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‘एक पांव’ वाले फॉर्मूले से बनी सपा और कांग्रेस की बात! अब ममता और केजरीवाल को मनाएंगे अखिलेश

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच आखिर उस फार्मूले से बातचीत बनी, जिसके आधार पर जून में पहली बैठक हुई थी। यह महत्वपूर्ण आधार था कि अगर जरूरत पड़ी तो गठबंधन के लिए एक पांव पीछे भी किया जाएगा।

आखिरकार काफी मशक्कत के बाद ‘एक पांव’ वाले फॉर्मूले के साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए समझौता कर लिया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए समझौते से उत्तर प्रदेश में न सिर्फ ‘INDIA’ मजबूत हुआ है, बल्कि छिटके और कमजोर हुए गठबंधन की गांठ के मजबूत होने के आसार बढ़ गए हैं।

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जल्द ही अब पश्चिम बंगाल में टूटे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन को फिर से जोड़ने की कवायद करेंगे। जबकि राज्यसभा के चुनावों के बाद अखिलेश, राहुल और प्रियंका उत्तर प्रदेश में एक मंच साझा करने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के हुए गठबंधन से अब बिखरे हुए INDI गठबंधन समूह को मजबूती की उम्मीद नजर आने लगी है। दरअसल यह उम्मीद अखिलेश यादव के साथ हुए समझौते से और ज्यादा मजबूत हुई है।

दरअसल, सियासी गलियारों अब कहा यही जा रहा है कि अखिलेश यादव के गठबंधन से जुड़ने पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस फिर से गठबंधन के साथ आ सकती है। दरअसल ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की मजबूत बॉन्डिंग के चलते इस तरीके के कयास लगाए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जल्द ही ममता बनर्जी से बातचीत करने वाले हैं।

जिसमें वह गठबंधन को मजबूत करने और वापस ‘INDIA’ से जुड़ने पर ममता बनर्जी को राजी कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि अब जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समझौता हो चुका है तो ऐसे में गठबंधन के उन सभी दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। इस प्रयास में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कांग्रेस-सपा आई साथ तो क्या भाजपा और एनडीए को होगा घाटा? यहां समझें सभी समीकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में 370 भाजपा को सीटें मिलने और एनडीए के 400 के पार जाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को समर्थन देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनडीए के प्रदेश में सभी 80 सीटों को जीतने का दावा किया है। मुख्यमंत्री के इस दावे को प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक समर्थन देते हुए बल देते हैं, लेकिन भाजपा के लक्ष्य रथ को रोकने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इंडिया एलाएंस के बैनर तले साथ आ गई है। समाजवादी पार्टी के संजय लाठर कहते हैं कि हम भाजपा के इस रथ को उ.प्र. इस बार रोक देंगे।

कांग्रेस महासचिव अविनाश पाडे और अजय राय को भी इस गठबंधन से बड़ी उम्मीद है। आखिलेश यादव न केवल भाजपा को उ.प्र. की लोकसभा की 80 सीट में से आधी संख्या पर समेट देने का दावा कर रहे हैं, बल्कि इस बार लोकसभा उम्मीदवारों के चयन में भी बहुत सावधानी बरत रहे हैं।

मसलन, बदायूं की सीट से अल्पसंख्यक समेत सभी वर्ग के मतों पर पकड़ रखने वाले चाचा शिवपाल सिंह यादव को उतार दिया है। आजमगढ़ की सीट लोक कलाकार और भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) से छीनने के लिए धर्मेंद्र यादव को बदायूं के साथ-साथ आजमगढ़ का भी प्रभारी बना दिया है।

क्या कहते हैं आंकड़े?
2014, 2017, 2019 और 2022 के लोकसभा, विधानसभा चुनाव के नतीजे के आंकड़े चौकाते हैं। संजय लाठर भी कहते हैं आप कहीं मत जाइए। इसी आंकड़े को आधार बना लीजिए तो भाजपा उ.प्र. में केवल बड़ी बड़ी बातें कर रही हैं। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 42.6 वोट मिले थे। उसके मतों में 2009 की तुलना में 24.80 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी।

भाजपा ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए लोकसभा चुनाव में 71 सीटों पर जीत हासिल की थी। उसके सहयोगी दल अपना दल को भी दो सीटें मिली थी और एनडीए 73 सीट जीतने में सफल रहा था। 02 सीट (7.55 प्रतिशत वोट और 2009 की तुलना में 19 सीट का नुसकान)कांग्रेस के पाले में आई थी। बसपा को 20 सीटे के नुकसान के साथ कोई सीट नहीं मिली और सपा को 5 सीटें(22.20 प्रतिशत वोट, 2009 की तुलना में 19 सीट का नुकसान) मिली थी।

रूस-यूक्रेन के बीच भारत करेगा मध्यस्थता? जयशंकर से पूछा गया सवाल, जानें क्या दिया जवाब

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर रूस और यूक्रेन के विवादों को सुलझाने के लिए भारत मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में भारत खुद से कोई कदम नहीं उठाने वाला है।

भारत और रूस के संबंधों पर बोले जयशंकर
जर्मन अखबार को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा, “फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन विवादों के बीच मध्यपूर्व में भारत के ऊर्जी आपूर्तिकर्ताओं ने पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के लिए यूरोप को प्राथमिकता दी। यूरोप ने इन उत्पादों के बदले अधिक भुकतान किया। ऐसे में भारत को पास रूसी कच्चा तेल खरीदने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।”

जयशंकर ने कहा, “भारत ने रूस के साथ अपने आर्थिक संबंधों का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि रूस ने कभी भी भारत के हितों का उल्लंघन नहीं किया है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध स्थिर और मैत्रीपूर्ण है।” उन्होंने आगे कहा, “वहीं दूसरी तरफ चीन के साथ राजनीतिक और सैन्य संबंध कुछ खास नहीं है।”

रूसी कच्चे तेल की खरीद को जयशंकर ने उचित ठहराया
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया, “सभी इस संघर्ष से परेशान है। मुझे नहीं मालूम कि इसे खत्म कैसे करना है।” यूक्रेन में रूसी सैन्य के हस्तक्षेप के बावजूद रूस के साथ सैन्य संबंध पर पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, “इतिहास में देखा जाए तो रूस ने कभी भी हमारे हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया है। यूरोप, अमेरिका, चीन या जापान के साथ के रूस के संबंधों में उतार-चढ़ाव देखा गया है।”

’24 घंटे के भीतर साबित करें आरोप, वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें’, शुभेंदु की डीजीपी को चुनौती

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा अब एक नया मोड़ ले लिया है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने का मामला अब अदालत पहुंच चुका है। अपने ऊपर लगे आरोप पर अधिकारी ने एडीजी (पश्चिम बंगाल) को चुनौती दी कि वह अगले 24 घंटों के भीतर इस आरोप को साबित करें अन्यथा इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

अधिकारी ने दी एडीजी को चुनौती
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “शुभेंदु अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सिख पुलिस अधिकारी को खालीस्तानी कहने के आरोप को 24 घंटे के भीतर साबित करने के लिए एडीजी को चुनौती दी है। वरना ववह इसका परणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं। पश्चिम बंगाल पुलिस जो कि ममता बनर्जी की एकमात्र बचाव दल है वह अब ढह रही है।”

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को दक्षिण 24 परगना के संदेशखाली का दौरा करने से रोकने के लिए धामखाली में एक सिख आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया था। इस दौरान अधिकारी के साथ अग्निमित्र पॉल भी थे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे।

इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाजपा पर भड़क गई। उन्होंने कहा कि उन्हें (भाजपा) लगता है कि पगड़ी पहनने वाले सभी सिख खालिस्तानी है। ममता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज भाजपा कि विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से पार कर लिया है। भाजपा के अनुसार, सभी पगड़ी पहनने वाले व्यक्ति खालिस्तानी है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी लगाया है। इस घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले पर उचित कार्रवाई करेंगी।”

सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर पुकारा
संदेशखाली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह ने दावा किया कि शुभेंदु अधिकारी के साथ चल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें खालिस्तानी कहा। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को कहा, “मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं। आप मेरे धर्म को क्यों निशाना बना रहे हैं।” पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने के विरोध में सिख समुदाय के लोगों ने कोलकाता में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय और आसनसोल में उसके कार्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया।

सपा की दो टूक- 17 सीटें मांगी थी, दे दी, अब उन पर है गठबंधन रखें या न रखें

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बने विपक्षी गठबंधन को सबसे बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होगा। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से दो टूक कह दिया है कि जो 17 सीटें कांग्रेस ने मांगी थी। वो दे दी हैं। अब आगे गठबंधन रखें या न रखें यह कांग्रेस पर निर्भर है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व में बैक फुट पर आते हुए बातचीत जारी रखने की बात कही है।

सोमवार को समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत अब 17 सीटों पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले सपा ने कांग्रेस को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई थी। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला लिया।

सपा की दूसरी सूची में 11 प्रत्याशी
सपा ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्या, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से ऊषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।

रायबरेली पहुंची राहुल की न्याय यात्रा, जनता से बोले- डरना नहीं है जाति जनगणना के लिए लड़ना है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रायबरेली पहुंच गई है। रायबरेली में उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि डरना नहीं है। जाति जनगणना के लिए लड़ना है। जब तक जाति जनगणना नहीं होगी तब तक 73 फीसदी लोगों को पोस्टर लेकर सड़क पर भटकना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ओबीसी और दलितों के हक पर डाका डाला जा रहा है। यही वजह है कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की कहीं भी भागीदारी नहीं है। उन्होंने 69000 शिक्षकों की भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी को मंच पर बुलाकर समस्या पूछी और उसी के बहाने अपना पूरा वक्तव्य दलित और पिछड़ों पर केंद्रित किया।

मां सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा सांसद का परचा भरने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि गांधी परिवार का ही कोई सदस्य रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ेगा। इस बीच सोनिया ने अपनी संसदीय क्षेत्र की जनता को भावुक पत्र भी लिखा था। भावुक पत्र मिलने के बाद से आमजन भी चाह रहे हैं कि गांधी परिवार का ही कोई सदस्य यहां से चुनाव लड़े।

न्याय यात्रा फुरसतगंज अमेठी से रायबरेली जिले में प्रवेश करेगी। संदी चौराहा से राही, मलिकमऊ, मोटल चौराहा, सिविल लाइन, डिग्री कॉलेज चौराहा, हाथी पार्क, चंदापुर होते हुए न्याय यात्रा सुपर मार्केट पहुंचेगी। सभी स्थानों पर स्वागत होगा। यहां राहुल गांधी जिले की जनता को संबोधित करेंगे।

सोनिया पहली बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित, नड्डा सहित ये उम्मीदवार भी निर्विरोध चुने गए

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्विरोध चुनी गईं। इसके अलावा, भाजपा के चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को भी राज्यसभा के लिए चुना गया है। मंगलवार को नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन था। राजस्थान विधानसभा के सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि किसी अन्य उम्मीदवार ने चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए तीनों निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए।

राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह (कांग्रेस) और भूपेंद्र यादव (भाजपा) का कार्यकाल तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने विधायक चुने जाने के बाद पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था। जिसके बाद तीसरी सीट खाली थी। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 115 और कांग्रेस के 70 सदस्य हैं। राज्य में राज्यसभा की 10 सीटें हैं। नतीजों के बाद राज्यसभा में राजस्थान से कांग्रेस के छह और भाजपा के चार सदस्य होंगे।

गुजरात: जेपी नड्डा को भी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया
वहीं, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवारों को गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है। राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं। सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात से राज्यसभा की चार खाली सीटों के लिए किसी अन्य ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी रीता मेहता ने नड्डा सहित चारों भाजपा उम्मीदवारों को संसद के ऊपरी संदन के लिए निर्विरोध विजयी घोषित किया। नड्डा के अलावा राज्यसभा के जिन तीन भाजपा नेताओं को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है, उनमें हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, भाजपा नेता जसवंत सिंह परमार और मयंक नायक शामिल हैं।

ओडिशा: अश्विनी वैष्णव निर्विरोध चुने गए, प्रमाणपत्र हासिल किया
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ओडिशा से निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। उन्हें जीत का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। वैष्णव भुवनेश्वर के राम मंदिर में प्रार्थना करने पहुंचे।

महाराष्ट्र: अशोक चव्हाण सहित सभी छह उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
उधर, महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए अशोक चव्हाण सहित छह उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है। इन छह उम्मीदवारों में भाजपा ने चव्हाण सहित तीन नेताओं को मैदान में उतारा था। जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक-एक उम्मीदवार उतारा था। भाजपा के उम्मीदवारों में अशोक चव्हाण, पूर्व विधायक मेधा कुलकर्णी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता अजीत गोपछड़े शामिल हैं।

पोंजी घोटाला मामले में CBI की छापेमारी, कोलकाता में दो ठिकानों की तलाशी; जानिए पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021 के पोंजी घोटाले मामले में पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित दो स्थानों में छापेमारी की। मामले से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने दिसंबर 2022 में अमल भट्टाचार्य और उनकी कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले में जांच जारी है। मंगलवार को सुबह शुरू हुई छापेमारी, सीबीआई की जांच का एक हिस्सा है।

क्या है मामला
यूनिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच तब शुरू हुई, जब उसके एजेंट एक डिप्टी मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे और दावा किया कि उन्हें पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में जमीन के कुछ हिस्से बेचने के नाम पर लोगों से पैसे जुटाने का काम सौंपा गया है।

सीबीआई को जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश
इस बीच, मामले में एजेंटों ने आरोप लगाया कि कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) या सरकारी प्राधिकरण के बिना एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की तरह काम कर रही थी। मामले की गंभीरता को देख डिप्टी मजिस्ट्रेट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिए थे। जिसे बाद में पोंजी घोटालेा मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामलों पर जांच शुरू की थी।

आसाराम के बेटे साईं ने वापस ली अस्थायी जमानत याचिका, पिता से मिलने के लिए किया था कोर्ट का रुख

दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू से मिलने के लिए बेटे नारायण साईं ने गुजरात हाईकोर्ट में दायर अस्थायी जमानत याचिका को वापस ले लिया है। गौरतलब है कि उन्होंने बीमार पिता से मिलने के लिए यह याचिका दायर की थी। इस दौरान साईं ने कहा कि मेरे पिता जीवन के आखिरी पड़ाव पर हैं।

हमने जमानत याचिका वापस लेने का फैसला लिया- वकील
साईं के वकील आईएच सैयद ने याचिका वापल लेने का फैसला किया। इस दौरान दो जजों की पीठ को बताया गया कि साईं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उसे राजस्थान की जोधपुर जेल में वापस लाया जा रहा है। जिसके बाद अस्थायी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला लिया गया। सैयद ने अदालत को बताया कि साईं ने आसाराम से मिलने के लिए 20 दिन की अस्थायी जमानत मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि वह जीवन के अंतिम चरण में है और जीवित नहीं रह पाएगा।

साईं पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएंगे- वकील
वकील ने कहा कि साईं जोधपुर आने-जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएगा, अगर उसे अपने पिता से मिलने की अनुमति दी जाती है। उनके वकील ने एक मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की जिसमें दिखाया गया कि उन्हें सोमवार को जोधपुर जेल में कार्डियक अरेस्ट हुआ था। पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पारित एक हालिया आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आसाराम दिल्ली एम्स में इलाज कराने के इच्छुक नहीं थे और केवल आयुर्वेदिक उपचार चाहते थे।

हम ऑनलाइन मीटिंग की व्यवस्था कर सकते हैं- कोर्ट
अदालत ने कहा कि वह जमानत याचिका पर फैसला करने से पहले एम्स के डॉक्टरों के एक पैनल की राय मांगेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि गर आप इलाज के लिए मनाना चाहते हैं तो हम ऑनलाइन एक बैठक की व्यवस्था करेंगे। हमें पहले यह पता लगाना होगा कि क्या वह आईसीयू में है, बात करने और बातचीत करने में सक्षम है या नहीं। उसके बाद ही हम जूम को मिलने की अनुमति देंगे। तब अदालत को सूचित किया गया कि आसाराम अब अस्पताल में नहीं हैं और उनकी बीमारी का इलाज जेल में ही किया जा रहा है।

पीएम मोदी की अपील- राजनीति छोड़िए, यूपी से सीखिए कि कैसे वन ट्रिलियन इकॉनमी के लिए काम करते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा देश गर्व करता है कि यूपी एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि राजनीति छोड़िए और यूपी से सीखिए कि कैसे वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने के लिए काम किया जाता है। आज यूपी बदल रहा है विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रहा है।

कांग्रेस के लोग भारत रत्न पर सिर्फ एक ही परिवार का हक मानते थे

पीएम मोदी ने इस मौके पर किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भी याद किया। हमारी सरकार को उन्हें भारत रत्न देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनका सम्मान देश के गरीब, मजदूर और किसान का सम्मान है। चौधरी साहब को राजनीतिक सौदेबाजी से नफरत थी लेकिन कांग्रेस ने इसका स्वागत नहीं किया और संसद में उन पर बोलने ही नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस के लोग भारत रत्न पर सिर्फ एक ही परिवार का हक मानते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम किसानों को लाभ देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील करते हुए कहा कि फूड प्रोसेसिंग से जुड़े हुए लोगों को कोशिश करना चाहिए कि विदेशों में भी लोगों की डाइनिंग टेबल पर मेड इन इंडिया प्रोडक्ट जरूर हो।