Sunday , November 24 2024

देश

‘कोविड के चलते बंद हुए उद्योग का नतीजा…’, IAF को विमान सौंपने में हो रही देरी पर HAL प्रबंधक

बंगलूरू: साल 2021 में 83 विमानों के हुए सौदे में देरी पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने बात की। उन्होंने कहा कि देरी को लेकर हम जनरल इलेक्ट्रिक से बात कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे पूरी कोशिश करेंगे की समय पर इंजन दिया जाए।

जनरल इलेक्ट्रिक कर रहे पूरी कोशिश
उन्होंने बताया कि साल 2021 में 83 विमानों के लिए एलसीए मार्क 1ए कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए थे और जनरल इलेक्ट्रिक को ऑर्डर दिए गए थे। हालांकि, कुछ देरी हुई है और हम जनरल इलेक्ट्रिक से बात कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि इंजन समय पर दिया जाए। उन्हें आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी कुछ समस्याएं आ रही हैं, जो कोविड महामारी के चलते बंद हुए उद्योग का नतीजा है।

‘हमारे पास कैट बी इंजन’
उन्होंने आगे कहा, ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड विमान, एयरफ्रेम बना रहा है। हमारे पास कैट बी इंजन हैं, जिसका इस्तेमाल 10-15 घंटे किया जा सकता है। हम इन इंजनों की मदद से विमान उड़ाएंगे और उन्हें तैयार करेंगे। जनरल इलेक्ट्रिक से आपूर्ति शुरू होने के बाद हम भारतीय वायु सेना को विमान की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे।’

विमान बनाने के लिए तीन कारखाने
कर्नाटक के बंगलूरू में स्थित एचएएल के अध्यक्ष ने कहा, ‘जिस तरह से हमारी आपूर्ति अब बनाई है, हमारे पास बंगलूरू में दो कारखाने हैं। इन दोनों में आठ-आठ विमान बनाए जाते हैं। तीसरा कारखाना हमने नासिक में खोला है, जहां अगले साल से उत्पादन शुरू होगा। इसलिए हमारे पास सालाना 24 विमानों की क्षमता होगी।’

सलमान खान को धमकी देने वाला आरोपी कर्नाटक से गिरफ्तार; पांच करोड़ की फिरौती भी मांगी थी

मुंबई: मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम को धमकी भरा संदेश भेजने के आरोप में कर्नाटक से बिकाराम जलाराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई का भाई होने का दावा करने वाला आरोपी बिकाराम जलाराम बिश्नोई राजस्थान के जालौर जिले का मूल निवासी है।

दरअसल, फिल्म अभिनेता सलमान खान को चार नवंबर को एक और धमकी मिली थी। धमकी देने वाले ने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की थी। उसका दावा था कि वह जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई है। मामले में कर्नाटक के हुब्बली में एक संदिग्ध को पकड़ गया था। इसके बाद मुंबई पुलिस की टीम को वहां रवाना किया गया। पेशे से वेल्डर व्यक्ति को पूछताछ के बाद मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार लिया।

धमकी में अभिनेता को दो रास्ते बताए गए थे
मुंबई पुलिस को सलमान के खिलाफ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से कथित तौर पर एक धमकी भरा संदेश मिला था। धमकी में अभिनेता को दो रास्ते बताए गए थे- जिंदा रहने के लिए माफी मांग लो या फिर पांच करोड़ रुपये दो। यह सलमान को एक हफ्ते में मिली दूसरी धमकी थी।

व्हाट्सएप पर धमकी भरा संदेश मिला
पुलिस सूत्रों की मानें तो मुंबई पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल रूम को बीती रात व्हाट्सएप पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक धमकी भरा संदेश मिला। ट्रैफिक कंट्रोल रूम को भेजे गए संदेश में दावा किया गया है कि वह लॉरेंस बिश्नोई का भाई है। अगर सलमान खान जिंदा रहना चाहते हैं, तो उन्हें हमारे मंदिर में जाकर माफी मांगनी होगी या फिर पांच करोड़ रुपये देने होंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते, तो हम उन्हें मार देंगे, हमारा गिरोह अभी भी सक्रिय है।

30 अक्तूबर को इसी तरह की धमकी मिली थी
पुलिस संदेश की जांच कर रही है। इसे पहले पिछले हफ्ते 30 अक्तूबर को मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल को सलमान खान के खिलाफ इसी तरह की धमकी मिली थी। तब बॉलीवुड अभिनेता से कथित तौर पर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी और इसे न देने पर उन्हें जान से मार डालने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने एक व्यक्ति को मुंबई के बांद्रा इलाके से गिरफ्तार किया गया था।

भारत की निजी यात्रा पर ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक, पत्नी संग बंगलूरू के मठ में की पूजा

बंगलूरू:ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इन दिनों भारत की निजी यात्रा पर हैं। बुधवार को ऋषि सुनक ने बंगलूरू के जयनगर इलाके में स्थित राघवेंद्र स्वामी मठ में अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ पूजा अर्चना की। इस दौरान सुनक के सास-ससुर, सुधा मूर्ति और एनआर नारायणमूर्ति भी मौजूद रहे। सुधा मूर्ति राज्यसभा की सदस्य हैं और एनआर नारायणमूर्ति देश की शीर्ष आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं। भगवान का आशीर्वाद लेते हुए सुनक दंपति की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं।

ऋषि सुनक ऐसे समय भारत आए हैं, जब हाल ही में कंजर्वेटिव पार्टी में ऋषि सुनक की जगह एक अश्वेत महिला केमी बेडेनॉक को पार्टी का नेता चुना गया है। ब्रिटेन में इस पद को हासिल करने वाली वे पहली अश्वेत महिला हैं। 44 साल की बेडेनॉक ने पार्टी लीडर के पद के लिए हुए चुनाव में 57% वोट हासिल किए और रॉबर्ट जेनरिक को हराया। ऋषि सुनक ने आम चुनाव में हार के बाद ही कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था और आधिकारिक तौर पर दिवाली पर पद छोड़ दिया था।

लड्डू विवाद के बाद TTD के अध्यक्ष बने बीआर नायडू, मंदिर में वेंकटेश्वर स्वामी के सामने ली शपथ

तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में हुए लड्डू प्रसादम विवाद के बाद राज्य सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड का गठन किया। इसके अध्यक्ष बीआर नायडू बनाए गए हैं। उन्होंने बुधवार को टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शपथ ली। टीटीडी वेकंटेश्वर मंदिर का प्रबंधन संभालता है। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बीआर नायडू को मंदिर के अंदर वेंकटेश्वर स्वामी के समक्ष शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने परिवार के साथ मंदिर के दर्शन किए।

कौन हैं बीआर नायडू?
अनुभवी मीडिया उद्यमी बोलिनेनी राजगोपाल नायडू (बीआर नायडू) हिंदू संस्कृति, मीडिया की स्वतंत्रता और सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। इस अध्यक्ष पद के लिए वह बहुत सारा अनुभव लेकर आए हैं। चित्तूर के साधारण किसान परिवार में जन्मे बीआर नायडू का ग्रामीण परिवेश से लेकर सफल व्यवसायी बनने तक का सफर उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। बीएचईएल में करियर के बाद उन्होंने बिजनेस में कदम रखा और ट्रैवल, मीडिया और एफएमसीजी में सफल बिजनेस स्थापित किए। बीएचईएल में जनरल सेक्रेटरी के रूप में 12,000 कर्मचारियों को संभालते हुए नायडू ने हमेशा उनकी सफलता के लिए प्रयास किया। बीआर नायडू की पत्नी विजयलक्ष्मी ने भी लंबे समय तक उसी पीएसयू में काम किया।
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एनटीआर के समर्थन में किया आंदोलन
नायडू ने बीएचईएल के कल्चरल सेक्रेटरी के रूप में भी काम किया। इसके बाद उनको एनटी रामाराव से मिलने का मौका मिला। रामाराव से राजनीति में शामिल होने का भी आग्रह किया था। इसके बाद नायडू ने “प्रजास्वामी पुनरुद्धार” आंदोलन में एक्टिव रूप से भाग लिया। ये आंदोलन 1983 में शुरू हुआ था, जब आंध्र प्रदेश की राजनीति पर संकट छाया हुआ था। ये आंदोलन एनटीआर को प्रदेश का सीएम बनाने के समर्थन में शुरू हुआ था।

देशद्रोह समेत कई कार्रवाईयों से गुजरे
आंध्र प्रदेश में नायडू का टीवी पांच चैनल निष्पक्ष पत्रकारिता में सबसे आगे रहा है और लोगों के हितों की वकालत करता है। अमरावती राजधानी परियोजना के लिए भी उन्होंने मुखरता से अपनी बात रखी। पिछली सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उनका रुख हमेशा से कड़ा रहा है और अपने इसी अडिग रुख के चलते उनको पिछली सरकारों की ओर से देशद्रोह समेत कई कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा।

शरद और अजित पवार की NCP को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, अदालतों में समय बर्बाद न करें, वोट मांगें

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में जारी विधानसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के राजनीतिक दलों- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को नसीहत दी है। अदालत ने दोनों पक्षों से कहा कि चुनावी माहौल के बीच अदालतों में अपना समय बर्बाद न करें। अदालत ने दोनों दलों से कहा कि जमीन पर जाएं और मतदाताओं को अपनी नीतियों से प्रभावित कर उनके वोट मांगें। उच्चतम न्यायालय ने अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा को 36 घंटे के भीतर अखबारों में यह ‘डिस्क्लेमर’ जारी करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने साफ किया कि एनसीपी को ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का मामला अदालत में विचाराधीन है, यह सूचना स्पष्ट रूप से प्रकाशित करानी होगी।

देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 38 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।
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महाराष्ट्र में विपक्षी खेमा कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी- MVA) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं

महाराष्ट्र में आपसी तालमेल की कमी से जूझ रही महायुति, केंद्रीय नेता सक्रिय

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान में केवल 15 दिन का समय ही शेष बचा है, लेकिन इस अंतिम समय में महायुति गठबंधन में आपसी तालमेल की कमी से गठबंधन के नेता परेशान हैं। अजित पवार कैंप से इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं कि चुनाव बाद चाचा-भतीजे के बीच की दूरी कम हो सकती है, वहीं, एकनाथ शिंदे ने भी भाजपा टीम से पूरा सहयोग न मिलने की बात कही है। महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर सरकार में वापसी का लक्ष्य लेकर उतरी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मामले में दखल देकर मामला सुलटाने का प्रयास कर रहा है।

 

सूत्रों के अनुसार, महायुति गठबंधन में दरार उसी समय से आनी शुरू हो गई थी जब से भाजपा की ओर से यह संकेत दे दिए गए थे कि चुनाव बाद मुख्यमंत्री उसके दल से हो सकता है। इसके लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी संकेत दे दिया गया है। इसके बाद से ही सहयोगी दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई थी।
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भाजपा के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को चुनाव मैदान में उतारना भी भाजपाई खेमे में चिंता का विषय बना हुआ है। इसे अजित पवार की ओर से भाजपा को दिए गए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यानी यदि चुनाव के बाद समीकरण अजित पवार के अनुसार नहीं हुए तो उनके दरवाजे सभी विकल्पों के लिए खुले रह सकते हैं। स्वयं नवाब मलिक ने इसी तरह की बात कहकर इस पर मुहर लगा दी है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि चुनाव के बाद चाचा-भतीजे के बीच दूरी कम हो सकती है।

चर्चा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भाजपा शीर्ष नेतृत्व से इस बात की शिकायत की है कि चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को प्रचार में भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। इससे चुनाव के समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। यदि इसके कारण आपसी तालमेल गड़बड़ाई तो शिवसेना के कार्यकर्ता भी भाजपा उम्मीदवारों के प्रचार के दौरान सहयोग देने में कमी कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो महायुति का समीकरण गड़बड़ हो सकता है।

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और गिरफ्तारी, 12 अक्तूबर बांद्रा में हुई थी राकांपा नेता की हत्या

मुंबई:मुंबई पुलिस ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड के मामले में एक और गिरफ्तारी की। मामले में यह 16वीं गिरफ्तारी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि एक और आरोपी को पकड़ा गया है। हालांकि, उन्होंने इस गिरफ्तारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।

बाबा सिद्दीकी (66 वर्षीय) को 12 अक्तूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के पीछे जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को इस मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है।

राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान पर भड़की भाजपा, कहा- इसी वजह से लोग उन्हें नेता नहीं मानते

 नई दिल्ली:  राहुल गांधी ने तेलंगाना में अपने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस सरकार 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम बाधा को खत्म कर देगी। अब राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा का पलटवार सामने आया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि इसी वजह से लोग राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

कैलाश विजयवर्गीय का राहुल गांधी पर निशाना
कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि ‘राजनीति और नौटंकी अलग-अलग चीजें हैं। नौटंकीबाज कभी भी राजनीति में सफल नहीं हो सकता। राजनीति एक गंभीर विषय है और राहुल गांधी में कभी भी गंभीरता नहीं दिख सकती। यही वजह है कि जनता उन्हें नेता के तौर पर स्वीकार नहीं कर पा रही है। हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राहुल गांधी समाज को जाति के नाम पर बांटना चाहते हैं, वे जातीय जनगणना के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।’ महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टिवार ने कहा कि ‘आज समाज का हर वर्ग अपने लिए लड़ रहा है। राहुल गांधी ने इसका उपाय दिया है और कहा है कि हर किसी को सरकार और प्रशासन में समान अधिकार मिलने चाहिए।’
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भाजपा के लिए महिलाएं सम्मानीय
कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी सरकारी आरक्षण देने के फैसले पर कहा कि ‘हमने हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। साल 2014 से ही हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और हमने महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाया, उन्हें सेना-पुलिस में नौकरी के ज्यादा मौके दिए। राजनीति में भी उनके लिए आरक्षण लाए। हमारे लिए महिलाएं सम्मानीय हैं, जबकि विपक्ष के लिए महिलाएं ‘माल’ हैं।’

क्या कहा था राहुल गांधी ने
गौरतलब है कि राहुल गांधी मंगलवार को तेलंगाना दौरे पर थे। वहां उन्होंने छह नवंबर से शुरू होने वाले जातीय सर्वेक्षण से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना, भेदभाव को खत्म करने की दिशा में पहला कदम है। मैं चाहता हूं कि न केवल तेलंगाना में जाति आधारित जनगणना हो, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल बन जाए। राहुल गांधी ने कहा था कि ‘देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम बाधा को खत्म किया जाएगा।’

‘वे चुनाव में इमोशनल कार्ड खेल रहे’, शरद पवार के राजनीति से संन्यास वाले बयान पर भाजपा का तंज

मंगलवार को शरद पवार ने अपने एक बयान से ऐसे संकेत दिए हैं कि वह सक्रिय राजनीति से जल्द संन्यास ले सकते हैं। हालांकि भाजपा ने इसे शरद पवार की रणनीति करार दिया है और कहा है कि वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त ऐसे बयान देकर इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। वहीं शिवसेना यूबीटी ने शरद पवार के इस बयान पर कहा है कि देश में कोई ऐसा नेता नहीं है, जिनके पास शरद पवार जितना संसदीय अनुभव हो, वे उनके लिए प्रेरणा रहेंगे।

शरद पवार के बयान पर भाजपा का तंज
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय से जब शरद पवार के राजनीति से संन्यास संबंधी बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘लोकसभा चुनाव के समय भी उन्होंने ऐसा कहा था। वह इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। इस बार भी वे चुनाव के समय ऐसे बयान दे रहे हैं और बाद में वे फिर राजनीति में सक्रिय रहेंगे।’
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गौरतलब है कि शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी कुछ ऐसा ही कहा कि ये पहली बार नहीं हो रहा है, जब शरद पवार ने राजनीति से संन्यास की बात कही है। राउत ने कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है कि पवार साहब ने कहा है कि वे राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं, लेकिन उनके समर्थक और जो लोग उन्हें प्यार करते हैं, वे उनसे संन्यास न लेने की अपील करते हैं। देश में कोई और राजनेता ऐसा नहीं है, जिसके पास 60 साल का संसदीय अनुभव हो। वह हमारे लिए प्रेरणा रहेंगे।’

शरद पवार ने सक्रिय राजनीति से संन्यास के दिए थे संकेत
गौरतलब है कि शरद पवार ने अपने बारामती दौरे के दौरान मंगलवार को अपने एक बयान में सक्रिय राजनीति से संन्यास के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं सत्ता में नहीं हूं। मैं राज्यसभा में हूं। मेरे पास अभी भी डेढ़ साल का वक्त बाकी है। डेढ़ साल बाद मुझे सोचना होगा कि राज्यसभा जाऊं या नहीं। लोकसभा तो मैं नहीं लड़ूंगा। कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। आपने (जनता ने) एक बार भी घर नहीं बैठाया मुझे। हर बार मुझे निर्वाचित कर रहे हैं तो कहीं तो थमना ही चाहिए। मैंने इस सूत्र पर काम करना शुरू कर दिया है कि नई पीढ़ी को अब आगे आना चाहिए।’

मुडा घोटाले में लोकायुक्त के सामने पेश होंगे सीएम सिद्धारमैया, सीबीआई को जांच सौंप सकता है हाईकोर्ट

बंगलूरू:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुडा घोटाले के मामले में लोकायुक्त के सामने पेश होने की पुष्टि कर दी है। लोकायुक्त ने घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए सीएम सिद्धारमैया को समन जारी किया था। मंगलवार को सीएम हुबली धारवाड़ इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वे लोकायुक्त के सामने पेश होंगे तो इस पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि ‘मैं कल सुबह 10 बजे जा रहा हूं’।

मुख्यमंत्री की पत्नी से भी हो चुकी है पूछताछ
लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्धारमैया को समन जारी कर 6 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। इससे पहले सीएम की पत्नी पार्वती से इस मामले में 25 अक्तूबर को पूछताछ हो चुकी है। साथ ही पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवाराजू से भी पूछताछ हुई है। देवाराजू से ही मल्लिकास्वामी ने जमीन खरीदकर अपनी बहन पार्वती को उपहार स्वरूप दी थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है और कहा है कि विपक्ष उनसे डरा हुआ है, जिसकी वजह से उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मुडा घोटाले के मामले में ईडी ने भी मुडा के पूर्व आयुक्त डीबी नातेश से पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद पूर्व आयुक्त को हिरासत में लिया गया था। ईडी इस मामले में धन शोधन के कोण से जांच कर रही है।

सीबीआई को सौंपी जा सकती है जांच
मुडा घोटाले में सीएम सिद्धारमैया की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। अब कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी सीएम को नोटिस जारी किया है। दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर रिट याचिका पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में MUDA घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी एम, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, भारत संघ, राज्य सरकार, सीबीआई और लोकायुक्त को भी नोटिस जारी किया। उन्होंने लोकायुक्त को मामले में अब तक की गई जांच को रिकॉर्ड में पेश करने का निर्देश दिया। अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 26 नवंबर को करेगी।