पार्सल वैन सहित कुल 3 डिब्बे पटरी से उतर गए। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। राहत और बचाव कार्य जारी है।

दक्षिण-पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ ओम प्रकाश चरण ने बताया कि आज सुबह 5:31 बजे सिकंदराबाद शालीमार साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन मिडिल लाइन से डाउन लाइन पर जाते समय पटरी से उतर गई। एक पार्सल वैन और दो यात्री डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। किसी बड़ी चोट या हताहत की खबर नहीं है। यात्रियों के लिए आगे की यात्रा के लिए 10 बसों की व्यवस्था की गई है।

‘अब महसूस होगा खालीपन…’, CJI चंद्रचूड़ के लिए उनके उत्तराधिकारी का भावुक भाषण, जानें क्या-क्या कहा

नई दिल्ली: भारत के अगले चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में उनकी जमकर तारीफ की और उनके योगदान को लेक भावपूर्ण भाषण दिया। जस्टिस खन्ना ने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत को बेहतर बनाने के मिशन पर काम किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ के पद से हटने से सुप्रीम कोर्ट में एक खालीपन रहेगा और यह खालीपन हमें सोमवार से महसूस होगा।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की तरफ से सीजेआई चंद्रचूड़ के लिए आयोजित विदाई समारोह में जस्टिस खन्ना ने अपने भाषण में कहा, “जब न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो पक्षी अपने गीत बंद कर देते हैं, और हवा अलग तरह से चलने लगती है। अन्य पेड़ खाली जगह को भरने के लिए अपनी जगह बदलते और समायोजित करते हैं। लेकिन जंगल फिर कभी वैसा नहीं रहेगा।”

उन्होंने कहा, “सोमवार से हम इस बदलाव को गहराई से महसूस करेंगे, इस न्यायालय के बलुआ पत्थर के स्तंभों में एक खालीपन गूंजेगा, बार और बेंच के सदस्यों के दिलों में एक शांत गूंज होगी।”जस्टिस खन्ना ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के कानून के जबरदस्त जानकार और विशेषज्ञ होने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सीजेआई ने जज के तौर पर अहम फैसले सुनाते समय अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को बहुत संतुलित तरीके से साधा।

देश के अगले सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, “संवैधानिक पीठ के 38 फैसले, जिनमें से दो आज सुनाए गए। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो कभी नहीं टूटेगा।” उन्होंने कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट को सभी के लिये सुलभ और समावेशिता का अभयारण्य बनाने के अपने लक्ष्य का पीछा किया।

ईद का चांद न दिखे..तो अगले दिन छुट्टी, गंगा स्नान पर अवकाश में होता है सपा का पेट दर्द

मुरादाबाद:कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के लिए जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सपा पर गुंडाराज को बढ़ावा देने और अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया। भदासना गांव में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गाड़ी में दिखे सपा का झंडा-वह होगा गुंडा। उन्होंने कहा कि अब जनता के बीच यह धारणा बन गई है कि जहां दिखे सपाई- वहां बेटियां घबराई।

अपराधियों का संरक्षण और सपा का असली चेहरा
मुख्यमंत्री योगी ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि अगर किसी को सपा का असली चेहरा देखना है तो अयोध्या और कन्नौज की घटनाओं को देखें। जहां सपा के नेताओं ने महिलाओं के साथ गलत हरकत की। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा का घोषित पदाधिकारी तक बेटियों के साथ अनुचित व्यवहार करता है।

उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर बातों से काम नहीं चलेगा तो इन गुंडों को लातों से ठीक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हर पेशेवर अपराधी, गुंडा और माफिया सपा का शागिर्द बन चुका है और सभ्य समाज में इनकी कोई जगह नहीं है। सपा के इस चरित्र को सख्ती से सुधारने की आवश्यकता है।

नो कर्फ्यू, नो दंगा, यूपी में सब चंगा’ का नारा
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार में प्रदेश में कानून का राज है। उन्होंने कहा, नो कर्फ्यू, नो दंगा, यूपी में सब चंगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी बेटी के साथ अन्याय नहीं सहन किया जाएगा और आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

भेदभाव रहित योजनाओं का जिक्र
मुख्यमंत्री ने यूपी सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में बिना किसी भेदभाव के सभी जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, यूपी में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। सरकारी नौकरियों से लेकर मकान, गैस सिलिंडर, राशन और आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाएं बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं।

‘पाकिस्तान के एजेंडे को कश्मीर में बढ़ावा देने की कोशिश मत करो’, विपक्षियों पर जमकर बरसे PM मोदी

मुंबई:महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली को संबोधित कर चुनाव प्रचार का आगाज किया। उन्होंने सभा में आई जनता आभार जताया और इसके बाद महाविकास अघाड़ी (एमवीए) पर जमकर बरसे।

जब भी मांगा दिल खोलकर मिला: पीएम
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच यहां धुले आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर भाजपा को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। आज मैं एक बार फिर यहां धुले की धरती पर आया हूं। धुले से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।’

‘महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी’
पीएम मोदी ने कहा, ‘महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन ने विधानसभा चुनाव में भाजपा नित एनडीए की विजय का शंखनाद कर दिया है। विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के लिए हमारी बहनों-बेटियों का जीवन आसान बनाना, उन्हें सशक्त करना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज तेजी से प्रगति करता है। इसलिए, पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को केंद्र में रखकर बड़े फैसले लिए हैं।’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने हमेशा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीयत से काम किया है। इस संकल्प का प्रमुख हिस्सा हमारा आदिवासी समाज भी है। ये वो समाज है, जिनका देश की आजादी में, देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी आदिवासी गौरव, आदिवासी स्वाभिमान पर ध्यान नहीं दिया।’

कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग…
उन्होंने आगे कहा, ‘पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश। महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।’

दिव्यांगों के लिए अनिवार्य पहुंच मानक करें स्थापित, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर अनिवार्य पहुंच मानकों को लागू करने का निर्देश दिया, जिसका उद्देश्य दिव्यांगों के लिए सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच में सुधार करना है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश 15 दिसंबर, 2017 को एक फैसले में अदालत की तरफ से जारी किए गए पहुंच निर्देशों पर धीमी प्रगति के जवाब में दिया है।

इस पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, जिसने दिव्यांगों के लिए सार्वजनिक स्थानों तक ‘सार्थक पहुंच’ की जरुरत को रेखांकित किया और दो-आयामी दृष्टिकोण को अनिवार्य किया: मौजूदा बुनियादी ढांचे को पहुंच मानकों के अनुकूल बनाना और यह सुनिश्चित करना कि सभी नए बुनियादी ढांचे को शुरू से ही समावेशी बनाया जाए। पीठ ने पाया कि दिव्यांगों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम के नियमों में से एक लागू करने योग्य, अनिवार्य मानकों को स्थापित नहीं करता है, बल्कि यह दिशानिर्देशों के माध्यम से स्व-नियमन पर निर्भर करता है।

यह स्वीकार करते हुए कि सुलभता अधिकार क्रमिक प्राप्ति के अधीन हैं, इस पर पीठ ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों को वास्तव में समावेशी बनाने के लिए गैर-परक्राम्य मानकों की आधार रेखा आवश्यक है। इसके साथ ही पीठ ने सिफारिश की कि ये अनिवार्य नियम व्यापक दिशा-निर्देशों से अलग हों, जिनमें विशिष्ट मानक हों जिन्हें कानूनी रूप से लागू किया जा सके। हैदराबाद में NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में विकलांगता अध्ययन केंद्र को इन नए मानकों को विकसित करने में सरकार की सहायता करने का काम सौंपा गया है। दिशा-निर्देशों को पूर्णता प्रमाणपत्रों को रोकने और गैर-अनुपालन के लिए जुर्माना लगाने जैसे तंत्रों के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता होगी।

आयुष्मान भारत में आयुर्वेद, योग को शामिल करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आयुष्मान भारत योजना में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया।

पीएम-जेएवाई में आयुर्वेद पद्धतियों को शामिल करने की मांग करने वाली याचिका, जिसे आयुष्मान भारत के नाम से भी जाना जाता है, में कहा गया है कि इसे शामिल करने से देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को किफायती स्वास्थ्य सेवा लाभ और विभिन्न गंभीर बीमारियों में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, साथ ही आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाले कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के दो मुख्य घटक हैं – पीएम-जेएवाई और स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र। पहले में हर साल बीपीएल परिवार को 5 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाता है। याचिकाकर्ता ने इस योजना को सभी राज्यों और भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में लागू करने की मांग की। इसमें कहा गया है, पीएम-जेएवाई, यानी आयुष्मान भारत मुख्य रूप से एलोपैथिक अस्पतालों और औषधालयों तक ही सीमित है, जबकि भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध, यूनानी, होम्योपैथी समेत कई स्वदेशी चिकित्सा प्रणालियां हैं, जो भारत की समृद्ध परंपराओं में निहित हैं और वर्तमान समय की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने में अत्यधिक प्रभावी हैं।

‘शरद पवार साहब, आपकी चार पीढ़ियां भी अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकतीं’, अमित शाह की चेतावनी

मुंबई:महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान अमित शाह ने कहा कि शरद पवार की चार पीढ़ियां भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकतीं। महाराष्ट्र के शिराला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग की गई है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है। आज मैं संभाजी महाराज की धरती से कह रहा हूं- शरद पवार साहब, अगर आपकी चार पीढ़ियां भी आ जाएंगी तो भी हम अनुच्छेद 370 को वापस नहीं आने देंगे।’

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा के पहले ही सत्र में अनुच्छेद 370 को वापस लाने का प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव को पेश करने के दौरान विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और इसे लेकर भाजपा और सत्ताधारी दल के विधायकों में हाथापाई भी हो गई। इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी विपक्ष पर निशाना साधा है।

पीएम मोदी का वादा- पत्थर की लकीर
शाह ने कहा कि ‘ये अघाड़ी वाले न देश को सुरक्षित कर सकते हैं, न देश का सम्मान बढ़ा सकते हैं। अगर ये काम करना है, तो पीएम मोदी का हाथ मजबूत करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी का वादा पत्थर की लकीर है, जबकि कांग्रेस पार्टी तो वादा करके खुद ही भूल जाती है। उन्होंने न कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और न ही तेलंगाना में अपने वादे पूरे किए हैं। राम मंदिर का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रभु श्रीराम 500 साल से टेंट में बैठे थे। कांग्रेस पार्टी राम मंदिर को अटका रही थी, प्रधानमंत्री मोदी आए तो पांच साल में ही उन्होंने भूमिपूजन भी किया और राम मंदिर का निर्माण करा प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी।’

वक्फ संपत्ति को लेकर बोला महा विकास अघाड़ी पर हमला
अमित शाह ने कहा कि ‘पीएम मोदी वक्फ बोर्ड में बदलाव का बिल लाए और विपक्ष उसका विरोध कर रहा है। कर्नाटक के वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को, मंदिर और किसानों की जमीन समेत, वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया। मैं पवार साहब से, उद्धव जी से पूछता हूं, आप वक्फ का विरोध करेंगे? अगर महा विकास अघाड़ी की सरकार आ गई, तो ये किसानों की जमीन वक्फ के नाम कर देंगे।’