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सात मुस्लिम प्रत्याशी देकर इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ने की कोशिश, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

बहुजन समाज पार्टी ने रविवार को 16 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर दी, जिसमें सात सीटों पर मुस्लिमों को तरजीह देकर इंडिया अलायंस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। हालांकि पार्टी की पहली सूची में कोई महिला उम्मीदवार जगह नहीं पा सकी। तीन सुरक्षित सीटों पर भी पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। बता दें कि 16 प्रत्याशियों में से अधिकतर नामों की घोषणा जोनल कोआर्डिनेटर पहले ही कर चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि बसपा द्वारा पहली सूची जारी करने से चंद घंटो पहले कांग्रेस ने भी अपनी पहली सूची जारी की थी। दोनों दलों के इस फैसले से उनके बीच गठबंधन होने के कयास खत्म हो चुके हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती के इस फैसले से साफ हो गया है कि बसपा सपा- काग्रेस गठबंधन को कड़ी चुनौती देने जा रही है। सात सीटों पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा त्रिकोणीय मुकाबला होने का स्पष्ट संदेश दे रहा है।

जानिए किसको कहां से मिला टिकट
सहारनपुर सीट से माजिद अली
कैराना लोकसभा सीट से श्रीपाल सिंह
मुजफ्फरनगर सीट से दारा सिंह प्रजापति
बिजनौर लोकसभा सीट से विजेन्द्र सिंह
नगीना (SC) सीट से सुरेन्द्र पाल सिंह
मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी
रामपुर से जीशान खान
संभल से शौलत अली
अमरोहा से मुजाहिद हुसैन
मेरठ से देववृत्त त्यागी
बागपत से प्रवीण बंसल
गौतमबुद्ध नगर से राजेन्द्र सिंह सोलंकी
बुलंदशहर (SC) से गिरीश चन्द्र जाटव
आंवला से आबिद अली
पीलीभीत से अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू
शाहजहांपुर (SC) से डा. दोदराम वर्मा

आम चुनाव के प्रचार के दौरान बोले गडकरी, कहा- रोजगार प्रदान करना हमारा उद्देश्य

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि वह हर संभव गरीब लोगों की मदद करना चाहते हैं। उन्होंने आगे बताया कि वह गरीबों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमेशा काम करते रहेंगे। एक साक्षात्कार के दौरान भाजपा नेता ने कहा कि देश में रोजगार के अवसर प्रदान करना और गरीबी खत्म करना ही नरेंद्र मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य है, जिसके लिए हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पोस्टर और बैनरों पर भरोसा नहीं है। वह चुनावी प्रचार के दौरान घर-घर जाकर लोगों से मिलेंगे।

भाजपा ने नितिन गडकरी को नागपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। नागपुर के उम्मीदवार के तौर पर विभिन्न मुद्दों और भाजपा के कार्यों पर चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा, “मैं लोगों से मिलना जारी रखूंगा। मैं मानता हूं कि लोगों से मिलना और उन्हें उनकी समस्याओं से दूर करना बहुत जरूरी है। मैं स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना जारी रखूंगा।”

पोस्टर-बैनर पर भरोसा नहीं, घर-घर जाकर लोगों से मिलूंगा: गडकरी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वह हर घर तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे पोस्टर और बैनर पर भरोसा नहीं है। मैं घर-घर जाकर लोगों से मिलूंगा और उनसे बातें करूंगा और उनका आशीर्वाद लूंगा। मैं लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए काम करता रहूंगा।”

राष्ट्रपति से नहीं मिली विधेयकों को मंजूरी तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार, जानें क्या है मामला

केरल विधानसभा द्वारा पारित चार विधेयकों को जारी करने के लिए केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया, जो राष्ट्रपति कार्यालय में लंबित हैं। केरल सरकार ने मामले में एक याचिका दायर की है। आरोप लगाया कि केरल के राज्यपाल ने इन विधेयकों को बिना हस्ताक्षर किए ही राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया था

याचिका में कहा गया कि विधेयकों को लंबे और अनिश्चित काल तक लंबित रखने और उसके बाद संविधान से संबंधित किसी भी कारण के बिना राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयकों को आरक्षित करने का राज्यपाल का आचरण स्पष्ट रूप से मनमाना है और संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन करता है।

इसमें कहा गया है, केंद्र द्वारा राष्ट्रपति को उन चार विधेयकों पर सहमति रोकने के लिए दी गई सहायता और सलाह, जो पूरी तरह से राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं। इसके अतिरिक्त, कार्रवाईयां संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत केरल राज्य के लोगों के अधिकारों को बाधित करता हैं, जो कल्याणकारी कानून के लाभों से वंचित करती हैं।

इस बार सियाचिन ग्लेशियर में खास होगी होली, खुद जवानों के पास जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सियाचिन में इसबार होली का त्योहार बहुत खास होने वाला है, क्योंकि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात सुरक्षा बलों के जवान से मुलाकात करेंगे। राजनाथ उनके साथ रंगो का त्योहार होली भी मनाएंगे।

ममता बनर्जी ने की अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना, कहा- लोकतंत्र पर खुलेआम हमला हो रहा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इसको लेकर विपक्ष लगातार भाजपा पर निशाना साध रहा है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आलोचना की है। साथ ही इसे विपक्षी मुख्यमंत्रियों पर सोची-समझी कार्रवाई करार दिया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने एलान किया कि ‘इंडिया’ ब्लॉक के प्रतिनिधि विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी पर अपनी आपत्ति जताने के लिए चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे।

सुनीता केजरीवाल से की बात
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘मैं लोगों के द्वारा चुने गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना करती हूं। मैंने सुनीता केजरीवाल से संपर्क कर अपना अटूट समर्थन और एकजुटता व्यक्त की है।’

भाजपा में शामिल होते ही…
ममता बनर्जी ने निर्वाचित विपक्षी मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाए जाने की निंदा की। साथ ही इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि किस तरह सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे लोगों को भाजपा में शामिल होने के बाद निर्दोष साबित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘यह अपमानजनक है कि विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है। जबकि भाजपा के साथ गठबंधन करने पर सीबीआई या ईडी जांच के तहत आरोपी व्यक्तियों को बिना किसी दंड के अपने कदाचार को जारी रखने की अनुमति दी जा रही है। यह लोकतंत्र पर खुलेआम हमला है।’

केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र पर बरसीं ममता बनर्जी, भाजपा बोली- ये बंगाल में भी हो सकता है

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र पर हमला बोला। टीएमसी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले सुनियोजित तरीके से विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। टीएमसी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। वहीं टीएमसी के आरोपों पर भाजपा ने भी पलटवार किया है और कहा है कि जो दिल्ली में हुआ, वो बंगाल में भी हो सकता है।

ममता बनर्जी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बताया ‘लोकतंत्र पर हमला’
ईडी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गुरुवार की रात गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। गठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की और आरोप लगाया कि जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्रियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। वहीं जो लोग भाजपा के साथ हैं, उन्हें बेशर्मी के साथ पूरी छूट दी जा रही है।

चुनाव आयोग में शिकायत करेंगी विपक्षी गठबंधन की पार्टियां
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘यह लोकतंत्र पर हमला है। आज हमारे विपक्षी गठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मिलेंगे और विपक्षी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाए जाने पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराएंगे। टीएमसी की तरफ से चुनाव आयोग की बैठक में डेरेक ओ ब्रायन और मोहम्मद नदीमुल हक पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।’ टीएमसी के वरिष्ठ नेता शांतनु सेन ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया और कहा कि भाजपा अभी भी ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।

सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या सोचते है दिल्ली वाले? ईडी कार्रवाई पर कहीं ये बड़ी बात

नई दिल्ली:   दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार रात नई दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। सीएम को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें गुरुवार देर रात ईडी के दफ़्तर ले जाया गया है। इस बीच लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

धरना प्रदर्शन से दूरी बनाने की अपील
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। उनके समर्थन में जगह जगह दिल्ली में धरना प्रदर्शन हो रहा है। बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई भी टोपी लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे है। मेरी मुस्लिम भाइयों से अपील है कि ऐसे धरना प्रदर्शन से दूरी बनाए रखे। शराब को महजबी इस्लाम ने हराम करार दिया है। किसी तरह के उसके इस्तेमाल,लेन देन और खरीद फरोख्त को या ऐसे काम करने वाले लोगों को इस्लाम मजहब ने हराम और नाजायज करार दिया है। मैं सभी मुस्लिम भाईयों से अपील करता हूं कि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में भाग न ले और ऐसे कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखे। ये धरना प्रदर्शन राजनीति के लिए है। इनमें शामिल होने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।’

केजरीवाल ने कोरोना के समय काफी मदद की
ऑटो चालक गिरधारी यादव का कहना है कि, ‘क्या सही है या क्या गलत है ये पकड़ने वाले जाने। लेकिन केजरीवाल ने कोरोना के समय हम लोगों की बहुत मदद की। आज हम लोग दिल्ली में रह पा रहे है। इसमें बहुत हद तक अरविंद केजरीवाल की योजनाओं के साथ बिजली पानी फ्री मिल रहा है। हालांकि हमसे भाजपा वाले कहते है कि ये योजनाएं मोदी जी की है तो भी बढ़िया और अगर आप पार्टी वाले कहते तो भी अच्छा। हम तो दिनभर ऑटो चलाते है और दो वक्त के खाने का बंदोबस्त करते है।’

क्या डिसमिस होंगे सीएम अरविंद केजरीवाल? दिल्ली में संवैधानिक संकट के बीच गृह मंत्रालय पर नजर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा है। इसके चलते दिल्ली में अब संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। दिल्ली में चार मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके पूर्व विधानसभा सचिव एवं संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा बताते हैं, देखिये, इस मामले में संविधान चुप है। जेल से सरकार नहीं चला करती। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सरकार का मुखिया जेल में चला जाए और वहीं से सरकार चलती रहे। देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

ऐसे कई कामकाज होते हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य होती है। अगर मौजूदा स्थिति में केजरीवाल, मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो सरकार के पास उन्हें डिसमिस करने का ही विकल्प बचता है। यह सारी प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा पूरी की जाती है।

पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया…
बतौर एसके शर्मा, हम कह सकते हैं कि इस तरह के संवैधानिक संकट के दौर में अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास ही दिल्ली के ताले की चाबी है। संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा ने बताया, ये तय है कि दिल्ली सरकार, जेल से नहीं चलेगी। जैसा कि दिल्ली सरकार के मंत्री यह दावा करते रहे हैं कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे। वे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। शर्मा का कहना है, इस तरह के मामले में संविधान मौन है। देश में पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया है कि मुख्यमंत्री जेल में हो और सरकार चलती रहे। सरकार में कई तरह के कामकाज होते हैं।

निवेश में यूपी ने पकड़ी रफ्तार, पर चुनौतियां भी बरकरार; इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में छाया ब्रांड

लखनऊ:  यूपी में दुनिया के 25 से ज्यादा देशों के उद्योगपतियों ने निवेश किया है जो प्रदेश की बदली छवि और अनुकूल माहौल का नतीजा है। निवेश बढ़ने से प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, लेकिन अभी भी चुनौतियां कम नहीं हैं। स्किल डेवलेपमेंट और बड़े उद्योगों पर आधारित एमएसएमई उद्यमों को बढ़ावा देने की दरकार है।

गुजरात और महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्यों के बड़े निवेशकों ने भी यूपी में भारी मात्रा में निवेश किया है। एक तरफ सात वर्ष में आया ये बदलाव दिख रहा है वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने हैं, जिनसे निपटना जरूरी होगा। निवेशक पैसा वहीं लगाते हैं, जहां सुरक्षा व मुनाफे की गारंटी हो। यूपी में संसाधन पहले भी थे लेकिन उनकी क्षमताओं को पहचान कर अवसरों में तब्दील करने की सराहना अब ग्लोबल प्लेटफार्म पर हो रही है। बाजार विशेषज्ञ राजीव सिंह के मुताबिक निवेशक निवेश से पहले चार चीजें देखते हैं। दूरदर्शी नेतृत्व, संसाधन, अच्छा बुनियादी ढांचा और व्यापार करने में आसानी। ये सारी चीजें हमारे यहां मिलीं तो उत्तर प्रदेश कारोबारियों की प्राथमिकताओं में शुमार हो गया है।

इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में छाया ब्रांड यूपी
जापान, इस्राइल, चीन, अमेरिका, फ्रांस, सिंगापुर, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, रूस व यूएई में होने वाले इंटरनेशनल ट्रैवल व ट्रेड एक्सपो में ‘ब्रांड यूपी’ आक्रामक रूप से छाया। अब 28 देशों के 50 शहरों में वृहद अभियान चलाने की तैयारी है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश को ब्रांड यूपी तथा मोस्ट फेवरिट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर देश-दुनिया में प्रोजेक्ट करने के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है, उसमें इंटरनेशनल ट्रेड शो, ट्रैवल फेयर्स व एक्सपो की प्रमुख भूमिका है।

क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP को मिलेगा सियासी फायदा, मामले में विपक्षी नेताओं की बैठक आज

आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका गुरुवार की देर शाम अचानक शुरू हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के साथ सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में सियासी तूफान मच गया। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी का क्या अंजाम होगा।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की इस गिरफ्तारी को देश के अलग-अलग राज्यों की जनता के बीच में लेकर जाती है और अगर जनता उसे सहमत होती है तो गिरफ्तारी का सियासी माइलेज मिल सकता है। अगर पार्टी ऐसा करने में फेल होती है तो आम आदमी पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान भी हो सकता है। हालांकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। शुक्रवार दोपहर को विपक्षी नेताओं के महत्वपूर्ण बैठक भी होने वाली है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ सबसे बड़ी चर्चा सियासत में इस बात की हो रही है अगर अरविंद केजरीवाल जेल जाते हैं तो आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की क्या स्थिति होगी। राजनीतिक जानकार हरिओम चौधरी कहते हैं कि बुधवार की रात को बनी परिस्थितियां सियासी लिहाज से आम आदमी पार्टी के लिए बहुत मुफीद तो बिल्कुल नहीं है। क्योंकि आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता पहले से ही जेल में हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनकी पार्टी किसी ऐसी रणनीतियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है। हालांकि यह स्थिति आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक माइलेज वाली भी हो सकती है। सियासी जानकारो का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर उनकी पार्टी जनता के बीच में कितनी मजबूती से बात रखती है यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।