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डीजीपी के हटाए जाने के बाद भड़की टीएमसी, चुनाव आयोग की कार्रवाई को लेकर भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के डीजीपी रजीव कुमार को हटाने का आदेश दिया है। इस पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा पर चुनाव आयोग को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है।

भाजपा को डर: कुणाल घोष
एक प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि भाजपा को राज्य में लोकसभा सीटें खोने का डर सता रहा है। लोकसभा चुनाव मं समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने सोमवार को गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी हटाने का आदेश दिया गया।

कुणाल घोष ने आगे कहा, “भाजपा, चुनाव आयोग समेत सभी संस्थानों का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है। वे भर्ती पैनलों में बदलाव करके चुनाव आयुकतों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। आज जो कदम उठाया गया है, वह चुनाव आयोग पर भाजपा के नियंत्रण का एक स्पष्ट उदाहरण है।”

उन्होंने आगे कहा, “भाजपा ऐसे 100 अधिकारियों को बदल दें, इससे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि बंगाल की जनता ममता बनर्जी के साथ है।” पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होगा। मतदान 19 अप्रैल को शुरू होगा और परिणाम चार जून को जारी किया जाएगा।

मेटियाब्रुज में पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढही, दो की मौत; घटनास्थल पर पहुंचीं सीएम ममता बनर्जी

दक्षिण कोलकाता के मेटियाब्रुज में पांच मंजिला एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई है। पश्चिम बंगाल अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं के प्रभारी निदेशक अभिजीत पांडे ने बताया कि बचाव दल मौके पर मौजूद है। पुलिस के आला-अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। अधिकारी की मानें तो फिलहाल किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है। बंगाल सरकार में मंत्री सुजीत बोस घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि मलबे में दबकर दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, 13 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। वहीं, कुछ और लोग अब भी मलबे में फंसे हुए है।

10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला
इससे पहले, समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब तक 10 लोगों को बचा लिया गया है। लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, इसी वजह से तलाशी अभियान अब भी जारी है। मौके पर एंबुलेंस तैनात कर दी गईं। वहीं, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि निर्माणाधीन इमारत में कोई नहीं रहता था। लेकिन इमारत बगल की झुग्गियों पर गिर गई। हमें डर है कि अब भी मलबे के नीचे लोग फंसे हो सकते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने भी किया ट्वीट
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि हजारी मोल्ला बागाना, मेटियाब्रुज में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई। कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम का गढ़ है। उन्होने बताया कि प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजदू हैं और साथ ही आपदा प्रबंधन टीम भी घटनास्थल पर मौजूद है।

राज्य सरकार और राज्यपाल फिर आमने-सामने, गवर्नर ने सीएम की सिफारिश मानने से किया इनकार

चेन्नई:  तमिलनाडु में राज्य सरकार और राज्यपाल फिर आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल राज्यपाल आरएन रवि ने सीएम स्टालिन की सिफारिश के बावजूद विधायक पद पर बहाल हुए के पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में के पोनमुडी को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था और उनकी विधायकी भी चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा पोनमुडी की सजा पर रोक लगाने के बाद राज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है।

राज्यपाल ने सीएम स्टालिन की सिफारिश मानने से किया इनकार
के पोनमुडी की विधायकी बहाल होने के बाद सीएम स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि को चिट्ठी लिखी, जिसमें पोनमुडी को फिर से मंत्रीपद की शपथ दिलाने की सिफारिश की गई। इस चिट्ठी के जवाब में राज्यपाल ने रविवार को राज्य सरकार को चिट्ठी भेजी, जिसमें उन्होंने लिखा कि वह के पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ नहीं दिला सकते क्योंकि पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई है।

बता दें कि डीएमके के वरिष्ठ नेता के पोनमुडी और उनकी पत्नी विसालक्षी के खिलाफ विजिलेंस और भ्रष्टाचार रोधी निदेशालय ने मुकदमा दर्ज किया था। पोनमुडी डीएमके की मौजूदा सरकार में उच्च शिक्षा और खनन मंत्री थे। निचली अदालत ने पोनमुडी को बरी कर दिया था, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट गया। बीते दिनों मद्रास उच्च न्यायालय ने के पोनमुडी और उनकी पत्नी को दोषी मानते हुए तीन साल कारावास की सजा सुनाई थी। सजा के चलते के पोनमुडी विधायक पद से अयोग्य घोषित हो गए और उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा।

के. कविता की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तारी को दी चुनौती

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली शराब घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

के कविता को ईडी ने किया है गिरफ्तार
बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को शुक्रवार को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में हैदराबाद स्थित के कविता के परिसरों पर छापेमारी की और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। के कविता की गिरफ्तारी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में हुई है।

ईडी का दावा है कि के कविता दिल्ली आबकारी घोटाले में कारोबारियों की साउथ लॉबी से जुड़ी हुईं थी। के कविता की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीआरएस के प्रवक्ता ने के कविता की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया और दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे से मिले हुए हैं। ईडी ने के कविता को हैदराबाद स्थित बंजारा हिल्स के घर से गिरफ्तार किया गया और शनिवार को उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बोले- फिर से मोदी सरकार बनाने में जुटेंगे कार्यकर्ता

लखनऊ:  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का उत्सव होने जा रहा है। जिसमें फिर से मोदी सरकार बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता पूरी ताकत से जुटेंगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश को अपना परिवार मानने वाले प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार का पिछला एक दशक सुशासन, सुरक्षा, विकास और गरीब कल्याण को समर्पित रहा है। इस अवधि में हर वर्ग के कल्याण के लिए काम हुआ है। सरकार की प्रत्येक नीति में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की सोच स्पष्ट दिखाई दी है। योजनाओं और नीतियों का लाभ प्रत्येक वर्ग को बिना भेदभाव के मिला है।

अरब सागर में नौसेना ने दिखाई ताकत, पैराशूट से कूदे मार्कोस कमांडो, समुद्री लुटेरों से बचाया जहाज

भारतीय नौसेना ने एक बार फिर हिंद महासागर और अरब सागर में अपने दबदबे का नमूना पेश किया है। नौसेना ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ अरब सागर में चल रहे ऑपरेशन में सफलता हासिल करते हुए व्यापारिक जहाज एमवी रुएन को समुद्री लुटेरों के चंगुल से छुड़ा लिया है और साथ ही 35 समुद्री लुटेरों को हिरासत में लिया है। इस ऑपरेशन के तहत नौसेना ने भारतीय तटों से 2600 किलोमीटर दूर समुद्री डाकुओं के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया। करीब 40 घंटे चले ऑपरेशन में नौसेना के आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा युद्धपोत, ड्रोन्स और मरीन कमांडो शामिल हुए।

विमान से अरब सागर में कूदे मार्कोस कमांडो
नौसेना ने बताया कि ऑपरेशन के तहत वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की मदद से मार्कोस कमांडो को भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर अरब सागर में एयरड्रॉप किया गया। साथ ही मार्कोस कमांडो के लिए कई विशेष नौकाएं भी अरब सागर में गिराई गईं। इन नौकाओं की मदद से भारतीय मार्कोस कमांडो अगवा किए गए व्यापारिक जहाज एमवी रुएन पर सवार हुए और वहां ऑपरेशन चलाकर समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया।

नौसेना का यह ऑपरेशन करीब 40 घंटे चला। इस दौरान समुद्री लुटेरों ने भी भारतीय जवानों पर कई बार फायरिंग की। नौसेना के अनुसार, इस अहम रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता पर 35 समुद्री लुटेरों को हिरासत में लिया गया और अब उन्हें भारतीय तट पर लाया जा रहा है। साथ ही व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के 17 क्रू सदस्यों को भी सुरक्षित बचा लिया गया है और उन्हें भी भारतीय तट पर लाया जा रहा है।

एमवी रुएन को भारतीय तट पर लाया जा रहा
भारतीय नौसेना समुद्री लुटेरों के कब्जे से छुड़ाए गए जहाज एमवी रुएन को भी भारतीय तट पर लेकर आ रही है। इस जहाज पर भारी मात्रा में स्टील मौजूद है। नौसेना ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान समुद्री लुटेरों ने भी मरीन कमांडो पर फायरिंग की, लेकिन जवाबी कार्रवाई के बाद उन्होंने हथियार डाल दिए।

संदेशखाली में शाहजहां शेख से छुड़ाई जमीन के इस्तेमाल पर होगा अध्ययन, राज्यपाल बोस ने बनाई टीम

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव इन दिनों चर्चा में है। गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया है। शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है। बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है। अब राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक टीम गठित की है, जो अवैध रूप से हड़पी गई और मछली फार्म में तब्दील की गई जमीनों का अध्ययन करेगी।

खारे पानी की वजह से खराब हुई जमीन
क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख द्वारा कथित तौर पर छीनी गई और अब मूल मालिकों को लौटा दी गई खेतों की ऊपरी मिट्टी मछली पालन के लिए खारे पानी की निकासी के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त हो गई है। इस जमीन को फिर से खेती के लिए उपयुक्त बनाने के लिए हटाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि के बजाय मछली पालन का विकल्प सही होगा।

विशेषज्ञों के साथ चर्चा की
राज्यपाल बोस हाल ही में नई दिल्ली की यात्रा पर आए थे। इस दौरान वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गए और इस मामले पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की थी। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद उन्होंने समिति का गठन किया जिसमें कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के पूर्व सचिव एसके पटनायक और एक एफएओ विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस मुद्दे का अध्ययन करेंगे और हड़पी गई जमीन को फिर से इस्तेमाल में लाने के तरीके सुझाएंगे।

‘कागज का इस्तेमाल कम करें’, चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को जारी किए अहम दिशा-निर्देश

चुनाव आयोग ने शनिवार को आम चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव को पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल रखने के लिए भी कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों के तहत आयोग ने चुनाव के दौरान कम कागज का इस्तेमाल करने और सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की अपील की है।

कार्बन उत्सर्जन कम करने की अपील
चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों और चुनाव कराने वाली मशीनरी को गाइडलाइंस जारी करते हुए अपील की है कि चुनाव के दौरान पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाए और साथ ही ज्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल करने के बजाय लोगों को कार पूल करने की सलाह दी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि ‘हम चुनाव को पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं कोशिशों के तहत एक बार ही इस्तेमाल के बाद फेंकी जाने वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने, कागज का कम इस्तेमाल करने और पर्यावरण हितैषी प्रक्रियाओं का पालन करने की अपील की गई है। चुनाव कराने वाली मशीनरी और राजनीतिक पार्टियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।’

भारत-भूटान असाधारण संबंधों को और मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और भूटान अपने असाधारण संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भूटान के पीएम दशो शेरिंग तोबगे को भरोसा दिलाया कि उच्च आय वाला राष्ट्र बनने की अपनी खोज में नई दिल्ली थिम्पू के साथ साझेदारी को बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध है।

मोदी और टोबगे की मुलाकात के दो दिन बाद शनिवार को जारी साझा बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने सौर, पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन को शामिल करने के लिए जल विद्युत क्षेत्र से परे मौजूदा भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी का विस्तार करने पर सहमति जताई है।भूटान के लिए भारत की विकास सहायता बुनियादी ढांचे के विकास, उसके विस्तृत रूप में कनेक्टिविटी के निर्माण पर केंद्रित होगी, जिसमें सड़क, रेल, वायु और डिजिटल कनेक्टिविटी शामिल हैं।

वहीं, टोबगे ने भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 5,000 करोड़ की विकास सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया। बातचीत के दौरान मोदी ने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी को लेकर टोबगे के दृष्टिकोण की भी सराहना की। इससे भूटान और क्षेत्र में स्थायी रूप से आर्थिक समृद्धि आएगी। एजेंसी

परस्पर समझ से मजबूत हैं रिश्ते…
साझा बयान के मुताबिक, भारत-भूटान साझेदारी की विशेषता सभी स्तरों पर अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ है। लोगों के बीच मजबूत संपर्क और घनिष्ठ आर्थिक एवं विकास साझेदारी से इस भरोसे को बल मिलता है।

माओवादी चरमपंथ प्रभावित जिलों की संख्या 72 से घटकर हुई 58, गृह मंत्रालय ने की समीक्षा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वामपंथी चरमपंथ (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित 10 राज्यों की व्यापक समीक्षा की है। समीक्षा के दौरान खासतौर पर विशेष वित्त पोषण योजना के तहत आने वाले जिलों के सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) की समीक्षा की गई।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, अब देश में माओवादी चरमपंथ प्रभावित जिलों की संख्या 72 से घटकर 58 रह गई है। एलडब्ल्यूई प्रभावित राज्यों व जिलों की समीक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय ने इसी सप्ताह प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को एक पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया था कि नया वर्गीकरण एक अप्रैल को नए वित्त वर्ष से प्रभावी होगा। इसके साथ ही पत्र में बताया गया है कि केंद्र व राज्यों की तरफ से सुरक्षा और विकास से संबंधित उठाए जा रहे कदमों की वजह से वामपंथी हिंसा में कमी आई है।

छत्तीसगढ़ के 15 जिले प्रभावित
प्रभावित जिलों को वामपंथी उग्रवाद से समग्र रूप से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति व कार्य योजना के अंतर्गत एसआरई योजना के तहत विभिन्न अनुदान प्रदान किए जाते हैं। समीक्षा के बाद पता चला है कि वामपंथी चरमपंथ प्रभावित जिलों में सबसे अधिक संख्या 15 जिले छत्तीसगढ़ में है। इसके बाद ओडिशा में 7, झारखंड में 5, मध्य प्रदेश में 3 और केरल, तेलंगाना व महाराष्ट्र दो-दो, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश एक-एक जिले प्रभावित हैं। मंत्रालय के मुताबिक इस श्रेणी में उन जिलों को रखा जाता है, जहां वामपंथी हिंसा लगातार बनी हुई है।