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जांबाज पायलट मनीष मिश्रा… खुद की फिक्र न थी, ऐसे बचाई हजारों लोगों की जान; 16 साल का है अनुभव

आगरा:  आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन से नियमित अभ्यास उड़ान के दौरान कागारौल में आकर गिरे मिग-29 विमान के पायलट विंग कमांडर मनीष मिश्रा फिलहाल कोई विमान नहीं उड़ा सकेंगे। इस हादसे के बाद पहले उच्चस्तरीय जांच की रिपोर्ट आने और फिर तकनीकी एवं साइक्लोजिकल जांचों से उन्हें गुजरना होगा।

रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह के मुताबिक अलग-अलग जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने में भी समय लगेगा, वहीं हादसे के बाद ट्रॉमा से निकलने में भी पायलट को वक्त लगेगा। ऐसे में विंग कमांडर मनीष मिश्रा को लगभग एक साल तक किसी विमान को उड़ाने की इजाजत नहीं मिल पाएगी। इस तरह के हादसों के बाद पायलट 8 से 12 महीने तक कई जांच कमेटियों के सवालों में ही घिरा रहा है। कई चरणों के साइक्लोजिकल टेस्ट के बाद ही उन्हें विमान उड़ाने की इजाजत दी जाएगी।

16 साल के अनुभवी पायलट हैं मनीष मिश्रा
बदायूं निवासी विंग कमांडर मनीष मिश्रा को विमान उड़ाने का 16 साल का अनुभव है। वह 20 दिसंबर, 2008 को भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर बने थे। जाम नगर एयरबेस पर उनकी पहली तैनाती थी। तीन साल पहले ही वह विंग कमांडर बने थे। वह लंबे समय से 28 वीं स्क्वाड्रन में मिग-29 विमान उड़ा रहे थे। ठीक एक साल पहले ही विंग कमांडर मनीष मिश्रा ने 8 अक्तूबर, 2023 को प्रयागराज के संगम क्षेत्र में हुए एयर शो में सूर्य किरण विमान से उड़ान भरी थी। मिग-29 हादसे के बाद वह अब अपने परिवार से भी मिल रहे हैं। उन्हें मिलिट्री हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका है।

संसद की रक्षा समिति की बैठक में उठेगा मामला
राजस्थान के बाड़मेर के बाद आगरा में मिग-29 विमान के गिरने का मामला संसद की रक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा। लड़ाकू विमानों के लगातार गिरने, इनके रखरखाव और हादसों पर लगाम लगाने के मुद्दे पर संसद की रक्षा समिति नई दिल्ली में दो दिन 21 और 22 नवंबर को मंथन करेगी। कागारौल के बघा सोनिगा गांव में गिरे मिग-29 विमान के मामले को देखते हुए राज्यसभा सांसद नवीन जैन समिति के साथ चर्चा करेंगे।

‘प्रमोद महाजन की हत्या एक बड़ी साजिश’, बेटी का चौंकाने वाला दावा, जांच के लिए शाह को लिखेंगी पत्र

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा की बड़ी नेता और पूर्व सांसद पूनम महाजन ने अपने पिता प्रमोद महाजन की हत्या को लेकर एक बड़ा चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि उनके पिता की हत्या एक बड़ी साजिश थी, जो कभी न कभी सामने आएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह पिता की हत्या की जांच कराने की मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के गृह मंत्री को पत्र लिखेंगी।

‘किसी साजिश की आ रही बू’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूनम महाजन ने दावा किया कि उन्हें अपने पिता की मौत के पीछे किसी साजिश की बू आ रही है। जिस गोलीबारी के कारण उनके पिता की मौत हुई, उसके पीछे कुछ गलत मकसद हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब 2006 में यह घटना घटी थी तो वह उस हालत में नहीं थीं कि कोई संदेह जता पातीं। मगर हमेशा से पिता की मौत को लेकर मन में शंकाएं रहती थीं। अब जब उनकी पार्टी केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में है तो उन्होंने एक घटना को याद किया और कहा कि वह अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस दोनों को पत्र लिखकर सच्चाई का पता लगाने के लिए मामले की गहन जांच की मांग करेंगी।

प्रमोद महाजन हत्याकांड की पूरी कहानी
22 अप्रैल, 2006 की सुबह के करीब साढ़े सात बजे होंगे। प्रमोद महाजन अपने वर्ली (मुंबई) के पूर्णा गोदावरी अपार्टमेंट वाले घर के ड्रॉइंग रूम में बैठे थे। टीवी पर कोई न्यूज चैनल लगा था, उसकी आवाज आ रही थी। सामने टेबल पर चाय रखी थी और महाजन के हाथों में उस दिन का अखबार था।

दरवाजे पर दस्तक होती है। प्रमोद की पत्नी रेखा, बेडरूम से निकलती हैं और दरवाजा खोलती हैं। सामने जींस और टी-शर्ट पहने उनका देवर यानी प्रमोद का छोटा भाई प्रवीण महाजन खड़ा था। प्रवीण ने प्रमोद की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने ने चार राउंड गोलियां चलाई थीं और फिर पास के पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया था। 30 अक्तूबर 2007 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

ट्रंप को जीत की बधाई के साथ राहुल गांधी ने हारने वाली हैरिस को भी लिखी चिट्ठी, जानें क्या कहा

नई दिल्ली:  अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप की जबरदस्त जीत हुई है। उनकी इस जीत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के नेताओं ने बधाई दी है। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रंप को जीत की बधाई दी है। इसके साथ उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में हार झेलने वाली डेमोक्रिटक पार्टी की उम्मीदवार रहीं कमला हैरिस को चिट्ठी लिखी है। राहुल ने कहा है कि वह कमला हैरिस को उनके राष्ट्रपति चुनाव के लिए चलाए गए अभियान के लिए बधाई देना चाहते हैं।

राहुल की चिट्ठी में क्या?
राहुल गांधी की तरफ से 7 नवंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति कह कर संबोधित किया गया है। इसमें कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं आपके साहसी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए बधाई देना चाहता हूं। आपका उम्मीद से भरा जोड़ने वाला संदेश लोगों को प्रेरणा देना जारी रखेगा।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, “बाइडन प्रशासन के दौरान भारत और अमेरिका ने कई वैश्विक अहमियत वाले मुद्दों पर सहयोग और गहरा किया। लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता हमारी दोस्ती की दिशा तय करना जारी रखेगी। एक उपराष्ट्रपति के तौर पर लोगो को साथ लाने की आपकी कोशिश हमेशा याद की जाएगी।” राहुल ने चिट्ठी के अंत में कमला हैरिस को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

‘मैंने अनुरोध नहीं किया, यह लड़ाई परिवार के भीतर है’, बारामती में PM की रैली न होने पर अजित पवार

मुंबई: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है। यहां महा विकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में मुकाबला है। इन दोनों ही गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं कि सबकुछ सही नहीं है। हालांकि, इन सबके बीच एक और खबर तेजी से फैल रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारामती में चुनावी रैली नहीं करेंगे। जब इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां लड़ाई परिवार के भीतर है।

अजित पवार अपने भतीजे के खिलाफ लड़ रहे चुनाव
अजित पवार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली करने का अनुरोध नहीं किया, क्योंकि वहां लड़ाई परिवार के भीतर है। बता दें, मौजूदा विधायक पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार हैं।

इस दिन होना है चुनाव
प्रधानमंत्री 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार से प्रचार रैलियां करेंगे। जब अजित पवार से पूछा गया कि प्रधानमंत्री उनके निर्वाचन क्षेत्र में रैली क्यों नहीं करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘बारामती में मुकाबला परिवार के भीतर है।’

‘प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा’
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, भाजपा और शिवसेना के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। यह पूछे जाने पर कि एनसीपी उम्मीदवार अमित शाह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की रैलियां भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं चाहते हैं, पवार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है और चुनाव खर्च की सीमा के कारण भी।

इससे पहले दिन में जब उनसे पूछा गया कि बारामती सीट पर उनकी जीत का अंतर क्या होगा तो अजित पवार ने कहा कि वह क्षेत्र का दौरा करने और लोगों से बात करने के बाद ही यह बता पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं सौ फीसदी निश्चितता के साथ कह सकता हूं कि यह अच्छी बढ़त होगी।’

‘विपक्ष महिलाओं को दे रहा धोखा’, एमवीए के वादे पर बरसे डिप्टी CM अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को दावा किया कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद विपक्षी गठबंधन के सत्ता में आने पर राज्य की महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा करके धोखा दे रहा है।

‘एमवीए ने लड़की बहन योजना पर उठाया था सवाल’
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए एनसीपी के मुखिया अजित पवार ने कहा कि जब महायुति सरकार ने अपनी लड़की बहन योजना के तहत महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने की पेशकश की थी, तो विपक्ष ने इसकी व्यवहार्यता पर सवाल उठाया था। बता दें कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) से मिलकर बने एमवीए गठबंधन ने बुधवार को महाराष्ट्र की महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है।

ऐसे वादे करके धोखा दे रहा है विपक्ष- अजित पवार
एमवीए की गारंटी पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि विपक्ष ऐसे वादे करके धोखा दे रहा है। उन्होंने कहा कि लड़की बहन योजना के तहत 1,500 रुपये (प्रति माह) देने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि यह संभव था। अगर वे महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का दावा करते हैं, तो खर्च 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। वे बेरोजगार युवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह देने का भी वादा कर रहे हैं, और अगर एक लाख बेरोजगार युवा लाभान्वित होते हैं, तो उस योजना पर खर्च लगभग 40,000 करोड़ रुपये होगा।

‘वेतन, पेंशन और ऋण पर ब्याज का प्रबंधन कैसे करेंगे?’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, इसलिए, इन दोनों योजनाओं के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जबकि राज्य का बजट 7 लाख करोड़ रुपये है। वे वेतन, पेंशन और ऋण पर ब्याज का प्रबंधन कैसे करेंगे? राज्य सरकारों की तरफ से ऐसे वादों पर आरबीआई की कथित चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर, अजित पवार ने कहा, यह उनकी राय है क्योंकि वे राज्य के वित्त को अपने दृष्टिकोण से देखते हैं। हम जन प्रतिनिधि हैं, और जन-हितैषी सरकार चलाते समय हमें हाशिए पर पड़े लोगों को साथ लेकर चलना होता है।

भाजपा के आरोपों पर बोले राहुल गांधी, ‘मैं व्यापार नहीं, बल्कि एकाधिकार विरोधी हूं’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह व्यापार विरोधी नहीं हैं, जैसा कि भाजपा कह रही है, बल्कि वह एकाधिकार और अल्पाधिकार बनाने के विरोधी हैं।

समाचार पत्र में लेख लिखने के बाद की टिप्पणी
राहुल गांधी की ये टिप्पणी एक समाचार पत्र में एक लेख लिखने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मूल ईस्ट इंडिया कंपनी 150 साल पहले खत्म हो गई थी, लेकिन उसके बाद पैदा हुआ डर फिर से वापस आ गया है, क्योंकि एकाधिकारियों की एक नई नस्ल ने उसकी जगह ले ली है। हालांकि, राहुल गांधी ने जोर देकर कहा था कि प्रगतिशील भारतीय व्यापार के लिए एक नया सौदा एक ऐसा विचार है जिसका समय आ गया है।

राहुल गांधी ने कहा, मैंने अपना करियर एक प्रबंधन सलाहकार के रूप में शुरू किया और मैं समझता हूं कि किसी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए किस तरह की चीजों की आवश्यकता होती है। इसलिए मैं बस दोहराना चाहता हूं, मैं व्यापार विरोधी नहीं हूं, मैं एकाधिकार विरोधी हूं। वीडियो के साथ अपने पोस्ट में गांधी ने कहा, मैं नौकरियों का समर्थक हूं, व्यापार का समर्थक हूं, नवाचार का समर्थक हूं, प्रतिस्पर्धा का समर्थक हूं। मैं एकाधिकार का विरोधी हूं।

राहुल गांधी ने अपने लेख में क्या लिखा था?
दरअसल, राहुल गांधी का ‘भारतीय कारोबार के लिए एक सौदा’ शीर्षक के साथ लेख एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित हुआ। इसे उन्होंने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ खाते पर साझा करते हुए लिखा, ‘अपना भारत चुनिए: नौकरियां या कुलीन तंत्र? योग्यता या संबंध? नवाचार या डराना-धमकाना? पैसा बहुत लोगों के लिए या कुछ लोगों के लिए? मैंने इस पर लिखा है कि क्यों कारोबार के लिए नया सौदा एकमात्र विकल्प नहीं है। यह भारत का भविष्य है।’

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को चुप कराया था- राहुल
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, हमारी अर्थव्यवस्था तभी फलेगी-फूलेगी जब सभी व्यवसायों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष स्थान होगा। अपने लेख में गांधी ने कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को चुप करा दिया था और यह उसकी व्यापारिक ताकत से नहीं, बल्कि उसके नियंत्रण से चुप कराया गया था। उन्होंने बताया कि कंपनी ने भारत को अपने से अधिक दब्बू महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, उन्हें रिश्वत देकर और धमकाकर चुप करा दिया। उन्होंने कहा, इसने हमारे बैंकिंग, नौकरशाही और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया। हमने अपनी स्वतंत्रता किसी दूसरे देश के हाथों नहीं खोई; हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम के हाथों खो दिया, जो एक दमनकारी तंत्र चलाता था।

ज्योतिरादित्य की टिप्पणी पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- सिंधिया शासकों ने अंग्रेजों को दिया था समर्थन

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पलटवार किया और उन्हें याद दिलाया कि उनके पूर्वजों ने ब्रिटिश काल में ईस्ट इंडिया कंपनी का समर्थन किया था। विपक्षी पार्टी ने यह ताजा हमला सिंधिया की उस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर किया गया है, जिसमें उन्होंने पार्टी के नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी।

राहुल गांधी ने लेख को साझा करते हुए क्या लिखा था
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का ‘भारतीय कारोबार के लिए एक नया सौदा’ शीर्षक के साथ लेख एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित हुआ। इसे राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ खाते पर साझा करते हुए लिखा, “अपना भारत चुनिए: नौकरियां या कुलीन तंत्र? योग्यता या संबंध? नवाचार या डराना-धमकाना? पैसा बहुत लोगों के लिए या कुछ लोगों के लिए? मैंने इस पर लिखा है कि क्यों कारोबार के लिए नया सौदा एकमात्र विकल्प नहीं है। यह भारत के भविष्य की बात है।”

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लेख पर क्या प्रतिक्रिया दी
इसके बाद सिंधिया ने अपने ‘एक्स’ खाते पर इसी लेख में राहुल गांधी टैग करते हुए लिखा, “जो लोग नफरत बेचते हैं, उन्हें भारत के गौरव और इतिहास पर उपदेश देने का कोई हक नहीं है। राहुल गांधी का भारत की समृद्ध धरोहर के प्रति अज्ञान और उनकी उपनिवेशवादी मानसिकता अब हद पार कर चुकी है। अगर आप देश को ऊंचा उठाने का दावा करते हैं, तो भारत माता का अपमान करना बंद करें और महादजी सिंधिया, युवराज बीर टिकेंद्रजीत, किट्टुर चेन्नमा और रानी वेलुनचियार जैसे सच्चे भारतीय नायकों के बारे में जानें, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए बहादुरी से संघर्ष किया।”

कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर किया पलटवार
सिंधिया की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, “महामहिम सिंधिया जी, आपने कंपनियों की मोनोपली (एकाधिकार) पर राहुल गांधी के हमले को कुछ ज्यादा ही निजी तौर पर ले लिया है। इन कंपनियों ने अपनी पकड़ से भारत के नवाबों और राजाओं व राजकुमारों को डराकर उन्हें गुलाम बनाकर भारत को लूटा था।” उन्होंने आगे कहा, “इतिहास के मुताबिक 1858 के स्वतंत्रता संग्राम में ग्वालियर के सिंधिया परिवार की जटिल भूमिका थी।”

अदालत ने आईईडी विस्फोट मामले में तीन दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, प्रत्येक पर 30 हजार का जुर्माना

कोल्लम :  केरल की एक अदालत ने 2016 के आईईडी विस्फोट मामले के तीन दोषियों को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। ये तीनों आरोपी मदुरई के निवासी हैं और इन पर आतंकवाद से जुड़े अपराधों का आरोप था। विस्फोट कोल्लम के कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ था।

तीनों दोषियों को उम्रकैद और 30 हजार का जुर्माना
अभियोजक सचिन जी. मुंडक्कल ने बताया कि कोल्लम के जिला प्रधान सत्र न्यायाधीश जी. गोपाकुमार ने अब्बास अली, शमसुन करीब राजा और दाऊद सुलेमान को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, इन तीनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के आरोप के तहत भी 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। तीनों दोषी आतंकवादी संगठन अल-कायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन के विचारों को बढ़ावा देने वाले समूह से भी जुड़े थे।

कलेक्ट्रेट परिसर में वाहन में हुआ था जोरदार धमाका
यह विस्फोट 15 जून 2016 को हुआ था। आईईडी (इन्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को एक टिफिन बॉक्स में छिपाया गया था, जो कलेक्ट्रेट परिसर में खड़े एक वाहन में फट गया था। मंसीफ कोर्ट के पास सुबह करीब 10.45 बजे जोरदार धमाका हुआ था। आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) , आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।

देशभर के कोर्ट परिसरों में विस्फोट की बनाई थी योजना
पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले की जांच की थी। जांच में पता चला था कि आरोपियों ने देशभर में कोर्ट परिसरों में बम विस्फोट की योजना बनाई थी। उन्होंने इससे पहले आंध्र प्रदेश के चित्तूर, कर्नाटक के मैसूर और केरल के मलप्पुरम में भी विस्फोट किए थे। पहले आरोपी अब्बास अली ने अपने घर पर बम तैयार किया था। जबकि दूसरे आरोपी शमसुन करीम राजा ने उसे कलेक्ट्रेट में रखा था और तीसरे आरोपी दाऊद सुलेमान ने सोशल मीडिया पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। यह मामला कोल्लम पश्चिम थाने में दर्ज हुआ था और जाच कोल्लम के सहायक पुलिस आयुक्त ने की थी। बाद में एनआईए ने मामले की गहन जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

मतदान में महज दो हफ्ते बाकी, बागी कांग्रेस प्रत्याशी छह साल के लिए निलंबित; जानिए मामला

मुंबई:  कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने गुरुवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी का मत साफ है, जो भी प्रत्याशी महा विकास अघाड़ी की तरफ से खड़े किए गए हैं, वहीं हमारे आधिकारिक प्रत्याशी है। उन्होंने आगे कहा कि, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी बागियों को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

एमवीए में कोई दोस्ताना मुकाबला नहीं- रमेश चेन्निथला
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रमेश चेन्निथला ने कहा कि जिला इकाइयों को 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अभी भी मैदान में मौजूद बागियों की सूची तैयार करने और उन्हें नोटिस देने के लिए कहा गया है। महाराष्ट्र के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी ने कहा, कोई दोस्ताना मुकाबला नहीं होगा। एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी बागियों को निलंबित कर दिया गया है।

10 नवंबर को जारी होगा एमवीए का घोषणापत्र- चेन्निथला
रमेश चेन्निथला ने कहा कि एमवीए का घोषणापत्र 10 नवंबर को जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, साथ ही कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता और कर्नाटक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में एमवीए उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।

इस महीने महाराष्ट्र में शीर्ष कांग्रेस नेताओं की रैलियां
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 13 नवंबर से पांच दिनों के लिए महाराष्ट्र में चुनावी रैली और पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे। वहीं कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी 12, 14 और 16 नवंबर को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करेंगे और प्रियंका गांधी भी 13, 16 और 17 नवंबर को राज्य में रहेंगी।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में होंगे चुनाव
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से मिलकर बनी महायुति सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है, जबकि शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इसे सत्ता से बेदखल करने के प्रयास में है।

कर्नाटक के CM सिद्धारमैया को फिर तलब कर सकती है लोकायुक्त पुलिस, जांच पर बोले कानूनी सलाहकार

बंगलूरू:  कर्नाटक में मुडा जमीन आवंटन केस में जांच का सामना कर रहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कानूनी सलाहकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो लोकायुक्त पुलिस सीएम को फिर से तलब कर सकती है। सीएम कानूनी सलाहकार एएस पोन्नन्ना ने कहा कि सीएम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। अगर जांच अधिकारी को जांच के दौरान कोई जानकारी मिलती है और वे सीएम के बयान दर्ज करना चाहते हैं, तो उनको बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत जांच अधिकारी ने सीएम को नोटिस दिया है। अगर दोबारा जरूरत पड़ी तो वह सीएम को बुलाएंगे। यह सामान्य प्रक्रिया है। जांच के दौरान जांच अधिकारी आरोपी और गवाहों को जितनी बार चाहें बुला सकते हैं।

लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को मुडा जमीन आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछताछ की थी। सिद्धारमैया एक समन के जवाब में लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए और लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) टीजे उदेश के नेतृत्व वाली टीम के सवालों के जवाब दिए। इसके बाद सीएम ने कहा था कि मैंने लोकायुक्त द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं।

लोकायुक्त पुलिस की प्राथमिकी में आरोपी संख्या एक के रूप में नामित मुख्यमंत्री पर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बीएम को 14 जगहों का आवंटन किए जाने में अनियमितताओं का आरोप है। 25 अक्तूबर को उनकी पत्नी से पूछताछ की गई थी, जिन्हें आरोपी संख्या दो बनाया गया है। सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य का नाम मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में दर्ज है। देवराजू से स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी। स्वामी और देवराजू पहले ही लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं।

क्या है मुडा घोटाला
मुडा (मैसूर अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी) घोटाला करीब 3.2 एकड़ जमीन के घोटाले से जुड़ा है। इस जमीन के एवज में मुडा ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को प्लॉट आवंटित किए थे। आरोप है कि इन प्लॉट के आवंटन में कथित अनियमितता बरती गई। दरअसल मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने साल 2010 में 3.2 एकड़ जमीन उपहार स्वरूप दी थी। बाद में यह जमीन मुडा द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण के दायरे में आ गई। जमीन अधिग्रहण के बदले पार्वती ने मुआवजे की मांग की तो मुडा ने उन्हें 14 प्लॉट आवंटित कर दिए। आरोप है कि ये प्लॉट मूल भूमि की कीमत से काफी ज्यादा कीमत के थे। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कथित घोटाला तीन से चार हजार करोड़ का हो सकता है।