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‘अगर केंद्र और केरल में हमारी सरकार हो तो…’, वायनाड से नामांकन पर राहुल गांधी ने कही ये बात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने वायनाड में रोड शो किया। इस दौरान उनका जोरदार स्वागत किया गया। रोड शो में करीबन हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड से चार लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।

नामांकन दाखिल करने से पहले राहुल गांधी ने किया रोड शो
राहुल गांधी का रोड शो सुबह के 11 बजे शुरू हुआ। उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “आपका सांसद सदस्य होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं आपको मतदाता के तौर पर नहीं देखता हूं। मैं आपके साथ वैसा ही व्यवहार करता हूं और आपके बारे में वैसा ही सोचता हूं जैसा मैं अपनी बहन के लिए करता हूं। क्योंकि वायनाड के घरों में मेरी मां, बहन, भाई और पिता रहते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम न्याय के नए युग में कदम रख रहे हैं। मैं पूरी निष्ठा से जनता की सेवा करना चाहता हूं।”

मानव-पशु संघर्ष पर राहुल ने दी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “राज्य में मानव-पशु संघर्ष और मेडिकल कॉलेज बनाने जैसे मुद्दे हैं। मैं इस लड़ाई में वायनाड के लोगों के साथ खड़ा हूं। हमने मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश भी की। मैंने मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिखी, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी और जब केरल में भी हमारी सरकार बनेगी तो हम इन मुद्दों का समाधान करेंगे।”

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने लॉन्च किया घर-घर गारंटी अभियान, करोड़ों घरों तक पहुंचेंगे पार्टी कार्यकर्ता

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को घर-घर गारंटी अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता देश के करोड़ों घरों तक पहुंचेंगे और जनता को कांग्रेस की गारंटियों के बारे में जानकारी देंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर काठियावाड़ा में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में घर-घर गारंटी अभियान की शुरुआत की। पार्टी का यह अभियान ‘पांच न्याय’ और ’25 गारंटी’ पर आधारित है।

खरगे ने बताया- करोड़ों घर पहुंचेंगे पार्टी कार्यकर्ता
घर-घर अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता पांच न्याय और 25 गारंटी वाला कार्ड घर-घर जाकर वितरित करेंगे। कांग्रेस का लक्ष्य आठ करोड़ परिवारों तक पहुंचने का है। अभियान की शुरुआत करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘गारंटी के कार्ड हमारे लोग घर-घर बाटेंगे और हम लोगों को बताएंगे कि हमारी सरकार आने के बाद हम क्या क्या करेंगे।’ खरगे ने कहा कि हम गारंटी देते हैं कि हमारी सरकार हमेशा लोगों के लिए काम करेगी। पीएम मोदी, मोदी की गारंटी की बात करते हैं, लेकिन उनकी गारंटी कभी लोगों तक नहीं पहुंची। खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वादा किया था, लेकिन लोगों को वो नहीं मिलीं। कांग्रेस की पंच न्याय में युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय शामिल हैं।

कांग्रेस ने किए हैं ये वादे
युवा न्याय के तहत कांग्रेस पार्टी ने 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं के एक साल के लिए ट्रेनी कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा किया है। हिस्सेदारी न्याय के तहत पार्टी जाति आधारित जनगणना कराने और आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने की गारंटी दी है। किसान न्याय के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, कर्ज माफी के लिए आयोग के गठन और जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है। श्रमिक न्याय में पार्टी मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार, न्यूनतम मजदूरी जैसे वादे शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी 5 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है। कांग्रेस जयपुर और हैदराबाद में विशाल रैली का आयोजन करेगी। पार्टी ने चुनाव के लिए अपना नया स्लोगन ‘हाथ बदलेगा हालात’ भी लॉन्च कर दिया है।

चुनाव लड़ने का खुलकर नहीं किया एलान, इशारों में अखिलेश बोले- कन्नौज मेरा घर… इसे नहीं छोड़ सकता

चटक गर्मी के बीच उमड़े कार्यकर्ताओं के उत्साह से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गदगद दिखे। कन्नौज से दो दशक से भी ज्यादा पुराने रिश्तों का हवाला देकर हमेशा यहां से जुड़े रहने की बात कही तो तालियां की गड़गड़ाहट गूंज उठी। कार्यकर्ताओं को लगा कि अब वह लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी का ऐलान करेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। टिकट के मुद्दे पर उन्होंने खुलकर ऐलान तो नहीं किया, लेकिन इशारों ही इशारों में यहां से लड़ने का इशारा जरूर दे गए। ऐलान न होने से मायूस कार्यकर्ताओं को इशारों में मिली मंजूरी से उत्साह जरूर बढ़ गया।

उन्होंने कहा कि यहीं से डॉ. राम मनोहर लोहिया जीते, नेता जी मुलायम सिंह जीते, खुद मैं जीता और डिंपल यादव भी जीतीं। समाजवादियों का यहां से दशकों पुराना रिश्ता है। नेताजी ने ढाई दशक पहले जो सिलसिला शुरू किया तो वह कायम रहेगा। कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र की सेवा की है। पहले चुनाव में जिन लोगों ने मदद की थी, वह आज के कार्यक्रम में मौजूद हैं।

उनकी फिर से मदद चाहिए। खुद के सांसद और मुख्यमंत्री रहते हुए कन्नौज में कराए गए विकास कार्यों का सिलसिलेवार ब्योरा रखा। अपने रिश्तों की दुहाई देते रहे, रह-रहकर सरकार को घेरते रहे। पंडाल में मौजूद लोग हाथ उठाकर उनसे उम्मीदवारी के ऐलान की मांग करते रहे। अखिलेश भी सभी की मंशा भांपकर मुस्कुराते हुए अपनी बात करते रहे। अपने डेढ़ घंटे के संबोधन के दौरान आखिर में उन्होंने यह कहा कि किसी के बहकावे में न आएं। सपा प्रमुख पहली बार सार्वजनिक मंच से सांसद सुब्रत पाठक पर हमलावर दिखे। हालांकि उन्होंने नाम तो नहीं लिया, लेकिन चुन-चुन कर कई मामलों को उठाकर उन्हें घेरा।

रामपुर में अखिलेश तो मुरादाबाद में आजम की प्रतिष्ठा दांव पर, पार्टी के भीतर मचा है घमासान

सपा में टिकटों को लेकर चल रही खींचतान के बीच लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रामपुर और आजम खां की मुरादाबाद में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। रामपुर सीट से चुनाव लड़ने का आजम का प्रस्ताव ठुकराकर अखिलेश ने मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया है।

वहीं आजम खां ने मुरादाबाद सीट से सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट कटवा कर रुचि वीरा को प्रत्याशी बनवाया है। पश्चिमी यूपी की रामपुर और मुरादाबाद लोकसभा सीट इन दिनों प्रदेश में सुर्खियों में है। इसकी वजह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सीतापुर जेल में बंद पूर्व मंत्री आजम खां हैं।

दोनों रामपुर और मुरादाबाद सीट पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर आमने-सामने आ गए थे। मुरादाबाद मंडल में प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाने से पहले अखिलेश यादव ने आजम खां से सीतापुर जेल में मुलाकात की थी। आजम खां ने अखिलेश यादव को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी।

अखिलेश यादव ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद आजम खां ने रामपुर में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया। इस खींचतान के बीच अखिलेश यादव ने आजम की पसंद को दरकिनार कर दिल्ली पार्लियामेंट्री स्ट्रीट की मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को रामपुर से उम्मीदवार घोषित कर दिया।

यहीं नहीं मौजूदा सांसद डॉ. एसटी हसन को मुरादाबाद प्रत्याशी बना दिया। डॉ. एसटी हसन ने मुरादाबाद सीट से नामांकन भी दाखिल कर दिया। सियासी तकरार बढ़ने पर नामांकन के चौबीस घंटे बाद अखिलेश यादव ने डॉ. एसटी हसन का टिकट काटकर मुरादाबाद के लिए रुचि वीरा को सिंबल थमा दिया और आजम खां को बैलेंस करने की कोशिश की। लेकिन रामपुर सीट से प्रत्याशी में कोई बदलाव नहीं किया गया।

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका

पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद एमडी आचार्य बालकृष्ण शीर्ष अदालत पहुंचे। इस दौरान अदालत ने दोनों को फटकार लगाई और कहा कि आपको इस मामले में हलफनामा दायर करना चाहिए था।

10 अप्रैल को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया। साथ ही आदेश दिया कि अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने पतंजलि के एमडी के हलफनामे में दिए बयान को भी खारिज कर दिया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (मैजिक रेमेडीज) एक्ट पुराना है

हर आदेश का सम्मान होना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को अदालत के नोटिस का जवाब नहीं देने पर कहा कि यह पूर्ण अवहेलना है। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देशभर की अदालतों से पारित हर आदेश का सम्मान होना चाहिए। आपको इस मामले में हलफनामा दायर करना चाहिए था।

इस पर योग गुरु रामदेव ने पतंजलि के औषधीय उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर अदालत से बिना शर्त माफी मांगी। उनके वकील ने अदालत से कहा कि दोनों लोग व्यक्तिगत रूप से मांफी मांगना चाहते थे, इसलिए आज अदालत में पेश हुए हैं। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था।

झूठी गवाही का मामला भी शुरू होना चाहिए
अदालत ने कहा उसे रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ झूठी गवाही का मामला भी शुरू करना चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि हलफनामे के साथ दस्तावेज जोड़े गए, जबकि दस्तावेज बाद में तैयार किए गए। यह झूठी गवाही का स्पष्ट मामला है। हम आपके लिए दरवाजे बंद नहीं कर रहे, लेकिन वही सब बता रहे हैं जो हमने अबतक देखा है।

पतंजलि ने बिना शर्त मांगी थी माफी
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दो अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को अदालत के नोटिस का जवाब नहीं देने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और नोटिस जारी कर पूछा थी कि उनके खिलाफ अमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। इसके बाद पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण ने हलफनामा देकर माफी मांग ली थी।

अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की हरकत पर भारत की दो टूक, कहा- अपना नाम देने से सच्चाई नहीं बदलने वाली

केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि नाम बदलने के प्रयास से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा।

विदेश मंत्रलय ने खारिज किया चीन का दावा
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नए नामों की चौथी सूची जारी करने के बाद मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, “चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के प्रयासों पर कायम है। हम चीन द्वारा किए गए इन प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। स्थानों का नाम बदलने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।”

इससे पहले 28 मार्च को भारत ने कहा था कि चीन अपने निराधार दावों को दोहरा सकता है। दरअसल, चीन की तरफ से अक्सर दावा किया जाता है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है। प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन लागातार अरुणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी करता आ रहा है। उनका यह चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियांग के दावे के बाद आया।

जयशंकर ने किया था पलटवार
सोमवार को केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा। नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता है। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुस्तैदी के साथ खड़ी है।

आज रद्द हो सकती हैं विस्तारा की 70 उड़ानें, बीते दिन से 160 फ्लाइट्स देरी से उड़ीं; जानें वजह

विस्तारा एयरलाइंस की आज फिर कई उड़ानें रद्द हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी की नई दिल्ली की पांच फ्लाइट्स, बंगलूरू की तीन, कोलकाता की दो उड़ानें रद्द हुई हैं। विस्तारा एयरलाइंस पायलट्स की कमी और संचालन संबंधी समस्याओं से जूझ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज यानी 2 अप्रैल को कंपनी की 70 के करीब उड़ानें रद्द हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

विस्तारा एयरलाइंस ने बयान जारी कर बताई ये वजह
रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी की एक अप्रैल से अब तक 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं और 160 के करीब उड़ानों में देरी हुई है। उल्लेखनीय है कि विस्तारा एयरलाइंस, टाटा ग्रुप की कंपनी है और इसका टाटा ग्रुप की ही अन्य एयरलाइंस एयर इंडिया के साथ विलय प्रस्तावित है। ऐसे में माना जा रहा है कि विस्तारा एयरलाइंस की इतनी संख्या में उड़ानें रद्द होने की ये भी एक वजह हो सकती है। विस्तारा एयरलाइंस ने बयान जारी कर कहा है कि ‘कई वजहों से, खासकर क्रू की कमी की वजह से, हमने बीते दिनों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल की है और कई उड़ानों में देरी हुई है। ऐसे में हमने तय किया है कि अपने नेटवर्क में कनेक्टिविटी के लिए हम अपनी फ्लाइट्स की संख्या कम करेंगे।’

विलय के चलते पायलट्स में सैलरी को लेकर नाराजगी की खबरें
एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के विलय के तहत दोनों कंपनियों के क्रू को एक सैलरी स्ट्रक्चर के तहत लाने की तैयारी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत विस्तारा के पायलट्स को 40 घंटे की उड़ान के बदले तय सैलरी मिलेगी। साथ ही अतिरिक्त घंटे की उड़ान के लिए उन्हें अलग से भुगतान किया जाएगा। विस्तारा के पायलट्स को अभी 70 घंटे की उड़ान के तहत सैलरी दी जाती है। मामले के जानकारों के मुताबिक नए सैलरी स्ट्रक्चर से विस्तारा एयरलाइंस के कई पायलट्स नाराज हो गए हैं क्योंकि इससे उनकी सैलरी में कमी होगी।

दाएं ओर का इंडिकेटर दिखाकर बाईं तरफ मुड़ी महिला, गुस्साए स्कूटर सवार युवकों ने किया पीछा; गिरफ्तार

बंगलूरू में एक महिला को परेशान करने के मामले में तीन स्कूटर सवार व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा गया कि स्कूटर पर सवार तीन लोग कार में बैठी महिला का पीछा कर रहे थे। तीनों ने महिला को परेशान करने की भी कोशिश की। वीडियो में महिला की घबराई हुई आवाज भी सुनी जा सकती है। महिला ने इस दौरान मदद के लिए तुरंत पुलिस को फोन किया। उन्होंने पुलिस के साथ अपनी लोकेशन भी शेयर की।

महिला ने पुलिस से मांगी मदद
यह घटना शनिवार को मदीवाला-कोरमंगला रोड के पास घटी। वायरल वीडियो में महिला ने पुलिस से कहा, “वे हमारा पीछा कर रहे हैं और वाहन में मुक्के मार रहे हैं। क्या आप सुन पा रहे हैं।” इसके बाद महिला ने पुलिस को अन्य जानकारी भी दी। उन्होंने आरोपियों के वाहन का नंबर भी बताया।

पुलिस ने बताया कि महिला ने दाएं ओर का इंडिकेटर जलाया, लेकिन वह बाईं ओर मुड़ गई, जिससे स्कूटर सवार तीनों लोग नाराज हो गए और महिला का पीछा करने लगे। कुछ देर बार एक ही स्कूटर पर सवार तीनों लोगों ने कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

आरोपियों ने महिला को धमकाने की कोशिश की
महिला ने बताया कि तीनों ने उसे धमकाने की भी कोशिश की। उन्होंने बताया कि वह डर गई थी, क्योंकि पीछा करने के बाद आरोपियों ने उनके वाहन को पीछे से टक्कर भी मारी थी। पीड़ित महिला ने इसके बाद घबराकर पुलिस को फोन किया। जैसे ही आरोपियों ने देखा कि महिला ने मदद के लिए पुलिस को फोन किया। तीनों मौके से फरार हो गए। तीनों के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया ह। पुलिस ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है।

‘NOTA पर जागरूकता फैलाने के लिए चुनाव आयोग ने उठाए पर्याप्त कदम’, कोर्ट ने खारिज की याचिका

चुनाव आयोग (ईसी) और महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में नोटा के विकल्प के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

जनहित याचिका में चुनाव आयोग को नोटा के विकल्प के बारे में जागरूरकता फैलाने के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति आरएम जोशी की खंडपीठ ने 22 मार्च को याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। फैसले की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।

जनहित याचिका में छात्र ने की थी ये मांग
याचिका एक छात्र सुहास वानखेड़े द्वारा दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि चुनाव आयोग को एक ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करना चाहिए, ताकि लोगों में वोट डालते समय नोटा विकल्प के बारे में जागरूकता पैदा हो सके।

मोटे अक्षरों में किया गया है नोटा का जिक्र
अदालत ने चुनाव की ओर से मतदाताओ के लिए जारी दिशानिर्देशों के दस्तावेज पर संज्ञान लिया और कहा कि नोटा के बारे में निर्देश मोटे अक्षरों में दस्तावेज में प्रकाशित किए गए थे। खंडपीठ ने कहा, दस्तावेज में नोटा का मोटे अक्षरों में स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है और यह मतदाता का तुरंत ध्यान आकर्षित करता है। मोटे अक्षरों में निर्देश भी दिए गए हैं कि नोटा ईवीएम पर अंतिम विकल्प के तौर पर उपलब्ध है।

ईसी ने उठाए पर्याप्त कदम
इसने आगे कहा कि दस्तावेज मतदाताओं के लिए चित्रात्मक मार्गदर्शिका है, ताकि उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जा सके। अदालत ने कहा, चुनाव आयोग और महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग दोनों ने लोगों को उनके मताधिकार और नोटा के विकल्प के बारे में जागरूक करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और इसलिए आगे कोई निर्देश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।

तूफान-बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी में डूबी नाव, जलपाईगुड़ी में राज्यपाल ने किया तबाही का मुआयना

असम में ब्रह्मपुत्र नदी में एक नाव के पलटने से चार साल के बच्चे की मौत हो गई है। हादसे के बाद से दो लोग लापता हैं। सोमवार को एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और तूफान के चलते नाव पलटी। घटना असम के दक्षिणी सलमारा-मनकाचर जिले की है। असम के आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के सीईओ ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने बताया कि रविवार शाम को राज्य के कई इलाकों में तेज बारिश और तूफान आया, जिससे पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। कई घरों को भी नुकसान हुआ। वहीं जलपाईगुड़ी में आए तूफान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

हादसे के वक्त नाव में सवार थे 15 यात्री
ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने बताया कि शाम करीब पांच बजे सिशुमारा घाट से नेपुरेर अलगा घाट जा रही एक नाव नेपुरेर अलगा गांव के करीब पलट गई। इस हादसे में एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई, जिसकी पहचान सामिन मंडल के रूप में हुई है। वहीं कोबात अली मंडल (56 वर्ष) इस्माइल अली (8 वर्ष) लापता हैं। जिस वक्त नाव हादसे का शिकार हुई, उस वक्त नाव पर 15 यात्री सवार थे। नाव पलटने के बाद अन्य यात्रियों को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।

राज्य की आपदा प्रबंधन की एक टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी है। ढुबरी और गोलपाड़ा जिलों से गहरे पानी में उतरने वाले तैराक बुलाए गए हैं। एसडीआरएफ के जवान नौकाओं के जरिए लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। ज्ञानेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि बचाव अभियान की निगरानी के लिए ड्रोन्स और पायलट भी घटनास्थल पर भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि कई जिलों में बिजली गिरने की घटनाएं भी हुईं, लेकिन अभी तक इससे किसी नुकसान की खबर नहीं है।

सुवेंदु अधिकारी ने लगाए ये आरोप
भाजपा नेता और बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ‘शुरुआत में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की टीमों में राहत और बचाव कार्य किए। भाषणों और फोटो सेशन के अलावा राहत और बचाव कार्य ठीक से नहीं किए जा रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान की समीक्षा भी नहीं हो रही थी।’