Sunday , November 24 2024

देश

काशी में जिस चौराहे पर राहुल ने दिया भाषण, उसे भाजपा नेताओं ने गंगा जल से धोया

राहुल गांधी न्याय यात्रा का काफिला यूपी के बीजेपी का गढ़ वाराणसी पंहुचा। बाबा दर्शन क़े बाद न्याय यात्रा को सम्बोधन करने हेतु काफिला गोदौलिया चौराहे पर पंहुचा, वहां आम जन को सम्बोधन करने क़े बाद जैसे ही काफिला लक्सा की तरफ निकला वैसे ही स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता अपने साथियों के साथ राहुल गांधी के शब्दों का विरोध करते हुए चौराहे को गंगाजल से धोया। जिसका नेतृत्व भाजपा कार्यकर्ता मुन्ना लाल यादव ने अपने साथियों के साथ किया। उन्होंने राहुल को नकारा बताया और उनका विरोध किया।

ऐसा करने वाले पहले कांग्रेस नेता बने राहुल गांधी
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज उत्तर प्रदेश में दूसरा दिन है। यात्रा को शुरू हुए 35 दिन हो चुके हैं। राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में चौथी बार हाजिरी लगाई। गोदौलिया से रथयात्रा रूट पर पहली बार कोई कांग्रेस नेता राजनीतिक यात्रा की। पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने बनारस में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है।

‘मेरी यात्रा में भाजपा-आरएसएस के लोग भी आए’
वाराणसी में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान मैंने कभी नफरत नहीं देखी। यहां तक कि भाजपा और आरएसएस के लोग भी यात्रा में आए। जैसे ही हमारे पास आए। उन्होंने हमसे अच्छे से बात की। यह देश तभी मजबूत होता है। जब हम साथ मिलकर काम करते हैं। देश को एक साथ लाना ही देश के प्रति सच्ची भक्ति है। उन्होंने कहा कि इस वक्त देश में नफरत और डर का माहौल है।

देश में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा
राहुल गांधी ने कहा कि देशभक्ति देश को एकजुट करना है। आज बेरोजगारी देश का सबसे बड़ा मुद्दा है। आगे कहा कि अरबपति जितना टैक्स दे रहा उतना ही एक गरीब भी दे रहा है। इसीलिए मैंने भारत जोड़ो यात्रा में न्याय शब्द जोड़ है।

‘शीर्ष अधिकारियों को सीधे ज्ञापन भेजने पर कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता’, अदालत की टिप्पणी

सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को जिला अदालत के एक कर्मचारी की बर्खास्तगी को रद्द किया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए बर्खास्त नहीं किया जा सकता कि उनसने उचित माध्यम को दरकिनार करते हुए सीधे उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजे। मामले पर न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ सुनवाई कर रही थी।

सरकारी कर्मचारी छत्रपाल को इसलिए बर्खास्त कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने सीधे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और मुख्यमंत्री सहित उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजे थे। पीठ ने कहा, चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी आर्थिक संकट के दौरान सीधे वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन दे सकता है। लेकिन, यह अपने आप में इतना बड़ा कदाचार नहीं है, जिसके लिए कर्मचारी को सेवा से बर्खास्तगी की सजा दी जाए।

अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता ने बरेली की जिला अदालत के अन्य कर्मचारियों का भी उदाहरण दिया है। जिन्होंने सीधे उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भेजे, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आधेश को रद्द करते हुए छत्रपाल की सेवा की बहाली का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने 2019 में बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस याचिका में दम नहीं है।

छत्रपाल को बरेली की जिला अदालत में स्थायी आधार पर अर्दली के रूप में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त किया गया था। बाद में उनका तबादला जिला अदालत की शाखा नजरत में किया गया। लेकिन, उन्हें वेतन एक अर्दली का ही दिया जा रहा था। नजरत शाखा अदालतों की ओर से जारी किए समन, नोटिस, वारंट आदि जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं के वितरण और उन्हें पूरा करने के लिए जिम्मेदार है।

मेकेदातु जलाशय मुद्दे पर पलानीस्वामी ने कर्नाटक सरकार पर साधा निशाना, कही यह बात

अन्नाद्रमुक के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने मेकेदातु जलाशय परियोजना पर आगे बढ़ने की घोषणा करने के लिए कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर शनिवार को हमला बोला। उन्होंने पर इस मुद्दे पर द्रमुक सरकार की कथित चुप्पी पर प्रहार किया।कर्नाटक सरकार बेंगलुरु की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए उस राज्य के मेकेदातु में कावेरी नदी पर एक संतुलित जलाशय बनाने की योजना बना रही है,

लेकिन तमिलनाडु यह कहते हुए इसका विरोध कर रहा है कि परियोजना से उसके हितों को नुकसान पहुंचेगा। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि द्रमुक अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ 2021 में सत्ता में आने के बाद से तमिलनाडु के हितों के खिलाफ काम कर रही है।

‘RLDA रेलवे भूमि स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य में विफल रहा’, लोक लेखा समिति की रिपोर्ट में दावा

लोकसभा की लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) विभिन्न कारणों से वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे भूमि स्थलों को विकसित करने के अपने उद्देश्य में विफल रहा।

17 स्थानों की हुई समीक्षा
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने साल 2007 में भारतीय रेलवे द्वारा आरएलडीए को सौंपे गए 49 में से 17 स्थलों की समीक्षा की। इससे पता चला कि इनमें से किसी को भी 2017 तक विकसित नहीं किया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 49 साइटों में से केवल 40 व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हैं।

कैग के आधार पर समिति की रिपोर्ट
अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे भूमि का विकास’ विषय का चयन किया था, जो 20 जुलाई, 2018 को लोकसभा में रखी गई नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पर आधारित था। समिति ने कैग की रिपोर्ट की मदद और स्थानों की समीक्षा कर खुलासा किया कि भारतीय रेलवे के पास कई हजारों हेक्टेयर खाली भूमि है।

43 हजार हेक्टेयर खाली भूमि
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे के पास 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है। इसमें से उसने राजस्व उत्पन्न करने के लिए वाणिज्यिक विकास के लिए 2007 से 2017 तक आरएलडीए को 49 साइटों को सौंपा था। ऑडिट ने 17 साइटों के विकास की समीक्षा की, जिन्हें 2007 में आरएलडीए को सौंपा गया था और पाया कि इनमें से किसी भी जगह का विकास नहीं किया गया था।

इन वजह से नहीं हो सका काम
समिति ने कहा, लेखापरीक्षा के निष्कर्षों से पता चला है कि परामर्शदाताओं की नियुक्ति करने, परामर्शदाताओं द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने, भूमि उपयोग योजना में परिवर्तन के लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेने, भारग्रस्त भूमि मुहैया कराकर संबंधित क्षेत्रीय रेलों द्वारा रेल भूमि सौंपने, अधूरे कागजों वाली गलत स्थान या जगहों की पहचान करने आदि में कमियां थीं, जिसके परिणामस्वरूप 166996 एकड़ की इन जगहों का विकास नहीं हो पाया था।

आरएलडीए ने किए इतने करोड़ खर्च
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि आरएलडीए ने 2006-07 से 2016-17 तक स्थापना, परामर्श शुल्क, विज्ञापन आदि के लिए 102.29 करोड़ रुपये खर्च किए। इसने रेलवे स्टेशनों पर मल्टी-फंक्शनल कॉम्प्लेक्स (एमएफसी) के विकास से केवल 67.97 करोड़ रुपये कमाए, जो सौंपे गए भूमि के वाणिज्यिक विकास से कमाई का हिस्सा नहीं था।

भाजपा विधायक नीलेश राणे के काफिले पर पथराव, बीजेपी-शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ता भिड़े, हंगामा

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में शुक्रवार को भाजपा विधायक नीलेश राणे के काफिले पर कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया। भाजपा विधायक के काफिले पर पथराव से रत्नागिरी के चिपलून में तनाव बढ़ गया है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। सरकार ने घटना के जांच आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

क्या है मामला
शुक्रवार को रत्नागिनी के चिपलून में भाजपा कार्यकर्ताओं और शिवसेना उद्धव ठाकरे के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। यह झड़प शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव के कार्यालय के बाहर हुई। इस झड़प के दौरान स्थिति को बिगड़ती देख पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर किया।

इसी दौरान भाजपा विधायक और पूर्व सांसद नीलेश राणे का काफिला भी वहीं से गुजर रहा था। भाजपा कार्यकर्ताओं और शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं की झड़प के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने नीलेश राणे के काफिले पर भी पथराव कर दिया। इस दौरान वहां जमकर हंगामा हुआ। फिलहाल पुलिस आरोपियों की पहचान करने में जुटी है और घटना की जांच कर रही है।

डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
घटना पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘इस तरह के हमलों से विपक्ष की खीज दिख रही है। चिपलून की घटना में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’ नीलेश राणे दिग्गज नेता नारायण राणे के बेटे हैं।

राणे परिवार और भास्कर जाधव में पुरानी है अदावत
दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे और शिवसेना यूबीटी विधायक भास्कर जाधव के बीच पुरानी अदावत है। साल 2022 में भी भास्कर जाधव ने नारायण राणे के खिलाफ विवादित बयानबाजी की थी। जिस पर नारायण राणे और उनके दोनों बेटों नीलेश राणे और नीतेश राणे ने शिवेसना यूबीटी विधायक भास्कर जाधव के खिलाफ पलटवार करते हुए चेतावनी दी थी। इस पर भास्कर जाधव ने नीलेश राणे और नीतेश राणे के खिलाफ भी विवादित बयानबाजी की थी। इसके बाद भास्कर जाधव के चिपलून स्थित बंगले पर पथराव हुआ था।

चंदौली में बोले राहुल, राम मंदिर में अरबपतियों के लिए बिछी कालीन, गरीब के लिए कुछ नहीं

राहुल ने कहा कि अरबपतियों के लिए कालीन बिछी है, गरीबों के लिए कुछ नहीं। टीवी में ऐश्वर्या राय डांस करते हुए और अभिताभ बच्चन बल्ले बल्ले करते दिखेंगे… किसी गरीब की समस्या नहीं। जनता से पूछा राम मंदिर आयोजन में क्या कोई गरीब दिखा, मजदूर दिखा…. दिखे अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, अडानी और अंबानी। चंदौली में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जनसभा के में राहुल गांधी ने अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय का नाम 6 बार लिया।

नेशनल इंटर कॉलेज के ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बॉर्डर पर आते ही पता चल गया कि यूपी में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हम भाषण नहीं देते, आपसे 7-8 घंटे मिलते हैं, आपका दु:ख दर्द सुनते हैं फिर आखिर में 15 मिनट बोलते हैं।

पदयात्रा केवल नाम की
जनसभा स्थल से महज 400 मीटर दूरी पर स्थित शहीद स्मारक के लिए भी राहुल गांधी कार से पहुंचे। जनसभा के मंच तक भी राहुल गांधी ओपन कार से पहुंचे।

NRI-भारतीय नागरिकों के बीच बढ़ते विवाह और धोखाधड़ी के मामलों को लेकर सिफारिश, सौंपी रिपोर्ट

एनआरआई और भारतीय नागरिकों के बीच बढ़ते विवाह से संबंधित धोखाधड़ी वाले मामलों पर विधि आयोग ने चिंता जाहिर की है। इस स्थिति से निपटने के लिए आयोग ने एक व्यापक कानून और जरूरी पंजीकरण की सिफारिश की है। कानून मंत्रालय को एनआरआई और भारत के प्रवासी नागरिकों से संबंधित वैवाहिक मुद्दों पर कानून रिपोर्ट पेश करते हुए पैनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि आयोग की राय है कि प्रस्तावित कानून व्यापक होना चाहिए।

स्थिति से निपटने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता- ऋतुराज
एनआरआई के साथ-साथ भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के विवाह से जुड़े सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। पैनल ने कहा कि ऐसा कानून न केवल एनआरआई पर बल्कि उन व्यक्तियों पर भी लागू किया जाना चाहिए जो नागरिकता अधिनियम, 1955 में निर्धारित ‘भारत के प्रवासी नागरिक’ (ओसीआई) की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं।

पैनल के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि व्यापक कानून में तलाक, जीवनसाथी के भरण-पोषण, बच्चों की भविष्य की रक्षा और भरण-पोषण, एनआरआई और ओसीआई पर समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेजों की आज्ञा के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।

विधि आयोग के पैनल ने सरकार को दी सिफारिशें
पैनल ने सरकार को दी सिफारिशों में कहा कि यह अनुशंसा की जाती है कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा, एक पति-पत्नी के पासपोर्ट को दूसरे के साथ जोड़ना और दोनों के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम, 1967 संशोधन किए जाने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि विधि आयोग ने स्थिति से निपटने के लिए,

अनिवासी भारतीयों के विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019 को 11 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया था। 16वीं लोकसभा ने विधेयक को विदेश मामलों की समिति को भेजा था। इसके बाद, 17वीं लोकसभा के गठन के बाद उसी विधेयक को आगे की जांच के लिए फिर से विदेश मामलों की समिति के पास भेजा गया।

‘हिंदुओं के पैसों….’, बजट में वक्फ बोर्ड को 100 करोड़, ईसाइयों को 200 करोड़ देने पर भड़के सूर्या

बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। दरअसल कर्नाटक सरकार ने अपने बजट में राज्य के वक्फ बोर्ड को 100 करोड़ रुपये और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिस पर भाजपा सासंद ने कहा कि हिंदू समुदाय का इस्तेमाल अन्य धर्मों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए किया जा रहा है।

‘हिंदुओं की कीमत पर फैसले ले रही सरकार’
भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि ‘हिंदू मंदिरों से पैसे लेकर, इसे गैर हिंदुओं के धार्मिक संस्थानों को फंड देना ही सिद्धारमैया जैसे सेक्युलर नेताओं का एसओपी है।’ तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि सरकार हिंदुओं की कीमत पर फैसले ले रही है।

भाजपा सांसद ने कहा कि ‘इनके द्वारा प्रैक्टिस की जाने वाली धर्मनिरपेक्षता सिर्फ हिंदुओं को पीटने वाली झाड़ू ही नहीं है बल्कि ये हिंदुओं की कीमत पर दूसरे धर्मों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने का टूल भी है।’

मंदिरों से मिला 445 करोड़ रुपये का राजस्व
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक सरकार को राज्य के 398 मंदिरों से ही 445 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इनमें से दक्षिण कन्नड़ में ही 80 मंदिरों से 155 करोड़ रुपये मिले हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक के बजट में मंगलुरु में हज भवन बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

साथ ही राज्य में जैन धर्म स्थलों के विकास के लिए भी 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हालांकि कर्नाटक सरकार ने बजट में राज्य में विभिन्न स्थानों पर राम मंदिर के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का एलान किया है।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले प्रियंका गांधी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में कराया गया भर्ती

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा स्वास्थ्य कारणों की वजह से शुक्रवार को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल नहीं हो सकेंगी। पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें आज शाम उत्तर प्रदेश के चंदौली से यात्रा में शामिल होना था। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर खुद के अस्वस्थ होने और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी।

उन्होंने लिखा, ‘मैं बड़े चाव से उत्तर प्रदेश में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पहुंचने का इंतजार कर रही थी, लेकिन बीमारी की वजह से मुझे आज ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर होते ही मैं यात्रा में शामिल होउंगी। तब तक के लिए मैं, चंदौली-बनारस पहुंच रहे सभी यात्रियों, पूरी मेहनत से यात्रा की तैयारी में लगे उत्तर प्रदेश के मेरे सहयोगियों और प्यारे भाई को शुभकामनाएं देती हूं।’

यूपी में ऐसे निकलेगी यात्रा
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है। यात्रा अभी बिहार में है और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उसमें शामिल हुए हैं। आज ही यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। यात्रा 16-21 फरवरी तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों और फिर रायबरेली, अमेठी में निकाली जाएगी। 22 और 23 फरवरी यात्रा के लिए विश्राम रहेगा। 24 और 25 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश ये यात्रा की फिर से शुरुआत होगी।

यात्रा के बारे में जानिए

  • कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के बाद मणिपुर से मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की गई
  • 6,713 किलोमीटर से अधिक की यात्रा बसों और पैदल तय की जा रही
  • इसमें 110 जिले, लगभग 100 लोकसभा सीटें और 337 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जा रहा

मणिपुर में आईआरबी कैंप से हथियार लूटने के मामले में कार्रवाई, सात जवानों पर गिरी गाज

मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में विशेष बल के चिंगारेल शिविर से हथियारों और गोला-बारूद की लूट के मामले में इंडिया रिजर्व बटालियन के सात जवानों को निलंबित कर दिया गया है। उन पर कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की गई है। इससे पहले गुरुवार को 5वीं इंडिया रिजर्व बटालियन के कमांडेंट के एक आदेश के मुताबिक, उन्हें पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना अपना मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है।

गंभीर लापरवाही के लिए निलंबित किया गया
आदेश में कहा गया है कि तीन दिन पहले शिविर से हथियार और गोला-बारूद लूटे जाने के बाद सात कर्मियों को गंभीर लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को बताया था कि हथियार लूट मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

13 फरवरी को भीड़ ने किया था हमला
आईआरबी कैंप से लूटी गई चार इंसास राइफलें, एक एके घटक, एसएलआर की दो मैगजीन और 9 एमएम गोला बारूद के 16 छोटे बक्से भी बरामद किए गए हैं। बता दें कि 13 फरवरी को भीड़ चिंगारेल में 5वीं आईआरबी के शिविर में घुसी और हथियार और गोला-बारूद लेकर भाग गई।

चंदे की मांग को लेकर पेट्रोल पंप बंद
मणिपुर के घाटी जिलों में संचालित पेट्रोल पंपों ने कथित वित्तीय संकट और विभिन्न संगठनों द्वारा चंदे की मांग के कारण शुक्रवार से तीन दिनों के बंद का फैसला किया है। पेट्रोल पंप दुकानों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को एक आपातकालीन बैठक के बाद यह एलान किया। उन्होंने कहा कि इस वक्त किसी भी अतिरिक्त दबाव का नतीजा यह होगा कि दुकानों को बंद करना होगा।